UP Crime News : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में मेरठ के ड्रम कांड से भी बड़ा मामला सामने आया है. 45 वर्षीय माया देवी ने अपने 62 वर्षीय पति रिटायर्ड फौजी देवेंद्र राम की हत्या कर लाश के ऐसे टुकड़े किए कि सुनने वालों की भी रूह कांप उठे. आखिर माया क्यों बनी इतनी निर्दयीï? पढ़ें, यह सनसनीखेज कहानी.

जब भी माया देवी प्रेमी अनिल यादव से मिलती, उसे अपनी चोटें दिखाती थी. अनिल कहता था कि तुम अपने पति देवेंद्र राम को छोड़ क्यों नहीं देती. तब माया उस से कहती कि इस की भी उस के सामने मजबूरी है. उस के 4 बच्चे हैं, जिन की वजह से मैं पति को चाहते हुए भी नहीं छोड़ नहीं पा रही हूं. एक दिन की बात है. अनिल को ले कर माया और देवेंद्र के बीच झगड़ा ज्यादा बढ़ गया. दूसरे दिन ये सारी बातें माया देवी ने अनिल प्रेमी को बता दीं और कहा, ”अब मुझ से यह रोजरोज के लड़ाईझगड़े झेले नहीं जा रहे हैं. मैं उस से तंग आ चुकी हूं. तुम्हें कुछ न कुछ करना होगा वरना तुम मुझे भूल जाओ.’’

”जानू, मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करने को तैयार हूं. बताओ, क्या करना है?’’ अनिल बोला.

”करना क्या है, उसे ठिकाने लगाना होगा, तभी मैं चैन से रह सकती हूं.’’

”ठीक है, तुम ने कहा तो यह काम हो जाएगा.’’ अनिल ने उसे भरोसा दिया.

वारदात से करीब 20 दिन पहले ही माया ने अनिल के साथ मिल कर पति देवेंद्र को रास्ते से हटाने का पूरा प्लान बना लिया था. योजना यह बनाई कि देवेंद्र को मार कर उस की लाश को दूर ले जा कर जला देंगे. न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी. इस वारदात को अंजाम देने के लिए माया ने 9 मई, 2025 का दिन चुना. क्योंकि उसी दिन उस की छोटी बेटी सुुप्रिया कोटा से घर आ रही थी. वह कोटा में नीट की कोचिंग कर रही थी. वह कोटा से बक्सर (बिहार) रेलवे स्टेशन आती. बलिया से बक्सर रेलवे स्टेशन करीब 35-36 किलोमीटर दूर था. बेटी को बक्सर रेलवे स्टेशन से लेने जाना था.

उस दिन देवेंद्र बलिया जिले के हरिपुर गांव वाले घर पर गए थे. जबकि माया देवी बहादुरपुर वाले मकान पर थी. कहां और कैसे देवेंद्र राम की हत्या करनी है, कौनकौन इस हत्या में शामिल रहेगा, हत्या कर शव को कहां ठिकाने लगाना है? इस का भी खाका खींच लिया गया था. प्रेमी अनिल यादव नशीला पदार्थ और चापड़ बाजार से खरीद कर ले आया था. प्लान के मुताबिक, माया देवी ने पति देवेंद्र को फोन कर के कहा, ”आप साक्षी को बक्सर रेलवे स्टेशन से लेने जाएंगे तो मैं भी आप के साथ स्टेशन चलंूगी. आप मुझे यहां घर से ले लेना.’’

