पहली नवंबर, 2018 की शाम लगभग साढ़े 5 बजे की बात है. 22 वर्षीय पायल अपनी मां गजाला से यह कह कर गई  थी कि वह अपनी सहेली के साथ शौपिंग करने जा रही है. एकदो घंटे में लौट आएगी.

उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर के मोहल्ला दरख्त कैथ हमाम के रहने वाले शाहनवाज की बेटी जैनब उर्फ पायल पढ़ीलिखी और समझदार थी. वह अकेली बाजार जाती रहती थी. घर वालों को उस की तरफ से कोई चिंता नहीं रहती थी. इसलिए मां गजाला ने उस के अकेले जाने पर कोई ऐतराज नहीं किया.

पायल को घर से गए हुए 2 घंटे से ज्यादा का समय हो गया, लेकिन वह घर नहीं लौटी. मां ने उस का नंबर मिलाया तो उस का फोन स्विच्ड औफ आ रहा था. मां को चिंता हुई कि रात के 8 बज गए और पायल अभी तक नहीं आई, उस का फोन भी बंद है. वह ऐसी कौन सी चीज खरीदने गई है जो उसे इतनी देर लग गई. वह जिस सहेली के साथ जाने को कह कर गई थी उस का फोन नंबर भी मां के पास नहीं था. इसलिए उन की समझ में नहीं आ रहा था कि इतनी रात को वह बेटी को कहां ढूंढ़े.

गजाला ने फोन कर के जानकारी अपने पति शाहनवाज को दी तो वह भी अपने घर आ गए. तब तक रात के 10 बज चुके थे. उन्होंने अपने स्तर से बेटी को इधरउधर ढूंढा लेकिन उस के बारे में कहीं से कोई जानकारी नहीं मिली तो वह भी परेशान हो गए.

अपनी रिश्तेदारियों में भी उन्होंने फोन किए पर वह वहां भी नहीं पहुंची थी. मोहल्ले में भी जवान बेटी के गायब होने के बारे में नहीं पूछा जा सकता था. क्योंकि इस में उन्हीं की बदनामी होती. लिहाजा वह बेटी के बारे में सोचसोच कर बहुत परेशान थे.

जवान बेटी के गायब होने से घर वालों की उड़ी नींद

चूंकि रात अधिक हो चुकी इसलिए उन्होंने सोचा कि अगले दिन उसे और तलाशेंगे. बेटी की चिंता में शाहनवाज और उन की पत्नी को नींद नहीं आई. रात भर उन के दिमाग में बेटी को ले कर तरहतरह के विचार आते रहे.

2 नवंबर को शाहनवाज अपने परिवार वालों के साथ दिन भर बेटी को ढूंढते रहे. ढूंढतेढूंढते थक गए तो वह घर लौट आए. बेटी के बारे में कोई खबर नहीं मिलने पर गजाला का रोरो कर बुरा हाल था. उन की आंखें सूज गई थीं.

परिवार वालों की सलाह पर शाहनवाज बेटी के गुम होने की सूचना देने के लिए गंज कोतवाली पहुंच गए. उन्होंने कोतवाली निरीक्षक नरेंद्र त्यागी को बेटी के लापता होने की जानकारी विस्तार से दे दी. शाहनवाज की सूचना पर पुलिस ने जैनब उर्फ पायल की गुमशुदगी दर्ज कर ली.

उधर पायल का बड़ा भाई राहिल खान, जोकि अपने बिजनैस के काम से मुंबई गया हुआ था जब उसे बहन के गायब होने की खबर मिली तो वह भी परेशान हो गया. राहिल खान ने जहांगीर को फोन कर के छोटी बहन पायल के बारे में पूछा तो जहांगीर ने बताया कि उसे पायल के बारे में कुछ पता नहीं है. जब उस से हमारा रिश्ता ही खत्म हो गया तो पायल से उस का क्या वास्ता.

जहांगीर ने धमकी भरे लहजे में उस से कहा कि अब तो मुझे फोन कर दिया आगे फोन किया तो अंजाम बुरा होगा. राहिल रामपुर लौट आया और सीधे कोतवाली निरीक्षक से मिला. उस ने शक जताया कि शहर के ही मोहल्ला गंज में रहने वाले जहांगीर और जहांगीर के 2 दोस्त इमरोज निवासी जेल रोड व प्रभजीत उर्फ सागर का उस की बहन को गायब करने में हाथ हो सकता है.

