किरन ने नरिंदर के साथ प्रेम विवाह करने के लिए हिंदू धर्म से सिख धर्म अपनाया था और अब मोहम्मद आजम से निकाह करने के लिए इसलाम धर्म को कबूल कर लिया. पाकिस्तान जाने से पहले वह दिल्ली के अस्पताल में अपने बीमार पिता को भी देखने गई थी. किरन द्वारा यह कदम उठाने के बाद उस के बच्चे भी डरने लगे हैं. किरन की बेटी अपनी मां के धर्म परिवर्तन कर पुनर्विवाह करने पर काफी शर्मिंदा है. वह स्कूल जाना नहीं चाहती. वह कहती है कि बच्चे उसे तंग करते हैं और उस का मजाक उड़ाते हैं.
किरन की भूमिका संदेह के घेरे में
इस बीच होशियारपुर, महिलपुर और गढ़शंकर के सभी निर्वाचित और चुने गए एसजीपीसी सदस्यों ने किरन के लिए वीजा की सिफारिश करने से इनकार कर दिया. सुरिंदर सिंह भुलेवाल राथन, जंगबहादुर सिंह, रणजीत कौर और चरनजीत सिंह ने कहा कि उन्हें बैसाखी तीर्थयात्रा के लिए उस का कोई आवेदन नहीं मिला था.
तरसेम सिंह ने अब इस मामले में एसजीपीसी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. उन का कहना है कि इस मामले में एसजीपीसी उन की लगातार अनदेखी कर रही है. लिहाजा, इस की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. उन्होंने मांग की है कि किरन को वीजा दिलाने के लिए मदद करने वालों, उस के नाम की सिफारिश करने वाले एसजीपीसी के अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए.
तरसेम सिंह ने होशियारपुर के एसएसपी को दी गई शिकायत में देश को बदनाम करने और धोखा देने के आरोप में किरनबाला के खिलाफ भी मामला दर्ज किए जाने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया है कि इस पूरे प्रकरण में पाकिस्तानी पुलिस भी शामिल रही है. किरन पाकिस्तानी पुलिस के संपर्क में थी.
तरसेम सिंह ने बताया कि नंगल के रहने वाले और पाकिस्तान जत्थे में गए नछत्तर सिंह से उन की फोन पर बात हुई थी. तरसेम के मुताबिक, नछत्तर ने उन्हें बताया था कि पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद से ही पाकिस्तानी पुलिस किरन के आसपास मंडरा रही थी. पाकिस्तानी पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी थोड़ीथोड़ी देर में उस से बातचीत कर रहे थे.
नछत्तर का कहना था कि लाहौर पहुंचने के बाद जब जत्थे में शामिल महिलाओं व पुरुषों को अलगअलग कमरों में भेजा गया तो भी पाकिस्तानी पुलिस के कर्मचारी किरन से मिलते रहे थे. इस के बाद 15 अप्रैल तक लगातार किरन जत्थे के साथ रही और पाकिस्तान पुलिस ने उस से संपर्क बनाए रखा था. इस के बाद 16 अप्रैल को वह रुमाला लाने के बहाने से जत्थे से अलग हो कर गायब हो गई थी.
इस मामले की होनी चाहिए उच्चस्तरीय जांच
तरसेम सिंह ने एसएसपी को शिकायती पत्र दे कर किरन के वहां जाने, जत्थे में शामिल होने और वहां से गायब होने के मामले में एसजीपीसी के अधिकारियों और पदाधिकारियों पर संदेह जताते हुए मामले की जांच कराए जाने और संबंधित लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कड़ी काररवाई किए जाने की मांग की है.
तरसेम सिंह ने किरनबाला को पाकिस्तान सरकार से तालमेल कर वापस लाए जाने की मांग को ले कर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना से भी मुलाकात की. खन्ना को दिए पत्र में तरसेम सिंह ने कहा है कि किरनबाला को पाकिस्तान से वापस ला कर परिवार को सौंपा जाए, ताकि उस के बच्चों की परवरिश सही ढंग से हो सके.
दूसरी ओर, किरनबाला उर्फ आमना बीबी ने पति मोहम्मद आजम के साथ लाहौर हाईकोर्ट में अब याचिका दायर की है. इस में बताया गया है कि उस ने दिल्ली में रहते हुए पहले फेसबुक के माध्यम से लाहौर निवासी मोहम्मद आजम से दोस्ती की थी और अब पाकिस्तान आ कर रजामंदी से इसलाम धर्म कबूल कर के उस ने निकाह भी कर लिया है. इसलिए पाकिस्तान सरकार उसे यहां की नागरिकता दे, यह उस का अधिकार है.
इस सब के बीच आमना बीबी बनने के बाद उस के पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने के वायरल वीडियो ने खुफिया एजेंसियों को सकते में डाल दिया है. इस से उस के ससुर तरसेम सिंह की इस बात को बल मिल रहा है कि कहीं वह आईएसआई की एजेंट तो नहीं बन गई. वीडियो फुटेज में किरनबाला अपने नए पाकिस्तानी पति मोहम्मद आजम के साथ कोर्ट के बाहर खड़ी दिखाई दी.
बहरहाल, यह दिल का मामला है या कोई बड़ी साजिश, कहा नहीं जा सकता. परंतु किरनबाला से आमना बीबी बनी पाकिस्तान की नई दुलहन के बारे में अब ताजा बात यह सामने आई है कि अपने फेसबुक के प्रेम और इसलाम धर्म के साथ वफादारी निभाते हुए उस ने लाहौर स्थित अपने घर में रोजे रखे. किरन वहां पर बच्चों से उर्दू भी सीख रही है और कुरआन शरीफ की आयतें भी याद कर रही है.
इन दिनों उस का पति काम के सिलसिले में सऊदी अरब चला गया है. पंजाब पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियां अब किरन के फेसबुक एकाउंट को स्कैन कर के गहनता से इस मामले की जांच कर रही हैं