UP News : जिम ट्रेनर का प्यार हुआ खूंखार

UP News : बौडी बिल्डिंग के अनेक खिताब जीत चुके विमल सोनी को उन्नाव के तत्कालीन डीएम ने औफीसर्स क्लब में जिम ट्रेनर की नौकरी पर रखवा दिया था, जहां वह तमाम अधिकारियों के अलावा प्रतिष्ठित परिवार की महिलाओं को भी एक्सरसाइज कराता था. इसी दौरान एक दिन उस ने एक्सरसाइज करने वाली एकता गुप्ता की हत्या कर उस की लाश क्लब के गेट के पास ही दफना दी. आखिर उस ने ऐसा क्यों किया? पढ़ें, यह दिलचस्प कहानी. 

रोजरोज एकता द्वारा झगड़ा करने और धमकी दिए जाने से विमल तंग आ चुका था. उसे ऐसा लगने लगा था कि अगर एकता को नहीं मारा तो वह उसे जीने नहीं देगी. वह खुद भी विमल से शादी नहीं करना चाहती थी और उसे भी शादी करने से रोक रही थी. चूंकि विमल के पास कोई विकल्प नहीं बचा था, इसलिए उस ने उन की हत्या का प्लान तैयार किया. अजय देवगन की फिल्म ‘दृश्यम’ और ‘दृश्यम 2’ विमल ने कई बार देखी थी. उसी फिल्म की तर्ज पर उस ने हत्या करने और शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया. जिस तरह फिल्म में शव को नवनिर्मित थाने में दफन कर दिया था. उसी तरह विमल ने भी हत्या के बाद शव को औफीसर्स क्लब में दफनाने का प्लान बनाया.

24 जून, 2024 की सुबह एकता जिम आई. एक्सरसाइज के बाद थकान कम करने वाले एनर्जी ड्रिंक में विमल ने नशीली गोलियां मिला दीं. फिर वह ड्रिंक एकता को पिला दिया. एकता का सिर कुछ भारी हुआ तो विमल ने उसे गाड़ी में जा कर बैठने को कहा. पीछे से वह भी वहां गया. गाड़ी के शीशे पर काली फिल्म लगी होने के कारण कोई उसे देख न सका. कार में बैठते ही एकता शादी की बात को ले कर झगडऩे लगी. विमल ने उसे समझाने की कोशिश की तो वह उस से उलझ गई और जोरजोर से चिल्लाने लगी. उस की इस हरकत पर विमल को भी गुस्सा आ गया. उस ने उसे चुप कराने के लिए एक घूंसा मार दिया. घूंसा उस के गले पर लगा. वह बेहोश हो गई. इस के बाद उस ने रस्सी व चुनरी से उस का गला घोंट दिया. इस दौरान उस की चूडिय़ां आदि भी टूट गईं.

प्लान के मुताबिक विमल ने एकता की डैडबौडी को गाड़ी में पीछे की सीट पर लिटा दिया. इस के बाद उस ने एक फावड़े का इंतजाम किया. फिर वह औफीसर्स क्लब पहुंचा. गेट की चाबी उस के पास ही थी. उस ने गेट खोला और कार अंदर ले जा कर खड़ी कर दी. गेट के पास पौधा लगाने को खोदे गए गड्ïढे को फावड़े से और गहरा किया फिर एकता के शव को गड्ïढे में दफना दिया, ऊपर से घासफूस डाल दी ताकि किसी को शक न हो. उस के बाद वह कार ले कर बाहर आ गया.

लाश को ठिकाने लगाने के बाद उस ने अपना और एकता का फोन और सिम दोनों तोड़ दिए. इस के बाद वह सीधा गंगा बैराज गया. एकता का बैग गंगा में फेंक दिया. वहां उस ने भी 2 बार सुसाइड करने की कोशिश की, लेकिन वह डर गया. उस ने घंटाघर पहुंच कर भांजे से अपने कपड़ों का बैग मंगवाया, फिर कार को अपनी बहन के घर के पास छोड़ कर झकरकटी बस अड्डा पहुंचा, फिर बस से फरार हो गया. पहले वह रिश्तेदार के घर महोबा गया. वहां से आगरा फिर दिल्ली पहुंचा. वहां से अमृतसर (पंजाब) गया. पंजाब में वह वेटर का काम करता रहा. अंत में पकड़ा गया.

एकता जिम से 8 बजे तक घर लौट आती थी, लेकिन उस दिन तो 10 बज चुके थे. वह वापस नहीं आई थी. उस का पति राहुल परेशान हो उठा. उस ने पत्नी को काल की तो उस का फोन बंद था. उस ने तब विमल सोनी को काल लगाई. फोन उस के भांजे अनिरुद्ध ने रिसीव किया. उस ने राहुल को बताया कि मामा गाड़ी ले कर निकल गए हैं. वह अपना फोन जिम में ही भूल गए हैं. राहुल ने एकता के बारे में पूछा तो उस ने बताया कि एकता जिम आई थी. एक घंटे बाद वह वापस चली गई.

जिम ट्रेनर पर क्यों हुआ शक

 

अब राहुल का माथा ठनका. वह एकता की तलाश में जुट गया. एकता का मायका उन्नाव के ऋषि नगर (शुक्लागंज) में था. वह सब से पहले ससुराल पहुंचा. उस ने ससुराल वालों को एकता के लापता होने की जानकारी दी. राहुल की बात सुन कर एकता के पेरेंट्स और भाई सन्न रह गए. मम्मी सुनीता व भाइयों ने कई बार एकता को काल की, लेकिन उस का मोबाइल फोन बंद था. उस ने अपने भाई व ससुराल वालों के साथ हर संभावित स्थान पर दोनों की तलाश शुरू की, लेकिन न तो एकता का पता चला और न ही विमल का.

हताश हो कर राहुल गुप्ता 24 जून, 2024 की शाम थाना कोतवाली जा पहुंचा. वहां उस समय कोतवाल संतोष कुमार शुक्ला को पत्नी एकता के गायब होने की सूचना दी. उस ने शक जताया कि जिम ट्रेनर विमल सोनी ने नशीला ड्रिंक पिला कर उस की पत्नी का किडनैप कर लिया है. उस के बैंक खाते में 55 लाख रुपए हैं तथा लाखों रुपए की ज्वैलरी भी उस के पास है. एसएचओ संतोष कुमार शुक्ला ने एकता के किडनैप की रिपोर्ट जिम ट्रेनर विमल सोनी के खिलाफ दर्ज कर ली. उन्होंने राहुल को आश्वासन दिया कि वह एकता की खोज जल्द ही करेंगे.

कोतवाल संतोष कुमार शुक्ला ने अपनी टीम के साथ जांच जिम से शुरू की. उन्होंने ग्रीन पार्क के जिम में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला तो पता चला कि एकता 24 जून, 2024 की सुबह 5:53 बजे जिम आई थी और 7 बजे जिम से बाहर जाती दिखी. विमल सोनी की आई10 कार भी जिम की पार्किंग के गेट नंबर 2 से निकलती दिखाई दी. उस में एकता थी या नहीं, यह दिखाई नहीं दिया. क्योंकि कार के शीशे पर काली फिल्म चढ़ी थी. जिम में विमल का भांजा अनिरुद्ध मौजूद था. पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया.

पुलिस ने विमल सोनी की आई10 कार की तलाश कानपुर शहर के मुख्य मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से शुरू की. कई दरजन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद पता चला कि विमल की कार ग्रीन पार्क से निकल कर कंपनी बाग, गंगा बैराज गई. फिर वापस इसी मार्ग से आई और औफीसर्स क्लब की ओर 2 बार गई. विमल सोनी का भांजा अनिरुद्ध, जो जिम का कर्ताधर्ता था, अपनी मम्मी सोनी के साथ मिलिट्री कैंप कंपाउंड जूही में रहता था. पुलिस टीम वहां पर पहुंची तो बहन के घर से कुछ दूरी पर विमल की आई10 कार बरामद हो गई. कार बरामदगी की खबर राहुल गुप्ता को लगी तो वह भी कोतवाली आ गया.

