मौके का निरीक्षण करने के बाद पुलिस ने होटल मैनेजर ने पूछताछ की तो उस ने बताया, ”यह युवती, जिस का नाम जोया है, अपने शौहर अजरुद्दीन के साथ परसों रात को होटल में आई थी. कल रात को इस का शौहर अजरुद्दीन खाना लाने की बात कह कर होटल से बाहर गया था. फिर मैं ने नहीं देखा कि वह लौटा या नहीं. दानिश के आने के बाद कमरा खोला तो लाश मिली.’’
एसएचओ अंकित चौहान ने दानिश को पास बुलाया. वह अभी भी रो रहा था. उस के कंधे को सहानुभूति से दबा कर इंचार्ज अंकित चौहान ने प्रश्न किया, ”मिस्टर, आप कैसे जानते थे कि कमरा नंबर 204 में आप की बहन की लाश पड़ी है.’’
”मुझे सुबह खुद अजरुद्दीन ने फोन कर के यह बात बताई थी.’’
”अजरुद्दीन आप के जीजा लगते हैं तो…’’
”अजरू मेरा जीजा नहीं है, उस का मेरी बहन जोया से प्रेम संबंध था, लेकिन अजरू इन दिनों बाइक चोरी करने के आरोप में जेल में चला गया था. हमें यह बात अच्छी नहीं लगी. अब्बू एक चोर के साथ जोया का निकाह कभी नहीं करते.
”उन्होंने दिल्ली में जोया के लिए एक लड़का पसंद कर के उस के साथ जोया का रिश्ता पक्का कर दिया. 14 नवंबर को उस के साथ जोया की शादी होनी थी.’’
”अजरुद्दीन कहां रहता है?’’ एसीपी सलोनी अग्रवाल ने पूछा.
”वह कल्लूगढ़ी गांव (गाजियाबाद) में ही रहता है.’’ दानिश ने बताया.
एसीपी सलोनी अग्रवाल ने पहले जोया की लाश की जांच करने के लिए फोरैंसिक टीम को बुलवाया. कमरे से फोरैंसिक टीम ने सबूत एकत्र किए. इस के बाद जोया की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.
एसीपी सलोनी अग्रवाल ने अजरुद्दीन की गिरफ्तारी के लिए एसएचओ अंकित चौहान को नियुक्त कर दिया.
अजरू ने क्यों किया प्रेमिका का कत्ल
अंकित चौहान ने अपनी पुलिस टीम के साथ कल्लूगढ़ी में अजरुद्दीन को पकडऩे के लिए रेड डाली, लेकिन यह वहां से फरार हो गया था. अंकित चौहान ने अपने खास मुखबिर उस की टोह में लगा दिए.
20 अक्तूबर, 2023 को अजरुद्दीन को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया. जब पुलिस सड़क पर वाहनों की चैकिंग कर रही थी और अजरुद्दीन उसी रास्ते धोलाना की तरफ जा रहा था.
पुलिस को देख कर अजरुद्दीन अपने वाहन से कूद कर भागा तो पुलिस ने उस का पीछा किया. उसे पकडऩे के लिए पुलिस को मजबूरन उस के पांव में गोली मारनी पड़ी. वह गिरा तो पुलिस ने उसे दबोच लिया.
उसे वेव सिटी थाने लाया गया. थाने में उस ने पूछताछ के दौरान लव क्राइम के पीछे की जो कहानी बताई, इस प्रकार थी—
अजरुद्दीन जोया उर्फ शहजादी को अपनी जान से ज्यादा प्यार करता था. उस की खातिर उस ने अपनी नेक और बहुत चाहने वाली बीवी जीनत और 5 बच्चों तक को छोड़ दिया. जोया की फरमाइशें पूरी करने के लिए उस ने अपने बापदादा की जमीनें बेच भी दीं, अपना पैतृक मकान भी बेच डाला. वह जोया को हर तरह से खुश रखता था.
जोया की खातिर सब कुछ बेच देने के बाद वह किराए का घर ले कर रहने लगा और जोया की डिमांड पूरी करने के लिए बाइक चोरी करने लगा. उस पर नोएडा और गाजियाबाद थानों में चोरी के कई केस दर्ज हुए और जेल तक जाना पड़ा.
जोया वहां उस से मिलने आती थी. जोया के घर वालों ने उसे जेल में बंद देख कर झटपट जोया का रिश्ता दिल्ली में तय कर दिया. उसे यह बात पता चली तो वह तड़प उठा. उस ने किसी तरह अपनी जमानत करवा ली और जेल से बाहर आ गया.
उस ने जोया को फोन कर के आखिरी मुलाकात के लिए गाजियाबाद बुलाया. बहुत मिन्नतें करने पर वह शौपिंग के बहाने से गाजियाबाद आ गई. वह 20 अक्तूबर की शाम थी. अजरुद्दीन ने यहां होटल अनंत में एक कमरा पतिपत्नी के रूप में बुक करा लिया था.
कमरे में आ कर उस ने जोया को वह रिश्ता तोड़ देने की मिन्नतें कीं, लेकिन उस ने इंकार कर के कहा कि वह एक चोर के साथ निकाह हरगिज नहीं कर सकती, इसलिए वह उसे भूल जाए.
जिस के पीछे अजरुद्दीन पूरी तरह बरबाद हो गया, वह अब उसे चोर कह रही थी. वह दूसरे दिन भी जोया को मनाता रहा, वह नहीं मानी तो उस ने उस की कोल्ड ड्रिंक में जहर मिला दिया. जब वह फ्रेश होने के लिए बाथरूम में गई थी. वह कोल्ड ड्रिंक पी कर बेसुध हो कर पलंग पर पसर गई. उस के सोते ही अजरुद्दीन ने तकिया उस के मुंह पर रख कर तब तक दबाया, जब तक उस के प्राण नहीं निकल गए.
प्रेमिका की हत्या करने के बाद उस ने रात को अपने दोस्त जलाल को बाइक ले कर होटल के पीछे बुलाया था. खाना लाने के बहाने अजरुद्दीन होटल से निकला तो जलाल होटल के पीछे खड़ा मिल गया. वह उस की बाइक पर बैठ कर होटल से दूर निकल गया. इस के बाद सुबह उस ने जोया के भाई दानिश को जोया की लाश होटल के कमरा नंबर 204 में होने की जानकारी फोन से दे दी थी.
अजरुद्दीन द्वारा जोया की हत्या का जुर्म कुबूल करने के बाद उसे न्यायिक मजिस्ट्रैट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
अजरुद्दीन के इस बयान के बाद जलाल को भी पुलिस ने दबोच लिया और जेल भेज दिया.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित