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रात बीत गई, लेकिन कोई भी फोन नहीं आया. न तो अपहरणकर्ता ने ही दोबारा फोन किया और न ही फोन पर रुद्राक्ष के मिलने की कोई खबर मिली.

पूरी रात आंसुओं में बीतने के बाद दूसरे दिन शुक्रवार का सूरज निकल आया. पुनीत और श्रद्धा को उम्मीद थी कि आज रुद्राक्ष का पता लग जाएगा. वे दुआ मांग रहे थे कि किसी भी तरह रुद्राक्ष सुरक्षित लौट आए.

रुद्राक्ष का पता लग भी गया, लेकिन पुनीत और श्रद्धा का सब कुछ लुट चुका था. उस दिन सुबहसुबह कोटा के पास तालेड़ा इलाके में एक नहर में बच्चे का शव पड़ा होने की सूचना मिली. पुलिस मौके पर पहुंची. पुनीत और श्रद्धा को भी बुला लिया गया. शव रुद्राक्ष का ही था. बेटे का शव देख कर श्रद्धा पछाड़ खा कर गिर पड़ीं. परिवार वालों ने उन्हें संभाला और घर ले गए. अपहर्ताओं ने मासूम रुद्राक्ष को मार कर नहर में फेंक दिया था.

रुद्राक्ष का शव नहर में मिलने की बात पूरे शहर में तेजी से फैली तो लोगों में आक्रोश फैल गया. मासूम रुद्राक्ष की मौत से पूरा शहर रो पड़ा. पुलिस ने जरूरी काररवाई के बाद शव घर वालों को सौंप दिया. दोपहर में गमगीन माहौल में रुद्राक्ष का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

अब यह मामला संगीन हो चुका था. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देश पर जयपुर से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, कोटा के प्रभारी मंत्री यूनुस खान तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) अजीत सिंह कोटा पहुंच गए. उन्होंने पीडि़त परिवार से मिल कर सांत्वना दी और रुद्राक्ष के हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का भरोसा दिलाया.

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