पुलिस ने कार की तलाशी ली तो कार की पीछे की सीट के नीचे से टूटी हुई चूडिय़ां, चुनरी, टूटा क्लेचर, तौलिया, सिम ट्रे तथा रस्सी का टुकड़ा बरामद हुआ. बरामद सामान को पुलिस ने सुरक्षित कर लिया. सामान देख कर राहुल ने आशंका जताई कि एकता के साथ कुछ अनहोनी हुई है. वह घबरा उठा. उस के मन में तरहतरह की आशंकाएं उमडऩेघुमडऩे लगी थीं. एकता के पास एक बैग था, वह कार से बरामद नहीं हुआ था.

कोतवाली में पुलिस हिरासत में बैठे अनिरुद्ध से पुलिस टीम ने पूछताछ की तो उस ने बताया कि उसे एकता मैम और मामा विमल के बारे में कुछ भी पता नहीं है. विमल मामा जिम में बैग व मोबाइल फोन छोड़ कर चले गए थे. शाम को उन्होंने बैग व मोबाइल फोन घंटाघर मंगवाया था. सामान देने वह घंटाघर गया था. पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे थाने से जाने दिया. क्योंकि उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस के पास कोई सबूत न था.

विमल और एकता की काल डिटेल्स से खुले नए राज

 

अब तक की जांच में पुलिस को यह पता चल चुका था कि आरोपी जिम ट्रेनर विमल सोनी पहुंच वाला व्यक्ति है. उस की पूर्व व वर्तमान आईएएस व पीसीएस अफसरों से अच्छी जानपहचान है. एकता और विमल के मोबाइल फोन बंद होने से उन की लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही थी. शक के आधार पर पुलिस ने विमल की बहन सोनी, भाभी कल्पना तथा पापा रामसेवक के फोन नंबरों को भी सर्विलांस पर लगा रखा था, लेकिन वह परिवार के किसी भी सदस्य के संपर्क में नहीं था. पुलिस ने एकता व विमल के फोन की काल डिटेल्स निकलवाई तो चौंकाने वाली बात सामने आई. काल डिटेल्स से पता चला कि एकता व विमल सोनी के बीच पिछले 6 महीनों में लगभग 60 घंटे बात हुई. यानी 10 घंटे हर माह. जिस से यह बात साफ हुई कि एकता और विमल के बीच लगभग 20 मिनट हर रोज बात होती थी.

पुलिस ने समझ लिया कि दोनों के बीच अफेयर था. प्रेम प्रसंग के चलते ही एकता विमल के साथ अपनी मरजी से गई है. उस का अपहरण नहीं हुआ. प्रेम प्रसंग का मामला समझ कर पुलिस हाथ पर हाथ रख कर बैठ गई. इधर जब एक महीने तक एकता को पुलिस नहीं खोज पाई तो राहुल चिंतित हो उठा. उसे एक तरफ बच्चों की चिंता थी तो दूसरी ओर पत्नी की. तीसरे बूढ़े पापा बीमार थे. एकता थी तब उन की सेवा होती थी. अब वह भी असहाय थे. राहुल की समझ में नहीं आ रहा था कि वह करे तो क्या करे.

अफसरों की चौखट पर दौड़ लगातेलगाते जब राहुल की चप्पलें घिस गईं और पत्नी का कुछ पता न चला, तब उस ने हाई लेवल सिफारिश की सोची. राहुल के रिश्ते के बहनोई की बहन आईबी दिल्ली में अफसर थी. राहुल ने बहनोई के मार्फत उन से मदद मांगी तो उन्होंने आईबी डायरेक्टर के माध्यम से सिफारिश कराई. कई अफसरों को फोन कराए. तब जा कर पुलिस सक्रिय हुई. एडीशनल सीपी (ला ऐंड आर्डर) हरीश चंदर तथा डीसीपी (पूर्वी) श्रवण कुमार सिंह ने एसीपी आशुतोष की निगरानी में पुलिस टीम का गठन किया और कहा कि एकता किडनैप केस का जल्द परदाफाश करे. इस के बाद टीम जीजान से जुट गई और हर बिंदु की बारीकी से जांच शुरू की.

टीम ने सख्ती से जांच शुरू की, सीसीटीवी फुटेज खंगाले, विमल के घर वालों व नातेरिश्तेदारों पर शिकंजा कसा तो टीम को जानकारी मिलने लगी. इसी जानकारी के आधार पर पुलिस टीम महोबा, आगरा, दिल्ली तथा पंजाब तक गई. पंजाब के अमृतसर में टीम को पता चला कि विमल यहां एक होटल में 20 दिन तक काम करता रहा. फोटो देख कर होटल मैनेजर ने विमल की पहचान की. विमल वहां नहीं मिला तो टीम वापस लौट आई.

घर वालों पर डाला गया दबाव आया काम

25 अक्तूबर, 2024 की दोपहर पुलिस टीम पूछताछ करने विमल की बहन सोनी के घर जूही मिलिट्री कैंप पहुंची. पुलिस अभी पूछताछ कर ही रही थी कि इसी दौरान विमल का फोन आया. विमल ने बहन को उस जगह के बारे में बताया, जहां वह खड़ा था. पुलिस टीम ने सोनी से फोन छीन लिया, फिर पुलिस टीम सादे कपड़ों में बस स्टैंड पहुंची और खलवा पुल पर खड़े विमल को घेराबंदी कर दबोच लिया. इस दरम्यान वह 3 इंसपेक्टरों से भिड़ गया और हाथापाई भी की. उस के पास से पुलिस को 2 मोबाइल फोन बरामद हुए.

विमल सोनी को थाना कोतवाली लाया गया तथा सूचना पुलिस अधिकारियों को दी गई. सूचना पाते ही एडिशनल सीपी हरीश चंदर तथा डीसीपी (पूर्वी) श्रवण कुमार सिंह कोतवाली आ गए. पुलिस अधिकारियों ने विमल सोनी से तीसरे राउंड की पूछताछ में और सख्ती बरती तो विमल बोला, ”सर, मैं ने एकता को मार डाला है और शव को गंगा में बहा दिया है.’’

यह जान कर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए. पुलिस रात में ही उसे ले कर गंगा बैराज के अटल घाट पहुंची और एकता के शव की खोज नाव से अटल घाट से ले कर सरसैया घाट, भैरव घाट तथा बाबा घाट तक की, लेकिन उस की बात सच नहीं निकली. उस पर थोड़ी और सख्ती की गई तो वह पुलिस को बिठूर स्थित धु्रव टीला ले गया. वहां उस की निशानदेही पर खुदाई कराई, लेकिन शव बरामद नहीं हुआ. पुलिस समझ गई कि वह गुमराह कर रहा है.

पुलिस ने रात को ढाई बजे क्यों की प्रैस कौन्फ्रैंस

26 अक्तूबर, 2024 की शाम विमल पर और सख्ती की गई तो उस ने मुंह खोला और बताया कि उस ने 24 जून, 2024 को ही एकता को मार डाला था और उस की डैडबौडी डीएम आवास के बगल में औफीसर्स क्लब में गेट के पास गड्ढा खोद कर दफना दी थी. यह सुन कर पुलिस के होश उड़ गए. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को सूचना दी गई. बड़े अफसरों से बात के बाद अति गोपनीय तरीके से खुदाई की.

पुलिस ने एकता के पति राहुल को सूचना दी तो वह अपने भाई हिमांशु के साथ कोतवाली आ गया. वहां उस का फोन जमा करा लिया गया. उसे यह नहीं बताया गया कि उसे किस वजह से बुलाया गया है. रात लगभग साढ़े 10 बजे पुलिस ने मुंह पर कपड़ा ढक कर आफीसर्स क्लब में प्रवेश किया. राहुल को भी वहां लाया गया. उस के बाद गेट बंद कर दिया गया ताकि अंदर कोई न आ सके. मीडिया से भी दूरी बनाई गई. 4 फीट खोदने के बाद गड्ढे से मानव सड़ांध की दुर्गंध आने लगी. कुछ और खुदाई के बाद सड़ागला शव दिखाई दिया. इस शव को गड्ढे के बाहर निकाला गया.

शव को राहुल ने देखा तो तुरंत पहचान लिया. उस ने पुलिस को बताया कि शव उस की पत्नी एकता गुप्ता का है. उस ने शव की पहचान एकता के कपड़ों व बालों से की.

सभी की लाडली क्यों थी एकता गुप्ता

सुबह एकता की हत्या और शव बरामद होने की खबर उस के मायके पहुंची तो रोताबिलखता पूरा परिवार पोस्टमार्टम हाउस हैलट जा पहुंचा. वहां राहुल भी बिलख रहा था. 27 अक्तूबर, 2024 को एडीशनल सीपी हरीश चंदर व डीसीपी (पूर्वी) श्रवण कुमार सिंह ने एकता हत्याकांड के संबंध में विमल सोनी से विस्तार से पूछताछ की तथा उस का बयान लिखित व रिकौर्ड कराया. एकता मर्डर की कहानी विमल की जुबानी इस तरह सामने आई.

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद का बड़ी आबादी वाला एक कस्बा है शुक्लागंज. इसी कस्बे के ऋषि नगर मोहल्ले में कैलाश पैलेस के पास गणेश प्रसाद गुप्ता अपने परिवार के साथ रहते थे. उन के परिवार में पत्नी सुनीता के अलावा 2 बेटे हिमांशु, आदित्य तथा एक बेटी एकता थी. गणेश प्रसाद कपड़ा व्यापारी थे, जिस से अच्छीखासी आमदनी होती थी. एकता गणेश प्रसाद गुप्ता की लाडली बेटी थी. 2 भाइयों के बीच वह इकलौती थी, इसलिए घर के सभी लोग उसे खूब प्यार करते थे. एकता जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही हंसमुख भी थी.

एकता ने ग्रैजुएशन करने के बाद बीएड भी कर लिया था. वह अपने पैरों पर खड़े होने के लिए पढ़ाई जारी रखना चाहती थी, लेकिन गणेश प्रसाद व सुनीता को बेटी की पढ़ाई से ज्यादा उस के हाथ पीले करने की चिंता सताने लगी थी. कुछ समय बाद उन्हें राहुल नाम का लड़का पसंद आ गया. राहुल गुप्ता कानपुर शहर के सिविल लाइंस में स्थित गोपाल विहार बिन्नी विला सोसाइटी में रहता था. उस की मम्मी की मृत्यु हो चुकी थी और पापा भी अकसर बीमार रहते थे. राहुल पढ़ालिखा था. वह शेयर कारोबारी था.

इस के बाद वर्ष 2010 में सामाजिक रीतिरिवाज से एकता का विवाह राहुल गुप्ता के साथ धूमधाम से कर दिया. ससुराल आते ही एकता ने घर की जिम्मेदारी संभाल ली. सास थी नहीं, ससुर भी अस्वस्थ रहते थे. सो उन्होंने हंसीखुशी से घर व तिजोरी की चाबी संस्कारी बहू को सौंप दी थी. एकता पति का खयाल तो रखती ही थी, ससुर की सेवा में भी कोई कमी नहीं छोड़ती थी. उन्हें समय पर खाना देना, समय पर दवा देना वह कभी नहीं भूलती थी.

शादी के एक साल बाद एकता ने बेटी हर्षी को जन्म दिया. बेटी के जन्म के 2 साल बाद एक बेटे हार्दिक को जन्म दिया. बेटेबेटी के जन्म से उन का घरआंगन खुशियों से भर उठा था. समय बीतते दोनों बच्चे बड़े हुए तो स्कूल जाने लगे. चूंकि एकता पढ़ीलिखी थी, इसलिए उस ने बच्चों का एडमिशन अच्छे इंग्लिश मीडियम स्कूल में करा दिया. बच्चे स्कूल जाने लगे तो उस की जिम्मेदारियां भी बढ़ गईं.

जिम बना प्यार का जरिया

एकता अपने स्वास्थ्य के प्रति बेहद संजीदा रहती थी. उसे देख कर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था कि वह 12 और 10 साल के 2 बच्चों की मां है. अपने शरीर को फिट रखने के लिए एक दिन एकता ने पति से जिम जाने की परमीशन मांगी. राहुल पत्नी की इच्छा को इग्नोर नहीं कर सका, इसलिए उस ने एकता को जिम जाने की अनुमति दे दी. यही नहीं, उस ने कहा कि ग्रीन पार्क स्टेडियम में हाईटेक जिम है. वहां बड़े घरानों की महिला, पुरुष, अफसर व खिलाड़ी आते हैं. जिम ट्रेनर विमल सोनी से उस की जानपहचान भी है. वह उस से टिप्स ले भी चुका है. विमल को वह अपना गुरु मानता है और सम्मान भी करता है.

पति से जिम जाने की परमीशन मिली तो एकता खुशी से झूम उठी. उस के बाद मार्च 2023 में उस ने ग्रीन पार्क स्टेडियम स्थित हाईटेक जिम जाना शुरू कर दिया. इसी जिम में एकता की मुलाकात विमल सोनी से हुई. पहली ही मुलाकात में दोनों एकदूसरे से प्रभावित हुए. जिम आतेजाते एकता को पता चला कि विमल एक अनुभवी ट्रेनर है. वह खास लोगों, अफसरों व उच्च घरानों की महिलाओं को ही कसरत की ट्रेनिंग देता है. उस की पहुंच बड़े अफसरों तक है. यह सब देख कर एकता विमल से प्रभावित हुई. विमल के पिता रामसेवक वाल्मिकी कानपुर शहर के थाना रायपुरवा के शक्कर मिल खलवा में रहते थे. उन के परिवार में पत्नी के अलावा 3 बेटे व 4 बेटियां थीं. इन सभी में विमल सब से छोटा था. रामसेवक रोडवेज से रिटायर हो चुके थे. उन की पत्नी की मौत हो चुकी थी.

रामसेवक वाल्मिकी का सब से छोटा बेटा विमल अपने अन्य भाइयों से ज्यादा तेजतर्रार था. वह पढ़ालिखा तो ज्यादा नहीं था, लेकिन बातचीत में तेज था. वह अपने शरीर पर ज्यादा फोकस करता था. कसरत कर उस ने अपने शरीर को फौलाद जैसा बना लिया था. इसी बलबूते उस ने 2010 में कानपुर का बौडी बिल्डर का खिताब जीता. उस के बाद यूपी का बौडी बिल्डर का खिताब भी जीता. इस के बाद उस ने मुंबई में मिस्टर इंडिया बौडी बिल्डर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. वह खिताब तो नहीं जीत पाया, लेकिन पांचवें नंबर पर रहा. फिर वह कानपुर लौट आया और एक होटल में वेटर की नौकरी करने लगा.

इस की जानकारी मीडिया के माध्यम से तत्कालीन डीएम को हुई तो उन्होंने विमल को बंगले पर बुलवाया. उन्होंने अपने बंगले के बगल में बने औफीसर्स क्लब में उसे जिम ट्रेनर की नौकरी पर रखवा दिया.

