पटना के एसएसपी मनु महाराज देर रात औफिस में बैठ कर अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे थे, तभी उन के एक खास मुखबिर ने सूचना दी कि बिहार के मोतिहारी जिले से 2 नाबालिग लड़कियां बाहुबलियों द्वारा अपहृत कर के पटना लाई गई हैं. समय रहते अगर खोजबीन की जाए तो लड़कियां बरामद की जा सकती हैं.

सूचना चौंकाने वाली थी क्योंकि पटना में पिछले साल कई जगहों पर सैक्स रैकेट का पुलिस द्वारा भंडाफोड़ कर के आरोपियों को जेल भेजा गया था. रैकेट में ज्यादातर लड़कियां पटना से बाहर की ही रहने वाली थीं. मुखबिर की सूचना से उन्होंने अनुमान लगाया कि उन लड़कियों को भी जरूर किसी खास मकसद से पटना लाया गया होगा. पटना कोई छोटीमोटी जगह तो थी नहीं जिस से उन लड़कियों को आसानी से ढूंढा जा सकता.

एसएसपी ने उसी समय सभी थानों को वायरलैस द्वारा मैसेज प्रसारित करा दिया कि 2 नाबालिग लड़कियां किसी के साथ संदिग्धावस्था में या होटल, या ढाबे में मिलें तो उन से पूछताछ की जाए और उस की सूचना तुरंत उन के औफिस में दी जाएं.

इस के अलावा उन्होंने शहर कोतवाली के कुछ पुलिसकर्मियों की टीम बना कर बस अड्डा, रेलवे स्टेशनों, होटलों आदि जगहों पर भेज दीं. कप्तान साहब का आदेश मिलते ही पुलिस टीम ने बस अड्डा और पटना के रेलवे स्टेशनों पर संदिग्ध लड़कियों को खोजना शुरू किया, लेकिन वहां ऐसा कोई संदिग्ध नहीं मिला. इस के बाद पुलिस टीम ने शहर के होटलों, गेस्ट हाउसों की तलाशी शुरू की.

इसी क्रम में पुलिस फ्रेजर रोड पर स्थित एक मारवाड़ी आवासगृह में पहुंची. पुलिस ने उस आवासगृह के कमरों की तलाशी लेनी शुरू की तो कमरा नंबर एस-3 में 2 नाबालिग लड़कियां 2 अधेड़ पुरुषों के साथ आपत्तिजनक हालत में मिलीं. पुलिस ने उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया.

पुलिस ने जब उस कमरे की तलाशी ली तो वहां भारी मात्रा में कंडोम, कामोत्तेजक दवाएं, शराब की बोतलें आदि मिलीं. दोनों आदमियों से नाम पूछे गए तो उन्होंने अपने नाम अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव और अजय कुमार बताए. मोहन श्रीवास्तव गया नगर निगम का डिप्टी मेयर था.

पूछताछ में पता चला कि बरामद लड़कियां 14 साल की जया और 15 साल की रूपा थीं. उन लड़कियों ने पुलिस को यह जानकारी दी कि उन लोगों के साथ 5 अन्य लोग भी हैं. उन्हें मोतिहारी हास्पिटल के पास रहने वाली अनीता देवी के सहयोग से जबरिया गाड़ी में बैठा कर लाए हैं और सभी ने उन के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया है. उन्होंने खुद को गोपालगंज के मांझीगढ़ की रहने वाली बताया था.

लड़कियों ने जिन 5 लोगों के बारे में बताया, पुलिस ने उन के बारे में ओंकारनाथ और अजय से मालूमात की तो पता चला कि वे फ्रेजर रोड पर स्थित होटल सम्राट के कमरा नंबर 507 में ठहरे हुए हैं. चूंकि होटल कांग्रेस के एक कद्दावर पूर्व एमएलसी का था, इसलिए पुलिस हर तरह से ठोंकबजा कर वहां रेड डालना चाह रही थी.

बात डीजीपी अभयानंद के कानों में डाली गई तो उन्होंने रात में ही प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की. वहां से हरी झंडी मिलने के बाद एसपी (सिटी) जयतकांत, डीएसपी ममता कल्याणी और अमन कुमार की टीम ने होटल सम्राट में छापेमारी कर वहां से 5 लोगों को हिरासत में ले लिया.

दोनों लड़कियों ने उन की शिनाख्त कर दी. गिरफ्तार लोगों ने अपने नाम क्रमश: विनोद कुमार मंडल, जितेंद्र कुमार वर्मा, पिंटू कुमार, मनोज कुमार और जितेंद्र प्रसाद बताए. इन में से विनोद कुमार और जितेंद्र कुमार गया के पार्षद थे. जितेंद्र कुमार के कमरे से भी कंडोम, कामोत्तेजक दवाएं, शराब की खाली बोतलों सहित अन्य सामग्री बरामद हुई थी.

अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर एसएसपी मनु महाराज भी कोतवाली पहुंच गए. उन के सामने दोनों लड़कियों ने बताया कि अनीता नाम की एक महिला ने उन्हें नौकरी दिलाने के लिए बुलाया था और बाद में इन लोगों के साथ कार में बैठा दिया था. रास्ते भर सभी लोगों ने उन के साथ छेड़छाड़ की.

पुलिस ने जया और रूपा के बयानों के आधार पर डिप्टी मेयर अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव और अन्य सभी लोगों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म के अलावा अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धारा 3, 4 व 5 के तहत मामला दर्ज कर लिया. यह बात 6 जनवरी, 2014 की है.

पूछताछ के दौरान एसएसपी को जो जानकारी मिली, उस से वह हैरान रह गए, क्योंकि गिरफ्तार किए गए लोगों में अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव गया नगर निगम का डिप्टी मेयर और 2 निगम पार्षद तथा एक महिला पार्षद का पति भी था.

पटना पुलिस ने जब डिप्टीमेयर मोहन श्रीवास्तव के बारे में और जानकारी पाने के लिए गया जिले की पुलिस से संपर्क किया तो उस के साथसाथ उस की पत्नी मनीषा श्रीवास्तव की भी चौंकाने वाली बातें सामने आईं.

42 वर्षीय अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव पहले एक साफसुथरी छवि वाला सामाजिक व्यक्ति था. उस ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत गया के सांसद रहे राजेश कुमार और पूर्व मंत्री सुरेंद्र यादव के प्राइवेट सेके्रटरी के रूप में की थी. लेकिन राजनीति में जोड़तोड़ का माहिर मोहन श्रीवास्तव दिल्ली से गया में आ कर बस गया.

दिल्ली से गया आने के बाद उस ने अपना व्यक्तित्व उभारने के कई प्रयास किए. लेकिन सन 2003 में अतुल प्रकाश अपहरण कांड में उस का नाम जुड़ने से वह पहली बार विवादित हो गया.इस के बाद वह सन 2010 में गया के शहरी विधानसभा क्षेत्र से कांगे्रस (आई) का टिकट पाने में सफल हो गया, लेकिन चुनाव हार जाने की वजह से वह हाशिए पर आ गया.

मोहन श्रीवास्तव ने हार नहीं मानी. वह राजनीति में अपना वर्चस्व बनाने के लिए जीतोड़ कोशिश करने लगा. जब निकाय चुनाव हुए तो उस ने पार्षद का चुनाव लड़ा. वह चुनाव जीत गया. इस के बाद वह जोड़तोड़ की राजनीति कर के नगर निगम के डिप्टी मेयर के पद पर पहुंच गया.

मोहन श्रीवास्तव की नेतागिरि फिर से चमकने लगी थी. लेकिन 25 दिसंबर, 2013 को एक मामले ने उस की छवि को फिर धूमिल कर दिया. हुआ यह कि मोहन श्रीवास्तव की पत्नी मनीषा श्रीवास्तव का गया में ही चौक रोड पर एक मकान था. उस ने वह मकान अपने एक पड़ोसी रिश्तेदार को किराए पर दे रखा था.

वह रिश्तेदार उस मकान में ‘स्वर्ग लोक’ जेंट्स मसाज पार्लर की आड़ में सैक्स रैकेट चलाता था. डीएसपी सोनू कुमार राय के नेतृत्व में गठित एक पुलिस टीम ने 25 दिसंबर, 2013 को इस मसाज पार्लर में छापा मारकर 3 लड़कियों सहित एक को धर दबोचा.

राजनीतिक विरोधियों ने मोहन श्रीवास्तव का नाम भी इस मामले में खूब उछाला. उन्होंने सड़क पर प्रदर्शन कर के और उस का पुतला फूंक कर उस के खिलाफ भी कानूनी काररवाई  की मांग की.

पटना के मारवाड़ी आवासगृह में रंगे हाथों गिरफ्तार होने के बाद भी मोहन श्रीवास्तव अपनी ऊंची पहुंच व देख लेने की धमकी एसएसपी को देता रहा, लेकिन एसएसपी उस की बंदर घुड़की में नहीं आए.

पुलिस ने मोहन श्रीवास्तव के मोबाइल फोन की जांच की तो उस में अनेक अश्लील एसएमएस और महिलाओं की तसवीरें थीं. पटना पुलिस गया पुलिस के माध्यम से अश्लील एसएमएस भेजने वालों और उन महिलाओं के बारे में जानकारी जुटाने में लग गई, जिन के फोटो मोबाइल में मिले थे.

अभियुक्तों से पूछताछ में मोतीहारी की रहने वाली अनीता नाम की महिला का नाम सामने आया. अनीता को तलाशने के लिए पटना से एक पुलिस टीम 7 जनवरी, 2014 को मोतिहारी रवाना हो गई. लेकिन वह घर पर नहीं मिली. फिर एक गुप्त सूचना पर पुलिस ने उसे उसी दिन मोतिहारी में डिस्ट्रिक हास्पिटल के पास से गिरफ्तार कर लिया. स्थानीय न्यायालय में अनीता को पेश करने के बाद पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर पटना ले आई.

पटना पुलिस ने 21 वर्षीया अनीता से पूछताछ की तो उस की शादी होने से ले कर कालगर्ल्स सप्लायर करने की जो कहानी सामने आई वह बड़ी दिलचस्प निकली.

अनीता मोतिहारी जिले के नगर थानाक्षेत्र में स्थित अगरवा मोहल्ले की रहने वाली थी. वह एक गरीब परिवार से थी. इसलिए यौवन की दहलीज पर कदम रखते ही मोहल्ले के अनेक युवकों की ललचाई नजरें उस पर पड़ीं. जिस से वह भी बहक गई. मात्र 14 साल की उम्र में ही कई लड़कों से उस के अवैध संबंध हो गए. घर की आर्थिक हालत खस्ता होने की वजह से उस ने एक महिला के साथ दाई का काम करना शुरू कर दिया. बाद में उस महिला के बेटे विपिन से उस के अवैध संबंध बन गए. विपिन अनीता को आर्थिक सहयोग भी करता था.

अनीता से मन भर जाने के बाद विपिन ने बाद में उसे अपने दोस्तों के पास भी भेजना शुरू कर दिया. अनीता ने सोचा कि जब लोग उस के जिस्म को नोच ही रहे हैं तो क्यों न वह इसी जिस्म के सहारे पैसा कमाए. इस के बाद अनीता ने अब अपने जिस्म से पैसे कमाने शुरू कर दिए. करीब एक साल में ही अनीता ने देहव्यापार से काफी रुपए कमाए. वह देहव्यापार के धंधे में एक माहिर खिलाड़ी बन चुकी थी. अपने धंधे को बढ़ाने के लिए वह गरीब और पैसे की जरूरतमंद लड़कियों को अपने जाल में फंसा कर उन से देहव्यापार कराने लगी.

करीब 2 साल पहले अनीता की शादी हरियाणा के रहने वाले एक युवक से हुई थी. लेकिन किसी वजह से उस की पति से अनबन रहने लगी. जिस से उन के बीच अकसर झगड़ा होता रहता था. फिर वह एक दिन पति को छोड़ कर मायके चली आई.

मायके में खाली पड़े उस का मन नहीं लगता था. एक स्वयंसेवी संस्था बना कर वह एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने लगी. इस काम में उसे कोई खास कमाई नहीं होती थी. इसलिए शादी से पहले वह जिस धंधे को करती थी, उस ने उसी धंधे को फिर से करने की ठानी.

उस की संस्था में दूरदराज क्षेत्रों की अनेक लड़कियां भी काम करती थीं. लिहाजा उस ने उन लड़कियों को मोटी कमाई और अच्छी जिंदगी जीने के सब्जबाग दिखा कर जिस्मफरोशी के धंधे में उतार दिया. इस तरह अनीता फिर से जिस्मफरोशी का धंधा कर मोटी कमाई करने लगी.

अनीता के ज्यादातर ग्राहक अपने जिले से बाहर के थे. इस कारण वह लड़कियों को नेपाल भी भेजती थी. बिहार के अलावा देह व्यापार में जुड़ी अन्य प्रदेशों की महिलाओं से भी उस के संबंध हो गए थे.

