दिल्ली का साहिल साक्षी केस : प्यार पर नफरत के वार – भाग 3

हरिद्वार से खरीदा था चाकू

पूछताछ में साहिल ने स्वीकार कर लिया कि उस ने साक्षी की हत्या के लिए कुछ दिन पहले ही एक लंबा चाकू खरीदा था. पता चला कि वह चाकू उस ने हरिद्वार से खरीदा था, लेकिन पुलिस इस बात की जांच कर रही है. साक्षी के एक दोस्त से पुलिस को मालूम हुआ कि साहिल इस बात से गुस्से में रहता था कि वह उस से बात क्यों नहीं करती है.

16 वर्षीया साक्षी की एक समय में प्रवीण नाम के लडक़े के साथ दोस्ती थी. हत्या से एक दिन पहले प्रवीण को ले कर ही साक्षी और साहिल आपस में भिड़ गए थे. उस वक्त साहिल खान के सिर पर हिंसा का भूत सवार था.

साहिल भी शाहबाद डेयरी की एक कालोनी में ही अपने मातापिता और 3 बहनों के साथ किराए के मकान में रहता था. उस के बारे में पूरी जानकारी जुटाने के लिए पुलिस टीम आरोपी से सच और हत्याकांड की कडिय़ों को आपस में जोडऩे के लिए पुलिस अधिकारी उस का साइको एनालिसिस टेस्ट करवाने की तैयारी कर चुकी थी. इस टेस्ट के जरिए विशेषज्ञ आरोपी से बातचीत कर हत्याकांड से जुड़ी कडिय़ों को जोडऩे का प्रयास करेंगे. करीब 3 घंटे चलने वाले इस टेस्ट में साहिल के परिवार, उस के दिनचर्या, दोस्तों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों के बारे में पूछताछ की जाएगी.

इस के अलावा उस के सपनों और रहनसहन के बारे में भी पूछताछ की जाएगी. ऐसा करने के बाद एक्सपर्ट साहिल के दिमाग में चल रही बातों को पढ़ सकेंगे. उल्लेखनीय है कि इस से पूर्व श्रद्धा हत्याकांड में पुलिस ने आरोपी आफताब का साइको एनालिसिस टेस्ट करवाया था. इस से पुलिस को मामला सुलझाने में काफी मदद मिली थी.

हालांकि साहिल से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. उस ने बताया कि साक्षी की मौजूदगी में वह दोस्तों के साथ अश्लील मजाक किया करता था. इस के अलावा धमकी मिलने से आगबबूला साहिल ने हत्या की खौफनाक साजिश रची थी. उस ने तय किया कि उसे साक्षी और उस के दोस्तों में से जो कोई मिल जाएगा, उस की बेरहमी से हत्या कर देगा और चाकू से तब तक वार करता रहेगा, जब तक मौत नहीं हो जाती.

अजय उर्फ झबरू ने दी थी धमकी

वह साक्षी को एकडेढ़ साल से जानता था. पिछले 4 महीने से उस की दोस्ती थी. वारदात वाले दिन से एक दिन पहले साहिल को बाजार में साक्षी, उस की सहेली और दोस्त अजय उर्फ झबरू मिले थे. अजय उस इलाके का दबंग युवक था. वहां अजय ने उस का अश्लील मजाक उड़ाया. साथ ही साक्षी से दूर रहने की साहिल को धमकी दी थी. मजाक उड़ाने पर साहिल आगबबूला हो गया था.

वहां से जाने के बाद उस ने नशा किया. इस के बाद उस ने तय किया किया कि साक्षी, उस की सहेली व अजय में से जो भी मिल गया, उस की वह हत्या कर देगा. संयोग से साहिल को साक्षी अपनी सहेली के घर जाते हुए मिल गई. साक्षी के दोस्तों ने भी शुरुआती पूछताछ में साहिल का मजाक उड़ाने की बात मान ली.

साक्षी की निर्मम हत्या की कहानी में दोस्ती के दुश्मनी में बदलने की है. साक्षी की प्रवीण नाम के युवक से दोस्ती हुआ करती थी. उस के साथ अनबन हो जाने पर साक्षी ने साहिल को अपना दोस्त बना लिया. फिर किसी बात पर साहिल से भी साक्षी की अनबन हो गई थी.

इस बारे में साहिल के दोस्तों ने पुलिस को बताया कि साक्षी कुछ दिनों में ही साहिल की हरकतों से परेशान हो गई थी और उस ने उस के साथ संबंध तोड़ डाले थे. जबकि साहिल साक्षी का दीवाना बना हुआ था. वह हर हाल में साक्षी से संपर्क बनाए रखना चाहता था. साक्षी द्वारा बातचीत बंद होने और पुराने दोस्त से नजदीकी बढ़ाने पर साहिल नाराज चल रहा था. उस ने कई बार साक्षी का पीछा किया था.

साहिल ने यह भी बताया कि उस की साक्षी से दूरियां बढ़ती जा रही थीं. वह उस के करीब आने की कोशिश कर रहा था, लेकिन साक्षी उसे फोन पर धमकाने लगी थी. उस के बाद उस ने साक्षी को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया. घटना से पहले उस ने शराब पी. पुलिस को आरोपी ने बताया कि साक्षी की उस ने उसी जगह पर हत्या की, जहां अजय उर्फ झबरू ने उसे धमकी दी थी.

साहिल ने यह भी खुलासा किया था कि इलाके में रहने वाला दबंग युवक अजय उर्फ झबरू ने उसे साक्षी से दूर रहने की धमकी दी थी. उसे आशंका थी कि झबरू उस की हत्या कर सकता है. इसी आशंका को देखते हुए उस ने साक्षी को ही रास्ते से हटाने की साजिश रची थी.

पुराने दोस्त से नजदीकी बढऩे के बाद साक्षी ने साहिल का फोन भी रिसीव करना बंद कर दिया था. पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि साक्षी के धोखा देने से उस के मन में नफरत भर गई थी और वह उस से बदला लेना चाहता था. वह लगातार साक्षी पर नजर रख रहा था. वारदात की रात में उस ने साक्षी को अकेले जाते हुए देखा. साक्षी के सामने आते ही साहिल साक्षी से भिड़ गया. बहस के कुछ सेकेंड बाद ही उस ने चाकू से उस पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया.

साहिल खान से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उसे रोहिणी कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

प्रेम त्रिकोण में मारा गया ग़ालिब

रात 10 बजे उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ के थाना जवां में किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर के सूचना दी कि कासिमपुर इलाके में राख के बंधा पर एक युवक की लाश पड़ी है. मामला हत्या का था, इसलिए ड्यूटी अफसर ने यह जानकारी एसएचओ अवधेश कुमार को दे दी. इस सूचना के बाद एसएचओ मय पुलिस टीम के घटनास्थल की तरफ रवाना हो गए. कुछ ही देर में वह राख के बंधा पर पहुंच गए.

वहां एक अज्ञात 23-24 वर्षीय युवक का खून से लथपथ शव पड़ा था. खून ताजा था, जिसे देखने से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि युवक की हत्या कुछ समय पहले ही की गई होगी. निरीक्षण के दौरान पुलिस ने देखा कि युवक की नृशंस तरीके से धारदार हथियार से हत्या की गई थी. उस का गला रेता हुआ था. उस की आंखें बाहर निकली हुई थीं. शरीर पर भी कई घाव थे.

कुछ देर में वहां काफी लोग जमा हो चुके थे, लेकिन कोई भी मृतक को नहीं पहचान सका. पुलिस ने मौके की काररवाई निपटा कर शव को मोर्चरी में रखवा दिया. अज्ञात लाश के मिलने की सूचना एसएचओ अवधेश कुमार ने जिले के सभी थानों में प्रसारित करा दी. यह बात 20 फरवरी, 2023 की है.

कुछ समय पहले क्वारसी के नगला मल्लाह मोहल्ले की गली नंबर-6 के रहने वाले युवक गालिब खान के लापता होने की सूचना युवक के भाई तालिब ने थाना क्वारसी में दी थी. थाना क्वारसी पुलिस को देर रात जब यह जानकारी मिली कि थाना जवां पुलिस को एक युवक का शव मिला है तो क्वारसी पुलिस ने हुलिया के आधार पर गालिब के घर वालों को इस बात की सूचना दी.

खबर मिलते ही गालिब का भाई तालिब, मामा इर्तजा आदि जवां थाने पहुंच गए. पुलिस ने मोर्चरी में रखे युवक के शव को उन्हें दिखाया तो तालिब ने उस की शिनाख्त अपने 23 वर्षीय भाई गालिब खान के रूप में की. लाश की शिनाख्त हो जाने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली. पुलिस का अगला कदम अब हत्यारों तक पहुंचना था. लिहाजा पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी.

तालिब खान ने भाई की हत्या की रिपोर्ट उस की प्रेमिका जरीन, उस के प्रेमी अयाज व जरीन के पिता के खिलाफ दर्ज करा दी. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि जरीन ने 20 फरवरी, 2023 को दोपहर 2 बजे गालिब को फोन कर मिलने के लिए बुलाया. गालिब स्कूटी ले कर बिना बताए चला गया और काफी देर तक नहीं लौटा. तब उस ने भाई गालिब को फोन किया तो गालिब ने बताया कि जरीन व अयाज उसे जवां स्थित राख के बंधा पर ले आए हैं. ये लोग मुझे मार देंगे, मुझे बचा लो. इस के बाद फोन कट गया और स्विच्ड औफ हो गया.

जब वह भाई को तलाशता हुआ देर रात राख के बंधा पर पहुंचा तो वहां भाई गालिब की लाश मिली. तालिब की तहरीर पर पुलिस ने जरीन व अयाज के खिलाफ हत्या व जरीन के पिता के विरुद्ध धमकी देने का मुकदमा दर्ज कर लिया. एसएसपी कलानिधि नैथानी ने गालिब खान हत्या केस के अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी के लिए एक पुलिस टीम बनाई.

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टीम में सीओ (तृतीय) मोहसिन खान, एसएचओ अवधेश कुमार, एएसआई योगेंद्र कुमार, कांस्टेबल मनोज कुमार, महिला कांस्टेबल शिवानी आदि को शामिल किया गया. टीम का निर्देशन एसपी (सिटी) कुलदीप गुनावत को सौंपा गया. मुकदमा दर्ज करने के दूसरे दिन पुलिस टीम ने केला नगर निवासी अयाज तथा रियाज कालोनी निवासी प्रेमिका जरीन को उन के घरों से गिरफ्तार कर लिया.

मां की बुटीक पर गालिब से हुई थी मुलाकात

पुलिस पूछताछ के दौरान 21 वर्षीय जरीन ने बताया कि गालिब खान क्वारसी थाने के नगला मल्लाह मोहल्ले में अपने भाई तालिब के साथ मामा इर्तजा खान के घर पर रहता था. उस के मातापिता की मौत हो चुकी है. गालिब अपने भाई तालिब के साथ गैस हाकर का काम करता था. जबकि जरीन की मां बुटीक चलाती है और पिताजी नौकरी करते हैं. 5 साल पहले गालिब से उस की मुलाकात हुई थी.

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गालिब उस की मां की दुकान पर आनेजाने लगा था. सुंदर जरीन को देखते ही गालिब उस का दीवाना हो गया था. दुकान पर आनेजाने के दौरान ही दोनों एकदूसरे के प्रति आकर्षित हो गए. दोनों की आंखें मिलतीं तो जरीन शरम से आंखें झुका लेती. फिर तिरछी नजरों से चोरीचोरी गालिब को देखती. गालिब भी जरीन के दिल की बात जान चुका था.

पहली मुलाकात में ही जरीन ने गालिब की आंखों में अपने प्रति उमड़ता प्यार देख लिया था. गालिब ने उसे अपने प्यार के जाल में फंसा लिया था और जरीन भी बिना कुछ सोचेसमझे उस की तरफ खिंचती चली जा रही थी. इसी के चलते दोनों में दोस्ती हो गई. दोस्ती कब प्यार में बदल गई, दोनों को ही इस का पता नहीं चला. धीरेधीरे दोनों का प्यार परवान चढऩे लगा.

इस बीच दोनों ने एकदूसरे के मोबाइल नंबर भी ले लिए. दोनों आपस में बात करने लगे. जरीन को गालिब खान अपनी स्कूटी से घुमाने भी ले जाने लगा. वह उस पर काफी खर्च करता. अब दोनों एकदूूसरे के बिना नहीं रह पाते थे. उन के बीच अवैध संबंध बन चुके थे.

गालिब आपराधिक किस्म का था. उस की जरीन से दोस्ती जरूर हो गई थी, लेकिन धीरेधीरे गालिब अपराध के रास्ते पर बढ़ता चला गया. उस के विरुद्ध हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार जैसे मुकदमे दर्ज थे. भोपाल में भी उस के खिलाफ मुकदमे दर्ज थे. इसी कारण जरीन ने अपने प्रेमी गालिब से दूरी बनानी शुरू कर दी. इतना ही नहीं, जब गालिब जेल चला गया तो जरीन ने उसे छोड़ कर अपना रास्ता अलग कर लिया.

नए प्रेमी अयाज से हुआ प्यार

गालिब के जेल जाने के बाद केला नगर, पत्थर वाली गली निवासी 22 वर्षीय युवक अयाज जरीन की जिंदगी में आया. अयाज तालानगरी अलीगढ़ की एक हार्डवेयर फैक्ट्री में काम करता था. अयाज की दोस्ती जरीन से गहरी हो गई थी. दोनों एकदूसरे को प्यार करने लगे.

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कुछ महीने पहले गालिब जब जेल से छूट कर आया तो उस ने अपनी प्रेमिका जरीन से मिलने की कोशिश की, लेकिन जरीन ने अयाज से संबंधों के चलते गालिब खान से दूरी बना ली. वह जरीन को अपने साथ रहने के लिए उस पर तरहतरह के दबाव बनाने लगा, जबकि वह नए आशिक के साथ इश्क फरमा रही थी. वह अयाज को छोडऩे के लिए राजी नहीं थी.

यह बात गालिब को अखरने लगी. गालिब को यह कतई बरदाश्त नहीं हुआ कि उस की प्रेमिका उस के होते हुए किसी दूसरे की बांहों में दिखाई दे. वह सिरफिरे आशिक की तरह हो गया. जहां भी अयाज दिखाई दे जाता, वह उस के साथ मारपीट कर देता.

वीडियो वायरल की धमकी दे कर करता था दुष्कर्म

गालिब बहुत शातिर था. उस ने पहले ही अपने और जरीन के शारीरिक संबंधों की एक वीडियो बना ली थी. गालिब उस अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी दे कर उस के साथ जब चाहे तब दुष्कर्म करता था. इसी ब्लैकमेलिंग से आजिज आ कर जरीन ने अपने प्रेमी गालिब से दूरी बनाई थी. लेकिन जेल से छूट कर आने के बाद वह फिर से वही काम करने लगा.

एक माह पहले जरीन ने परेशान हो कर गालिब पर मुकदमा भी दर्ज कराया था. जरीन ने कोर्ट में अरजी दे कर 11 जनवरी, 2023 को गालिब के विरुद्ध दुष्कर्म, तेजाब से हमला करने तथा घर में घुस कर मारपीट करने का आरोप लगाया था. इस पर कोर्ट ने थाना जवां को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था. इस में गालिब के भाई तालिब खान और मौसी शबाना पर भी सहयोग के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था. जरीन ने गालिब पर कई बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था.

चौराहे पर मारपीट व अयाज के बाल काटे

इसी खुन्नस के चलते 10 फरवरी, 2023 को गालिब ने जरीन के नए प्रेमी अयाज को केला नगर के बीच चौराहे पर पकड़ लिया और उस की पिटाई करने के बाद उस के बाल काट दिए. अयाज अपनी बेइज्जती तो जरीन गालिब की हरकतों से परेशान थी. पिटाई व बाल काटने की घटना ने आग में घी का काम किया. बस, उसी दिन प्रेमीप्रेमिका ने गालिब से बदला लेने की ठान ली. दोनों ने साथसाथ नुमाइश देखी. गालिब की हत्या के लिए उन्होंने नुमाइश से 650 रुपए में एक रामपुरी चाकू व उस्तरा भी खरीदा.

बनाया फरजी इंस्टाग्राम अकाउंट

अपने व प्रेमी अयाज के साथ 10 दिन पहले हुई घटना का बदला लेने के लिए प्रेमी युगल जरीन व अयाज ने गालिब की हत्या की पूरी योजना बेहद शातिर तरीके से फुलप्रूफ बनाई थी. गालिब को मिलने बुलाने के लिए फोन का इस्तेमाल करने पर वे फंस सकते थे, ऐसे में जरीन ने पुलिस से बचने के लिए इंस्टाग्राम पर आजाद नाम से अपना फरजी अकाउंट बनाया.

इस के बाद 20 फरवरी को फरजी अकाउंट के जरिए गालिब को जरीन ने काल किया. जरीन की आवाज सुनते ही गालिब के चेहरे की चमक दोगुनी हो गई. जरीन ने उस से प्यार भरी बातें कर अपने जाल में फांस लिया, फिर उसे मिलने के लिए बुलाया.

जरीन के प्यार में पागल गालिब उस की चाल को नहीं समझ पाया और अपनी स्कूटी ले कर उस से मिलने पहुंच गया. उस समय जरीन बुर्का पहन कर गालिब की स्कूटी पर बैठ कर शाम के समय उसे ले कर जवां क्षेत्र में स्थित राख के बंधा पर पहुंची. अयाज वहां पहले से ही छिपा बैठा था. वहां जरीन ने उस से प्यार मोहब्बत की बातें कीं.

उस ने गालिब को विश्वास में लेते हुए कहा कि वह उस के विरुद्ध दर्ज कराए मुकदमे को वापस ले लेगी. वह पहले की तरह उस से अब भी प्यार करती है. तब जरीन ने बिना देर किए अपने पर्स से नशीली रबड़ी निकाल कर गालिब को खिलाई. इस रबड़ी में जरीन ने पहले से ही नशीली गोलियां मिला दी थीं. दीवाना गालिब पूरी तरह जरीन के प्यार में मदहोश हो गया था, उस ने खुशीखुशी रबड़ी खा ली. रबड़ी खाने के कुछ देर बाद ही गालिब बेहोश हो गया.

