सुरेंद्र को अब असलियत पता चल चुकी थी कि राजकपूर सपना का रिश्तेदार नहीं, बल्कि प्रेमी है. इस के बाद सुरेंद्र सिंह भी सपना पर डोरे डालने लगा और उसे ललचाई नजरों से देखने लगा.
एक दिन उस ने सपना से कहा, ‘‘भाभी, अगर तुम दोनों की असलियत का पता ऋषभ भैया व बाबूजी को चल जाए तो अंदाजा लगाओ कि उन पर क्या बीतेगी. उन की
इज्जत तो मिट्टी में ही मिल जाएगी. इस के अलावा तुम्हारा हाल क्या होगा, यह तुम समझ सकती हो.’’
सुरेंद्र सिंह की बात सुन कर सपना घबरा गई और गिड़गिड़ाने लगी, ‘‘नहींनहीं, उन्हें कुछ मत बताना. मैं तुम्हारी हर बात मानने को तैयार हूं. फिर चाहे धन हो या तन.’’
‘‘मुझे धन नहीं, तुम्हारा तन चाहिए. जिस तरह तुम अपने प्रेमी को खुश रखती हो उसी तरह मुझे भी खुश रखना होगा.’’
‘‘मुझे तुम्हारी शर्त मंजूर है,’’ कहते हुए सपना सुरेंद्र के गले लग गई.
इस के बाद सपना ने सुरेंद्र सिंह के साथ शारीरिक रिश्ता कायम कर लिया. अब सपना 2 प्रेमियों की बांहों में झूलने लगी.
राजकपूर का आनाजाना पड़ोसियों को भी खटकने लगा था. अत: उन्होंने किशोरचंद्र तिवारी व उस के बेटे के कान भर दिए. पड़ोसियों की बात सुन कर किशोरचंद्र का माथा ठनका, उन्हें भी दाल में कुछ काला नजर आया.
उन्होंने बहू सपना को प्यार से समझाया और राजकपूर जिसे वह रिश्तेदार बताती थी, उस के आने का विरोध जताया. ऋषभ ने सपना पर तीखे सवाल दागे, जिस से वह तिलमिला उठी. उन दोनों के बीच तीखी बहस भी हुई. किसी तरह किशोरचंद्र ने मामला शांत कराया.
विरोध व निगरानी के चलते राजकपूर का सपना की ससुराल आना व मिलन बंद हो गया. अब दोनों की बात फोन पर ही हो पाती. कभीकभी वह वीडियो कालिंग भी कर लेती या फिर वाट्सऐप के जरिए उस से जुड़ती थी.
सपना का प्रेमी से मिलन बंद हुआ तो वह तिलमिला उठी. उस ने सारा गुस्सा ससुर पर ही उतारा. अब उस ने ससुर की देखभाल कम कर दी तथा दवाई देने में भी लापरवाही बरतने लगी. क्योंकि ससुर किशोरचंद्र ने ही प्रेमी राज के आने का विरोध किया था और निगरानी करने लगा था. ऋषभ को भी किशोरचंद्र ने ही उकसाया था.
सपना सावधान इंडिया, क्राइम पैट्रोल जैसे सीरियल टीवी पर देखती थी. एक दिन उस ने किसी एपीसोड में देखा कि यदि किसी बीमार व्यक्ति को दवा की ओवरडोज दे दी जाए तो वह ठीक होने के बजाय अधिक बीमार हो सकता है और उस की मौत भी हो सकती है.
चूंकि सपना के ससुर किशोरचंद्र बीमार रहते थे. इसलिए सपना ने उन्हें दवा की ओवरडोज देने का प्लान बनाया.
अब शातिर सपना ने मौत का खूनी खेल शुरू किया. वह दिखावे के तौर पर ससुर की खूब सेवा करने लगी, लेकिन साथ ही शुगर की दवा की ओवरडोज भी देने लगी. सपना का नाजायज रिश्ता मैडिकल स्टोर चलाने वाले सुरेंद्र सिंह से पहले से ही था. तो वह उस के मार्फत कुछ ऐसी दवाएं भी मंगाने लगी जो फेफड़ों के लिए ज्यादा खतरनाक थीं.
इन दवाओं के देने से किशोरचंद्र गंभीर बीमार पड़ गए और जुलाई 2022 में उन का निधन हो गया. कोई जान ही नहीं पाया कि किशोरचंद्र की मौत कैसे हुई. सभी ने उन की मौत को सामान्य मौत समझा. ऋषभ स्वयं भी पत्नी के षडयंत्र से अनजान रहा.
पिता की मौत से ऋषभ तो दुखी था, लेकिन सपना मन ही मन खुश थी. कुछ दिन घर में गम का माहौल रहा. उस के बाद सब कुछ सामान्य हो गया. सपना अब पूरी तरह से स्वतंत्र हो गई थी. अत: वह प्रेमी राज को फिर घर बुलाने लगी. उस की रंगरलियां फिर शुरू हो गईं. वह राजकपूर को उस दिन बुलाती, जब ऋषभ लखनऊ या दिल्ली चला जाता.