कोतवाली प्रभारी ने राहिल से इस आरोप के पीछे की वजह पूछी तो राहिल खान ने बताया कि उस की बहन पायल जहांगीर को प्यार करती थी. इतना ही नहीं वह उस के साथ शादी करने पर तुली हुई थी. जबकि पायल और मां के अलावा घर के सभी लोग जहांगीर से उस की शादी करने के खिलाफ थे.

मां की वजह से न चाहते हुए भी घर के अन्य लोग उस की शादी जहांगीर से कराने के लिए तैयार हो गए थे. मार्च 2016 में पायल और जहांगीर की मंगनी हो गई. मंगनी के बाद पायल कभीकभार जहांगीर के साथ बाजार आदि घूमने चली जाती थी.

सब कुछ ठीक था. हम लोग पायल की शादी की तैयारी में जुटे थे कि 2 महीने पहले जहांगीर के पिता ताहिर ने हमारे अब्बू को बताया कि मेरे बेटे जहांगीर को आप की लड़की पसंद नहीं है, जिस वजह से हम यह रिश्ता तोड़ रहे हैं. रिश्ता टूटने पर हमारे परिवार की समाज में बदनामी हुई. पायल ने इस बारे में जहांगीर से पूछा तो उस ने बताया कि उस के सामने एक ऐसी मजबूरी है, जिस की वजह से वह उस से शादी नहीं कर सकता. लेकिन वह उसे अभी भी पहले की तरह ही प्यार करता है. जहांगीर ने वह मजबूरी नहीं बताई.

पायल जहांगीर को दिलोजान से चाहती थी. वह इस बात का पता लगाने में जुट गई कि आखिर जहांगीर ने मंगनी क्यों तोड़ी. थोड़ी कोशिश के बाद पायल को इस की वजह पता चल गई. जानकारी मिली कि जहांगीर ने किसी और मालदार घर की लड़की से शादी करने की खातिर यह मंगनी तोेड़ी थी. पायल जब तब जहांगीर से इस की शिकायत करती रहती थी.

राहिल की शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर के काररवाई शुरू कर दी. पुलिस ने नामजद आरोपियों के घर दबिश दी तो तीनों घरों से फरार मिले. पुलिस का दबाव बढ़ने पर इन में एक आरोपी इमरोज 11 नवंबर, 2018 को गंज कोतवाली में हाजिर हो गया.

जहांगीर ने बुलवाया था पायल को

पुलिस ने इमरोज से पायल के बारे में पूछा तो उस ने बताया कि पहली नवंबर को जहांगीर ने मेरे माध्यम से पायल को बुलवाया था. मैं उस के कहने पर पायल को अपनी स्कूटी से जहांगीर के कोसी नदी के पास स्थित फार्महाउस पर ले गया था. वहां जहांगीर उस का इंतजार कर रहा था. पायल को जहांगीर के पास छोड़ कर मैं वापस अपने घर चला गया था.

इस के बाद पायल कहां गई, इस का मुझे पता नहीं. इस जानकारी के बाद पुलिस को लगा कि जांच सही दिशा में चल रही है. यानी पायल जहांगीर के पास पहुंची तो थी लेकिन वहां से कहां गई  इस की जानकारी जहांगीर से ही मिल सकती थी. यह सूचना उच्चाधिकारियों को देने के बाद थाना पुलिस ने जहांगीर की सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी.

पायल के लापता होने की खबर जब इलेक्ट्रौनिक और प्रिंट मीडिया में प्रमुखता से छाने लगी तो पुलिस की किरकिरी होने लगी. लोगों में भी पुलिस की लापरवाही के चर्चे होने लगे. बरेली मुरादाबाद मंडल के एडीजी प्रेमप्रकाश ने इस केस को गंभीरता से लेते हुए रामपुर पुलिस को लताड़ लगाई. रामपुर के एसपी शिवहरि मीणा को उन्होंने निर्देश दिए कि जल्द के जल्द पायल का पता लगाएं.

एडीजी प्रेमप्रकाश का निर्देश मिलते ही जिला पुलिस पूरी तत्परता से इस केस को सुलझाने में जुट गई. एडीजी प्रेमप्रकाश जिला पुलिस से इस मामले से जुड़ी पलपल की जानकारी लेते रहे.

दूसरी तरफ पायल के घर वाले भी पुलिस पर पायल की बरामदी के लिए लगातार दबाव बना रहे थे. मीडिया के अलावा सोशल मीडिया पर भी पायल का मुद्दा गरमाया हुआ था.

पुलिस ने हिरासत में लिए एक आरोपी इमरोज को पायल के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस के बाद पुलिस ने जहांगीर की रिश्तेदारियों वगैरह में भी दबिशें डालीं. पर वह कहीं नहीं मिला.

जहांगीर को यह पता चल गया था कि इमरोज को पुलिस ने पकड़ लिया है. उसे आशंका थी कि पुलिस पूछताछ में इमरोज ने सब कुछ बता दिया होगा तो पुलिस किसी न किसी तरह उस तक पहुंच जाएगी. पुलिस के डर से बचने के लिए जहांगीर 14 नवंबर को अपने ऊपर चल रहे एक पुराने मामले में अदालत में हाजिर हो कर जेल चला गया.

पुलिस ने दूसरे आरोपी प्रभजीत उर्फ सागर को भी गिरफ्तार कर लिया. उस ने भी यही बताया कि पहली नवंबर को पायल जहांगीर के पास पहुंची थी. इस के बाद वह कहां गई, यह जानकारी प्रभजीत को भी नहीं थी. पुलिस ने उसे भी अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

गंज पुलिस को जहांगीर के जेल जाने की जानकारी मिल चुकी थी. 22 नवंबर को पुलिस ने अदालत में दरख्वास्त दे कर आरोपी जहांगीर का रिमांड मांगा. अदालत ने इस की सुनवाई के लिए 23 नवंबर तय कर दी. पायल को जल्द से जल्द बरामद करने की मांग को ले कर परिवार वालों ने एसपी कार्यालय के सामने एकदिवसीय धरना दिया. एसपी शिवहरि मीणा ने शाहनवाज और उस के घर वालों को भरोसा दिया कि पुलिस की जांच सही दिशा में चल रही है. जल्द ही पायल के बारे में जानकारी मिल जाएगी.

23 नवंबर को अदालत में जहांगीर को पुलिस रिमांड पर भेजने के मामले में सुनवाई हुई. अदालत ने जहांगीर को 25 नवंबर से 4 दिन के रिमांड पर सौंपने के आदेश दिए.

पुलिस ने रिमांड अवधि में जहांगीर से पायल के बारे में पूछताछ की तो उस ने बताया कि वह अजमेर में है. एक पुलिस टीम जहांगीर को ले कर अजमेर चली गई. अजमेर में जहांगीर पुलिस को इधरउधर घुमाता रहा.

वह अपने साथ 4 वकीलों को भी ले गया था. पुलिस को पता लगा कि वह झूठ बोल रहा है तो पुलिस ने धमकी दी कि पायल के गायब कराने में तुम्हारे सभी घर वालों का भी हाथ है. लिहाजा थाने बुला कर उन सभी से पूछताछ की जाएगी.

जहांगीर ने कबूला अपराध

पुलिस की इस धमकी से जहांगीर डर गया और उस ने स्वीकार कर लिया कि वह पायल की हत्या कर चुका है. उस ने यह भी बताया कि उस ने पायल की लाश के टुकड़े कर के कोसी नदी के किनारे दफन कर दिए हैं.

यह जानकारी मिलते ही पुलिस 26 नवंबर की रात में ही कोसी नदी किनारे पहुंच गई. उस की निशानदेही पर जमीन में दबा पायल का शव बरामद हो गया जो 3 टुकड़ों में बंटा था.

जहांगीर ने बताया कि उस ने पायल की हत्या पहली नवंबर को ही कर दी थी. शव गल चुका था. उस की गरदन अलग थी और धड़ भी 2 भागों में बंटा था. घर वालों ने उस की शिनाख्त चप्पल और कपड़ों से की.

पुलिस ने जरूरी काररवाई कर के लाश के टुकड़े पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए. साथ ही डीएनए जांच के लिए सैंपल सुरक्षित रखवा लिए गए. इस के अलावा जहांगीर की निशानदेही पर ही कत्ल में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी और गड्ढा खोदने के लिए प्रयोग किया फावड़ा भी भूसे के ढेर से बरामद कर लिए गए.