देवेंद्र उस समय हरिपुर वाले मकान से निकले और बहादुरपुर वाले घर पर पत्नी के पास आ गए. घर आते ही योजना के अनुसार माया ने उन्हें नशीला पदार्थ मिली हुई कोल्ड ड्रिंक पीने को दी. कोल्डड्रिंक पीते ही देवेंद्र राम बेहोश हो गए. तब माया देवी ने प्रेमी अनिल यादव को फोन कर दिया. अनिल अपने साथी मिथिलेश और सतीश के साथ माया के घर पहुंच गया.  वहां देवेंद्र उन्हें गहरी नींद में मिले. चारों ने मिल कर चापड़ से बेहोशी की हालत में देवेंद्र राम की हत्या कर दी. अनिल ने पहले चापड़ से देवेंद्र का सिर धड़ से अलग किया. इस के बाद उस के दोनों हाथ, दोनों पैर काट दिए. कटे अंगों को अलगअलग काले रंग की पौलीथिनों में लपेट कर साथियों के साथ बोलेरो से अनिल यादव अपने गांव खरीद ले गया.

इधर माया देवी ने पति को ठिकाने लगाने के बाद घर को पूरी तरह से साफ कर दिया. इस के बाद बेटी साक्षी का फोन आने के बाद वह एक वाहन से बेटी को लेने बक्सर रेलवे स्टेशन चली गई और बेटी को ले कर घर आ गई. साक्षी ने मम्मी से पापा के बारे में पूछा भी था. तब माया ने झूठ बोलते हुए बेटी को बताया कि वो तो तुझे लेने के लिए घर से स्टेशन के लिए निकल चुके हैं, लेकिन पता नहीं कहां चले गए. साक्षी को क्या पता था कि उस की मम्मी पापा को ठिकाने लगा चुकी है. आधी रात बीतने के बाद प्रेमी अनिल यादव ने देवेंद्र राम के कटे हुए हाथपैर खरीद गांव के एक बगीचे में फेंक दिए. धड़ को बगीचे से लगभग 500 मीटर दूर कुएं में डाल दिया और सिर घाघरा नदी में फेंक दिया.

पुलिस ने देवेंद्र राम के सिर की तलाश में घाघरा नदी में अभियान भी चलाया, लेकिन सिर बरामद नहीं हुआ. फिर योजना के अनुसार 10 मई, 2025 को माया ने कोतवाली सिकंदरपुर पहुंच कर 62 वर्षीय पति देवेंद्र राम की गुमशुदगी दर्ज करा दी. उस ने इंसपेक्टर योगेंद्र बहादुर सिंह को बताया कि वह बेटी को बक्सर रेलवे स्टेशन से लेने के लिए गए थे, तभी से लापता हैं. उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के गांव हरिपुर के रहने वाले देवेंद्र राम सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) में इलैक्ट्रिशियन थे. वह 2 साल पहले रिटायर हुए थे. देवेंद्र का परिवार डेढ़ दशक से बहादुरपुर स्थित मकान में रहता था. जबकि देवेंद्र राम हरिपुर गांव में ही रहते थे.

उन की शादी 28 साल पहले माया देवी के साथ हुई थी. दोनों की उम्र में 15 साल का अंतर था. वर्तमान में पत्नी माया देवी की उम्र 47 साल है. फौजी देवेंद्र राम के 3 बेटियां व एक बेटा है. सब से बड़ी बेटी जयपुर में रह कर प्राइवेट नौकरी कर रही थी. मझली बेटी नोएडा में रह कर नौकरी कर रही थी. जबकि सब से छोटी बेटी साक्षी कोटा में नीट की तैयारी कर रही थी. बेटा हौस्टल में रह कर पढ़ाई कर रहा था. देवेंद्र राम का परिवार करीब 15 साल से बहादुरपुर के मकान में रहता था. रिटायर होने के बाद देवेंद्र राम ज्यादातर गांव के मकान में ही रहते थे. उन्हें गांव का शांत माहौल पसंद था.

जबकि उन की पत्नी माया देवी को शहर वाले मकान में रहना पसंद था. देवेंद्र ने पत्नी माया से कई बार कहा कि तुम भी गांव के मकान में आ कर रहो. जब कभी मन हुआ करेगा, हम दोनों शहर के मकान में जा कर रह लिया करेंगे. लेकिन माया देवी को शहर के मकान में रहना अच्छा लगता था.

