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राजपूत समाज के आक्रोश को देखते हुए कानूनव्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने 20 अप्रैल को सीकर में सुबह 6 से शाम 6 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं. हालांकि इस की सूचना मीडिया के माध्यम से पुलिस व प्रशासन ने एक दिन पहले ही दे दी थी. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन के अधिकारी राजपूत समाज के प्रतिनिधियों से बराबर संपर्क में रहे.

इंटरनेट बंद होने से दिन भर बवाल मचता रहा. पुलिस ने राजपूत छात्रावास की बिजली बंद करा दी. इस से माइक बंद हो गया तो राजपूत युवा भड़क गए. इस के बाद विधायक गुढ़ा ने कलेक्टर आवास में घुस कर वहां कब्जा करने की चेतावनी दे दी. इस से पुलिस के हाथपैर फूल गए.

पुलिस ने वहां घेराबंदी कर बड़ी तादाद में सशस्त्र बल तैनात कर दिया. इस बीच विधायक गुढ़ा युवाओं के साथ मौन जुलूस निकालने लगे तो पुलिस अधिकारियों ने उन्हें सख्ती से रोक दिया. दिन भर आंदोलनकारी और पुलिस आमनेसामने होते रहे.

आईजी एस. सेंगाथिर ने मोर्चा संभाल कर प्रदर्शनकारियों को बताया कि जयपुर से एटीएस और एसओजी सहित 11 टीमें जांच में जुटी हुई हैं. पुलिस अपराधियों के निकट पहुंच चुकी है और जल्द से जल्द हंसा कंवर को बरामद कर लिया जाएगा.

चौथे दिन 20 अप्रैल की शाम तक यह सूचना सीकर पहुंच गई कि पुलिस ने देहरादून से दुलहन हंसा कंवर को बरामद कर लिया है और 2 आरोपी पकड़े गए हैं. इस के बाद राजपूत समाज ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा कर दी.

दुलहन हंसा को देहरादून से बरामद करने की कहानी बड़ी रोचक है. हंसा का अपहरण कर अंकित, महेंद्र फौजी और विकास भामू जायल हो कर छोटी खाटू पहुंचे. वहां वे आरिफ से मिले. आरिफ किराए पर गाडि़यां चलाता है.

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