एकता जिम ट्रेनर की शादी का क्यों कर रही थी विरोध

19 फरवरी, 2020 को ग्रीन पार्क स्टेडियम में हाईटेक जिम का उद्घाटन हुआ. सरकारी ग्राउंड पर बने इस जिम में ज्यादातर अफसर और उन की पत्नियां एक्सरसाइज करने आती थीं. यहीं पर विमल सोनी की तैनाती आउटसोर्सिंग के जरिए बतौर जिम ट्रेनर कराई गई. जिम की एक चाबी विमल के पास ही रहती थी. यही नहीं, उस ने वहां एक कमरा भी अलाट करा लिया था. उस का डीएम आवास व क्लब में बेधड़क आनाजाना था. वह क्लब के कमरे में ही 8-10 घंटे बिताता था. चूंकि उस की आईएएस व पीसीएस अफसरों से अच्छी जानपहचान थी, अत: वह अन्य कोचों पर खूब रौब गांठता था. उस की शिकायत करने की हिम्मत कोई भी नहीं जुटा पाता था.

राहुल गुप्ता की पत्नी एकता जिम जाने लगी तो विमल सोनी ही उसे एक्सरसाइज कराता था. एकता को जिम आतेजाते अभी एक महीना ही बीता था कि दोनों के बीच नजदीकियां बढऩे लगीं. नजदीकियां बढ़ी तो वे बाहर भी घूमने लगे. विमल के पास आई10 कार थी. यह कार उस के फ्रेंड शोएब की थी. इसी कार से एकता और विमल सैरसपाटा करते. ग्रीन पार्क की पार्किंग में भी दोनों कार में बैठ जाते और फिर घंटों बातें करते. चूंकि कार के शीशों पर काली फिल्म चढ़ी रहती, इसलिए उन्हें न कोई गौर से देख पाता और न ही उन के बीच हो रही बातों को सुन पाता.

एकांत में ज्यादा रहने पर जल्द ही उन के बीच अफेयर हो गया. दोनों के बीच हर रोज मोबाइल फोन पर भी बातचीत होने लगी. दोनो के बीच अफेयर चल ही रहा था कि इसी बीच एकता को पता चला कि विमल शादी करने जा रहा है. शायद उस की शादी तय भी हो गई है. शादी की बात एकता को अखर गई. उस ने इस बाबत विमल से पूछा तो उस ने पुष्टि की और कहा कि उस के पेरेंट्स जल्दी ही उस की शादी करने वाले हैं.

शादी की बात विमल के मुंह से सुन कर एकता का चेहरा तमतमा उठा. उस ने शादी का विरोध करते हुए कहा, ”जब हम दोनों का अफेयर चल रहा है तो तुम शादी क्यों कर रहे हो. तुम्हें मेरे साथ धोखा नहीं करना चाहिए था.’’

विमल ने किसी तरह एकता को समझाबुझा कर शांत किया, फिर वह घर चली गई. इस के बाद अकसर शादी को ले कर वादविवाद होने लगा. गुस्से में एकता कईकई रोज तक जिम नहीं जाती. विमल के मनाने पर ही वह जिम पहुंचती थी. 4 जून, 2024 को भी एकता और विमल के बीच शादी की बात को ले कर तूतूमैंमैं हुई. उस के बाद 20 दिन तक एकता जिम नहीं गई. शायद वह बीमार हो गई थी. लेकिन विमल को लगा कि एकता गुस्सा है, इसलिए उस ने एकता से मोबाइल फोन पर बात की और उसे जिम आने के लिए किसी तरह राजी किया.

जब वह जिम पहुंची तो एनर्जी ड्रिंक में नशीली दवा मिला दी. फिर कार में गला दबा कर उस की हत्या कर लाश भी ठिकाने लगा दी. हत्या में प्रयुक्त फावड़ा उस ने घटनास्थल पर ही झाडिय़ों में छिपा दिया था. कार व अन्य सामान पुलिस पहले ही बरामद कर चुकी थी.

पुलिस ने मृतका के पति राहुल को वादी बना कर बीएनएस की धारा 103/140/61 के तहत विमल सोनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. हत्या का खुलासा करने तथा आरोपी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को पुलिस अधिकारियों ने एक लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की. 28 अक्तूबर, 2024 को पुलिस ने आरोपी विमल को कानपुर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जिला जेल भेज दिया गया.

 

 

कनाडा से मिला सुराग : प्यार में जिम ट्रेनर बना कातिल

करीब ढाई साल पहले पति विनोद बराड़ा की हत्या कराने के बाद निधि ने पति के इंश्योरेंस के 50 लाख रुपए और करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा कर लिया था, लेकिन कनाडा से मिले एक क्लू के बाद पुलिस ने जब इस केस की दोबारा जांच की तो हत्या का ऐसा खुलासा हुआ कि पुलिस अधिकारी भी चौंक गए.

पानीपत (हरियाणा) पुलिस के एसपी अजीत सिंह शेखावत उस दिन बेहद उलझन में थे, क्योंकि  उन के पास पिछले 2 दिनों से वाट्सऐप पर लगातार एक विदेशी फोन नंबर से मैसेज आ रहा था. मैसेज भेजने वाले ने बताया था कि सदर थाना क्षेत्र की परमहंस कुटिया कालोनी में ढाई साल पहले 15 दिसंबर, 2021 को विनोद बराड़ा नाम के व्यक्ति की घर में घुस कर देव वर्मा उर्फ दीपक नाम के व्यक्ति ने 2 गोलियां मार कर हत्या कर दी थी.

मैसेज भेजने वाले ने खुद को मृतक विनोद बराड़ा का भाई बताते हुए दावा किया था कि उसे शक है कि इस हत्याकांड को देव वर्मा से अंजाम दिलवाया गया है. अगर पुलिस ठीक से जांच करे तो इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड और कारण दोनों सामने आ सकते हैं.

वाट्सऐप मैसेज के कारण उलझन में फंसे एसपी अजीत सिंह ने सीआईए-3 के प्रभारी इंसपेक्टर दीपक कुमार को अपने पास बुलाया और उन्हें मैसेज दिखा कर मैसेज भेजने वाले का पता करने और विनोद बराड़ा नाम के व्यक्ति की हत्या से जुड़ी जानकारी जुटाने के काम पर लगा दिया.

vinod-barara-nidhi-barara

     मृतक विनोद बरारा पत्नी निधि के साथ

2 दिन बाद सीआईए-3 के इंसपेक्टर दीपक कुमार ने बताया कि वाट्सऐप पर आए ये मैसेज आस्ट्रेलिया के नंबर से भेजे गए थे और वह किसी प्रमोद कुमार का नंबर है. प्रमोद कुमार मृतक विनोद बराड़ा का छोटा भाई है, जो आस्ट्रेलिया में रहता है. इस के अलावा इंसपेक्टर दीपक कुमार ने रिकौर्ड रूम से निकलवाई गई विनोद बराड़ा हत्याकांड की फाइल भी उन के सामने रख दी.

अजीत सिंह शेखावत ने जब हत्याकांड की फाइल का अध्ययन किया तो अचानक ही इस मामले में उन की दिलचस्पी बढऩे लगी. क्योंकि देखने में यह एक सीधासादा और बदला लेने के लिए हुई हत्या का केस नजर आ रहा था.

दरअसल, हुआ यूं था कि पानीपत शहर में परमहंस कुटिया कालोनी में अपनी पत्नी निधि और एक बेटे व बेटी के साथ रहने वाला विनोद बराड़ा सुखदेव नगर में एक कंप्यूटर सेंटर चलाता था.

5 अक्तूबर, 2021 की शाम विनोद बराड़ा परमहंस कुटिया के गेट पर बैठा था, तभी पंजाब नंबर की एक पिकअप गाड़ी के ड्राइवर ने विनोद बराड़ा को सीधी टक्कर मार दी थी. इस एक्सीडेंट में विनोद की जान तो बच गई, लेकिन उस की दोनों टांगे टूट गईं.

विनोद के पड़ोस में रहने वाले उस के चाचा वीरेंद्र सिंह ने सिटी थाने में आरोपी गाड़ी चालक के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया था. पुलिस ने गाड़ी के चालक पंजाब के भटिंडा निवासी देव वर्मा उर्फ दीपक को शहर थाना पुलिस ने लापरवाही से गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार कर उस की गाड़ी जब्त कर के उसे जेल भेज दिया था. 3 दिन बाद वाहन चालक देव वर्मा की कोर्ट से जमानत भी हो गई.

