पहले तो ओमवीर को विश्वास नहीं हुआ. उसे हसीन सपने दिखाने वाली पूजा किसी दूसरे से कैसे प्यार कर सकती है? लेकिन जब उसे पूजा के बदले व्यवहार की याद आई तो गुस्से में वह पागल हो उठा. क्योंकि उस ने दिमाग में बैठा लिया था कि पूजा उस की है और उसी की रहेगी. वह किसी दूसरे की कैसे हो सकती है. अपनी यह बात कहने के लिए वह पूजा से मिलने का मौका तलाशने लगा. पूजा उसे मिली तो उस ने उस का हाथ पकड़ कर चेतावनी वाले अंदाज में कहा, ‘‘पूजा, तुम ने मेरी मोहब्बत को ठुकरा कर अच्छा नहीं किया. एक बात याद रखना, मैं तुम्हें किसी दूसरे की कतई नहीं होने दूंगा.’’
पूजा ने झटके से हाथ छुड़ा कर कहा, ‘‘आज के बाद अगर तुम ने मेरा रास्ता रोका तो ठीक नहीं होगा. मैं आज ही तुम्हारी शिकायत घर में करूंगी.’’
पूजा ने कहा ही नहीं, आ कर पिता से ओमवीर की शिकायत कर भी दी. अनोखेलाल ने ओमवीर की शिकायत नेम सिंह से की तो उस ने कहा, ‘‘तुम निश्चिंत रहो, मैं उसे समझा दूंगा.’’
नेम सिंह ने बेटे को समझाया जरूर, लेकिन उस के मन में क्या है, यह वह भी नहीं जान सका. ओमवीर प्रेमिका की बेवफाई की आग में जल रहा था. इस आग को शांत करने के लिए उस ने तय कर लिया कि अब वह उसे उस की बेवफाई की सजा जरूर देगा. उस का प्यार पूरी तरह नफरत में बदल चुका था. जबकि पूजा इस सब से बेखबर थी.
ओमवीर मौके की तलाश में था. 17 अक्तूबर, 2013 को वह पूजा के स्कूल जाने वाले रास्ते पर हंसिया ले कर खड़ा हो गया. पूजा अब निश्चिंत थी कि उस ने ओमवीर की शिकायत अपने पिता से कर दी है, इसलिए वह उस के रास्ते में नहीं आएगा. अनोखेलाल भी निश्चिंत था कि उस ने नेम सिंह से शिकायत कर दी है, इसलिए उस ने ओमवीर को डांटफटकार दिया होगा. जबकि ओमवीर अपनी जिद पर अड़ा था. नगला टिकुरिया से नगला भुलरिया तक जाने का रास्ता सुनसान रहता था. पूजा अपनी 2 सहेलियों के स्कूल जा रही थी. बीच रास्ते में आमेवीर ने उसे रोक कर कहा, ‘‘पूजा, तुम मेरे साथ चलो.’’
‘‘यह क्या बदतमीजी है. मुझे स्कूल के लिए देर हो रही है.’’ पूजा ने गुस्से में कहा.
ओमवीर ने हंसिया लहराते हुए कहा, ‘‘अगर किसी ने मुझे रोकने की कोशिश की तो काट कर रख दूंगा.’’
हंसिया देख कर पूजा की सहेलियां बगल हो गईं. इस के बाद ओमवीर पूजा को खेत में खींच ले गया. दोनों लड़कियों की समझ में नहीं आ रहा था कि वे क्या करें? वे कुछ करने की सोच ही रही थीं कि उन्हे पूजा की चीख सुनाई दी. वे समझ गईं कि क्या हुआ है. दोनों कालेज की ओर भागीं. कालेज पहुंच कर उन्होंने प्रिंसिपल को पूरी बात बताई. प्रिंसिपल ने तुरंत पुलिस को फोन किया.
दूसरी ओर आमेवीर ने पूजा पर हंसिए से वार किया तो वह जान की भीख मांगने लगी. लेकिन ओमवीर पर तो शैतान सवार था. उस ने पूजा की गर्दन पर लगातार कई वार किए. जब उसे लगा कि पूजा मर गई है तो वह भाग निकला.
थोड़ी ही देर में पूरे इलाके में खबर फैल गई कि एक लड़के ने किसी लड़की की हत्या कर दी है. लोग वहां पहुंचने लगे. सूचना पा कर थाना अमांपुर पुलिस भी आ गई. अनोखेलाल ने भी सुना कि किसी लड़की की हत्या कर दी गई है तो उत्सुकतावश वह भी वहां पहुंच गया. जब उस ने लाश देखी तो पता चला कि वह तो उस की बेटी पूजा है. वह सिर पीटपीट कर रोने लगा.
घटनास्थल पर आई पुलिस को समझते देर नहीं लगी कि मृतका इसी की कोई है. लाश और घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे थाना अमांपुर के थानाप्रभारी ने जब अनोखेलाल से पूछताछ की तो उस ने बताया कि मृतका उस की बेटी पूजा है. जिस की हत्या गांव के ही ओमवीर ने की है. सूचना पा कर एसपी विनय कुमार यादव, एएसपी आर.एन. शर्मा और सीओ सरबजीत सिंह भी आ गए थे.
पुलिस अधिकारियों ने गांव वालों से पूछताछ की तो लोगों ने बताया कि आरोपी ओमवीर के पिता नेम सिंह पर भी कत्ल का मुकदमा चल रहा है. इस समय वह जमानत पर छूट कर आया है. उस ने मृतका के दादा की हत्या की थी. पूछताछ के बाद पुलिस ने घटनास्थल की काररवाई निपटा कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.
अनोखेलाल की ओर से थाना अमांपुर पुलिस ने पूजा की हत्या का मुकदमा ओमवीर, उस के भाई मुकेश तथा पिता नेम सिंह के खिलाफ दर्ज कर लिया. पुलिस ने उसी दिन रात को ओमवीर को गिरफ्तार कर लिया, जबकि मुकेश और नेम सिंह फरार हो गए थे. पूछताछ में ओमवीर ने अपना अपराध स्वीकार कर के हत्या में प्रयुक्त हंसिया भी बरामद करा दिया था.
अगले दिन पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. मुखबिरों की मदद से पुलिस ने 27 अक्तूबर, 2013 को लखीमपुर से मुकेश को भी गिरफ्तार कर लिया. उस से की गई पूछताछ के आधार नेम सिंह भी पकड़ा गया. पूछताछ के बाद पुलिस ने इन दोनों को भी अदालत में पेश किया, जहां से इन्हें भी जेल भेज दिया गया.
— कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित