उस रोज गुस्से में सुरेंद्र के जाने के बाद प्रेम नारायण ने अपनी पत्नी के साथ मिल कर निशा की समस्या के बारे में प्यार से बात की. तब बातचीत में निशा ने बताया कि सुरेंद्र उसे हमेशा छेड़ता रहता था, इस कारण उस ने उस के साथ आनाजाना बंद कर दिया. इस कारण ही वह नाराज हो गया है. वह अकसर उस के स्वास्थ्य केंद्र पर आ कर भी उसे परेशान करता रहता है. सीनियर अधिकारी होने के कारण वह उस के स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच जाता है और गालियों के साथ अश्लील और अभद्र बातें करता है.
एक दिन तो उस ने हद ही कर दी. रास्ते में रोक कर वह उस के साथ जबरदस्ती करने पर उतारू हो गया. निशा के विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी दे डाली. उसे संदेह था कि उस की गालीगलौज की बातें निशा के मोबाइल में रिकौर्ड हैं, इसलिए घर आ कर उस ने मोबाइल तोड़ डाला.
सुरेंद्र की हरकत के बारे में जान कर प्रेम नारायण ने बेटी को थाने में शिकायत दर्ज करवाने की सलाह दी. पिता के कहे मुताबिक, निशा ने 31 मई, 2022 को सिविल लाइंस थाने में सुरेंद्र के खिलाफ शिकायत की, जिस पर पुलिस ने भादंवि की धारा 354 में केस दर्ज कर लिया. इसे ले कर जब पुलिस ने पूछताछ की, तब वह भीगी बिल्ली बन गया. वह निशा के सामने भी गिडग़ड़ाने लगा कि शिकायत वापस ले कर समझौता कर ले, लेकिन निशा ने शिकायत वापस लेने से मना कर दिया.
सुरेंद्र निशा से बारबार माफी मांगने लगा और यह कहने पर कि अब वह उस के रास्ते में कभी नहीं आएगा, निशा ने उसे माफ कर दिया. उन के बीच थाने में राजीनामा हो गया. कुछ दिनों तक सुरेंद्र शांत रहा. निशा को लगा कि सुरेंद्र से उसे अब कोई नुकसान नहीं होगा, तब वह पहले की तरह डा. सुरेंद्र से बातचीत करने लगी. कुछ दिन बाद सुरेंद्र की फिर से हरकतें शुरू हो गईं. वह फिर अपने पुराने रंगरूप में आ गया और निशा को परेशान करने लगा.
डा. सुरेंद्र का टौर्चर बढऩे पर निशा ने पहले की तरह नाराजगी दिखाई और थाने में दोबारा शिकायत दर्ज करवाने की धमकी दी, किंतु सुरेंद्र पर तो निशा के साथ जबरदस्ती करने का फितूर सवार था. वह बोला, ‘‘अगर तूने मेरी बात नहीं मानी तो तेरे बाप और तेरे बेटे को जान से मार दूंगा. अब तू नौकरी कर के देख ले…’’ इस तरह सुरेंद्र उसे नौकरी से हटाने तक की धमकी देने लगा. निशा सुरेंद्र की इस धमकी से काफी परेशान हो गई और डर कर उस ने बस से आनाजाना शुरू कर दिया.
परेशान हो कर निशा ने 21 जून, 2022 को एसपी औफिस जा कर उस की शिकायत कर दी. सुरेंद्र की हरकतें कम होने का नाम नहीं ले रही थीं. इस पर निशा ने एक बार फिर सिविललाइंस थाने में शिकायत दर्ज करवा दी. पुलिस ने सुरेंद्र के खिलाफ धाराएं तो बढ़ा दीं, लेकिन उस के खिलाफ सख्त काररवाई नहीं की, जिस से उस की हिम्मत और बढ़ गई. सुरेंद्र से परेशान निशा ने अपना ट्रांसफर कहीं और करवाने की भी कोशिश की. उस ने 28 जुलाई, 2022 को सीएमएचओ को ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया. वह चाहती थी कि उस की पोस्टिंग सागर जिले के शहर मंडी बामोरा के कस्बा सिहोरा में हो जाए, जहां उस के मामा रहते हैं.
निशा ने डा. सुरेंद्र के खिलाफ थाने में जो शिकायतें की थीं, उन से वह बहुत परेशान हो गया था. वह दिन भर उसे फोन किया करता था. राजीनामे के लिए उस पर फिर से दबाव बनाने लगा था. एक तरफ पुलिस सुरेंद्र के खिलाफ कोई काररवाई नहीं कर रही थी, दूसरी तरफ परिवार के भरणपोषण के लिए निशा नौकरी करने के लिए मजबूर थी. वह जब कभी सुरेंद्र का फोन उठाती तो वह उस से बहुत ही गंदे तरीके से बात करने लगता. गालियां बकता, फिर अश्लील बातों के साथसाथ उस के घर वालों को जान से मारने की भी धमकी देता था.
सुरेंद्र ने निशा को इतना परेशान किया कि 24 दिसंबर, 2022 को उस ने मानसिक तनाव में आत्महत्या करने की कोशिश की. इस का पता चलते ही घर वाले उसे मैडिकल कालेज ले गए. वहां पर उसे भरती कर लिया गया. इस की जानकारी डा. सुरेंद्र को भी हो गई. वह रात में अस्पताल पहुंचा और उसे जबरन घर ले आया. घर पर ही उसे बोतल चढ़वाई. उस के बाद उस की तबीयत में सुधार हो गया. उस के बाद से निशा का जीवन नीरस हो गया था. वह गुमसुम रहने लगी थी. बस बच्चों की खातिर नौकरी कर रही थी. सुरेंद्र उस की खामोशी का फायदा उठाने लगा.
एक दिन सुरेंद्र ने उसे कई बार फोन किया. तब एक काल रिसीव करने पर वह बड़ी बदतमीजी से निशा से बात करने लगा. उस ने निशा को धमकी दी कि वह घर आ कर उस के साथ कुछ भी कर सकता है. उस के अगले दिन 28 फरवरी, 2023 को वह निशा के घर गया. उस ने निशा के साथ फिर से दुर्व्यवहार किया, जिस के बाद ही निशा पंखे से लटकी मिली. पुलिस ने अब तक मिले सबूतों के आधार पर नर्स खुदकुशी मामले में डा. सुरेंद्र के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया था.
कथा लिखने तक डा. सुरेंद्र की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. वह अपने घर से फरार हो चुका था. नर्स निशा और डा. सुरेंद्र प्रकरण में इन दोनों के संबंध केवल दोस्ती तक ही रहे होंगे, ऐसा विश्वास नहीं हो रहा. क्योंकि वह जितना हक निशा पर जताता था, वह केवल दोस्ती में संभव नहीं. वह संबंध क्या थे, यह बात तो डा. सुरेंद्र की गिरफ्तारी के बाद ही सामने आ सकेगी.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित