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आदिल दुनिया के हर सुखदुख से अलग पूरे दिन अपने फार्महाऊस की दुनिया में डूबा रहता था. फार्महाऊस में ही उस ने छोटा सा, लेकिन बहुत ही सुंदर घर बना रखा था, जिस के अगल बगल फूलों का बहुत सुंदर बगीचा था. जिस में सीजन के हिसाब से हमेशा फूल खिले रहते थे. फार्महाऊस के बाहर के लोग आदिल को एक ऐसी मूर्ति के रूप में जानते थे, जो हमेशा लबादे से ढकी रहती थी. किसी ने उस का चेहरा नहीं देखा था कि वह कैसा है.

आदिल के अलावा उस फार्महाऊस में उस के 3 नौकर रहते थे, जिन में एक अधेड़ था, जिसे सब चाचा कहते थे. उस के अलावा 2 लड़के मीना और फत्तो थे.

आदिल को भी सभी घरेलू काम आते थे. उसे खेती किसानी ही नहीं, जानवरों के बारे में भी अच्छीखासी जानकारी थी. इसलिए उस ने अपने फार्महाऊस में तमाम जानवर भी पाल रखे थे.

आदिल के बाहर के सारे काम उस के नौकर करते थे. चाचा की पत्नी मर चुकी थी. एक बेटा था, जो विदेश में रहता था. उस की शादी हो चुकी थी और पत्नी उस के साथ ही रहती थी. कभीकभार फोन कर के वह अब्बा का हालचाल ले लेता था.

दूसरा नौकर मीना साधारण शक्लसूरत का बहुत ही सीधासादा लड़का था. उस के लिए परेशानी यह थी कि आदिल से उसे जो कुछ भी मिलता था, वह उस की सौतेली मां छीन लेती थी. चाचा ने उस की शादी कराने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन लड़कियों ने उस के मुंह पर ही मना कर दिया था.

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