जया और रूपा ने पुलिस को बताया कि वे नौकरी की तलाश में अनीता के पास गई थीं. अनीता ने दोनों को अपनी संस्था में परिचायिका का काम देने को कहा था. 6 जनवरी, 2014 की सुबह ही अनीता ने डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव को अपनी संस्था का अधिकारी बताते हुए यह बताया कि वे उन के साथ जाएं. संस्था में उन्हें क्याक्या काम करना है यह समझा कर मोहन श्रीवास्तव उन्हें वापस यहीं छोड़ देंगे.

इस के बाद अनीता ने जया और रूपा को मोहन श्रीवास्तव की गाड़ी में बैठा दिया. उस गाड़ी में कई और लोग भी बैठ गए. मोहन श्रीवास्तव दोनों लड़कियों को ले कर पटना की तरफ चल दिया. वह रास्ते भर दोनों लड़कियों से छेड़खानी करता रहा. विरोध करने पर उन को जान से मारने की धमकी देता. वे दोनों उस से इतना डर गई थीं कि विरोध तक न कर सकीं.

वह लड़कियों को ले कर पटना के एक मारवाड़ी आवासगृह में गया और उन लड़कियों को अपना रिश्तेदार बता कर एक कमरा लिया. वहां डिप्टी मेयर सहित उस के साथ आए सभी लोगों ने बारीबारी से उन के साथ बलात्कार किया. बाद में डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव के साथ आए अन्य लोगों ने सम्राट होटल में कमरा बुक करा लिया. लेकिन मुखबिर की सूचना पर पटना पुलिस ने छापा मार कर सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.

अनीता से विस्तार से पूछताछ के बाद पटना कोतवाली पुलिस ने उसे 10 जनवरी को पटना के सीजेएम की अदालत में पेश किया, जहां से उसे बेऊर जेल भेज दिया.

इधर होटल में पकड़ी गई दोनों नाबालिग लड़कियों जया और रूपा को पटना पुलिस ने प्रयास भारती नामक एक सामाजिक संस्था के हवाले कर दिया, जहां से उन के घर वाले 13 जनवरी को घर ले गए.

उधर गया के कोतवाली निरीक्षक ने भी मनीषा श्रीवास्तव के जिस घर में 25 दिसंबर को सेक्स रैकेट पकड़ा गया था, उस घर को कुर्क करने के लिए गया के सदर एसडीओ कोर्ट में आवेदन किया.

इस पर एसडीओ सदर मकसूद आलम ने वह संपत्ति कुर्क तो नहीं की, लेकिन उन्होंने आदेश दिया कि भविष्य में उस मकान को किराए पर देने से पहले न्यायालय की अनुमति लेनी अनिवार्य होगी. साथ ही मनीषा श्रीवास्तव के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें नोटिस जारी कर दिया.

अगले दिन पुलिस ने डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव और होटल से पकड़े अन्य 6 अभियुक्तों को पूछताछ के बाद सीजेएम की कोर्ट में पेश कर बेऊर जेल भेज दिया. मनीषा श्रीवास्तव की तलाश में उस के नया गोदाम स्थित आवास पर दविश दी, लेकिन वह नहीं मिली.

जांच के बाद एसएसपी निशांत कुमार तिवारी को पता लग गया कि मोहन श्रीवास्तव के मकान में स्वर्ग लोक जेंट्स और फेस टू फेस पार्लर की आड़ में जिस्मफरोशी का जो धंधा चल रहा था, उस की जानकारी कोतवाली पुलिस को थी.

हर महीने मोटा चढ़ावा चढ़ने की वजह से स्थानीय पुलिस चंद गज दूरी पर चल रहे इस धंधे में दखल नहीं दे रही थी. एसएसपी ने कोतवाली प्रभारी शशिभूषण सिंह को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया और डीएसपी सोनू कुमार राय को भी जांच से अलग कर दिया.

डिप्टी मेयर म ोहन श्रीवास्तव और पार्षदों की गिरफ्तारी के बाद गया का सियासी तापमान सर्दी के बावजूद गरम हो गया. विरोधी पार्टियों के नेताओं ने इस पर खुशी जाहिर की. जबकि बिहार कांगे्रस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक जय कुमार पालित ने मोहन श्रीवास्तव की गिरफ्तारी कर उन्हें तुरंत कांगे्रस पार्टी से निष्कासित करने की मांग की.

अब पुलिस मोहन श्रीवास्तव, उस की पत्नी मनीषा श्रीवास्तव, अनीता आदि के फोन नंबरों की काल डिटेल्स का अध्ययन कर रही है. लोग कयास लगा रहे हैं कि जांच में और भी कई सफेदपोशों के नाम उजागर हो सकते हैं.

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