उस समय तक रात घिर चुकी थी. गालिब के बेहोश होते ही उस ने अयाज को बुला लिया. अयाज और जरीन ने मिल कर नुमाइश से खरीदे चाकू व उस्तरा से गालिब का गला रेत कर हत्या कर दी. उस का गला रेतने के साथ ही हाथ के पंजे काटे, आंखें अंगुली डाल कर बाहर निकाल लीं. गालिब खान का मर्डर करने के बाद दोनों वहां से फरार हो गए.

मौत होने तक करते रहे वार

प्रेमी जोड़े ने जिस दरिंदगी से हत्या को अंजाम दिया, उसी अंदाज में उन्होंने खुल कर पुुलिस के सामने सच भी बयां किया. जरीन ने साफ कहा कि उस ने खुद के साथ दुष्कर्म और अयाज की पिटाई व बाल काटने का बदला लिया है. अयाज अपने साथ की गई मारपीट व बेइज्जती तथा जरीन अपने ऊपर किए गए हमलेे व सरेराह परेशान करने से आजिज आ चुकी थी. इसलिए दोनों ही गालिब को अपना जानी दुुश्मन मान बैठे थे. किसी भी तरह उस की हत्या कर अपने रास्ते से हटाने की ठान ली थी. अपने नए प्रेमी द्वारा पहले प्रेमी की हत्या करा कर जरीन के दिल को बहुत संतुष्टि मिली.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि मृतक पर 18 बार चाकू और उस्तरे से वार किए गए थे. शव की हालत देख पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों तक ने दांतों तले अंगुली दबा ली. पुलिस ने उन से नृशंस हत्या की वजह जानी तो बताया कि उन्होंने नौसिखिए होने के चलते तब तक उस के गले, पेट और पीठ पर वार किए, जब तक वह मर नहीं गया. वहीं आंख नोचने और हाथ के पंजे काटने की वजह उस के प्रति गुस्सा बताया.

प्रभारी सीओ (तृतीय) मोहसिन खान ने बताया कि गालिब की हत्या में इस्तेमाल किए गए चाकू और उस्तरा और गालिब का टूटा हुआ मोबाइल फोन हत्यारोपी अयाज की निशानदेही पर घटनास्थल से लगभग एक किलोमीटर आगे राख के बंधा के पास स्थित सूखे नाले की दरार से अभियुक्तों की निशानदेही पर बरामद कर लिए. इस के साथ ही दोनों के खून से सने कपड़े भी बरामद कर लिए.

इन कपड़ों को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिया गया. ताकि न्यायालय में इन को साक्ष्य के रूप में प्रस्तत किया जा सके. वहीं पुलिस ने मृतक गालिब की स्कूटी को घटनास्थल से बरामद कर लिया. दोनों अलीगढ़ से भागने की फिराक में थे. गिरफ्तार प्रेमी युगल जरीन व अयाज ने पुलिस को बताया कि हत्या के बाद वे अलीगढ़ छोड़ कर भागने की फिराक में थे. इसी इरादे से वे अलीगढ़ जंक्शन पर पहुंचे थे, लेकिन मन पलटा तो दोनों ने होटल में कमरा ले लिया और वहीं खून से सने अपने कपड़ों को बदला.

फिर दोनों ने विचार किया कि अगर हम लोग इस तरह यहां से गायब हुए तो पुलिस उन पर शक करेगी. फिर उन्होंने तय किया कि वे अपनेअपने घर जाते हैं. जब आसपास के लोगों की नजरों में वे अपनेअपने घर पर ही रहने का नाटक करेंगे तो उन पर कोई शक नहीं करेगा. इस के बाद मंगलवार शाम को वे अलीगढ़ छोड़ देंगे.

हत्यारोपी जरीन का एक भाई बड़ा और 2 छोटे हैं. युवती के पिता अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी में संविदाकर्मी हैं. जरीन वर्तमान में अपने घर से ही पढ़ाई कर रही थी. पुलिस जरीन के पिता की तलाश कर रही है.

पुलिस ने 21 फरवरी, 2023 को ही दोनों हत्यारोपियों जरीन व उस के नए प्रेमी अयाज को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया. गालिब हत्याकांड का 24 घंटे में परदाफाश करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी कलानिधि नैथानी ने 15 हजार रुपए का ईनाम देने की घोषणा की. इस त्रिकोणीय प्रेम में पूर्व प्रेमी को आखिर कातिल प्रेमिका ने षडयंत्र रच कर दर्दनाक मौत दे कर उस की जिंदगी का ब्रेकअप तो कर दिया. लेकिन अब उस के नए प्रेमी को केवल जेल की सलाखें ही हासिल हुईं.

 

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

दिल्ली का साहिल साक्षी केस : प्यार पर नफरत के वार – भाग 2

साहिल भी अपने मातापिता के साथ दिल्ली के शाहबाद डेयरी के ही दूसरे मोहल्ले में रहता था. साक्षी के मातापिता से मिली जानकारी से पुलिस को मालूम हुआ कि साक्षी खान की साहिल से फोन पर किसी बात को ले कर बीचबीच में बहस भी हो जाती थी.

पुलिस ने साक्षी मर्डर केस की तकहीकात के लिए घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज निकलवाई. जब उन्होंने फुटेज देखी, तब उन्हें काफी हैरानी हुई, क्योंकि करीब 90 सेकेंड की फुटेज में साक्षी को चाकू से गोदे जाने की वारदात साफ दिख रही थी, साथ ही वहां से गुजरते और कुछ के चंद सेकेंड ठहरने के दृश्य भी दिख रहे थे.

पुलिस की पकड़ से साक्षी का हत्यारा बचा हुआ था, जबकि इस दर्दनाक घटना की एक वीडियो और तसवीर से सोशल मीडिया से ले कर टीवी न्यूज के चैनलों तक के परदे पर कोहराम मच गया था. जिस में हमलावर लडक़ी पर एक गली के कोने में ताबड़तोड़ चाकू से वार करता हुआ नजर आ रहा था.

पुलिस हैरान इस बात को ले कर थी कि हमलावर को ऐसा करते हुए दुनिया ने तो बाद में देखा, जबकि कुछ लोगों ने तो साक्षात अपनी नंगी आंखों से चाकू से वार करते हुए ये दहला देने वाला मंजर देखा था. इन तसवीरों को जिस ने भी देखा, वही हैरान हो गया.

इस घटना के सामने आने के बाद से शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसे नींद भी आई होगी. न जाने कितने सवालों ने लोगों को बारबार झकझोर डाला. एक सवाल तो यही था कि आखिर वह कौन सी वजह थी, जिस के लिए साहिल अपनी ही प्रेमिका का हत्यारा बन गया? क्यों उस ने साक्षी को ऐसी मौत दी, जिस को देख कर दुनिया दहल उठी?

लोगों में इस वारदात को ले कर गुस्सा पनप रहा था. लोगों ने इस के विरोध में जुलूस निकाल कर साहिल को गिरफ्तार कर फांसी की सजा दिलाए जाने की मांग की. लोग इसे लव जिहाद का मामला बता रहे थे. शाहबाद डेयरी थाने की पुलिस पर भी इलाके में चुस्त पुलिस प्रशासन की व्यवस्था में खामी को ले कर भी आरोप लगे. थाने की पुलिस पर उच्च अधिकारियों से ले कर महिला आयोग, सामाजिक स्वयंसेवी संस्थाएं और विपक्षी पार्टियों तक के दबाव बने.

सीसीटीवी कैमरे के फुटेज और साक्षी के मातापिता से पूछताछ से मिले हमलावरों की जानकारी के आधार पर पुलिस ने हमलावर को धर दबोचने के लिए पूरी दिल्ली में जाल बिछा दिया. डीसीपी ने साहिल की गिरफ्तारी के लिए 6 टीमों का गठन किया. मुखबिर लगा दिए. नतीजा यह निकला कि साहिल अगले रोज ही बुलंदशहर से पकड़ लिया गया.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, साहिल खान ने साक्षी की चाकू मार कर हत्या करने के बाद सब से पहले अपने फोन को स्विच्ड औफ कर दिया और रिठाला भाग गया था. वहीं पर उस ने चाकू फेंका और बस से बुलंदशहर के लिए निकल गया. हालांकि पुलिस ने फोन बरामद कर लिया. बुलंदशहर जाने के लिए उस ने 2 बसें बदली थीं.

पुलिस उसे थाने ला कर सख्ती से पूछताछ करने लगी. पहले तो उस ने पुलिस के कई सवालों के जवाब ठीक से नहीं दिए और अपने हुलिए से पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. इस पर उस से सख्ती से पूछताछ के लिए पुलिस ने 2 दिनों के रिमांड पर ले लिया.

एक तरफ साहिल से हत्याकांड के संबंध में पूरी छानबीन जारी थी, दूसरी तरफ उस की आदतों और दूसरों से संपर्क संबंध के बारे में पता लगाने के लिए सोशल अकाउंटों की छानबीन भी जारी थी. इस बीच पुलिस ने साहिल की निशानदेही पर सैक्टर-11 रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास खाली प्लौट से हत्या में प्रयुक्त चाकू और जूते बरामद कर लिए थे, जिन्हें जांच के लिए फोरैंसिक लैब भेज दिया गया.