माया को 15 साल छोटे युवक से हुआ प्यार

वह वहां अकेली रहती थी. कभीकभी देवेंद्र राम ही गांव से शहर के मकान में रहने आ जाते और कुछ दिन रहने के बाद वापस गांव चले जाते. गांव में ही उन के भाई नगेंद्र का मकान भी था.  करीब 4 साल पहले 2021 में माया देवी की मुलाकात बलिया के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के खरीद गांव के रहने वाले ट्रक डाइवर 28 वर्षीय अनिल यादव से गांव हरिपुर में एक शादी कार्यक्रम में हुई. दोनों ने एकदूसरे को अपने मोबाइल नंबर दे दिए. अब दोनों एकदूसरे से बातचीत करने लगे. धीरेधीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं और फिर वह माया देवी के घर आने लगा. कहने को दोनों की उम्र में खासा अंतर था, लेकिन उन के बीच उम्र का बंधन आड़े नहीं आया.

जल्द ही दोनों के बीच अफेयर शुरू हो गया. एक दिन अनिल ने माया देवी से मिलने की इच्छा जाहिर की. मौका देख कर माया देवी ने अनिल यादव को अपने घर बुला लिया. उस दिन पति देवेंद्र घर पर नहीं था. दोनों ने चाय पी और जी भर कर बातें कीं. इस के बाद अनिल यादव अकसर देवेंद्र के गांव जाने के बाद माया देवी के घर पर ही रहता था. धीरेधीरे यह बात मोहल्ले वालों को भी पता चल गई. माया देवी और अनिल यादव एकदूसरे के बहुत करीब आ चुके थे. दोनों में जिस्मानी रिश्ते बन चुके थे. दोनों बेखौफ बाइक पर घूमते थे. एकदूसरे के लिए कुछ भी कर सकते थे. यह सिलसिला पिछले 4 साल से बिना किसी विघ्नबाधा के बदस्तूर चल रहा था.

रिटायरमेंट के बाद माया का चालचलन देख कर देवेंद्र राम ने विरोध शुरू किया जो माया को नागवार लगता था. कई बार घर पर जब अनिल को देखा, तब देवेंद्र ने माया से अनिल के बारे में पूछा तो माया ने उसे अपना दोस्त बताया. देवेंद्र ने कई बार उसे डांटा कि उसे घर मत बुलाया करो. लेकिन माया नहीं मानी. वह अनिल के बिना नहीं रह पाती थी. मना करने के बावजूद वह अनिल से मिलती रही. यह बात मोहल्ले वालों को भी पता चल गई. लोगों ने देवेंद्र को दोनों के संबंधों के बारे में बता दिया.

माया देवी के अवैध संबंधों की जानकारी उस के बच्चों को भी हो गई. अब पति देवेंद्र राम पत्नी के इन क्रियाकलापों से परेशान रहने लगे. उन की मोहल्ले में बदनामी भी हो रही थी. लेकिन वह चाह कर भी अनिल और पत्नी को मिलने से नहीं रोक पा रहे थे. इस बात को ले कर माया और देवेंद्र राम के बीच अकसर लड़ाईझगड़ा होने लगा. जब पत्नी उन की बात नहीं मानती तो वह उसे मारतापीटता भी था. फिर रोजरोज की पिटाई से तंग आ कर माया ने एक प्लान बना कर प्रेमी के साथ मिल कर पति की हत्या करा दी और अनिल ने अपने साथियों द्वारा डैडबौडी ठिकाने लगा दी.

10 मई, 2025 की बात है. बलिया जिले के गांव खरीद से दियारा की तरफ नदी घाट की ओर जाने वाले रास्ते के बगल में स्थित एक बगीचे से कुछ महिलाएं गुजर रही थीं, तभी एक महिला की नजर वहां पड़ी एक बड़ी सी पौलीथिन पर गई. उसे जिज्ञासा हुई कि पता नहीं इस पौलीथिन में क्या है? उस महिला ने जैसे ही पौलीथिन को खोला, उस के मुंह से चीख निकल गई. पौलीथिन में किसी इंसान के 2 हाथ और 2 पैर थे. इस के बाद उस महिला ने यह बात शोर मचा कर उधर से गुजरने वाल अन्य लोगों को बता दी.

