कमलेश की इस कहानी में कितनी सच्चाई है, मंजू यादव ने यह पता लगाने के लिए तुरंत सबइंसपेक्टर भीम सिंह रघुवंशी को कृष्णाबाग कालोनी स्थित कमलेश के घर भेजा. पूछताछ में कमलेश के पिता मनोहर पांचाल ने बताया कि कमलेश कह तो रहा था कि एक मोटरसाइकिल पर सवार 2 लड़के मुंह पर कपड़ा बांध कर घर की रेकी कर रहे थे. तब उन्होंने मोहल्ले वालों से इस बारे में पता किया था. लेकिन मोहल्ले वालों का कहना था कि इस तरह की न तो कोई मोटरसाइकिल दिखाई दी थी, न लड़के. इस से उन्हें लगा कि कमलेश को भ्रम हुआ होगा.
कमलेश की यह कहानी झूठी निकली तो पुलिस ने उसे अदालत में पेश कर के सुबूतों के आधार पर आगे की पूछताछ के लिए उसे 2 दिनों के पुलिस रिमांड पर ले लिया.
दूसरी ओर कमलेश के ससुर नंदकिशोर पांचाल ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कर निष्पक्ष जांच की गुहार की थी. उन का कहना था कि कमलेश के पिता मनोहर पांचाल हाईकोर्ट के जज की गाड़ी चलाते हैं, इसलिए कहीं मामले की जांच प्रभावित न करा दें. उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में पिंकी की हत्या का आरोप सीधे कमलेश पर लगाया था. उन का कहना था कि बाकी तो सब ठीक था, लेकिन कमलेश के संबंध अन्य लड़कियों से थे. इसी वजह से वह पिंकी को नजरअंदाज करता था. पिंकी इस बात का विरोध कर रही थी, इसलिए कमलेश ने उस की हत्या कर दी है.
नंदकिशोर के भाई यानी पिंकी के एक चाचा इंदौर में ही एरोड्रम रोड पर स्थित राजनगर में रहते थे. उन का नाम भी कमलेश था. वह प्रेस फोटोग्राफर थे. उन का घर पिंकी के घर से मात्र एक किलोमीटर दूर था. पिंकी ने उन से भी कमलेश से अन्य लड़कियों से दोस्ती की बात बताई थी. इसलिए उन्होंने भी पुलिस को बताया था कि उन की भतीजी की हत्या उन के दामाद कमलेश ने अन्य लड़कियों की वजह से उस से छुटकारा पाने के लिए की है.
तमाम सुबूत होने के बावजूद कमलेश अपनी बात पर अड़ा था. उस का कहना था कि पिंकी की हत्या उन्हीं दोनों लड़कों ने की है, जो उस के घर लूटपाट करने आए थे. जब पुलिस ने कहा कि सारे गहने तो घर में ही मिल गए हैं तो इस पर कमलेश ने कहा, ‘‘हो सकता है, उन्हें ले जाने का मौका न मिला हो?’’
थानाप्रभारी मंजू यादव ने देखा कि कमलेश सीधे रास्ते पर नहीं आ रहा है तो उन्होंने अपने दोनों सबइंसपेक्टरों राजेंद्र सिंह दंडोत्या और भीम सिंह रघुवंशी से कहा, ‘‘यह सीधे सच्चाई बताने वाला नहीं है. इस के ससुर ने दहेज मांगने की जो रिपोर्ट दर्ज कराई है, उस के तहत इस के घर जा कर इस के पिता मनोहर, मां किरण और बहन को पकड़ लाओ. कल सभी को अदालत में पेश कर के जेल भिजवा दो.’’
थानाप्रभारी की इस धमकी पर कमलेश कांप उठा. उस ने गिड़गिड़ाते हुए कहा, ‘‘प्लीज, मेरे मातापिता और बहन को मत परेशान कीजिए. मेरे ससुर ने झूठा आरोप लगाया है. हम लोगों ने कभी दहेज मांगा ही नहीं है.’’
