Social Stories in Hindi : गांवदेहात की गलीमोहल्ले में दुकान खोल कर बैठे झोलाछाप डाक्टरों के बारे में आप ने सुना होगा, लेकिन मध्य प्रदेश के जानेमाने मिशन अस्पताल में एक ऐसा फरजी कार्डियोलौजिस्ट पकड़ में आया है, जो न केवल हार्ट के मरीजों का इलाज कर रहा था, बल्कि दनादन सर्जरी भी करता था. जिला प्रशासन की नींद तब टूटी, जब इस की वजह से 7 मरीजों की मौत हो गई. आखिर कैसे चल रहा था इस का गोरखधंधा?
13 जनवरी, 2025 की शाम को नवी कुरैशी की अम्मी रहीसा बेगम के सीने में दर्द उठा तो आननफानन में उन्हें मध्य प्रदेश के दमोह में स्थित सरकारी अस्पताल ले जाया गया. हालत सीरियस होने पर वहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार कर उन्हें किसी प्राइवेट अस्पताल में हार्ट स्पैशलिस्ट को दिखाने की सलाह दे कर रेफर कर दिया. हार्ट का मामला था, लिहाजा नवी अपनी अम्मी को ले कर शहर के मिशन अस्पताल पहुंच गए. वहां ड्यूटी पर तैनात जो डाक्टर थे, उन्होंने शुरुआती जांच कर नवी से कहा, ''देखिए, पेशेंट को हार्ट अटैक आया है, इन्हें 72 घंटे इनवैस्टीगेशन में रखना होगा.’’
डाक्टर की बात सुन कर नवी घबरा गए. नवी कुरैशी को पता था कि एक साल पहले भी अम्मी को अटैक आया था, पर वह इलाज से ठीक हो गई थीं. ड्यूटी पर तैनात डाक्टर ने एक परची पर जांच लिखते हुए 50 हजार रुपए काउंटर पर जमा करवाने के निर्देश दिए. दूसरे दिन 14 जनवरी को उन की एंजियोग्राफी की गई तथा ईको की जांच के बाद डाक्टर ने नवी से कहा, ''मामला सीरियस है, पेशेंट की 2 नसें ब्लौक हो गई हैं, एक 92 परसेंट तो दूसरी 80 परसेंट तक. इन की सर्जरी करनी पड़ेगी, पैसों का इंतजाम कर लीजिए.’’