पुलिस के लिए यह पता लगाना जरूरी था कि उस ने साक्षी की जिस निर्ममता से चाकू गोद कर हत्या की, वैसा कोई ऐसी दरिंदगी दिखाने वाला जरूर सनकी और विचित्र प्रवृति का इंसान रहा होगा. पुलिस के सामने सब से बड़ा सवाल यही था कि कैसे कोई इंसान ऐसे जानवर बन सकता है? उस ने एक के बाद एक शरीर में 40 से ज्यादा घाव किए थे. चाकू से जी नहीं भरा तो पत्थर से शरीर को कई बार कुचला था.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट तो और भी चौंकाने वाली आई थी. प्रहार की वजह से साक्षी के पेट से कई अंग बाहर लटक गए थे. उन में आंतें थीं. साहिल ने क्रूरता के साथ काफी खौफनाक तरीके से उस पर पर हमला किया था. उस के शरीर पर चोटों के कई निशान थे. सिर के हिस्से में कुछ हड्ïिडयां भी दरारों और चोटों के साथ पाई गईं. शरीर पर चाकुओं के कई दरजन घावों में से सब से अधिक घाव कंधे से ले कर कूल्हे तक के क्षेत्र में थे.

एक दिन पहले हुआ था साक्षी से झगड़ा

साहिल के सोशल मीडिया अकाउंट से उस की कई हरकतों के बारे में पता चला कि वह किस तरह से बुरी आदतों से भरा हुआ था. सिरफिरा आशिक साहिल खान इंस्टाग्राम पर वह लगातार वीडियो पोस्ट करता रहता था. आखिरी रील उस की 6 हफ्ते पहले की थी. कुछ में गाली भी थी. एक वीडियो में वह हुक्का पीते दिखाई दिया और टीवी पर गाना सुनता रहता है ‘दिल्ली में करता बदमाशी…’

शुरुआती जांच से पता चला कि साक्षी और साहिल के बीच एक दिन पहले झगड़ा हुआ था. साक्षी ने साहिल को चेतावनी दी थी कि वह उस से दूर ही रहे. इस झगड़े की जड़ में साक्षी के हाथ पर बना दूसरे लडक़े का टैटू था. उसे देखते ही साहिल भडक़ गया था और आपा खो बैठा था.

साहिल मुसलिम था, लेकिन अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करता था. हाथ में कलावा बांधता था और इलाके के लोग उसे ‘सन्नी’के नाम से जानते थे. पुलिस ने जांच में पाया कि साहिल की असलियत साक्षी को पता चल गई थी, इसलिए वह उस से दूरी बनाना चाहती थी.

स्पैशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक ने बताया कि इस मामले में कड़ी सजा दिलाने की कोशिश होगी, जिस में फांसी की सजा भी शामिल है. पुलिस साक्ष्य इकट्ठा करने में जुटी है. इस संबंध में पुलिस 25 लोगों से पूछताछ कर चुकी है, जिन में मृतका की सहेलियां और आरोपी के दोस्त भी शामिल हैं.

दिल्ली का साहिल साक्षी केस : प्यार पर नफरत के वार – भाग 1

दिल्ली के बाहरी उत्तरी जिले का एक इलाका है शाहबाद डेयरी. वहां बसी झुग्गियों में रहन वाले गरीब परिवारों की अपनीअपनी समस्याएं हैं. वे रोजीरोटी के संघर्ष में जूझते रहते हैं. इसी के साथ बुनियादी समस्याएं भी हैं, सामाजिकता नहीं के बराबर ही कही जा सकती है. किसी परिवार को किसी से शायद ही कोई मतलब हो. कौन क्या करता है, कहां जाता है, किस से मिलताजुलता है, क्या रोजगार धंधा है, इस का सीधा असर इलाके के किशोर उम्र के लडक़ेलड़कियों पर खूब पड़ते देखा जा सकता है.

वे जितने बेफिक्र और लापरवाह दिखते हैं, उतने ही अपनी मस्ती के आलम में मटरगश्ती करते रहते हैं. जवानी की दहलीज पर खड़ी अधिकतर लड़कियों पर सोशल साइटें, वीडियो, फिल्में, यूट्यूब, फैशन और रील्स की खुमारी चढ़ चुकी है. उन की जिंदगी हैप्पी वर्थडे विश, वेलेंटाइन डे, पिकनिक पार्टी आदि में सिमट गई है. ऐसे में वैसी लड़कियां तुरंत ही किसी दिलफेंक आशिक की बातों में आ जाती हैं. जैसा कि 16 वर्षीया साक्षी के साथ हुआ.

बात इसी 28 मई की है. साक्षी को अपने मोहल्ले के परिचित के यहां बच्चे की बर्थडे पार्टी में जाना था. चाहे जैसी भी पार्टी हो, वह उस में जरूर शामिल होती थी. वहां जाने के लिए शाम साढ़े 8 बजे निकली थी. करीब पौने 9 बजे वह गली के मोड़ पर पहुंची थी. वहां उसे साहिल खान पहले से खड़ा मिल गया. साहिल उस का दोस्त था, लेकिन फिलहाल साक्षी ने उस से बातचीत करनी बंद कर दी थी. साहिल उसे देख कर छूटते ही बोला, “मैं ने तुझे मना किया था न, किसी की पार्टी में नहीं जाना है.” वह बेहद गुस्से में था.

“तुम गलत समझ रहे हो, मैं तो दोस्त के बर्थडे में जा रही हूं.” साक्षी सफाई देती हुई बोली.

“झूठ, तुम इसी बहाने से प्रेमी से मिलने जा रही हो. मुझे सब पता चल चुका है, प्रेम मुझ से और यारी दूसरे से.” साहिल नाराजगी दिखाते हुए तेज आवाज में बोला.

“धीरे बोलो न, लोग आजा रहे हैं. कोई सुनेगा तो क्या कहेगा?” साक्षी ने समझाने की कोशिश की.

“किसी को जो कुछ कहना है, कहे, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं तुझे दिल से चाहता हूं और तुम किसी और को, यह मुझे कदापि बरदाश्त नहीं होगा, समझी?” बोलते हुए साहिल उस के बालों को कस कर पकड़ कर खींचने लगा. उस का दूसरा हाथ साक्षी की गरदन पर आ गया था. साक्षी अचानक साहिल के इस हमले से लडख़ड़ा गई. किसी तरह उस के हाथ से अपने बालों को छुड़ाया. तब तक वह जमीन पर गिरने की स्थिति में आ गई थी.

दूसरी तरफ साहिल हारे हुए शिकारी की तरह तिलमिलाने लगा था, चीखा, “हरामजादी, रंडी कहीं की, इश्क करेगी? अभी बताता हूं, तूने अभी तक मेरा गुस्सा नहीं देखा है. कल तक प्यार से समझा रहा था, फिर भी तू नहीं मानी, अब देख मैं क्या करता हूं…”

साहिल खान बना बेरहम हत्यारा

साहिल ने फुरती से अपनी जींस पैंट में से बड़ा चाकू निकाल लिया. बाएं हाथ से बाल समेत उस की गरदन दबोच ली, दाएं हाथ में चाकू से दनादन उस पर वार करने लगा. साक्षी चीखने लगी. उस की चीख सुन कर पास से गुजर रहे कुछ लोग ठिठक गए.

उन्होंने स्ट्रीट लाइट की रोशनी में जो कुछ देखा, वह बेहद दर्दनाक था. लेकिन सभी बुत बने रहे, किसी ने उसे रोकने के लिए मुंह से आवाज तक नहीं निकाली. एकदम फिल्मी दृश्य की तरह साहिल चाकू से साक्षी को गोदता रहा. साक्षी का शरीर बेजान हो गया फिर भी चाकुओं का वार थमा नहीं. तीन…चार… पांच और चाकुओं के वार की ये गिनती आखिरी में 40 तक जा पहुंची. साक्षी के शरीर से खून निकल कर जमीन पर फैलने लगा.

इतना ही नहीं चाकुओं से वार करने वाला साहिल कुछ सेकेंड के लिए वहां से हटा, लेकिन तुरंत वापस लौट कर साक्षी के पास जा पहुंचा, जो उस के चाकुओं के वार से पूरी तरह से निढाल हो कर वहीं नाली में गिर पड़ी थी. साहिल ने तब एक बड़ा सा पत्थर उठा लिया और एकएक कर के करीब 6 बार उस लडक़ी को कुचलने के बाद शांत हुआ.

इस पूरी वारदात को कई लोगों ने देखा. कुछ लोग नजर फेर कर चलते बने तो कुछ लोग वहीं ठिठके रहे. साहिल बड़ी आसानी से उन के सामने से चाकू ले कर चलता बना.

उधर साक्षी की मां रात का खाना खाने के बाद सोने की तैयारी में जुट गई थी. तब तक रात के 9 बज चुके थे. खुद से बोले जा रही थी, “यह सब काम साक्षी को करना चाहिए था, उसे करना पड़ रहा है. बहुत लापरवाह हो गई है. अपनी सहेली के यहां यहां जा कर बैठी है.”

तभी साक्षी की दोस्त भावना भागती हुई आई. उस ने बताया कि किसी ने साक्षी की हत्या कर दी है, लेकिन उस की बात पर साक्षी की मां को भरोसा नहीं हुआ. उन्होंने तुरंत साक्षी की सहेली नीतू को फोन किया, जिस के यहां साक्षी गई थी. उस ने बताया कि साक्षी बाजार गई है, उसे कुछ खरीदना था.