लेकिन इस के करीब 15 दिन बाद देव वर्मा परमहंस कुटिया कालोनी में विनोद बराड़ा के घर पहुंच गया. वह दुर्घटना के लिए माफी मांगने लगा और विनोद से कहने लगा कि उस के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस ले ले.

लेकिन विनोद ने समझौता करने से मना कर दिया, क्योंकि उस के कारण वह अपनी टांगें तुड़वा चुका था. लेकिन ऐसा लगता था कि ऐक्सीडेंट करने वाली गाड़ी का चालक देव वर्मा कोई सनकी या पागल इंसान था, क्योंकि जातेजाते वह विनोद बराड़ा को समझौता नहीं करने का अंजाम भुगतने की धमकी दे कर चला गया.

घर में घुसा और मार दी गोली

विनोद बराड़ा ऐसे लागों को अच्छी तरह जानता था, इसलिए इस बात को वह एक पागल आदमी की बात समझ कर भूल गया. लेकिन देव वर्मा नहीं भूला. इस बात की रंजिश उस ने इस हद तक कर ली कि देव वर्मा 15 दिसंबर, 2021 को पिस्तौल ले कर विनोद के घर पर आया और अंदर घुस कर दरवाजा बंद कर कुंडी लगा ली.

यह देख किचन में काम कर रही विनोद की पत्नी शोर मचाते हुए घर के बाहर भागी और पड़ोस में रहने वाले चाचा ससुर वीरेंद्र को सहायता के लिए पुकारने लगी. 1-2 पड़ोसियों के साथ वीरेंद्र सिंह जब विनोद के घर पहुंचे तो पाया कि विनोद के कमरे की कुंडी अंदर से बंद थी.

accused-dev-sunar

            आरोपी देव वर्मा

दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा नहीं खुला. इस के बाद उन्होंने खिड़की से देखा तो आरोपी देव ने विनोद को बैड से नीचे गिरा कर पिस्तौल से कमर और सिर में गोली मार दी.

इस के बाद जैसे ही वह कमरे का दरवाजा खोल कर बाहर निकला तो वीरेंद्र सिंह ने अपने बेटे यश और एक पड़ोसी चंदन के साथ आरोपी देव को मौके पर ही पहले तो काबू किया, उस के बाद पड़ोसियों के साथ मिल कर जम कर पीटा. फिर पुलिस को बुला कर उस के हवाले कर दिया था.

वीरेंद्र सिंह खून से लथपथ अपने भतीजे विनोद को अग्रसेन हौस्पिटल ले कर गए. वहां डाक्टरों ने विनोद को मृत घोषित कर दिया. पति की मौत पर वीरेंद्र की पत्नी निधि का रोरो कर बुरा हाल था.

vinod-nidhi-barara

वीरेंद्र सिंह की शिकायत पर थाना सिटी में हत्या का मुकदमा दर्ज कर कानूनी काररवाई अमल में लाई गई. इस मामले में पुलिस ने हत्या के आरोप में आरोपी देव वर्मा को जेल भेज दिया. उस ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था. कुछ महीने बाद पुलिस ने उस के खिलाफ हत्या की चार्जशीट भी अदालत में दाखिल कर दी. इस मामले में ट्रायल भी शुरू हो गया था.

वैसे तो फाइल पढऩे से एसपी अजीत सिंह शेखावत को ये साधारण केस ही लगा था. लेकिन अचानक वाट्सऐप पर विनोद के भाई प्रमोद के मैसेज का खयाल आते ही उन के जेहन में सवाल उठा कि देव के ऊपर दर्ज हुए ऐक्सीडेंट का केस तो एक मामूली केस था. इसलिए इस में समझौता न करने पर आखिर कोई हत्या क्यों करेगा. क्योंकि सड़क हादसे के केस में न ही बहुत ज्यादा सजा होती है और ये धारा भी जमानती होती है. जबकि हत्या के केस में उम्रकैद से ले कर फांसी तक हो सकती है. फिर देव वर्मा ने ऐसा घातक काम क्यों किया.

आस्ट्रेलिया वाले भाई ने दिया खास क्लू

एसपी अजीत सिंह को यहीं से शक शुरू हो गया. उन्हें लगा कि कहीं न कहीं कोई ऐसी वजह जरूर है, जिस के कारण प्रमोद भाई की हत्या में अन्य लोगों के शामिल होने का शक जता रहा है.

उन्हें लगा कि प्रमोद ने जो दावा किया है, कहीं न कहीं उस के पीछे कोई वजह जरूर होगी. उन्होंने तय किया कि सारा माजरा समझने के लिए उन्हें प्रमोद से बात करनी होगी. लिहाजा उन्होंने प्रमोद को वाट्सऐप पर एक मैसेज भेजा कि वह उन से बात करे.

जिस के बाद प्रमोद ने उन से वाट्सऐप पर आस्ट्रेलिया से बात की. प्रमोद ने बताया कि वह पिछले 15 सालों से आस्ट्रेलिया में नौकरी करता है. भाई की हत्या के बाद उस ने अपने पिता हरेंद्र सिंह व भाई प्रमोद के बड़े बेटे हर्ष को अपने पास ही बुला लिया था.

”प्रमोदजी, मैं आप से यह जानना चाहता हूं कि आप को इस बात का कैसे शक है कि आप के भाई की हत्या में देव वर्मा के अलावा कोई और भी शामिल है?’’ एसपी अजीत सिंह शेखावत ने प्रमोद से सवाल किया तो उस ने जो जवाब दिया उसे सुन कर शेखावत के कान खड़े हो गए.

प्रमोद ने बताया कि उस के भाई विनोद बराड़ा (48 वर्ष) का जब ऐक्सीडेंट हुआ था तो उस के बाद से भाई विनोद और भाभी निधि में अकसर किसी न किसी बात को ले कर झगड़ा होता रहता था. प्रमोद ने बताया कि उस के भाई ने एक बार बातों बातों में इशारा किया था कि निधि अपने जिम ट्रेनर के साथ इश्क के चक्कर में पड़ी हुई है.

accused sumit in police custody

                        जिम ट्रेनर सुमित उर्फ बंटू पुलिस कस्टडी में 

यह बात भाई विनोद को पता चल गई थी, इसी बात को ले कर दोनों में झगड़ा होता था. इस के अलावा जब विनोद की हत्या हो गई तो उस के बाद उस की भाभी निधि का व्यवहार भी एकदम बदल गया था. वह उस के पिता हरेंद्र सिंह से बदतमीजी से बात करने लगी थी.

उस के भाई विनोद के इंश्योरेंस के 50 लाख रुपए में से निधि ने परिवार को फूटी कौड़ी भी नहीं दी. उस ने सारी प्रौपर्टी और दुकान मकान पर एक तरह से अपना हक कायम कर लिया था. इतना ही नहीं, वह परिवार वालों से बिना अनुमति लिए अकसर कईकई दिनों के लिए बाहर घूमने चली जाती थी.

इतना ही नहीं, जब अदालत में देव वर्मा के खिलाफ उस के भाई की हत्या का ट्रायल शुरू हुआ तो अचानक निधि मार्च, 2022 में कोर्ट में अपने बयान से मुकर गई और उस ने देव को पहचानने से ही इंकार कर दिया कि हत्या वाले दिन वह उस के घर आया था.

प्रमोद ने एसपी अजीत सिंह शेखावत को बताया कि उसे लगा कि हो न हो उस के भाई की हत्या में निधि या उस के किसी करीबी की भी मिलीभगत हो सकती है. इसीलिए उस ने अपने पिता को जो भाई की हत्या के बाद से निधि के पास रहने लगे थे, उन्हें व भतीजे हर्ष को भारत से अपने पास ही बुला लिया.

प्रमोद बराड़ा से पूरी बात जानने के बाद शेखावत की समझ में सारा माजरा आ गया. उन्होंने प्रमोद से कहा, ”मिस्टर प्रमोद, आप जल्द से जल्द भारत आ जाइए, हम आप का केस फिर से इनवेस्टिगेट करा रहे हैं.’’

प्रमोद ने उन्हें आश्वस्त कर दिया कि वह अगले हफ्ते तक भारत आ जाएगा.

ढाई साल बाद फिर से शुरू हुई जांच में क्या मिला

इस के बाद एसपी अजीत सिंह ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सीआईए-3 प्रभारी इंसपेक्टर दीपक कुमार को इस मामले की गोपनीय तरीके से जांच करने और कानूनी प्रक्रिया अपनाने का आदेश दिया. इंसपेक्टर दीपक कुमार ने इस केस की जांच के लिए एक अलग टीम बना कर उस में शामिल पुलिसकर्मियों को अलगअलग काम पर लगा दिया.

एक टीम ने अदालत में चल रही काररवाई की फाइल की कौपी हासिल की तो एक टीम ने मृतक के चाचा वीरेंद्र सिंह को बुला कर उन से केस से जुड़ी जानकारी हासिल की. पुलिस ने हत्या के आरोपी देव वर्मा के मोबाइल की पुरानी डिटेल्स निकाल कर उस की भी छानबीन शुरू कर दी.

इस दौरान विनोद के चाचा वीरेंद्र से निधि का मोबाइल नंबर भी हासिल कर लिया और उस की पिछले 3 सालों की सारी काल डिटेल्स निकलवा ली.

एक टीम को अदालत में दर्ज केस की फाइल में लगे सबूतों को स्टडी करने के काम पर लगा दिया गया. जब जांच आगे बढ़ी तो कडिय़ां भी जुडऩे लगीं. सामने आया कि विनोद की हत्या के आरोपी देव वर्मा की विनोद की हत्या से 4 महीने पहले से सुमित उर्फ बंटू  नाम के युवक से लगातार बातचीत होती थी.

पुलिस ने जब बंटू के फोन नंबर की काल डिटेल निकाली तो पता चला कि वह गोहाना का रहने वाला है और पानीपत शहर में सेक्टर 11/12 की मार्केट में ‘योर बौडी फिटनैस सेंटर’ में जिम ट्रेनर था. मृतक विनोद बराड़ा की पत्नी निधि से सुमित उर्फ बंटू काफी बातचीत करता था.

दोनों के बीच विनोद की हत्या से काफी पहले से ही बातचीत व वाट्सऐप मैसेज के आदानप्रदान का सिलसिला चल रहा था. निधि के मोबाइल के काल रिकौर्ड से भी पता चला कि वह लगातार सुमित उर्फ बंटू से बातचीत करती थी.

इतना ही नहीं, जब पुलिस ने निधि के बैंक खाते की डिटेल निकाली तो पता चला कि वह अब तक अपने बैंक खाते से करीब 20 लाख रुपए निकाल चुकी थी.

इस तमाम जांच से अब तक यह बात तो साफ हो गई कि इस पूरे मामले में कहीं न कहीं निधि और सुमित उर्फ बंटू विनोद बराड़ा के हत्यारोपी देव वर्मा के साथ जुड़ रहे थे और वह एक पूरी कड़ी थी, जो साबित करती थी कि विनोद बराड़ा की हत्या में उन का हाथ है.

एक सप्ताह के बाद प्रमोद भी भारत आ गया और वह पानीपत पहुंच कर एसपी अजीत सिंह शेखावत से मिला. उस ने रूबरू हो कर उन्हें सारी कहानी सुनाई.

इस दौरान पुलिस टीम ने फाइल का दोबारा गहनता से अध्ययन किया और नए साक्ष्यों का संदर्भ दे कर कोर्ट से अनुमति ले कर विनोद बराड़ा केस की दोबारा से आधिकारिक जांच करने की अनुमति मांगी. अच्छी बात यह रही कि अदालत ने अनुमति भी दे दी, फिर पुलिस ने जांच शुरू कर दी.

पुलिस टीम ने विनोद की हत्या के बाद उस के घर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जब्त की थी, जो अदालत में जमा थी. पुलिस टीम ने नई जांच के संदर्भ में जब इस सीसीटीवी फुटेज को दोबारा देखा तो साफ हो गया कि वारदात वाले दिन निधि ने अपने पति विनोद बराड़ा को बचाने की कोई कोशिश नहीं की थी.

सीसीटीवी  फुटेज में साफ दिखाई दे रहा था कि आरोपी ने घर के अंदर आते ही विनोद की पत्नी निधि को नमस्ते किया और फिर वह विनोद के कमरे में घुस गया. तभी निधि अपनी बेटी के साथ घर से बाहर भाग गई. इस के बाद कमरा अंदर से बंद कर आरोपी ने विनोद की गोली मार कर हत्या कर दी.

सीसीटीवी फुटेज में निधि अपनी बेटी के साथ बाहर भागती दिखाई दी. इस के थोड़ी देर बाद बाहर से 2 लोग अंदर आए और दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगे, लेकिन तब तक शूटर अंदर कुंडी लगा कर विनोद बराड़ा को गोलियां मार चुका था.

किन सबूतों पर गिरफ्तार किए गए आरोपी

पुलिस के पास अब शक के दायरे में आए सभी आरोपियों को हिरासत में ले कर पूछताछ करने के पर्याप्त आधार थे. लिहाजा पुलिस ने सब से पहले देव वर्मा से गहनता से पूछताछ करने के लिए 3 जून, 2024 को जेल से उसे 5 दिनों की रिमांड पर लिया. देव से कड़ी पूछताछ हुई तो उस ने चौंकाने वाली जानकारी दी.

इस के बाद सीआईए टीम ने 7 जून, 2024 को आरोपी सुमित उर्फ बंटू को सेक्टर 11/12 की मार्केट स्थित उस के जिम से हिरासत में लिया और कड़ी पूछताछ शुरू कर दी. पहले तो वह खुद को बेगुनाह बता कर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता रहा, लेकिन जब उसे निधि और देव वर्मा से हुई बातचीत की काल डिटेल्स दिखाई गई तो उस ने अपना गुनाह स्वीकार लिया.

पुलिस ने आरोपी सुमित उर्फ बंटू को गिरफ्तार कर कोर्ट से उसे 7 दिनों के पुलिस रिमांड पर ले लिया. उस ने जो जानकारी दी, उस के बाद 10 जून, 2024 को निधि को भी हिरासत में ले लिया गया.

panipat ssp ajeet singh sekhwat

                                             एसपी अजीत सिंह शेखावत

तीनों आरोपियों को आमनेसामने बैठा कर जब एसपी अजीत सिंह शेखावत ने खुद पूछताछ की तो ढाई साल पहले हुई विनोद बराड़ा की हत्या की असल कहानी सामने आ गई.

आरोपी सुमित उर्फ बंटू ने पुलिस को बताया कि साल 2021 में वह पानीपत के एक जिम में ट्रेनिंग देता था. विनोद की पत्नी निधि भी वहां एक्सरसाइज करने के लिए आती थी. निधि खूबसूरत और जवान होने के साथ चंचल स्वभाव की थी. सुमित भी हंसमुख स्वभाव का था, दोनों की दोस्ती हो गई. दोनों आपस में काफी बातचीत करने लगे.

निधि और सुमित की दोस्ती कब शारीरिक आकर्षण में बदल गई, पता ही नहीं चला. दरअसल, निधि का पति विनोद उसे प्यार तो बहुत करता था, लेकिन उस के प्यार में वो कशिश नहीं थी, जो निधि को बांध कर रख सके. इसीलिए जब उसे अपने मिजाज के सुमित से लगाव हुआ तो वह पूरी तरह उस के बहाव में बह गई.