मानव अंग मिलने की बात जंगल की आग की तरह पूरे गांव में फैल गई. लोग वहां एकत्र हो गए. इसी बीच किसी व्यक्ति ने फोन कर के इस की सूचना थाना सिकंदरपुर में दे दी. सूचना मिलते ही इंसपेक्टर योगेंद्र बहादुर सिंह कुछ पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंच गए. उन्होंने मौकामुआयना कर कटे हुए अंगों को अपने कब्जे में ले लिया. इन अंगों को देखने पर पता चला कि वह किसी आदमी के हैं. इंसपेक्टर ने इस की सूचना एसपी को दे दी तो उन्होंने कई थानों की पुलिस के अलावा फील्ड यूनिट टीम को भी मौके पर रवाना कर दिया. जांच टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए.

पुलिस टीम को यह समझते देर नहीं लगी कि मृतक की हत्या कहीं और करने के बाद शव को यहां बगीचे में ला कर डाला गया है. अब पुलिस सब से पहले मृतक के शेष शरीर को बरामद कर मृतक की पहचान उजागर करना चाहती थी, ताकि वह हत्यारों को पकड़ सके. एसपी ओमवीर सिंह के निर्देश पर इंसपेक्टर योगेंद्र बहादुर सिंह ने आसपास के थानों से यह पता करने का प्रयास किया कि कहीं किसी आदमी की गुमशुदगी या अपहरण की कोई घटना तो नहीं हुई या इस संबंध में कोई रिपोर्ट तो दर्ज नहीं है?

चूकि जिले में एक व्यक्ति के किडनैप की घटना चल रही थी, इसलिए उस के परिजनों से संपर्क किया गया, लेकिन परिजनों ने अंगों को देखने के बाद मना कर दिया. इस के बाद पुलिस टीम निराश नहीं हुई और घटनास्थल की सारी काररवाई पूरी करने के बाद अंगों को पोस्टमार्टम एवं डीएनए टेस्ट के लिए सुरक्षित रखवा दिया.

किस के थे पौलीथिन में निकले कटे हाथपैर

पौलीथिन में हाथपैर मिलने के मामले में पुलिस छानबीन कर ही रही थी कि सोमवार 12 मई, 2025 को बगीचे से लगभग 500 मीटर दूर झाडिय़ों के पास कुएं से बदबू आ रही थी. वहां बकरी चराने पहुंची महिलाओं ने इस बात की पुलिस को सूचना दी. पुलिस मोके पर पहुंची और उस ने कुएं से बड़ी पौलीथिन को बाहर निकलवाया तो उस में बिना हाथपैर का किसी आदमी का धड़ मिला. इस से आशंका व्यक्त की जाने लगी कि यह धड़ शायद उसी व्यक्ति का होगा, जिस के हाथपैर बगीचे से बरामद हुए थे. इस के बाद पुलिस जांच में जुट गई. पुलिस ने मृतक के हाथपैर और धड़ के फोटो सर्कुलेट किए. अब सवाल यह था कि मृतक का सिर कहां है? पुलिस ने अंग मिलने वाले क्षेत्र के चप्पेचप्पे को छान मारा, लेकिन सिर नहीं मिला.

इस के बाद पुलिस ने माया देवी को बुला कर पहचान कराई. क्योंकि 2 दिन पहले उस ने अपने पति की गुमशुदगी थाना सिकंदरपुर में दर्ज कराई थी. माया देवी ने कटा धड़ देख कर बताया कि यह धड़ उस के पति देवेंद्र राम का ही है. देवेंद्र राम के शव को उन के आवास से करीब 50 किलोमीटर दूर ठिकाने लगाया गया था. माया देवी के साथ मौजूद मृतक देवेंद्र राम के भतीजे अतुल कुमार ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार को देवेंद्र राम की छोटी बेटी साक्षी कोटा से आ रही थी. उसे लेने के लिए चाचा देवेंद्र राम बक्सर रेलवे स्टेशन जाने की बात कह कर सुबह साढ़े 8 बजे गांव हरिपुर से शहर वाले आवास के लिए निकले थे. देवेंद्र का एक मकान खेजुरी थाना क्षेत्र के हरिपुर गांव में तथा दूसरा नगर कोतवाली सिकंदरपुर के बहादुरपुर में स्थित है.