साक्षी की मां भावना के बताए मुताबिक घटनास्थल पर पहुंची. वहां देखा सचमुच बेटी साक्षी की लाश खून से लथपथ पड़ी थी. मौके पर ही मालूम हुआ, एक लडक़े उसे चाकुओं से गोद कर मार डाला है. उसे तुरंत अस्पताल ले जा जाया गया. अस्पताल ले जाने में मदद करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि वह उस समय वहां पर था और उस ने उस की बेटी को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन हमलावर ने उस पर भी हमला किया था.

जिद्दी स्वभाव की थी 16 वर्षीय साक्षी

दरअसल, साक्षी पिछले 10 दिनों से अपने घर में रहने के बजाए सहेली नीतू के घर पर रह रही थी. साक्षी की अपने घर वालों से जब भी नाराजगी हो जाती तो वह सहेली नीतू के घर ही चली जाती थी. वहीं से एक जन्मदिन पार्टी में जा रही थी और उस की गली में ही हत्या हो गई थी.

इस की सूचना पा कर थाना शाहबाद डेयरी के एसएचओ राजीव रंजन एसआई प्रवीण तोमर और 2 कांस्टेबलों के साथ 10 मिनट के भीतर ही मौके पर पहुंच गए थे. मामला गंभीर था, इसलिए एसएचओ ने इस घटना की सूचना डीसीपी (बाहरी उत्तरी जिला) रवि कुमार सिंह, एसीपी मनीष लाडला और क्राइम इनवैस्टीगेशन टीम को भी दे दी.

थोड़ी देर में जिले के पुलिस अधिकारी और क्राइम जांच टीम घटनास्थल पर पहुंच गई. पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और जांच टीमों ने मौके से अनेक सबूत इकट्ठे किए. पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

पूछताछ में साक्षी के पिता जनक राज ने बताया कि साक्षी पिछले हफ्ते से उन से नाराज चल रही थी. उस के मना करने पर भी वह साहिल से बातें करती रहती थी. जब उसे समझाया जाता था कि इन सब के लिए अभी वह छोटी है. तब वह उन की बात जरा भी नहीं सुनती थी और नाराज हो कर अकसर अपनी दोस्त नीतू के घर चली जाती थी.

प्यार का बदसूरत चेहरा – भाग 4

एरिन ने 31 दिसंबर, 2013 को थाना सदर में यह शिकायत की थी. पुलिस को लगा कि विदेशी लड़कियां ऐसा करती ही रहती हैं, इसलिए  इस मामले में कोई काररवाई करने के बजाए पतिपत्नी का विवाद मान कर इसे परिवार परामर्श केंद्र में भेज दिया. परिवार परामर्श केंद्र ने दोनों को बुला कर काउंसलिंग कराई. दोनों ने समझने के बजाए एकदूसरे पर आरोप लगाए. एरिन ने कहा, ‘‘बंटी शराब पीता है और जुआ खेलता है. धमकी दे कर पैसे मांगता है. इस ने अपने विवाहित होने और हत्याओं वाली बात छिपा कर उस से शादी की थी.’’

बंटी ने भी आरोप लगाया, ‘‘यह सिगरेट बहुत पीती है. इस के दोस्त आते हैं तो इसी के साथ रुकते हैं. उन के साथ यह आगरा के बाहर भी जाती है और उन्हीं के साथ एक ही कमरे में रुकती है. इस का हजारों रुपए रोज का खर्च है. मैं कहां से इतने पैसे लाऊं.’’ परिवार परामर्श केंद्र बंटी और एरिन का समझौता नहीं करा सका. बंटी को लगा कि अब एरिन को वह अपने बंधन में बांध कर नहीं रख सकता. वह कभी भी उस के बंधन को तोड़ कर आजाद हो सकती है.

एरिन पढ़ीलिखी, व्यवहारकुशल और समझदार लड़की थी. अब तक उस के तमाम दोस्त हो गए थे. तमाम युवक उस के इर्दगिर्द मंडराते रहते थे. बंटी उन के सामने कुछ भी नहीं था. यह सब देख कर बंटी कुढ़ता रहता था.

एरिन बंटी से बहुत परेशान थी. वह जब भी चाहता था, फोन कर के एरिन को अपने कमरे पर बुला लेता था. एरिन खुद भी उसे अपने कमरे पर आने से नहीं रोक पाती थी. बंटी को पता चल ही गया था कि एरिन उतनी पैसे वाली नहीं है, जितनी उसे उम्मीद थी. वेतन भी आना बंद हो गया था. अब उसे लगने लगा कि एरिन से उस के सपने पूरे नहीं होने वाले तो उसे उस से नफरत हो गई.

20 फरवरी की सुबह बंटी ने अपने बेटे भोला को उस की ननिहाल पहुंचा दिया. उस के बाद वह सीधे एरिन के कमरे पर पहुंचा. उसे घुमाने क ेबहाने आटो में बैठा लिया. दोपहर तक उसे घुमाता रहा. उस के बाद टक्कर रोड की पीडब्ल्यूडी कालोनी की जाने वाली सुनसान सड़क पर चाकुओं से उस की हत्या कर लाश वहीं फेंक कर भाग निकला.

20 फरवरी, 2014 को दोपहर पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर राजेंद्र कुमार शर्मा ने थाना सदर पुलिस को फोन कर के सूचना दी कि टक्कर रोड स्थित पीडब्ल्यूडी कालोनी की ओर जाने वाली सड़क पर एक आदमी आटो से एक विदेशी महिला की लाश फेंक गया है. आटो विभवनगर चौराहे की ओर से आया था और लाश फेंक कर राजपुर चुंगी की ओर चला गया है. उस का नंबर यूपी80एटी 9456 था.

विदेशी महिला का मामला था इसलिए थाना सदर के थानाप्रभारी पूरन सिंह मेहरा ने घटना की सूचना अधिकारियों को दी और खुद पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर जा पहुंचे. मारी गई महिला विदेशी थी, इसलिए पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था.

थोड़ी ही देर में एसपी (सिटी) सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, क्षेत्राधिकारी डा. रामसुरेश यादव, आईजी आशुतोष पांडेय, डीआईजी विजय सिंह मीणा भी पहुंच गए. मृतका को चाकू से मारा गया था. घावों से अभी भी खून रिस रहा था. निरीक्षण में पाया गया कि यह लूट का मामला कतई नहीं था. क्योंकि मृतका के शरीर पर सोने की चेन, कुंडल और अंगूठी मौजूद थे. उस का मोबाइल और पर्स भी वहीं पड़ा था.

पुलिस ने जांच के लिए डौग स्क्वायड, फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट, फोरेंसिक एक्सपर्ट, फोटोग्राफर आदि बुला लिए थे. निरीक्षण और जांच चल ही रही थी कि एक आटो वाले ने लाश देख कर कहा, ‘‘अरे, यह तो बंटी की पत्नी है.’’

‘‘कौन बंटी?’’ लाश का निरीक्षण कर रहे क्षेत्राधिकारी डा. रामसुरेश यादव ने पूछा.

‘‘साहब, आटो ड्राइवर बंटी. वह अपने आटो से विदेशी सवारियों को घुमाता था.’’

‘‘रहता कहां है वह, तुम ने उस का घर देखा है?’’ डा. रामसुरेश यादव ने पूछा.

‘‘घर तो नहीं देखा, लेकिन इतना पता है कि वह राजपुर चुंगी की ओर किसी कालोनी में कहीं रहता है.’’ आटो चालक ने कहा.

पुलिस घटनास्थल की सारी काररवाई निपटा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने की तैयारी कर रही थी कि वायरलैस द्वारा सूचना मिली कि थाना सदर की शहीद नगर चौकी की संजयनगर कालोनी के एक मकान में आग लग गई है, जिस में एक आदमी की मौत हो गई है.

अग्निशमन औफिस को सूचना दे कर पुलिस अधिकारी तुरंत वहां पहुंच गए. फायर ब्रिग्रेड की गाड़ी पहुंचने के पहले लोगों ने पानी डाल कर आग बुझा दी थी. आग इतनी भीषण थी कि कमरे का ज्यादातर सामान जल गया था. कमरे में हुए विस्फोट से दरवाजा और खिड़की निकल कर बाहर आ गई थी.

कमरे का दृश्य बड़ा वीभत्स था. बम डिस्पोजल स्क्वायड भी आ गया था. जिस कमरे में आग लगी थी, वह मकान की पहली मंजिल पर था. कमरे के अंदर का दृश्य देख कर लोगों की रूह कांप उठी. अंदर एक लाश पड़ी थी, जो काफी हद तक जल गई थी.

कमरे से पेट्रोल की गंध आ रही थी. इस का मतलब आग पेट्रोल छिड़क कर लगाई थी. विस्फोट गैस सिलेंडर से हुआ था. पूछताछ में जब पुलिस को पता चला कि मृतक का नाम बंटी था तो तुरंत उसे ध्यान आया कि कहीं यह वही बंटी तो नहीं, जिस की पत्नी की लाश पीडब्ल्यूडी कालोनी की ओर जाने वाली सड़क पर मिली थी.

आगे की पूछताछ में साफ हो गया कि वह लाश उसी बंटी की थी. मकान के नीचे एक आटो भी खड़ा था, जो इसी का था. उसी से वह लाश फेंकी गई थी. लाश उसी आटो से फेंकी गई थी, क्योंकि उस का नंबर यही थी, जो राजेंद्र कुमार शर्मा ने बताया था.