कहते हैं इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते. ऐसा ही हुआ. जिम जातेजाते अचानक निधि की जीवनशैली में बदलाव और उस का बातबात में चीजों को छिपाने से विनोद को लगा कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला हैं. उस ने निधि की निगरानी की तो जल्द ही पता चल गया कि वह अपने जिम ट्रेनर सुमित के इश्क में डूबी हुई है.

विनोद को उन दोनों के बारे में पता चला तो उस का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. जिस बीवी को उस ने खुद से ज्यादा चाहा और उस के मुंह से निकली हर फरमाइश पूरी की, उस ने उस के साथ धोखा कैसे कर दिया. इस के बाद विनोद निधि के साथ झगड़ा भी करने लगा. सुमित से भी उस की जम कर कहासुनी हुई.

लेकिन जब तक ये हुआ, पानी सिर से उपर जा चुका था. निधि और सुमित साथ जीनेमरने की कसमें खा चुके थे.

जब विनोद ने निधि पर हाथ छोडऩा शुरू किया तो विनोद के लिए उस के दिल में बचा हुआ प्यार भी खत्म हो गया. लिहाजा दोनों ने मिल कर फैसला लिया कि विनोद से छुटकारा पाने के लिए उस की हत्या करवा दी जाए. इस के बाद इस बात पर मंथन शुरू हो गया और लंबी बातचीत के लिए उन्होंने विनोद को ऐक्सीडेंट में मरवाने का फैसला कर लिया.

सुमित उर्फ बंटू का एक जानकार ट्रक ड्राइवर था देव वर्मा उर्फ दीपक, जो भटिंडा के बलराज नगर का रहने वाला था. उस के परिवार में 2 बच्चे व पत्नी थी. उस ने देव को अपने भरोसे में ले कर कहा कि अगर वह एक्सीडेंट कर के विनोद बराड़ा की हत्या कर देगा तो उसे 5 लाख रुपए देगा. इतना ही नहीं, वह उस की जमानत भी करा देगा और एक्सीडेंट करने के लिए गाड़ी भी खरीद कर देगा.

हत्या करने के क्यों बनाए 2 प्लान

देव मुफलिसी की जिंदगी जी रहा था, इसलिए वह लालच में आ गया और यह काम करने के लिए तैयार हो गया.

सुमित ने देव को पंजाब के नंबर की एक पुरानी लोडिंग पिकअप गाड़ी खरीद कर दे दी. इस के बाद देव विनोद की लगातार रेकी करने लगा कि वह किस वक्त घर से निकलता है, कब घर लौटता है.

देव वर्मा ने 5 अक्तूबर, 2021 को इसी पिकअप गाड़ी से विनोद को सीधी टक्कर मार कर उस का ऐक्सीडेंट कर दिया. उस वक्त विनोद परमहंस कुटिया कालोनी के गेट पर बैठा था. ऐक्सीडेंट में विनोद की मौत तो नहीं हुई, लेकिन उस की दोनों टांगें टूट गईं. इस मामले में देव गिरफ्तार हो गया और उस की 3 दिन में जमानत भी हो गई. पहली प्लानिंग फेल हो चुकी थी. लिहाजा निधि और सुमित ने फिर से प्लानिंग बनाई और दोनों ने गोली मार कर विनोद को मरवाने का प्लान बनाया.

उन्होंने देव वर्मा की जमानत करवाई और उस को दोबारा से विनोद की हत्या के लिए राजी किया और वादा किया कि उसे 5 लाख रुपए और दिए जाएंगे तथा उस के परिवार तथा बच्चों की पढ़ाई के साथ मुकदमा लडऩे का खर्च भी वही उठाएंगे. बाद में चश्मदीद गवाह के रूप में गवाह बनने के बाद निधि अपने बयान से भी मुकर जाएगी.

प्लान फुलप्रूफ था, इसलिए पैसे के लालच में देव वर्मा फिर से तैयार हो गया. सुमित ने उसे अवैध पिस्तौल व कारतूस खरीद कर दे दिए. हथियार उपलब्ध करवाने के बाद पहले देव को माफी मांगने के बहाने विनोद बराड़ा के पास भेजा गया.

समझौता नहीं होने के बाद अंजाम भुगतने की धमकी भी दिलाई गई ताकि पूरी तरह लगे कि उस ने इंतकाम लेने के लिए विनोद की हत्या की. इस के बाद 15 दिसंबर, 2021 को देव वर्मा ने घर में घुस कर तमंचे से विनोद बराड़ा की गोली मार कर हत्या कर दी.

सुमित व निधि ने हत्या की जैसी स्क्रिप्ट लिखी थी, सब कुछ वैसा ही हुआ और विनोद की हत्या के आरोप में देव वर्मा जेल चला गया. चूंकि ओपन व शट केस था और देव वर्मा हत्या के बाद मौके पर ही पकड़ा गया था, इसलिए पुलिस ने भी उस वक्त गहनता से जांच नहीं की और वह जेल चला गया. सुमित उर्फ बंटू जेल में बंद देव के केस और घर पर परिवार का पूरा खर्च खुद देता रहा था. प्लान के अनुसार निधि मार्च 2024 में अदालत में अपनी गवाही से मुकर गई.

निधि ने विनोद की हत्या के बाद अपनी आगे की जिंदगी के लिए एक पूरी योजना बना रखी थी. इस योजना के मुताबिक, पहले विनोद का कत्ल होना था. इस के बाद उस की प्रौपर्टी और इंश्योरेंस की रकम से शूटर की डिमांड पूरी करनी थी और ये सब होने के बाद जिम ट्रेनर सुमित के साथ जिंदगी शुरू करनी थी.

निधि अपनी हवस की आग में इस कदर अंधी थी कि विनोद की हत्या के कुछ दिन बाद वह बहाने से सुमित के साथ घूमने मनाली भी गई. लोग हैरान थे कि अपने पति को खोने वाली निधि के चेहरे से गम के आंसू इतनी जल्दी कैसे सूख गए. शायद किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उस पूरे हत्याकांड को अंजाम देने वाली निधि ही थी.

तीनों आरोपियों से रिमांड अवधि में पूछताछ पूरी होने के बाद पुलिस ने देव वर्मा के साथ निधि व सुमित को भी हत्या व साजिश रचने का आरोपी मान कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेजा गया. इतना ही नहीं, अब आरोपियों के खिलाफ ऐक्सीडेंट केस में भी भादंवि धारा 307 और 120बी जोड़ ली गई है.

—कहानी पुलिस जांच व दिए गए तथ्यों पर आधारित

जिम ट्रेनर की हत्या : प्यार में चली गोली

लव, सैक्स और गोली के इस केस में खुशबू, राजीव समेत सभी आरोपी पुलिस के फंदे में फंस चुके हैं. राजीव फिजियो थैरेपिस्ट है और जनता दल (यू) के मैडिकल सैल का उपाध्यक्ष है. इस केस में नाम आने के बाद पार्टी ने उसे पद से हटा दिया है.

पिछले 18 सितंबर की सुबह 6 बजे विक्रम लोहानीपुर महल्ले के अपने घर से जिम जाने के लिए स्कूटी से निकला, तो रास्ते में कदमकुआं इलाके के बुद्ध मूर्ति के पास शूटरों ने उस पर गोलियां चला दीं. विक्रम लहूलुहान हो कर स्कूटी से गिर पड़ा और आसपास खड़े लोगों से अस्पताल पहुंचाने की गुहार लगाने लगा. किसी ने दर्द से छटपटाते विक्रम की बात नहीं सुनी. आखिरकार खून से लथपथ विक्रम खुद ही उठा और स्कूटी चला कर पास के प्राइवेट अस्पताल पहुंचा. प्राइवेट अस्पताल ने उसे भरती करने से इनकार कर दिया, तो वह पटना मैडिकल कालेज पहुंचा. वहां तुरंत आपरेशन किया गया और उस के जिस्म से 5 गोलियां निकाली गईं.

