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मुकेश समलैंगिक तो था ही लेकिन उस के साथ ही उस में कुछ ऐसी आदतें भी थीं, जो आमतौर पर यौन विकृत लोगों में होती हैं. मसलन उसे हाथपांव बांध कर प्यार करने में बेहद आनंद आता था. मुकेश ने जब अपनी ख्वाहिश हसन को बताई तो उस को बड़ा अजीब सा लगा. लेकिन थोड़ी नानुकुर के बाद अपने हाथ और पांव बंधवाने के लिए तैयार हो गया.

इस के बाद मुकेश ने हसन के साथ शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन अपने विकृत अप्राकृतिक प्यार के दौरान मुकेश ने हसन को इतनी बुरी यातनाएं दीं कि हसन का दिल दहल गया.हसन मुकेश से लाख मिन्नतें करता रहा, लेकिन उन्माद में अंधे हो चुके मुकेश के ऊपर उस की चीखों का भी कोई असर नहीं हुआ, बल्कि इस सब से मुकेश को और ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी.

जो दौर मुकेश ने हसन के साथ किया था, वही बारी अब हसन की थी. अब बारी मुकेश के हाथ और पांव बांधने की थी. जिस के बाद हसन ने उसे बिस्तर पर उलटा लिटा दिया. हसन ने भी उस के साथ संबंध बनाए. इस के बाद हसन अपने घर लौट गया.

दिल्ली की सीमा से करीब 70 किलोमीटर दूर हापुड़ के मोहल्ला लज्जापुरी की गली नंबर 8 में रहने वाला 35 वर्षीय मुकेश कर्दम अपनी पत्नी कृष्णा और 3 बच्चों के साथ रहता था. 18 सितंबर, 2023 की ही तो बात है. मुकेश अपनी पत्नी और तीनों बच्चों को बुलंदशहर के गांव इस्माइलपुर स्थित अपनी ससुराल छोड़ आया था. वह बेहद खुश था और शाम को सकुशल हापुड़ वापस आ गया था.

दरअसल, 35 साल के मुकेश का हापुड़ में टेंट हाउस का कारोबार था. घर के पास ही उस की एक किराने की दुकान भी थी. ससुराल से वापस आने के बाद वह कुछ समय तक अपनी किराने की दुकान पर रहा. बाद में वह अपने घर आ गया. उसी रात से मुकेश का फोन स्विच औफ हो गया. ससुराल पक्ष के लोग लगातार मुकेश से संपर्क करने का प्रयास करते रहे. लेकिन फोन बंद होने के कारण उस से संपर्क नहीं हो पाया.

19 और 20 सितंबर को मुकेश की पत्नी कृष्णा लगातार अपने पति को फोन करती रही, लेकिन फोन लगातार स्विच औफ जाता रहा, इसलिए उस की चिंता बढ़ गई. फिर 21 सितंबर की सुबह करीब साढ़े 10 बजे वह अपने भाई को ले कर हापुड़ पहुंची तो यह देख कर कृष्णा को आश्चर्य हुआ कि मकान की बाहर से कुंडी लगी थी.

उसे शक हुआ, दरवाजे के नजदीक जाने पर घर के भीतर से काफी ज्यादा बदबू आने का भी अहसास हुआ. तब कृष्णा अपने भाई के साथ बाहर की कुंडी खोल कर मकान के भीतर घुसी तो अपने बैडरूम में पहुंचते ही उस के हलक से चीख निकल गई.

मुकेश की खून से लथपथ लाश जमीन पर पड़ी थी, जिस के हाथ बंधे हुए थे, मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था. शरीर पर केवल अंडरवियर था. सिर से बहा खून जम कर काला पड़ चुका था. मुकेश के साले ने हापुड़ में ही रहने वाले मुकेश के दोनों भाइयों राकेश, विनोद और मां को फोन कर मुकेश की हत्या होने की बात बता दी.

मुकेश के दोनों भाई भी हापुड़ में पास की कालोनी में रहते थे. लिहाजा आधा घंटे में वे अपने परिवारों के साथ वहां पहुंच गए. इधर पति की मौत ने कृष्णा को भी बुरी तरह तोड़ कर रख दिया. वह रोते हुए बारबार बेहोश हो रही थी. पति के शव से लिपट कर विलाप कर रही कृष्णा बस यही कह रही थी कि वह अब जीवित रह कर क्या करेगी.

बच्चों के सिर पर पिता का साया नहीं रहा तो वह कैसे 3-3 बच्चों की परवरिश करेगी. उस के दर्द व आंखों से बहते आंसुओं को देख लोगों की आंखें नम हो गईं. हर कोई उसे सांत्वना दे कर शांत करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन वह बारबार बेसुध हो रही थी.

अजीब हालत में मिली थी मुकेश की लहूलुहान लाश

मुकेश अपने परिवार में सब से छोटा होने के कारण सभी का चहेता था. 3 साल पहले ही मुकेश के पिता खजान सिंह का देहांत हो गया था. इस सदमे से मुकेश की मां माया अभी ठीक से उबरी भी नहीं थी कि अब जवान और सब से छोटे बेटे की भी मौत हो गई. छाती पीटपीट कर माया देवी बस एक ही बात बोल रही थीं कि इस से तो अच्छा यही होता कि बेटे की जगह उन्हें मौत आ जाती.

साफ था कि मुकेश की मौत से मां को गहरा सदमा लगा है. बेटे की खून से लथपथ लाश देख कर माया का रोरो कर बुरा हाल था. वैसे भी जवान बेटे की मौत किसी मां के लिए कितना बड़ा सदमा होती है, यह सिर्फ उस का दिल ही बता सकता है.

अगले 2 घंटे में मुकेश के घर के बाहर उन के रिश्तेदारों के अलावा आसपास के लोगों की बेतहाशा भीड़ जमा हो चुकी थी. इसी बीच मुकेश के सब से बड़े भाई राकेश ने हापुड़ कोतवाली को फोन कर के इस मामले की सूचना दे दी थी. कोतवाल नीरज कुमार अपने मातहतों के साथ तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए.

घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्होंने एसपी अभिषेक वर्मा और सीओ (कोतवाली) को वारदात की सूचना दे दी. सूचना मिलने के बाद क्राइम इनवैस्टीगेशन व फोरैंसिक की टीमें भी मौके पर पहुंच गई, जिन्होंने वारदात वाली जगह से फिंगरप्रिंट और कातिल तक पहुंचने के सुराग एकत्र करने शुरू कर दिए.

थोड़ी देर में ही एसपी अभिषेक वर्मा घटनास्थल पर पहुंच गए. इलाके के लोगों के साथ घर वालों और व्यापारियों ने उन से हत्याकांड का खुलासा जल्द करने की मांग की. एसपी अभिषेक वर्मा ने पीडि़त परिवार के साथ सभी शुभचिंतकों को भरोसा देते हुए कहा कि वह जल्द से जल्द कातिल तक पहुंच जाएंगे, बस पुलिस को जांच में सहयोग करें.

पुलिस टीम ने जांच कार्य शुरू करते ही एक खास बात नोट की. मुकेश का शव लहूलुहान हालत में में फर्श पर पड़ा मिला था. लाश के पास ही खून से सना लोहे का एक तवा पड़ा मिला था. साफ लग रहा था कि उसी तवे से मुकेश के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर के उस की हत्या की गई थी.

एक तरह से तवे के वार से मुकेश का सिर बुरी तरह कुचला गया था. इतना ही नहीं, शरीर पर भी कई जगह घाव थे. चारों तरफ खून फैला हुआ था. मुकेश के मुंह में भी कपड़ा ठूंसा गया था. शरीर से बह रहा खून काला पडऩे के बाद एक बात साफ थी कि उस की मौत को कम से कम 48 घंटे बीत चुके थे.

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