पुलिस को एरिन के कमरे से उस के सारे कागजात मिल गए थे, जिन से पता चला कि मृतका का नाम एरिन था, जो अमेरिका की रहने वाली थी. उस ने मृतक बंटी से शादी भी की थी. पुलिस ने इस घटना की सूचना अमेरिकी दूतावास को दे दी थी, जहां से उस की हत्या की सूचना उस के मांबाप को दे दी गई थी. लेकिन मांबाप ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया था कि अब उन्हें उस से कोई मतलब नहीं है, क्योंकि वह भारत भी अपनी मरजी से गई थी और शादी भी अपनी मरजी से की थी.

पोस्टमार्टम के बाद बंटी के शव को उस के परिजनों को सौंप दिया गया था, जबकि पुलिस ने एरिन के शव को सुरक्षित रखवा दिया था. नियम के अनुसार इस के लिए पुलिस को 72 घंटे इंतजार करना था. लेकिन जब दूतावास से पता चला कि उस का शव लेने कोई नहीं आ रहा है तो पुलिस ने खुद ही उस का अंतिम संस्कार करवा दिया.

पुलिस ने बंटी के आटो की सीट के नीचे से 2 खून सने चाकू बरामद कर लिए थे. उस के आटो में भी खून लगा था. पुलिस को लगा कि बंटी ने एरिन की हत्या करने के बाद पुलिस के डर से आत्महत्या कर ली होगी. पुलिस ने उस के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया था. चूंकि इस मामले में हत्यारे ने आत्महत्या कर ली थी, इसलिए आगे की काररवाई का कोई सवाल ही नहीं था. जांच के बाद पुलिस इस मामले को बंद कर सकती है.

प्यार का बदसूरत चेहरा – भाग 3

इन्हीं बातों से एरिन को लगा कि बंटी किसी वजह से परेशान रहता है. एक दिन उस ने उस की परेशानी की वजह पूछी तो बंटी ने कहा, ‘‘मैं ने तुम से भारत घुमाने का वादा किया था शादी के बाद पूरा भारत घुमाऊंगा. लेकिन तमाम मेहनत के बाद भी पैसे जमा नहीं हो रहे हैं.’’

‘‘तुम्हें पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं है. तुम अपना काम अपने हिसाब से करो. मेरा मन जहां घूमने का होगा, मैं अकेली ही घूम आऊंगी. मेरे पास पैसे हैं.’’ एरिन ने कहा.

इस तरह एक बार बंटी की एरिन से डौलर झटकने की योजना विफल हो गई. बंटी के दोस्तों को पता था कि वह एरिन को बेवकूफ बना रहा है. इसलिए उस के ईर्ष्यालु दोस्त एरिन को उस से सतर्क करना चाहते थे. किसी दिन उस के किसी दोस्त को मौका मिला तो उस ने एरिन को सतर्क करते हुए बता दिया कि बंटी शादीशुदा ही नहीं, एक बच्चे का बाप भी है.  उस की पत्नी की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो चुकी है. उस ने उस से डौलर ऐंठने और उस के साथ विदेश जाने के लिए शादी की है.

इन बातों से एरिन को लगा कि सचमुच बंटी ने अपनी असलियत छिपा विदेश जाने और डौलर हड़पने के लिए उस से शादी की थी. एरिन ने जब इस बारे में बंटी से बात की तो वह बिफर उठा. उस ने कहा, ‘‘तुम्हीं कहां दूध की धुली हो. तुम्हारी भी तो पहले शादी हो चुकी है. तुम्हारा भी तो बच्चा है. तुम ने भी तो मुझ से यह बात नहीं बताई.’’

एरिन की समझ में आ गया कि उस ने गलत आदमी से शादी कर ली है. वह इस बारे में कुछ करने की सोच रही थी कि तभी उसे यह भी पता चल गया कि बंटी एक आटो ड्राइवर की भी हत्या कर चुका है. उस ने उस की हत्या विदेशी लड़की से संबंध बनाने के लिए की थी. एरिन ने जब इस बात की शिकायत बंटी से की तो इस बार उस ने नाराज होने के बजाय उसे बांहों में भर कर कहा, ‘‘एरिन, जो हुआ, उसे मैं भूल गया हूं. मैं चाहता हूं कि तुम भी उसे मत याद करो. मैं तुम्हें शाहजहां की ही तरह मोहब्बत करता हूं, इसलिए तुम्हें खो देने के डर से ये बातें नहीं बताई थीं.’’

नाराज एरिन ने खुद को उस की बांहों से आजाद कर के कहा, ‘‘शादी और बेटे वाली तो कोई बात नहीं थी, लेकिन तुम किसी की हत्या भी कर सकते हो, यह बरदाश्त करने वाली बात नहीं है.’’

‘‘अच्छा, पहले तो तुम यह बताओ कि मेरे जाने के बाद तुम किनकिन लोगों से मिलती हो, तुम्हें यह सब कौन बताता है?’’

‘‘मेरा मन, मैं किसी से भी मिलूं तुम कौन होते हो मुझे रोकने वाले. अब यह साफ हो गया है कि तुम धोखेबाज हो, तुम पर विश्वास नहीं किया जा सकता.’’ एरिन गुस्से में बोली.

बंटी को लगा कि एरिन को नाराज करना ठीक नहीं है, क्योंकि अगर वह नाराज हो गई तो उस ने जो सोच कर शादी की है, वह पूरा नहीं होगा. इसलिए नरम पड़ते हुए उस ने कहा, ‘‘एरिन, मैं तुम्हारे प्यार में पागल हो गया था, इसलिए यह सब छिपा लिया था.’’

बंटी ने भले ही सफाई दे कर एरिन के मन में आए शक को दूर करना चाहा था, लेकिन अब पहले वाली बात नहीं रह गई थी. कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए, यह सोच कर बंटी एरिन से अमेरिका चलने को कहने लगा. लेकिन एरिन ने साफ मना कर दिया. उस ने कहा, ‘‘मैं भारत में ही रहूंगी, क्योंकि मुझे यहां बहुत शांति मिलती है.’’

दरअसल, एरिन क्लीन आगरा की योजना बना रही थी. इस बारे में वह बार एसोसिएशन आगरा के कुछ सदस्यों से मिल कर बात भी चला रही थी. एरिन के मना करने और उस के काम शुरू करने की योजना के बारे में जान कर बंटी की समझ में आ गया कि अमेरिका जा कर लग्जरी गाडि़यों में घूमने का जो सपना उस ने पाल रखा था, अब वह पूरा होने वाला नहीं है. उसी बीच एरिन ने एनजीओ वाली नौकरी छोड़ दी. बंटी को एक झटका और लगा. वह तनाव में रहने लगा. एरिन अपनी योजना को साकार करने के लिए शहर के अनेक प्रतिष्ठित लोगों से मिल रही थी.

उसे यह सब बिलकुल अच्छा नहीं लगता था. कहीं एरिन उस के हाथ से निकल न जाए, इसलिए बंटी उस पर प्रतिबंध लगाने लगा. एरिन बगावत पर उतर आई. क्योंकि बंटी ने उसे धोखा दिया था. वह धोखेबाज ही नहीं, कातिल भी था. एरिन लगातार इस बात पर विचार कर रही थी कि उसे क्या करना चाहिए.

परेशान एरिन मन की शांति के लिए घंटों मंदिर में बैठी रहती. वह अकसर देर से घर आती. ऐसे में बंटी जब उस से पूछता कि इतनी देर तक वह कहां रहती है तो एरिन कहती, ‘‘यह बताना जरूरी नहीं है.’’

बंटी उसे भारतीय पत्नी की तरह रखना चाहता था, इसलिए उसे खरीखोटी सुना कर बंदिश में रखने की कोशिश करने लगा. वह उसे धमका कर उस से डौलर ऐंठना चाहता था. लेकिन उस के पास डौलर कहां थे. अब तो उस का खर्च बंटी चलाता था या फिर उस के दोस्त कुछ पैसा भेजते थे. बंटी की हरकतों से तंग आ कर एरिन ने जब कहा कि अब वह उसे छोड़ कर चली जाएगी तो बंटी ने कहा, ‘‘तुम्हें शायद पता नहीं, मेरे हाथों में 3 हत्याओं की लकीरें हैं. 2 हत्याएं मैं कर ही चुका हूं. लगता है, तीसरी हत्या तुम्हारी होनी है.’’

बंटी की इस धमकी से एरिन कांप उठी. वह अपने वकील अश्विनी रावत से मिली और उन से कहा कि वह बंटी से छुटकारा चाहती है. यही नहीं, उस ने बंटी से अलग रहने के लिए राजपुर चुंगी, शम्साबाद रोड पर सतविंदर सिंह के मकान में किराए का कमरा भी ले लिया था. एरिन अलग रहने लगी तो बंटी ने भी उर्खरा रोड पर संजयनगर में अपने रहने के लिए राजू पचौरी के मकान में किराए का कमरा ले लिया. इस तरह दोनों अलगअलग रहने लगे.

एरिन के अलग रहने पर विदेश से जो भी उस के दोस्त आते थे, उस के साथ ही रहते थे. बंटी को यह अच्छा नहीं लगता था. उसे डर था कि कहीं एरिन उसे छोड़ कर अकेली ही अमेरिका न चली जाए. वह अकसर एरिन के कमरे पर जा कर उस से झगड़ा करने लगा. बंटी की हरकतों से परेशान हो कर एरिन थाना सदर के थानाप्रभारी पूरन सिंह मेहता से मिली और उन से शिकायत की कि बंटी उसे परेशान करता है. जान से मारने की धमकी दे कर उस से पैसे मांगता है. वह पहले भी हत्याएं कर चुका है, इसलिए उसे डर लगता है कि कहीं वह उस की भी हत्या न कर दे.