आशिकी के चक्कर में खुशबू ने विक्रम पर सुपारी किलर से गोलियां चलवाई थीं. इस के लिए पुराने दोस्त मिहिर सिंह के जरीए सुपारी किलर को ढाई लाख रुपए दिए गए थे. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि राजीव, खुशबू, मिहिर और 3 सुपारी किलरों को गिरफ्तार किया गया है. सुपारी किलर अमन कुमार, शमशाद और आर्यन उर्फ रोहित से पुलिस पूछताछ कर चुकी है और सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.

18 सितंबर को सुपारी किलरों ने विक्रम के जिस्म में 5 गोलियां दागी थीं. अपराधियों ने कबूल किया कि उन्हीं लोगों ने विक्रम पर गोलियां चलाई थीं और इस काम के लिए मिहिर ने उन्हें रुपए दिए थे.

अमन एमबीए का स्टूडैंट है और डिलीवरी बौय का काम करता है. शमशाद गोवा में राजमिस्त्री का काम करता था और लौकडाउन की वजह से वह पटना आया हुआ था. अमन और शमशाद भागवतनगर में किराए के मकान में साथ रहते हैं. मकान का किराया 14,000 रुपए है. मिहिर के चचेरे भाई सूरज ने मिहिर की मुलाकात अमन से कराई थी.

जिम ट्रेनर को जान से मारने की धमकी देने का आडियो भी पुलिस को मिला. ट्रेनर की बीवी और परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि आडियो में धमकी देने वाली महिला खुशबू की आवाज है, जो फिजियो थैरेपिस्ट राजीव कुमार सिंह की बीवी है.

ट्रेनर की बीवी वर्षा का आरोप है कि फिजियो थैरेपिस्ट की बीवी ने उस के पति को फोन पर गंदीगंदी गालियां भी दी थीं. उस ने बताया कि खुशबू अकसर पटना मार्केट के ‘द जिम सिटी’ पहुंच जाती थी. पहले तो फिजियो थैरेपिस्ट राजीव ने पुलिस को बताया कि जिम ट्रेनर विक्रम पर हुए हमले में उस का और उस की बीवी का कोई हाथ नहीं है.

अलबम बनाने के नाम पर विक्रम ने 60,000 रुपए लिए थे. अलबम नहीं बनाने पर राजीव और विक्रम से तीखी नोकझोंक हुई थी और रुपया लौटाने की बात हुई थी. बाद में विक्रम ने राजीव के अकाउंट में 40,000 रुपए और खुशबू के अकाउंट में 20,000 रुपए डाल दिए थे. मई महीने के बाद से राजीव और विक्रम से कोई बातचीत नहीं हुई थी. एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि खुशबू का कहना है कि विक्रम उस का पीछा नहीं छोड़ रहा था और वह उस से पीछा छुड़ाना चाह रही थी. खुशबू का कहना है कि 60,000 रुपए के लेनदेन को ले कर विवाद पैदा हुआ था.

पुलिस को दिए गए बयान में विक्रम ने कहा है कि खुशबू उसे पिछले एक साल से परेशान कर रही थी. एक साल तक वह राजीव को उन के पाटलीपुत्र कालोनी वाले घर में ऐक्सरसाइज कराने जाता था. पैसे को ले कर हिसाबकिताब ठीक नहीं रहने पर उस ने वहां जाना बंद कर दिया. उस के बाद खुशबू ने उसे सोशल मीडिया के जरीए तंग करना चालू कर दिया. एक बार खुशबू ने गुस्से में उस के सीने पर ब्लेड से हमला किया था.

पुलिस ने खुशबू और राजीव के मोबाइल फोन को खंगाला तो खुलासा हुआ कि जनवरी में खुशबू और विक्रम के बीच 1100 बार बातचीत हुई. राजीव से आखिरी बार 18 अप्रैल को बातहुई थी. उन के बीच ह्वाट्सएप और वीडियो काल के जरीए बातचीत होती थी.

सितंबर, 2020 से मई, 2021 के बीच खुशबू ने विक्रम को 1875 काल की थी. दोनों के बीच साढ़े 5 लाख सैकंड बातचीत हुई थी. इतने ही समय के दौरान खुशबू ने अपने पति राजीव को महज 13 बार फोन किया. खुशबू और विक्रम के बीच अकसर घंटों बातें होती थीं.

मिहिर ने पुलिस को बताया कि वह 5-6 सालों से खुशबू को जानता था. खुशबू ने ही उस से कहा था कि विक्रम उसे परेशान करता है, इस वजह से वह उस की हत्या करवाना चाहती है. सुपारी किलर को जुलाई में ही एक लाख, 85 हजार रुपए दिए थे. एसएसपी ने बताया कि कुछ साल पहले मिहिर और खुशबू की पहचान भी फेसबुक के जरीए ही हुई थी.

पुलिस की छानबीन से यह बात भी सामने आई कि 5-6 साल पहले खुशबू और मिहिर के बीच भी गहरा रिश्ता रहा था. मिहिर भी खुशबू का प्रेमी रह चुका है. जब विक्रम ने खुशबू से कन्नी काटना शुरू किया, तो खुशबू को पुराने आशिक मिहिर की याद आई. उस ने मिहिर से कहा कि विक्रम उसे बहुत परेशान कर रहा है और फिर दोनों ने मिल कर विक्रम को रास्ते से हटाने की साजिश रची.

खुशबू ने मिहिर से यह भी कहा कि विक्रम को ठिकाने लगाने के लिए वह रुपयों की चिंता न करे. विक्रम को मारने के लिए मिहिर ने खुशबू से 3 लाख रुपए मांगे. खुशबू ने 3 किस्तों में एक लाख, 85 हजार रुपए मिहिर को दिए. मिहिर ने अपने चचेरे भाई सूरज के साथ मिल कर पूरी साजिश रची. उस के बाद शार्प शूटर अमन, आर्यन और शमशाद को विक्रम को मारने की सुपारी दी गई.

शूटरों के साथ यह डील अगस्त महीने की शुरुआत में ही हुई थी. अगस्त महीना खत्म हो गया और उस के बाद सितंबर भी आधा खत्म हो गया और विक्रम को ठिकाने नहीं लगाया जा सका तो खुशबू परेशान हो गई. उस ने मिहिर पर दबाव बनाना शुरू किया. विक्रम राजीव को जिम ट्रेनिंग देने के लिए उस के घर पर जाता था. वहीं खुशबू से जानपहचान हुई और बातचीत शुरू हुई. विक्रम के गठीले बदन को देख खुशबू उस पर फिदा हो गई. वह धीरेधीरे विक्रम के करीब आती गई. वह पटना मार्केट के पास विक्रम के जिम में पहुंचने लगी और वहीं कईकई घंटों तक बैठी रहती थी.

विक्रम ने पुलिस को बताया कि वह उस के साथ जिस्मानी रिश्ता बनाना चाहती थी. ऐसा नहीं करने पर वह उसे फंसाने और ब्लैकमेल करने की धमकी देने लगी. जब विक्रम उस से दूर रहने की कोशिश करने लगा तो एक रात को विक्रम के घर पहुंच गई और हंगामा मचाने लगी. खुशबू की हरकतों से आजिज आ कर विक्रम ने डाक्टर राजीव को फोन कर सारे मामले की जानकारी भी दी. विक्रम ने उस से कहा कि खुशबू उसे पिछले कई दिनों से परेशान कर रही है. डाक्टर राजीव ने विक्रम की बातों पर यकीन नहीं किया और उस से कहा कि सुबूत ले कर आओ, उस के बाद देखा जाएगा.

विक्रम के बयान पर कदमकुआं थाने में केस दर्ज किया गया. केस नंबर है-477/2021. आरोपियों पर आईपीसी की धारा-307, 120बी, 34 और 27 के तहत केस दर्ज किया गया है.