Hindi crime story: अय्याश कुंदन कुमार को कमउम्र की लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बनाने का शौक तो लग ही गया था, दुर्भाग्य से उसे उन के साथ अपने संबंधों की फिल्म बना कर देखने का भी चस्का लग गया था. उस के इसी शौक ने उसे उस की असली जगह तक पहुंचा दिया. पहाड़ों की रानी कहलाने वाले पर्यटनस्थल शिमला के रहने वाले थे सेठ दसौंधामल. मूलरूप से जिला कांगड़ा के गांव काशनी के रहने वाले दसौंधामल ने बरसों पहले शिमला में हार्डवेयर का व्यापार शुरू किया था. उन का यह धंधा इतना बढि़या चला कि उन्होंने शिमला में अपार ख्याति और संपत्ति अर्जित की.

दसौंधामल के परिवार में पत्नी कंचनबाला के अलावा एक बेटा और 6 बेटियां थीं. बेटियों को पढ़ालिखा कर उच्च घरानों में उन की शादियां कर दी गईं, जिन में से 3 तो आज विदेशों में रह रही हैं. 6 बेटियों के बाद एकलौता बेटा था कुंदन कुमार. पढ़लिख कर वह इंडियन एयरफोर्स में पायलट औफिसर बन गया था. साल भर बाद ही मैडिकल ग्राउंड पर नौकरी छोड़ दी और अपने पुश्तैनी धंधे में पिता का हाथ बंटाने के साथसाथ शिमला स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से बीए करने लगा. दौरान दिल्ली निवासी मधुपलाल की उच्चशिक्षित बेटी मालारानी से कुंदन कुमार की शादी हो गई, जिस से उसे 3 बेटियां और एक बेटा हुआ.

कहते हैं, जब तक दसौंधामल जिंदा थे, तब तक तो उस पर अंकुश रहा. पिता के मरते ही उस के पंख निकल आए. पैसों का लेनदेन और पूरा कारोबार अब उस के हाथों में था. उस के पास इतना पैसा था कि दोनों हाथों से लुटाता तो भी खत्म होने वाला नहीं था. जमेजमाए कारोबार के अलावा दसौंधामल इतनी प्रौपर्टी छोड़ गए थे कि उस का किराया ही हर महीने लाखों में आता था. इस सब के अलावा कुंदन कुमार की पत्नी मालारानी ऊंचे ओहदे पर सरकारी नौकरी में थीं. उन्हें भी वेतन में मोटी रकम मिलती थी. इसलिए पैसों के लिए उन्हें कभी पति की ओर देखने की जरूरत नहीं थी. 4 बच्चे होने के बाद वह उन का भविष्य संवारने में व्यस्त हो गई थीं.

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