                                                                                                                                            क्रमशः

तीन साल बाद खुला रहस्य

प्यार का बदसूरत चेहरा – भाग 2

कलुवा ने इस मारपीट की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई तो पुलिस ने बंटी को पकड़ कर जेल भेज दिया. बाद में उस के ससुर ने उसे जमानत पर जेल से बाहर निकलवाया. कलुवा ने बंटी के साथ जो किया था, उस से बंटी को लगा कि सांद्रा से संबंध बनने के बाद वह घमंडी हो गया है. इसलिए उस ने मन ही मन तय किया कि वह कलुवा को सबक सिखा कर उस का घमंड तोड़ कर ही रहेगा. इस के अलावा उस का यह भी सोचना था कि अगर कलुवा नहीं रहेगा तो सांद्रा उस से दोस्ती कर लेगी.

5 दिसंबर, 2008 की रात काफी ठंड थी. होटल हावर्ड पार्क प्लाजा के सामने कलुवा खड़ा अपनी विदेशी सवारियों का इंतजार कर रहा था. तभी बंटी ने आ कर अचानक उस पर चाकू से हमला कर दिया. उस के साथी उसे बचा पाते, उस के पहले ही बंटी ने उस पर इतने वार कर दिए कि उस ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया. इस के बाद कलुवा की हत्या के आरोप में उसे जेल भेज दिया गया. बंटी की इस हरकत से नाराज हो कर जहां मांबाप ने उसे घर से निकाल दिया, वहीं बेटी और नाती के भविष्य की चिंता में उस के ससुर ने काफी दौड़धूप कर के उसे एक बार फिर जमानत पर जेल से बाहर निकलवाया.

जेल से बाहर आ कर बंटी एक बार फिर अपने काम पर लग गया. लेकिन अब वह हमेशा इस फिराक में लगा रहता था कि किसी विदेशी लड़की से उस का चक्कर चल जाए. लेकिन इस में एक समस्या यह थी कि अगर उस का किसी विदेशी लड़की से चक्कर चल भी जाता तो वह उस से शादी नहीं कर सकता था, क्योंकि घर में उस की पत्नी और एक बेटा तो था ही, दूसरा बच्चा भी होने वाला था. पत्नी और बच्चों के रहते वह दूसरी शादी कतई नहीं कर सकता था. फिर उस के ससुर भी उस की काफी मदद कर रहे थे. उन्होंने उस के लिए एक प्लौट भी खरीद दिया था. ऐसे में ही एक दिन अचानक उस की पत्नी भावना की सीढि़यों से गिर कर मौत हो गई.

लोगों का कहना है कि बंटी ने खुद ऊपर से पत्नी को धक्का दे दिया था. लेकिन परिस्थितियां ऐसी थीं कि उस के ससुर ने इसे स्वाभाविक मौत माना और दामाद के खिलाफ कोई काररवाई नहीं की. इस तरह पत्नी से उस ने छुटकारा पा लिया. भावना की रहस्यमय मौत के बाद अब वह आराम से दूसरी शादी कर सकता था. इस के लिए वह हमेशा किसी विदेशी लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाने के चक्कर में लग गया. शायद इसीलिए वह विदेशी लड़कियों का कुछ ज्यादा ही ध्यान रखता था.

एरिन के साथ भी वह ऐसा ही कर रहा था. ताजमहल दिखाते हुए वह उस के आगेपीछे कुछ ज्यादा ही घूम रहा था. अगले दिन एरिन और उस के साथियों को फतेहपुर सीकरी जाना था. बंटी सुबहसुबह ही अपना आटो ले कर होटल ग्रीन पार्क पहुंच गया. एरिन को प्रभावित करने के लिए उस ने बाजार से नाश्ता भी खरीद लिया था. उस ने एरिन के कमरे की घंटी बजाई तो झट दरवाजा खुल गया. क्योंकि तय समय के अनुसार एरिन और उस के साथियों को पता था कि आटो वाला ही होगा.

उस ने एरिन के सामने साथ लाया नाश्ता खोल कर रखा तो वह  उसे देखती रह गई. उस की इस अदा पर एरिन निहाल सी हो गई थी. अपनी परंपरा के हिसाब से उस ने उसे चूमते हुए कहा, ‘‘तुम इंडियन सचमुच बहुत अच्छे और प्यार करने वाले होते हो.’’

एरिन ने ऐसा क्यों किया, यह तो वही जाने. लेकिन बंटी को लगा कि एरिन उस के सपनों को अवश्य सच कर सकती है. फिर तो वह पूरी लगन से उस की सेवा में लग गया. उसे घुमाने से ले कर उस के खानेपीने तक का पूरा खयाल रखने लगा.

आखिर बंटी को अपनी इस सेवा का फल मिल ही गया. उस ने अपनी सेवा की बदौलत एरिन के दिल में अपने चाहत पैदा कर दी. एरिन को बंटी भा गया था, इसलिए उस ने उस की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया. इस तरह मोहब्बत की राह पर दोनों का पहला कदम पड़ गया. बंटी की तो खुशी का ठिकाना नहीं था. कब से वह इसी कोशिश में लगा था. अब उस की कोशिश सफल होती नजर आ रही थी.

एरिन और उस के दोस्तों को आगरा आए 15 दिन से ज्यादा हो गए थे. वे दूसरी जगहों पर जाना चाहते थे, लेकिन एरिन आगरा में ही रुकना चाहती थी, इसलिए उस से दोस्तों के साथ जाने से कर दिया. शायद उसे बंटी से प्यार हो गया था. खर्च की उसे चिंता नहीं थी, क्योंकि जिस एनजीओ में वह काम करती थी, वहां से उस का वेतन अभी भी मिल रहा था, वे उस का वेतन बैंक में डाल देते थे, जिसे एरिन यहां निकाल लेती थी.

12 अक्तूबर, 2013 को एरिन का वीजा खत्म हो रहा था. लेकिन वह अमेरिका की भागदौड़ वाली जिंदगी को छोड़ कर भारत की शांत जिंदगी जीना चाहती थी. इसलिए वह होटल छोड़ कर बंटी के साथ उस की पत्नी की तरह रहने लगी थी. क्योंकि उसे लगता था कि बंटी भी उसे उतना ही प्यार करता है, जितना शाहजहां मुमताज को करता था.

कुछ ही दिनों में एरिन बंटी से कुछ इस तरह प्रभावित हुई कि उस ने उस के साथ विवाह करने का निश्चय कर लिया. तब उसे पता नहीं था कि बंटी का अतीत कैसा है. बंटी भी उस से शादी करने के लिए उतावला था. इसलिए उस ने भी एरिन के बारे में पता किए बगैर शादी का निर्णय ले लिया.

बंटी खुश था कि एक अमीर विदेशी लड़की उस से शादी करने को तैयार है. यानी अब उस का सपना सच होने वाला है. उसे उम्मीद थी कि शादी के बाद एरिन उसे अपने साथ अमेरिका ले जाएगी, जहां वह खूब डौलर कमाएगा और लंबी सी गाड़ी में घूमेगा.

एरिन को पता नहीं था कि वह बंटी से शादी कर के आग के दरिया में कूद रही है. वह भारत में रहना चाहती थी, जबकि उस का वीजा खत्म हो रहा था. उस का वीजा खत्म होता और उसे अमेरिका वापस जाना पड़ता, उस के पहले ही 11 सितंबर, 2013 को उस ने अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) के यहां कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन कर दिया. इस के बाद 12 अक्तूबर, 2013 को महावीर शर्मा, सविता जोशी, पवन जोशी की उपस्थिति में एरिन माइकल विलिंगर और बंटी शर्मा की शादी हो गई. इस तरह बंटी और एरिन पतिपत्नी बन गए. इस के बाद 15 अक्तूबर, 2013 को एरिन ने होटल ग्रीन पार्क में वैदिक रीतिरिवाज से शादी कर के अपना नाम काजल रख लिया. शादी के बाद उस ने पार्टी भी दी.

बंटी और एरिन की शादी की जानकारी अन्य लोगों को हुई तो वे चौंके. क्योंकि वे जानते थे कि बंटी ने एरिन का पैसा हड़पने के लिए उसे प्यार के जाल में फांस कर उस से शादी की है. इसलिए उन लोगों को एरिन को ले कर चिंता होने लगी, क्योंकि बंटी की फितरत के बारे में उन्हें पता था. बंटी ने एरिन से वादा किया था कि शादी के बाद वह उसे पूरा भारत घुमाएगा, लेकिन एकएक कर के दिन बीत रहे थे और बंटी कहीं जाने का नाम नहीं ले रहा था. वह सुबह आटो ले कर निकल जाता तो देर रात थकामांदा घर आता. उसे सिर्फ एक बात की चिंता थी कि एरिन के डौलर उस के हाथ कैसे लगें. उस की यह फितरत उस की बातों से भी झलकती थी.

                                                                                                                                           क्रमशः

किसी एक की नहीं हुई अनारकली

प्यार का बदसूरत चेहरा – भाग 1

अमेरिका के 125 वेस्ट चेस्टर रोड, न्यूटन की रहने वाली एरिन माइकल विलिंगर एक एनजीओ में काम करती थी. उसे घूमने का  बहुत शौक था. वह पूरी दुनिया की सैर चाहती थी, इसलिए पैसा होते ही वह दुनिया देखने के लिए निकल पड़ी. पहले वह अपने दोस्तों के साथ इजरायल गई. कुछ दिनों वहां रहने के बाद उस ने भारत भ्रमण के इरादे से उड़ान भरी तो जुलाई, 2013 में दिल्ली के एयरपोर्ट पर उतरी.

भारत की धरती पर कदम रखते ही खूबसूरत एरिन खिल उठी थी. इस की वजह थी आगरा स्थित प्यार की निशानी ताज. जब से उस ने ताजमहल के बारे में जाना सुना था, तब से वह उसे देखने की तमन्ना मन में पाले थी.

शायद इसीलिए एरिन सब से पहले अन्य जगहों पर जाने के बजाए दोस्तों के साथ दिल्ली से सीधे आगरा आ गई थी. आगरा में उन लोगों ने ताजगंज के होटल ग्रीन पार्क में पड़ाव डाला. सभी के मनों में ताज को देखने की उत्सुकता थी. वे प्यार के उस महल को देखना चाहते थे, जिसे शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था.

एरिन और उस के दोस्त अपना सामान होटल के कमरे में रख कर बाहर निकले तो आटो वालों ने उन्हें घेर लिया. एरिन के पास जो आटो वाला पहुंचा, उस का नाम बंटी शर्मा था. बंटी ने 34 वर्षीया एरिन की आंखों में आंखें डाल कर मुसकराते हुए कहा, ‘‘गुड मौर्निंग मैम, वेलकम इन सिटी औफ लव.’’

‘‘थैंक यू वेरी मच. हाऊ आर यू यंगमैन?’’ एरिन ने बंटी का अभिवादन स्वीकार करते हुए उसी की तरह मुसकराते हुए कहा.

‘‘व्हिच डेस्टीनेशन मैम?’’

‘‘ताजमहल.’’ एरिन बोली.

बंटी ने एरिन और उस के साथियों का जो थोड़ाबहुत सामान था, उसे उठा कर आटो में रखा और ताजमहल की ओर चल पड़ा. बंटी आटो ही नहीं चलाता था, बल्कि अपने टूरिस्टों के लिए गाइड का भी काम करता था. उसे अंगरेजी बहुत ज्यादा तो नहीं आती थी, फिर भी वह इतनी अंगरेजी जरूर सीख गया था कि अपनी सवारियों की जिज्ञासा टूटीफूटी अंगरेजी से शांत कर देता था.

बंटी ताजमहल की पार्किंग में अपना आटो खड़ा कर के एरिन और उस के दोस्तों को ताजमहल दिखाने चल पड़ा. अंदर जा कर वह एरिन और उस के साथियों को वहां की कलाकारी दिखाते हुए उस के बारे में बताता भी जा रहा था. बीचबीच में वह अपनी बातों से उन्हें हंसा भी रहा था. बंटी की बातें एरिन को कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही थीं. वह उस की बातों पर खुल कर हंस रही थी.

बंटी ने जब बताया कि यह ताजमहल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था तो एरिन ने हंसते हुए कहा था, ‘‘काश! मुझे भी कोई ऐसा प्रेमी मिल जाता जो मेरे लिए इसी तरह की खूबसूरत इमारत बनवाता.’’

एरिन की इस बात पर उस के साथी हंसने लगे तो बंटी ने भी उन का साथ देते हुए कहा, ‘‘क्या पता मैम, आप को भी कोई ऐसा ही दीवाना मिल जाए जो आप के लिए भले ही इस तरह की खूबसूरत इमारत न बनवा पाए, लेकिन प्यार बादशाह शाहजहां से भी ज्यादा करे.’’

एरिन ने उसे घूर कर देखा. इस के बाद आगे बढ़ते हुए बोली, ‘‘इस तरह का प्यार करने वाला तो इंडिया में ही मिल सकता है. हमारे यहां तो इस तरह प्यार करने वाला कोई नहीं मिलेगा.’’

‘‘तो यहीं किसी से प्यार कर लो.’’ बंटी ने हंसते हुए कहा.

एरिन मुसकराते हुए आगे बढ़ गई. ताजमहल घूमतेघूमते शाम हो गई. बंटी ने उन सभी को ला कर उन के होटल में छोड़ दिया.

आटो ड्राइवर बंटी ताजगंज इलाके के एमपी गुम्मट के रहने वाले अशोक जोशी का तीसरे नंबर का बेटा था. अशोक जोशी मूलरूप से राजस्थान के धौलपुर के रहने वाले थे. रोजीरोजगार की तलाश में वह आगरा आ गए थे. यहां आ कर भी उन्हें ढंग का कोई रोजगार नहीं मिला. किसी तरह मेहनतमजदूरी कर के उन्होंने बच्चों को पालपोस कर बड़ा तो कर दिया, लेकिन किसी को ढंग से पढ़ालिखा नहीं सके. किसी तरह बंटी ने आठवीं पास कर लिया था.

बंटी थोड़ा समझदार हुआ तो ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों और उन्हें लुभाने वाले भारतीयों से अंगरेजी सीखने लगा. उसे कुछ अंगरेजी आने लगी तो वह पर्यटकों को छोटेमोटे सामान बेचने लगा. इस के बाद जब वह पर्यटकों के बीच खुल गया तो गाइड का भी काम करने लगा.

साधारण परिवार से आए बंटी के पास पैसे आने लगे तो वह ढंग से रहने लगा. अब तक वह शादी लायक हो गया था. ठीकठाक कमाने भी लगा था. इसलिए उस के लिए रिश्ते भी आने लगे थे. घर वालों ने ताजगंज के ही रहने वाले ओमप्रकाश शर्मा की एकलौती बेटी भावना से उस की शादी कर दी. एकलौती बेटी होने की वजह से ओमप्रकाश ने बंटी की शादी में खूब दानदहेज भी दिया था. यही नहीं, उन्होंने उस के लिए एक आटो खरीद दिया, जिस की कमाई से बंटी ढंग से रहने लगा.

शादी के कुछ दिनों बाद बंटी एक बेटे का बाप भी बन गया, जिस का नाम उस ने भोला रखा था. बंटी की कमाई काफी बढ़ गई थी, लेकिन इसी के साथ उस का लालच भी बढ़ गया था. वह ज्यादा कमाई के ही चक्कर में विदेशी पर्यटकों की तलाश में इस होटल से उस होटल घूमता रहता था. उसी बीच उस ने एक और आटो खरीद लिया, जिसे वह किराए पर चलवाने लगा था. इस तरह उस की कमाई और बढ़ गई.

सब कुछ ठीकठाक चल रहा था. लेकिन लालची बंटी की नजर अब किसी ऐसी महिला पर्यटक की तलाश में रहने लगी थी जो उस से प्रेम  कर सके. क्योंकि आगरा में ऐसी तमाम विदेशी महिला पर्यटक थीं, जो आटो वालों, गाइडों या सामान बेचने वालों से प्रेम करने लगी थीं. कुछ ने तो शादी भी कर ली थी.

ये पर्यटक महिलाएं अपने प्रेमियों या पतियों पर खूब पैसे खर्च करती थीं. किसी ने अपने प्रेमी या पति को आटो खरीद दिया था तो किसी ने घर. कुछ तो अपने साथ ले कर विदेश चली गई थीं. यही सब देख कर बंटी भी इस तलाश में रहने लगा था कि अगर उसे भी कोई विदेशी प्रेमिका या पत्नी मिल जाती तो उस की भी किस्मत चमक उठती लेकिन उसे कोई मिल ही नहीं रही थी. इसी चक्कर में उस के हाथों एक अपराध हो गया, जिस की वजह से उसे जेल भी जाना पड़ा.

हुआ यह था कि उस के एक साथी कलुवा का एक विदेशी पर्यटक से चक्कर चल गया. कलुवा भी उसी के मोहल्ले का रहने वाला था और उसी की तरह आटो चलाता था. वह बड़ा ही समझदार था. उस का व्यवहार भी काफी शालीन था. शायद इसी वजह से स्पेन की रहने वाली सांद्रा उसे अपना दिल दे बैठी थी. उस ने उस के साथ विवाह करने का भी निश्चय कर लिया था. सांद्रा काफी धनी परिवार से थी, इसलिए वह कलुवा की हर तरह से मदद कर रही थी.

आगरा में सांद्रा कलुवा के घर पर ही रह रही थी. उसी बीच उस की मां की तबीयत खराब हो गई तो सांद्रा ने ही उस का इलाज कराया. इस के बाद वह कलुआ को अपने साथ स्पेन भी ले गई. कलुवा स्पेन से लौटा तो एक दिन उस की मुलाकात बंटी से हुई. बंटी ने उस से स्पेन के बारे में पूछा तो उस ने स्पेन के बारे में ही नहीं, सांद्रा और उस के घरपरिवार वालों के बारे में भी सब कुछ बताया. जब बंटी को पता चला कि सांद्रा बहुत पैसे वाले घर की है तो उस के मन में लालच आ गया. उस ने कलुवा से कहा कि वह सांद्रा से उस की भी दोस्ती करवा दे, लेकिन कलुवा ने मना कर दिया. इस बात को ले कर उस ने कलुआ के साथ मारपीट की.

                                                                                                                                            क्रमशः