4 करोड़ बीमा क्लेम के लिए दोस्त का मर्डर

बात 19 जून, 2023 की है. पंजाब के जिला फतेहगढ़ साहिब के गांव सानीपुर का रहने वाला 28 वर्षीय सुखजीत सिंह फतेहगढ़ साहिब में ही रहने वाले अपने दोस्त गुरप्रीत सिंह के वहां गया था. लेकिन जब वह एक दिन बाद भी नहीं लौटा तो उस की पत्नी जीवनदीप कौर परेशान हो उठी. बड़ी हैरानी की बात थी कि उस का मोबाइल फोन भी बंद था.

अगले दिन जीवनदीप कौर कुछ लोगों के साथ इलाके के सरहिंद थाने में पहुंची और वहां अपने 28 वर्षीय पति सुखजीत सिंह की गुमशुदगी दर्ज करा दी.

पुलिस की शुरुआती जांच में सुखजीत सिंह की बाइक और चप्पलें पटियाला रोड पर नहर के किनारे मिलीं, जिन्हें देख पुलिस ने अनुमान लगाया कि हो सकता है सुखजीत ने सुसाइड कर लिया हो. लेकिन जब तक उस की लाश बरामद नहीं हो जाती, तब तक पुलिस के लिए ऐसे किसी ठोस नतीजे पर पहुंचना मुमकिन नहीं था.

पुलिस जांच चल रही थी कि इसी दौरान सुखजीत का मोबाइल फोन उस की बाइक मिलने वाली जगह से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर जमीन के नीचे दबा हुआ मिला. मोबाइल फोन का जमीन के नीचे दबा मिलना किसी षडयंत्र की ओर इशारा कर रहा था.

गुरप्रीत सिंह की पत्नी ने खोला मुंह

जब जीवनदीप कौर से उस के पति की गतिविधियों के बारे में पूछताछ की गई तो उस ने बताया पिछले कुछ दिनों से गुरप्रीत सिंह उस के पति को फोन कर के शराब पीने के लिए अपने पास बुलाता था. यह जानकारी मिलने पर पुलिस अब गुरप्रीत सिंह की तलाश में उस के घर पहुंची तो पता चला कि गुरप्रीत सिंह की मौत कल सुबह एक एक्सीडेंट में हो चुकी है.

सुखजीत सिंह का पता लगाने के लिए इलाके के डीएसपी गुरबंस सिंह बैंस के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया, जिस में सरहिंद थाने के एसएचओ गुरदीप सिंह और इंसपेक्टर नरेंदर पाल सिंह थे. इस टीम ने गुरप्रीत की पत्नी खुशदीप कौर से घंटों गहन पूछताछ की. खुशदीप कौर ने पहले तो पुलिस को बरगलाने की कोशिश की, मगर पुलिस के सवालों की बौछार के आगे वह ज्यादा देर टिक नहीं सकी और आखिरकार उस की जुबान ने सच उगल दिया.

खुशदीप ने बताया कि उस का पति गुरप्रीत सिंह मरा नहीं बल्कि जिंदा है. इस के बाद उस के पति गुरप्रीत सिंह और अन्य आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया. सभी आरोपियों से पूछताछ तथा पुलिस की तहकीकात के बाद इस सनसनीखेज हत्याकांड के पीछे एक हैरतअंगेज कहानी उभर कर सामने आई, जो इस प्रकार है—

44 वर्षीय गुरप्रीत सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब शहर का एक मशहूर फूडचेन व्यवसायी था. शहर में उस के कई आउटलेट थे. वह हल्दीराम एंड कंपनी का थोक डीलर था. शहर में उस के नाम की तूती बोलती थी. लेकिन इधर कुछ समय से उस का व्यापार लगातार घाटे में जा रहा था.

इस से उबरने के लिए गुरप्रीत सिंह ने एक शाम अपनी परेशानी अपने परिचित राजेश शर्मा को बताई. राजेश शर्मा एक बीमा एजेंट था. उस की कोर्टकचहरी में अच्छीखासी पैठ थी. उस ने गुरप्रीत को अपने नाम से मोटी राशि का एक एक्सीडेंटल इंश्योरेंस करवाने और अपनी जगह किसी दूसरे आदमी की हत्या कर उसे एक्सीडेंट का रूप दे कर इंश्योरेंस की राशि हड़पने का सुझाव दिया.

4 करोड़ के लालच में रची खूनी साजिश

गुरप्रीत सिंह को राजेश की बात जंच गई. इस योजना पर काम करते हुए सब से पहले उस ने 3 अलगअलग एक्सीडेंटल बीमा पौलिसी अपने नाम पर करवाई. कुल 4 करोड़ का एक्सीडेंटल बीमा करवाया गया, जिस में एक बीमा 2 करोड़ रुपए और 2 बीमे एकएक करोड़ रुपए के थे.

इस के बाद वह एक ऐसे व्यक्ति की तलाश में लग गया, जिस की कदकाठी काफी हद तक उस से मिलती हो. काफी तलाश के बाद उसे 3 आदमी मिले, जिन की हत्या कर उसे दुर्घटना का रूप दिया जा सकता था. पहला आदमी मोहाली का रहने वाला था. परंतु उस के शरीर का डीलडौल उस की देह से थोड़ा अलग था. दूसरा पटियाला का निवासी था. जिस के बारे में पता चला कि उस की एक बाजू पर टैटू बना था.

एक महीने पहले गुरप्रीत सिंह की मुलाकात 28 वर्षीय सुखजीत सिंह से हुई, जिस का हुलिया काफी हद तक उसी के समान था. दोनों की मूंछों का स्टाइल भी करीब एक जैसा ही था. वह फतेहगढ़ साहिब जिले के सानीपुर गांव का निवासी था. वह शराब पीने का आदी था. जिस दिन सुखजीत सिंह को शराब पीने को नहीं मिलती, उस के पूरे बदन में अजीब सी ऐंठन और बेचैनी सी होने लगती थी. बिना शराब पिए उसे रात में भी नींद नहीं आती थी.

जब से गुरप्रीत सिंह ने सुखजीत सिंह की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया था, सुखजीत का उस के घर आनाजाना शुरू हो गया. सुखजीत को वहां मुफ्त की शराब मिल रही थी, इसलिए शाम ढलते ही वह बाइक से उस के घर पहुंच जाता था. इस के अलावा वह वापस अपने घर जाने के लिए निकलता तो गुरप्रीत उसे जेब खर्च के लिए कभी 500 रुपए तो कभी 2-3 सौ थमा देता था.

दोनों की दोस्ती को अभी एक महीना भी पूरा नहीं हुआ था कि 19 जून, 2023 की शाम को सुखजीत अपनी पत्नी से बोला, ‘‘गुरप्रीत का फोन आया था, इसलिए उस के घर जा रहा हूं.’’

जीवनदीप कौर को अपने पति सुखजीत और गुरप्रीत सिंह की दोस्ती फूटी आंख भी नहीं सुहाती थी. क्योंकि वह जब भी गुरप्रीत सिंह के घर से देर रात गए वापस लौटता तो नशे में बुरी तरह टल्ली होता था. नशे में बाइक चलाना बेहद खतरनाक था. कभी गलती से उस का एक्सीडेंट हो जाता तो उस के पति के हाथपैर सही सलामत नहीं बचते. लेकिन हर बार जब भी वह पति को गुरजीत सिंह के घर जाने से रोकने की कोशिश करती, सुखजीत उसे बुरी तरह झिडक़ देता था.

ट्रक से कुचलवा दिया दोस्त को

गुरप्रीत के बुलावे पर उस दिन जब सुखजीत उस के घर में पहुंचा तो गुरप्रीत ने उसे पीने के लिए बिठा दिया. शराब के कुछ दौर चलने के बाद गुरप्रीत ने उस के पैग में नशे की दवा मिला दी. थोड़ी देर में सुखजीत बेसुध हो कर लुढक़ गया तो गुरप्रीत के परिचित सुखविंदर सिंह संधा और दिनेश सिंह सुखजीत को बलेनो कार में डाल कर राजपुरा ले गए, जहां योजना के अनुसार एक्सीडेंट को अंजाम देना था.

उन का जानकार जसपाल सिंह भी ट्रक ले कर राजपुरा पहुंच गया. सुनसान सडक़ देख कर पहले तो सुखविंदर सिंह संधा ने सुखजीत सिंह के कपड़े उतारे फिर उसे गुरजीत के कपड़े पहना दिए ताकि उस की लाश को गुरप्रीत की लाश बताया जा सके.

फिर जसपाल सिंह ने एक बड़ी ट्रक के टायर के आगे सुखजीत सिंह के बेहोश जिस्म को डाल दिया. इस के बाद जसपाल सिंह ने ट्रक स्टार्ट कर सुखजीत सिंह के ऊपर कई बार चढाया, जिस से उस का शरीर तथा चेहरा इतना क्षतविक्षत हो गया कि अब किसी के लिए लाश की पहचान कर पाना मुश्किल था.

इस के बाद सुखविंदर सिंह संधा और जसपाल सिंह, सुखजीत की बाइक और चप्पलों को वहां से दूर भाखड़ा नहर के किनारे रख आए, जिस से पुलिस को ऐसा लगे जैसे किसी ने नहर में कूद कर आत्महत्या कर ली हो. सुखजीत का मोबाइल फोन वहां से एक किलोमीटर दूर मिट्टी के नीचे दबा दिया.

20 जून, 2023 राजपुरा पुलिस को सडक़ पर बुरी तरह कुचली हुई लाश मिली तो पुलिस ने अनुमान लगाया कि मृतक शायद रात में किसी बड़े वाहन की चपेट में आ गया होगा. खबर मिलने पर सुबह खुशदीप कौर लाश की शिनाख्त करने के लिए राजपुरा थाने में पहुंची और और कपड़ों के आधार पर उस ने लाश की शिनाख्त अपने पति गुरप्रीत के रूप में कर छाती पीट पीट कर रोने लगी.

चूंकि इस लाश का कोई और दावेदार नहीं आया था, इसलिए पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद इसे अंतिम संस्कार के लिए खुशदीप कौर को सौंप दिया. खुशदीप कौर ने आननफानन में दुनिया के सामने सुखजीत की लाश का अंतिम संस्कार कर दिया.

4 करोड़ के लालच में पहुंचे जेल में

यहां तक खुशदीप कौर और बाकी आरोपियों ने अपना सारा काम वैसे ही निपटाया था, जैसा पहले से तय था. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि कुछ दिनों के बाद वे इंश्योरेंस के 4 करोड़ रुपए लेने में कामयाब हो जाएंगे. लेकिन यह मामला तब बुरी तरह उलझ गया, जब जीवनदीप कौर ने राजपुरा पुलिस के द्वारा खींचे गए फोटो की शिनाख्त अपने गुमशुदा पति सुखजीत सिंह के तौर पर कर दी.

डीएसपी गुरबंस सिंह बैंस की तेजतर्रार टीम ने 28 जून, 2023 को गुरप्रीत सिंह और उस की पत्नी खुशदीप कौर को गिरफ्तार कर लिया. बाकी आरोपियों सुखविंदर संधा, राजेश शर्मा, जसपाल सिंह तथा दिनेश कुमार के नाम सामने आने पर उन सब को भी गिरफ्तार कर लिया.

गुरप्रीत सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल ट्रक, बलेनो कार, बाइक तथा स्कूटी को बरामद कर लिया. इस तरह गुरप्रीत सिंह और उस की पत्नी खुशदीप कौर इंश्योरेंस के 4 करोड़ रुपए पाने की जगह जेल की हवा खा रहे हैं.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित