कपूरथला (Kapurthala) के थाना सदर क्षेत्र में एक कस्बा है आलमगीर काला संघिया (Alamgir Kala Sanghia). कुलविंदर सिंह बुग्गा का परिवार इसी कस्बे में रहता था. करीब 9 साल पहले कुलविंदर की शादी मनदीप कौर के साथ हुई थी. वह अपनी पत्नी से खुश भी था और संतुष्ट भी. मनदीप कौर भी कुलविंदर जैसे मेहनती और शरीफ पति से खूब खुश थी.

कुलविंदर में सब से बड़ी खासियत यह थी कि वह पंजाब के आम युवकों की तरह कोई नशा वगैरह नहीं करता था. वह दिनरात अपने परिवार की खुशी और कामयाबी के बारे में ही सोचा करता था. वह सोचता था कि इतनी मेहनत करे कि उस के बच्चे शिक्षित हों और सुखी रह सकें.

उस के ऐसा सोचने की वजह यह थी कि कुलविंदर खुद एक दलित परिवार का अशिक्षित नौजवान था. वह अशिक्षित होने का दर्द अच्छी तरह से समझता था. उस की कोशिश थी कि जो दर्द और तकलीफ उस ने झेली थी, वह उस के बच्चों को न झेलनी पड़े, इसीलिए वह खूब मेहनत करता था.

कुलविंदर के परिवार में 30 वर्षीय पत्नी मनदीप कौर के अलावा 8 वर्षीय बेटी सोनल और 5 वर्षीय बेटा अभि था. पिता की मृत्यु होने के बाद कुलविंदर का परिवार अपनी मां महिंदर कौर के साथ रहता था. वैसे उस की बड़ी बहन जसविंदर कौर और जीजा सरबजीत सिंह भी वहीं पास में रहते थे.

वैसे तो पूरे पंजाब से अधिकांश कामगार लोग विदेशों में पैसा कमाने चले जाते हैं, पर विदेश जाने वालों में कपूरथला, नवां शहर, बंगा, जालंधर आदि शहरों के लोगों की तादाद दूसरे शहरों से ज्यादा है. कुलविंदर भी अपने परिवार का भविष्य बनाने और पैसा कमाने के लिए विदेश जाने का प्रयास कर रहा था.

काफी हाथपांव मारने के बाद उसे जौर्डन की एक कंपनी में नौकरी मिल गई. यह 2016 की बात है. नौकरी मिल जाने के बाद वह अपनी पत्नी और दोनों बच्चों को बड़ी बहन जसविंदर कौर और मां महिंदर कौर के भरोसे छोड़ कर जौर्डन चला गया. कुलविंदर के जौर्डन चले जाने के बाद उस के परिवार के दिन फिरने लगे. कुलविंदर जौर्डन से हर महीने एक मोटी रकम अपने घर भेजने लगा.

सब कुछ ठीक चल रहा था. कुलविंदर के दोनों बच्चे भी अच्छे स्कूलों में पढ़ने लगे थे. घर में किसी चीज की कमी नहीं थी. अगस्त 2018 में कुलविंदर को जौर्डन गए डेढ़ साल हो चुका था, लेकिन 2 अगस्त, 2018 को कुलविंदर सिंह किसी को बिना सूचना दिए रात 12 बजे अपने घर आलमगीर काला संघिया आ पहुंचा.

इस तरह एकाएक उस का गांव आना सब को अजीब लगा. उसे देख उस के परिवार के सदस्यों में जहां खुशी की लहर दौड़ गई, वहीं सब इस बात से भी परेशान थे कि कुलविंदर अचानक बिना किसी को बताए जौर्डन से गांव क्यों लौट आया.

कुलविंदर की मां का तो किसी अनहोनी की सोच कर दिल कांपने लगा था. कुलविंदर किसी से बात किए बिना सीधा अपने कमरे में चला गया और उस ने अंदर से दरवाजे की कुंडी बंद कर दी. उस की पत्नी और बच्चे अंदर ही थे.

कमरे में जाने के बाद वह बेचैनी के आलम में काफी देर तक अंदर चहलकदमी करता रहा. इस बीच उस ने किसी से कोई बात नहीं की थी और न ही पत्नी और अपने बच्चों से मिला था. फिर अचानक वह रुका और अपनी पत्नी मनदीप कौर के पास बैड पर बैठ कर उसे बड़ी बेबसी से देखने लगा.

सो रहे दोनों बच्चों की ओर भी उस ने बड़ी बेबसी से देखा. उस ने कुछ देर पत्नी से बातें कीं. इस के बाद उस ने अपने मोबाइल फोन से मंजीत कौर की कुछ कहते हुए वीडियो बनाई और उस वीडियो में खुद भी एक संदेश छोड़ा.

यह सब करने के बाद कुलविंदर ने घर में रखा इंजन चलाने वाला डीजल से भरा केन उठाया और पूरे घर में छिड़काव कर दिया था.

पास वाले कमरे में उस की मां और बहन जसविंदर कौर को इस बात का तनिक भी आभास नहीं था कि साथ वाले कमरे में क्या अनर्थ होने जा रहा है. उन्हें तब पता चला जब कुलविंदर का कमरा धूधू कर के जलने लगा और कमरे के अंदर से दिल दहला देने वाली चीखों की आवाजें आईं.

पलक झपकते ही वहां कोहराम मच गया. महिंदर कौर और जसविंदर कौर उन्हें बचाने में जुट गई थीं. पासपड़ोस के लोग भी आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे, पर कुलविंदर, उस की पत्नी और बच्चों को बचाना संभव नहीं था, क्योंकि कमरे का दरवाजा भीतर से बंद था. फिर भी जिस से जो बन पड़ा, उस ने किया.

काफी मशक्कत के बाद कमरे का दरवाजा तोड़ कर सब को बाहर तो निकाल लिया गया पर तब तक वे आग में काफी हद तक जल चुके थे. सभी की हालत नाजुक थी. इस आग को बुझाते हुए जसविंदर कौर भी बुरी तरह से झुलस गई थी. सभी को तुरंत जालंधर के अस्पताल ले जाया गया.

कुलविंदर सिंह और उस के बेटे अभि की तो अस्पताल पहुंचते ही मौत हो गई, जबकि मनदीप कौर और उस की बेटी 90 प्रतिशत तक जली हुई थी और उन की हालत गंभीर थी. दोपहर तक उन की बेटी सोनम ने भी दम तोड़ दिया.

इस घटना ने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया था. वहीं इस पूरे घटनाक्रम ने सन 2015 में काला संघिया में ही एक व्यक्ति द्वारा अपने 2 बच्चों तथा पत्नी को जहर दे कर मारने के बाद खुद आत्महत्या कर लेने की यादें ताजा कर दी थीं.

घटना की सूचना मिलते ही जिला पुलिस प्रमुख सतिंदर सिंह, एसपी इनवैस्टीगेशन जगजीत सिंह सरोहा, डीएसपी सबडिवीजन कपूरथला सरबजीत सिंह, थाना सदर कपूरथला प्रभारी इंसपेक्टर सरवन सिंह बल, पुलिस चौकी इंचार्ज काला संघिया सबइंसपेक्टर परमिंदर सिंह सहित कई आला अधिकारी मौकाएवारदात पर और अस्पताल पहुंच गए.

मनदीप कौर की हालत अब तक बेहद नाजुक बनी हुई थी. किसी की कुछ समझ में नहीं आ रहा था. एक साथ एक ही जगह 4 लोगों द्वारा आत्महत्या करने की बात भी किसी के गले नहीं उतर रही थी.

पुलिस मनदीप कौर के होश में आने और उस के बयान लेने का इंतजार कर रही थी, ताकि आगे की काररवाई की जा सके. पुलिस ने घटनास्थल को पहले ही सील कर दिया था ताकि कोई सबूत से छेड़छाड़ न कर सके.

दिल दहला देने वाला यह मामला महज एक आत्महत्या का केस नहीं था, बल्कि इस के पीछे बड़ी भयानक सच्चाई छिपी हुई थी, जो जल्द ही पुलिस और बाकी लोगों के सामने आने वाली थी. आखिर मनदीप कौर को होश आ गया और इस अग्निकांड का उस ने जो खुलासा किया, उसे सुन कर सब के पैरों तले से जमीन खिसक गई.

आत्महत्या की वजह गांव के दबंग लोगों द्वारा दलितों पर किए जाने वाले शोषण और उन्हें प्रताडि़त करने से संबंधित थी. मनदीप कौर के बयान पुलिस प्रशासन, सिविल सर्जन डा. दीपक सिक्का और (जेएमआईसी) ड्यूटी जुडीशियल मजिस्ट्रैट राहुल कुमार की उपस्थिति में दर्ज किए गए.

दम तोड़ने से पहले मनदीप कौर ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि गांव के 4 लोग बलकार सिंह, तीर्थ सिंह, गुरप्रीत सिंह उर्फ सन्नी और उस की मां सत्या देवी उन्हें परेशान कर रहे थे. इन लोगों ने उस की अश्लील वीडियो बना ली थी, उसे दिखा कर वे उसे ब्लैकमेल कर रहे थे.

यह सिलसिला काफी समय से चल रहा था. यहां तक कि इन की बात न मानने पर ये लोग उसे, उस के बच्चों और सास को बुरी तरीके से मारतेपीटते थे. एक तरह से इन लोगों ने उसे व उस के परिवार पर अधिकार जमा कर उन्हें गुलाम बना रखा था.

घटना वाली रात का जिक्र करते हुए मनदीप कौर ने बताया कि इन चारों लोगों के उक्त वीडियो उस के पति को भी भेज दिया था. दरअसल घटना से कुछ दिन पहले कुलविंदर को किसी ने एक अश्लील वीडियो भेजा था, जिस में उस की पत्नी मनदीप कौर गांव के एक युवक गुरप्रीत सिंह उर्फ सन्नी के साथ सैक्स करती दिखाई दी थी.

\पत्नी का उक्त वीडियो देखने के बाद सच्चाई जानने कुलविंदर अपने घर आया और मनदीप से जब इस वीडियो के बारे में पूछा तो उस ने रोरो कर अपने ऊपर हुए अत्याचारों की कहानी सुना दी थी. उस ने बताया था कि उन चारों ने मिल कर कैसे उस की अश्लील वीडियो बनाई और वीडियो के बल पर उसे ब्लैकमेल किया जाता रहा.

मनदीप कौर ने अपने पति कुलविंदर को यह भी बताया था कि हिम्मत जुटा कर उस ने एक बार पुलिस में भी शिकायत की थी, पर कुछ नहीं हुआ था. मनदीप की बातें सुन कर कुलविंदर बहुत ज्यादा नर्वस होने के साथसाथ डर भी गया था. एक तो उस की बहुत बदनामी हुई थी, उस की पत्नी ने जो झेला वह अलग था.

उस में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह उन दबंगों से टक्कर ले पाता. पुलिस प्रशासन पर उसे तनिक भी भरोसा नहीं था. उसे इस बदनामी से और उन चारों ब्लैकमेलरों से बचने का एक ही उपाय नजर आया था.

मनदीप के बयानों के आधार पर पुलिस ने आत्महत्या के लिए विवश करने के अपराध में धारा 306, 34 पर बलकार सिंह मंत्री, नंबरदार तीर्थ सिंह, गुरप्रीत सिंह उर्फ सन्नी और उस की मां सत्या देवी के खिलाफ 2 अगस्त, 2018 को मुकदमा दर्ज कर उसी दिन गुरप्रीत सिंह सन्नी तथा बलकार सिंह मंत्री को गिरफ्तार कर लिया.

उसी दिन 3 अगस्त को एक ही परिवार के 4 सदस्यों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप में गुरप्रीत सिंह सन्नी तथा बलकार सिंह मंत्री को एसएचओ सदर इंसपेक्टर सरवन सिंह बल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया.

पुलिस ने अदालत में तर्क दिया कि दोनों आरोपियों ने मृतक महिला मनदीप कौर की अश्लील फोटो तथा वीडियो बनाई हैं, जिन्हें आरोपियों की निशानदेही पर बरामद करना है, इसलिए दोनों का 3 दिन का पुलिस रिमांड जरूरी है. जिस पर अदालत ने सन्नी तथा बलकार सिंह को 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया.

वहीं 2 अन्य फरार आरोपियों तीर्थ सिंह नंबरदार तथा सत्या देवी की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी गई थी. अभियुक्तों की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही वे फरार हो गए थे.

पुलिस रिमांड पर पुलिस ने कुलविंदर सिंह के जले हुए घर से उस का वह फोन भी बरामद कर लिया था, जिस में जौर्डन से लौटने के बाद उस ने वीडियो बना कर यह आरोप लगाया था कि कैसे कैसे ये चारों लोग उस की पत्नी का यौनशोषण और ब्लैकमेल कर रहे थे.

पुलिस उस फोन को इसलिए भी अहम मान कर चल रही थी कि कुलविंदर को उसी फोन पर किसी ने वह अश्लील वीडियो भेजा था, जिस के कारण इतना बड़ा कांड हुआ था. यदि किसी ने उसे वीडियो भेजा था तो उस की फुटेज भी उस के फोन में होनी चाहिए थी.

इसीलिए पुलिस ने जांच के लिए फोन को फोरैंसिक लैब मोहाली भेज दिया था, क्योंकि आग में जल जाने के कारण फोन को भी नुकसान पहुंचा था. सन्नी का फोन पुलिस ने उस से बरामद कर लिया था और उस वीडियो को भी   अपने कब्जे में ले लिया था, जिस की बिना पर वह मनदीप कौर को ब्लैकमेल करता था.

इस पूरे मामले के दौरान कुलविंदर सिंह की मां महिंदर कौर रोरो कर सवाल करती रही कि उन्होंने पापियों का क्या बिगाड़ा था, जो हमारा हंसता खेलता परिवार तबाह कर के मेरा बुढ़ापा खराब कर दिया है.

कुलविंदर सिंह उर्फ बुग्गा की बड़ी बहन जसविंदर कौर, जो अभी तक अस्पताल में भरती थी, ने कहा कि हमारा हंसताखेलता घर तबाह करने वाले लोग सख्त सजा के हकदार हैं. अगर हमारे देश का कानून इन 4 आरोपियों को फांसी की सजा देता है तो ही हम समझेंगे कि कानून गरीबों को इंसाफ देता है, समाज विरोधी तत्वों के साथ किसी भी किस्म की रियायत नहीं होनी चाहिए.

इस पूरे मामले ने यह साबित कर दिया कि दिल्ली के दामिनी कांड के बाद केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं से जुड़े अपराधों व शोषण को रोकने के लिए चाहे कितने भी सख्त कानून बना दिए गए हों, पर इस का दरिंदों    पर कोई खास असर देखने को नहीं   मिल रहा.

ऐसे समाज विरोधी तत्व महिलाओं को अपने जाल में फंसा कर खतरनाक हद तक ब्लैकमेल करते हैं जो पारिवारिक क्लेश तथा समाज में बदनामी के डर के कारण उन की करतूतों को झेलती रहती हैं. कई परिवारों का अंत तो बेहद दर्दनाक व चौंकाने वाला होता है.

गौरतलब है कि किसी महिला की अश्लील तसवीरें बना कर उस की वीडियो बनाने का यह कोई नया मामला नहीं है. इस से पहले भी ऐसे आपराधिक तत्वों से दुखी हो कर कई महिलाएं पुलिस को शिकायत दे कर ऐसे अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने की हिम्मत कर चुकी हैं.

लेकिन मनदीप कौर के मामले में पीडि़ता द्वारा पुलिस के समक्ष आरोपियों की शिकायत न करना कहीं न कहीं उक्त परिवार की बरबादी का सब से अहम कारण बन गया.

हालांकि नए कानूनों के मुताबिक ऐसे मामलों में महिला की शिकायत पर तुरंत काररवाई करने के दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. वहीं पूरे मामले की जांच में जुटी पुलिस टीम का मानना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन के द्वारा बनाई गई महिला की वीडियो संबंधी बात से जहां कई खुलासे सामने आ सकते हैं, वहीं इस पूरे मामले में परदे के पीछे छिपे कई और तथ्य भी सामने आने की संभावना है.

रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद गुरप्रीत उर्फ सन्नी और बलकार सिंह को अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत के निर्देश पर दोनों को न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया गया. इस कांड से जुड़े 2 अभियुक्त अभी पकड़े नहीं जा सके हैं.

इस मामले में पुलिस की मुश्किलें अभी तक कम नहीं हुईं. कुलविंदर ने विदेश से लौट कर तेल छिड़क कर अपने पूरे परिवार को जिंदा जला दिया. इस घटना को अंजाम देने से पहले उस ने अपने मोबाइल में पत्नी मनदीप कौर को ब्लैकमेल करने और अश्लील वीडियो तैयार करने के लिए गुरप्रीत सिंह सन्नी, बलकार सिंह मंत्री, तीर्थ सिंह नंबरदार और सत्या को जिम्मेदार बताया था.

वहीं मनदीप कौर ने भी मौत से कुछ पहले पहले ड्यूटी मजिस्ट्रैट, सिविल सर्जन और पुलिस की मौजूदगी में उक्त चारों आरोपियों को अपने परिवार की मौत के लिए जिम्मेदार बता कर सख्त सजा देने की मांग की थी.

गिरफ्तारी से बचे 2 अभियुक्तों की गिरफ्तारी को ले कर शहर की कई समाजसेवी संस्थाओं ने आवाज उठाते हुए रोष मार्च निकाला था. मृतक कुलविंदर सिंह बुग्गा के घर के सामने से शुरू हुआ यह कैंडल मार्च विभिन्न स्थानों से होता हुआ करीब डेढ़ घंटे बाद वापस पीडि़त परिवार के घर के आगे आ कर समाप्त हुआ.

कैंडल मार्च के आगे छोटे बच्चे हाथों में पीडि़त परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए बैनर पकड़े हुए थे और उन के पीछे नौजवान, बुजुर्ग व महिलाएं शामिल थीं.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...