ससुर को निबटाने के बाद सपना ने चली दूसरी चाल
इन्हीं दिनों सपना ने एक नया ड्रामा शुरू कर दिया. उस ने ऋषभ से कहा कि वह मकान व लखनऊ वाले प्लौट में उसे भी नौमिनी बनाए. ससुर के खाते से मिलने वाली रकम में से आधा पैसा देने की डिमांड की. लेकिन ऋषभ ने उस की कोई भी डिमांड पूरी करने से साफ इंकार कर दिया. सपना ने तब फांसी लगा कर जान देने का नाटक किया, लेकिन ऋषभ पर इस का असर नहीं पड़ा.
अब प्रौपर्टी को ले कर आए दिन ऋषभ और सपना में झगड़ा होने लगा. कभीकभी तो झगड़ा इतना बढ़ जाता कि दोनो में मारपीट तक हो जाती. एक दिन तो झगड़े के दौरान सपना ने कह भी दिया कि उस ने शादी उस से नहीं, उस की दौलत से की है. यह सुन कर ऋषभ का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया था.
ऋषभ को अपने व्यवसाय के सिलसिले में उसे दिल्ली, लखनऊ व अन्य कई शहरों में जाना पड़ता था. अक्तूबर 2022 में उसे एक सप्ताह के लिए दिल्ली जाना पड़ा. पति दिल्ली चला गया तो सपना ने प्रेमी राज को घर बुला लिया. वह रात को भी वहीं रुकता और सपना के साथ रंगरलियां मनाता.
एक रात बिस्तर पर मिलन के दौरान सपना ने पूछा, ‘‘राज, इस तरह हम कब तक लुकाछिपी का खेल खेलते रहेंगे. क्या और कोई रास्ता नहीं है?’’
‘‘एक रास्ता है, तुम ऋषभ को छोड़ कर मुझ से शादी कर लो.’’
‘‘पर मेरे पास दूसरा रास्ता भी है,’’ सपना ने आंखें नचाईं.
‘‘वह क्या है?’’ राजकपूर ने पूछा.
‘‘तुम ऋषभ को निपटा दो. उस के बाद मैं तुम्हारी हो जाऊंगी और उस की करोड़ों की प्रौपर्टी भी हमें मिल जाएगी. हम दोनों पूरी जिंदगी ऐश करेंगे.’’
सपना की बात सुन कर राजकपूर का हलक सूख गया. वह थूक गटक कर बोला, ‘‘यह काम अकेले नहीं हो सकता. किसी को साथ मिलाना होगा. उसे पैसों का लालच भी देना होगा.’’
‘‘तो डरते क्यों हो. दे दो न पैसों का लालच. सारा पैसा मैं तुम्हें दूंगी.’’
फिर पति की भी दे दी सुपारी लगभग एक सप्ताह बाद ऋषभ दिल्ली से वापस आया तो पड़ोसियों ने उसे बताया कि जितने दिन वह घर से बाहर रहा, उतने दिन एक युवक उस के घर अड्डा जमाए रहा. वह रात को भी घर में रुकता था.
यह सुन कर ऋषभ का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. घर आ कर उस ने उस युवक के बारे में सपना से पूछा तो वह साफ मुकर गई.
ऋषभ ने जब सख्ती की तो सपना ने बताया कि वह युवक उस का रिश्तेदार तथा कालेज में साथ पढ़ने वाला राजकपूर था. ऋषभ समझ गया कि सपना के उस से नाजायज संबंध हैं. अत: उस रोज ऋषभ ने सपना के साथ खूब मारपीट की.
इस मारपीट ने आग में घी का काम किया. सपना ने पति की हत्या की सुपारी 3 लाख रुपए में अपने प्रेमी राजकपूर को दे दी. राजकपूर की भाभानगर (चकेरी) में ग्लास की दुकान थी. इस दुकान पर उस का एक विश्वासपात्र कर्मचारी था सत्येंद्र सिंह. वह भी रायपुर का ही रहने वाला था.
उस ने सत्येंद्र सिंह को सारी बात बताई और अपने साथ मिला लिया. पैसों के लालच में सत्येंद्र सिंह अपने मालिक राजकपूर का साथ देने के लिए राजी हो गया. लगभग 50 हजार रुपया उस ने सपना से सत्येंद्र सिंह को दिलवा भी दिया.
इस के बाद राजकपूर और सत्येंद्र सिंह सपना के पति ऋषभ की हत्या करने के लिए उस का पीछा करने लगे. लखनऊ आतेजाते वे दोनों उस का पीछा करते, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिलता. आनेजाने की सूचना सपना ही प्रेमी को देती थी.
27 नवंबर, 2022 की सुबह सपना को पता चला कि शाम को उस का पति ऋषभ एक शादी समारोह में शामिल होने चकरपुर पंचायत घर जाएगा. उस ने इस की जानकारी अपने प्रेमी राजकपूर को दी और पति की स्कूटी का नंबर भी नोट करा दिया. सपना ने फोन पर राजकपूर से कहा कि आज उस का काम तमाम हो जाना चाहिए. इंतजार करतेकरते मैं थक चुकी हूं.