27 नवंबर, 2018 को एसपी शिवहरि मीणा ने एक प्रैस कान्फ्रैंस कर के इस केस में खुलासे की घोषणा की. जहांगीर से पूछताछ के बाद पायल की हत्या की जो कहानी सामने आई वह इस प्रकार थी—

पायल मूलरूप से रामपुर शहर के मोहल्ला दरख्त कैथ हमाम निवासी शाहनवाज की बेटी थी. बेटी के अलावा शाहनवाज के 3 बेटे थे. यानी 3 भाइयों की लाडली थी पायल. पहली नवंबर, 2018 को पायल अपनी मां गजाला के पास बैठी थी तभी उस के मोबाइल पर उस के प्रेमी के दोस्त इमरोज का फोन आया.

इमरोज ने पायल को बताया था कि उस के प्रेमी जहांगीर ने उसे कुछ जरूरी बात करने के लिए बुलाया है. जहांगीर का नाम सुनते ही पायल खुश हो गई. उस के हां करते ही इमरोज ने उस से कहा कि वह स्कूटी ले कर उस के घर के नजदीक पहुंच जाएगा. वहां से उसे स्कूटी पर बैठा कर वह उसे जहांगीर के पास पहुंचा देगा.

फोन पर बात करने के बाद पायल ने अपनी मां से झूठ बोलते हुए कहा कि वह सहेली के साथ शौपिंग करने जा रही है, 1-2 घंटे में लौट आएगी. मां ने उसे जाने की इजाजत दे दी. वह जल्दी से कपड़े पहन कर तैयार हो गई.

कुछ देर में इमरोज उस के घर के नजदीक पहुंच गया. उस ने फोन कर के यह बात पायल को बता दी, तब तक पायल तैयार हो चुकी थी, वह घर के बाहर आ गई. इमरोज उसे स्कूटी पर बैठा कर कोसी नदी के पास जहांगीर के फार्म हाउस पर ले गया. जहांगीर का नौकर निसार वहां पहले से ही मौजूद था, जो कि बिहार का रहने वाला था. उसी समय जहांगीर का एक और दोस्त प्रभजीत उर्फ सागर भी वहां आ गया.

जहांगीर पायल से बोला, ‘‘तुम ने अच्छा नहीं किया. तुम से रिश्ता टूटने के बाद मेरी मंगनी रामनगर की जाह्नवी के साथ हो गई थी. मेरे बारे में उल्टासीधा कह कर तुम ने मेरा और तुम्हारा रिश्ता टूटने की बात वहां बता दी. इतना ही नहीं तुम ने मेरे खिलाफ उसे भड़काया भी. तुम ने उसे मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को भी उकसाया था. इतना ही नहीं तुम ने सोशल मीडिया पर निशा के परिवार व मुझे बदनाम करने की धमकी भी दी थी.’’

ज्ञात हो कि पायल से मंगनी टूटने के बाद 2018 में जहांगीर की मंगनी रामनगर के एक उच्च परिवार की युवती जाह्नवी के साथ हो गई थी. जहांगीर ने अपना प्रभाव दिखाने के लिए मंगनी से पहले रामनगर में एक रिसोर्ट किराए पर ले लिया था. उस रिसोर्ट को वह अपना बताता था.

बताया जाता है कि जहांगीर को उम्मीद थी कि जाह्नवी के घर वालों की तरफ से दहेज में एक कार व 10 लाख रुपए मिलेंगे. जब पायल को इस मंगनी का पता चला तो वह बौखला गई. उस ने तय कर लिया कि वह जाह्नवी से होने वाली उस की शादी को तोड़वा कर दम लेगी.

जैसेतैसे उस ने रामनगर में जाह्नवी का पता खोज निकाला. बस फिर क्या था, पायल अपने चाचा के लड़के के साथ रामनगर में जाह्नवी के घर पर पहुंच गई. वहां जा कर पायल ने पूरे मोहल्ले में हंगामा खड़ा कर दिया. उस ने जाह्नवी के घर वालों से कहा कि मार्च 2016 में जहांगीर के साथ मेरी मंगनी हो चुकी है.

पायल ने अपनी मंगनी के समय खींचे गए फोटो भी लोगों को दिखाए. उस ने यह भी कहा कि मेरी मंगनी के बाद भी जहांगीर ने कई अन्य लड़कियों से मंगनी की है. वह लालची है. इस के बाद जाह्नवी के घर वालों ने भी जहांगीर से अपनी बेटी जाह्नवी की मंगनी तोड़ दी. जाह्नवी के घर वालों ने पायल से कहा कि हमें नहीं पता था कि जहांगीर इतना बड़ा लालची और चालाक है.

जब जहांगीर को यह सब पता चला कि पायल ने जाह्नवी के घर वालों को सब कुछ बता कर जाह्नवी के साथ होने वाली उस की मंगनी तुड़वा दी है तो उसे पायल पर बहुत गुस्सा आया. उस ने पायल को सबक सिखाने की ठान ली. उधर पायल को उम्मीद थी कि जाह्नवी से मंगनी टूट जाने के बाद जहांगीर का झुकाव उस की तरफ हो जाएगा. क्योंकि पायल अभी भी अपने दिल में जहांगीर को बसाए हुए थी.

बन गई हत्या की योजना

जहांगीर ने पायल को खत्म करने की योजना बना ली थी. इसलिए उस ने पायल को बारबार फोन कर के नजदीकियां बनानी शुरू कर दी थीं. जिस से पायल उस के भ्रमजाल में फंसती गई.

इसी योजना के तहत पहली नवंबर को जहांगीर ने अपने दोस्त इमरोज की मार्फत पायल को अपने फार्महाउस पर बुला लिया. जहांगीर ने एक बार फिर उसे समझाया, ‘‘अब भी कह रहा हूं कि तुम मेरे रास्ते से हट जाओ. मैं वादा करता हूं कि पहले मैं जाह्नवी से शादी कर लूं, उस के बाद तुम से निकाह कर लूंगा.’’

पायल उस की इस बात पर सहमत नहीं हुई. वह जहांगीर से कह रही थी कि मेरी मंगनी तुम से हुई है, इसलिए तुम जाह्नवी को भूल जाओ. पायल अपनी इसी बात पर अड़ी रही.

इसी दौरान गरमागरमी में बात इतनी बढ़ गई कि जहांगीर ने पायल को पकड़ कर जमीन पर गिरा दिया और अपने हाथों से उस का गला घोंट कर मौत के घाट उतार दिया. जहांगीर को इतने पर भी संतोष नहीं हुआ. उस ने अपने नौकर निसार, दोस्त इमरोज, प्रभजीत उर्फ सागर के साथ मिल कर पहले से साथ लाई कुल्हाड़ी से पायल का पहले धड़ से सिर अलग किया. फिर धड़ को भी 2 हिस्सों में काट डाला फिर चारों ने कोसी नदी के किनारे गड्ढा खोद कर पायल के तीनों टुकड़ों को दबा दिया.

पायल की हत्या और लाश मिलने से शहर भर में अशांति का माहौल बन गया था. क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में भारी मात्रा में पुलिस तैनात कर दी गई थी. पोस्टमार्टम स्थल पर भी पुलिस का खास इंतजाम था. सपा नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां भी पायल के घर वालों को सांत्वना देने के लिए पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे.

पोस्टमार्टम के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पायल की टुकड़ों में बंटी लाश का अंतिम संस्कार किया गया. जहांगीर ने पुलिस  को बताया कि पायल की हत्या करने के बाद इस की जानकारी उस ने अपने पिता ताहिर खां व अपने चचेरे भाई दानिश खां को दे दी थी.

जबकि पुलिस ने जहांगीर के पिता ताहिर खां से पूछताछ की थी तो उस ने बताया कि जब से जहांगीर का रिश्ता खत्म हुआ है, हमारा उन से कोई वास्ता नहीं है. वह हम पर नाहक शक कर रहे हैं.

पुलिस ने जहांगीर से पूछताछ के बाद उसे भी कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया. पुलिस की विवेचना में 3 नाम और पुलिस की निगाह में आए ताहिर खां, दानिश खां और नौकर निसार.

यह तीनों आरोपी भी अपने ठिकानों से गायब हो गए थे. जब तीनों नहीं मिले तो पुलिस ने उन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए. पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है. एसपी शिवहरि मीणा ने बिहार निवासी नौकर निसार पर 20 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित कर दिया था.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित. कथा में जाह्नवी परिवर्तित नाम है.

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