‘‘तो सच क्या है?’’ थानाप्रभारी मंजू यादव ने पूछा, ‘‘पिंकी की हत्या किस ने और क्यों की है?’’
‘‘उस की हत्या मैं ने की है. इस में मेरे घर वालों का कोई हाथ नहीं है.’’ कमलेश ने कहा.
इस तरह थानाप्रभारी मंजू यादव ने कमलेश से पिंकी की हत्या का अपराध स्वीकार कर लिया. इस के बाद उस ने पिंकी की हत्या की जो कहानी सुनाई, वह इस प्रकार थी.
कमलेश कालेज में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता था. वह स्टेज पर भी बढि़या अभिनय करता था. देखने में ठीकठाक था ही, इसलिए लड़कियां उस की ओर आकर्षित होने लगीं. कई लड़कियों से उस की दोस्ती भी हो गई. पढ़ाई पूरी करने के बाद उस ने काल सेंटर में नौकरी की. वहां भी उस के साथ तमाम लड़कियां नौकरी करती थीं. उन में से भी कई लड़कियों से उस की दोस्ती हो गई, जिन से वह घर आ कर भी फोन पर बातें करता रहता था.
कमलेश ने काल सेंटर की नौकरी छोड़ी तो उसे एक ऐसे एनजीओ में नौकरी मिल गई, जो रोजगार के लिए प्रेरित और दिलाने का काम करती थी. वहां स्वरोजगार का प्रशिक्षण भी दिया जाता था. इसलिए वहां भी तमाम लड़कियां रोजगार के लिए आती रहती थीं.
लड़कियां जो फार्म भरती थीं, उन में उन के फोटो के साथ जरूरी जानकारी तो होती ही थी, मोबाइल नंबर भी होता था. ऐसे में जो लड़की उसे पसंद आ जाती, नौकरी दिलाने के बहाने वह उस से बातचीत करने लगता था. कई लड़कियों को उस ने नौकरी भी दिलाई थी, जिस की वजह से उसे मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री की ओर से अवार्ड भी मिला था.
उसी बीच प्रियंका उर्फ पिंकी से उस की शादी हो गई. लेकिन शादी के बाद उस की आदत में कोई बदलाव नहीं आया. वह पहले की ही तरह लड़कियों से दोस्ती और फोन पर बातें करता रहा. पिंकी ने कई बार टोका भी लेकिन वह नहीं माना. इस के बाद पिंकी ने सासससुर से ही नहीं, मांबाप से भी उस की शिकायत की. सब ने कमलेश को समझाया, लेकिन वह अपनी आदत से बाज नहीं आया.
उसी बीच कमलेश की मुलाकात बाणगंगा की रहने वाली एक लड़की से हुई. वह लड़की स्वरोजगार प्रशिक्षण लेने आई थी. लड़की काफी खूबसूरत थी, इसलिए वह उसे दिल दे बैठा. संयोग से लड़की उस की मीठी मीठी बातों में फंस भी गई. कमलेश उस से शादी के बारे में सोचने लगा. उस ने लड़की से बताया था कि अभी वह पढ़ रहा है, इसलिए लड़की ने भी शादी के लिए हामी भर दी थी.
लड़की के हामी भरने के बाद कमलेश पिंकी से छुटकारा पाने के उपाय सोचने लगा. पिंकी सासससुर की लाडली बहू थी. इसलिए वह उसे छोड़ नहीं सकता था. ऐसे में पिंकी से छुटकारा पाने का उस के पास एक ही उपाय था कि वह उस की हत्या कर दे. इस के बाद उस ने पिंकी की हत्या की जो योजना बनाई, उस के अनुसार वह सब से कहने लगा कि सुबहशाम मुंह पर कपड़ा बांध कर 2 लड़के पलसर मोटरसाइकिल से उस के घर के आसपास चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन मोहल्ले के किसी आदमी ने ऐसे लोगों को देखा नहीं.
वह पिंकी की हत्या के लिए मौके की तलाश में था. वह इस काम को तभी अंजाम दे सकता था, जब पिंकी घर में अकेली हो. उसे तब मौका मिल गया, जब उस के नाना के मरने पर मां अपने मायके चली गईं. 17 फरवरी, 2014 सोमवार को पिता के ड्यूटी पर चले जाने के बाद घर में पिंकी और कमलेश ही घर में रह गए. पिंकी घर के काम निपटाने में लगी थी.
तभी कमलेश ने योजना के तहत पिंकी की हत्या करने में चाकू वगैरह पर अंगुलियों के निशान न आएं, इस के लिए रबर के दास्ताने पहन लिए. वह दास्ताने पहन कर तैयार हुआ था कि किसी का फोन आ गया तो वह फोन पर बातें करने लगा. उसी बीच पिंकी ने कमलेश से कहा, ‘‘आप कपड़े भिगो देते तो खाली होने पर मैं धो लेती.’’
कमलेश कपड़े भिगोने के बजाय किचन में जा कर फोन पर बातें करने लगा. पिंकी ने देखा कि वह कपड़े भिगोने के बजाय फोन पर ही बातें कर रहा है तो उस ने झुंझला कर कहा, ‘‘कपड़े भिगोने के लिए कह रही हूं, वह तो करते नहीं, फालतू फोन पर बातें कर रहे हो.’’
पिंकी की इस बात पर कमलेश को गुस्सा आ गया तो उस ने पिंकी को एक तमाचा मार दिया. पति की इस हरकत से नाराज हो कर पिंकी ने भी उसे ऐसा धक्का दिया कि उस का सिर दीवार से टकरा गया, जिस की वजह से वह चकरा कर गिर पड़ा.
कमलेश तो चाहता ही था कि कुछ ऐसा हो, जिस से वह पिंकी से भिड़ सके. संयोग से मौका भी मिल गया गया. चोट लगने से वह तिलमिला कर उठा और किचन में रखा सब्जी काटने का चाकू उठा कर पिंकी पर झपटा. लेकिन पिंकी हट गई तो चाकू दीवार से जा लगा, जिस की वजह से टूट गया.
कमलेश इस मौके को गंवाना नहीं चाहता था, इसलिए दूसरा चाकू उठा कर पिंकी पर टूट पड़ा. पिंकी का मुंह दबा कर लगातार वार करने लगा. पिंकी मूर्छित हो कर जमीन पर गिर पड़ी तो उस ने उस का गला रेत दिया. थोड़ी देर छटपटा कर पिंकी मर गई. कमलेश ने देखा की पिंकी मर गई है तो उस ने खून सने कपड़े उतार कर बेडरूम में छिपा दिए और फिर बाथरूम में जा कर हाथपैर साफ किए.
दूसरे कपड़े पहन कर उस ने इस हत्या को लूट में हत्या का रूप देने के लिए अलमारी खोल कर सारा सामान बिखेर दिया. कुछ गहने उस ने पलंग के नीचे डाल दिए तो कुछ खिड़की से पिछवाड़े फेंक दिए. इतना सब करने के बाद वह वहां से भाग जाना चाहता था, लेकिन तभी उस की बुआ के बेटे राहुल ने दरवाजा खटखटा दिया. अब वह बाहर तो जा नहीं सकता था, इसलिए खुद को बचाने के लिए वह मरी पड़ी पिंकी के ऊपर लेट गया. इस के बाद राहुल ने अंदर आ कर उसे अस्पताल में भरती कराया और घटना की जानकारी पुलिस को दी.
पूछताछ के बाद पुलिस कमलेश को उस के घर ले गई, जहां घर के पीछे से उस के द्वारा फेंके गए गहने बरामद कर लिए. पुलिस ने उस के फोन की काल डिटेल्स पहले ही निकलवा ली थी. उस के अनुसार उस ने साल भर में लड़कियों को 24 हजार फोन और एसएमएस किए थे. पुलिस ने सारे सुबूत जुटा कर 24 फरवरी को कमलेश को अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. कथा लिखे जाने तक वह जेल में ही था.
कथा पुलिस सूत्रों एवं घर वालों से की गई बातचीत पर आधारित