शाम को साक्षी जब बक्सर पहुंची तो स्टेशन पर उसे लेने पापा नहीं आए. तब साक्षी ने अपने पापा को फोन मिलाना शुरू किया. लेकिन उन का फोन स्विच्ड औफ होने के कारण बात नहीं हो सकी. करीब आधे घंटे बाद उस ने अपनी मम्मी माया को फोन किया और बताया कि वह बक्सर पहुंच गई है, लेकिन पापा उसे लेने नहीं आए और न उन से संपर्क हो पा रहा है. इस के बाद माया देवी किसी वाहन से बेटी साक्षी को लेने बक्सर रेलवे स्टेशन पहुंची.

माया देवी से पूछताछ करने के बाद एएसपी कृपाशंकर ने आरोपी अनिल यादव व अन्य की तलाश में पुलिस टीम लगाई गई थी. माया का प्रेमी अनिल यादव ट्रक ड्राइवर है. वह बलिया के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के खरीद गांव का रहने वाला था. जबकि उस का साथी मिथिलेश यादव बोलेरो चालक है. सतीश अनिल का दोस्त है. तीनों एक ही गांव के हैं.

आखिर एनकाउंटर में पकड़े गए आरोपी

इसी बीच खास मुखबिर की सूचना पर चैकिंग के दौरान टाउन पौलीटेक्निक के पास 13  मई की देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई. मुख्य आरोपी अनिल यादव ने पुलिस पर फायरिंग की. जवाब में पुलिस ने गोली चलाई. मुठभेड़ में अनिल यादव के पैर में गोली लगी. उसे जिला अस्पताल में भरती कराया गया. जबकि अनिल के साथी सतीश को दौड़ कर पकड़ लिया. सतीश के पास से तमंचा, 2 कारतूस, बाइक बरामद की.

अनिल ने बताया कि इस हत्याकांड में सतीश और मिथिलेश यादव ने उस की मदद की थी. हत्या में प्रयुक्त आलाकत्ल चापड़ तथा बोलेरो भी बरामद कर ली. बेटी ने मां और उस के प्रेमी पर पापा की हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी. इस पर प्रेमी अनिल यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस देवेंद्र राम का धड़ एक कुएं से बरामद कर चुकी थी, लेकिन सिर नहीं मिला था. आरोपियों ने बताया कि देवेंद्र राम का सिर उन्होंने बहादुरपुर से 38 किलोमीटर दूर घाघरा नदी में फेंक दिया था. पुलिस गोताखोरों की मदद से सिर की तलाश में जुटी, लेकिन सफलता नहीं मिली. तब पुलिस ने चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.

अपराध की दुनिया में बलिया की माया ने मेरठ की मुसकान, इंदौर की सोनम को भी पीछे छोड़ दिया है. जहां मुसकान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिल कर अपने पति सौरभ की बेरहमी से हत्या करने के बाद लाश के कई टुकड़े कर प्लास्टिक के नीले ड्रम में भर कर सीमेंट से जमा दिए थे. वहीं इंदौर की सोनम ने शादी के 12 दिन बाद ही हनीमून पर ले जा कर पति राजा रघुवंशी की अपने प्रेमी राज कुशवाह की खातिर सुपारी दे कर शिलांग में हत्या करा दी थी.

वहीं अब बलिया में यह वीभत्स हत्याकांड सामने आया है. एक पत्नी ने खौफनाक तरीके  से वारदात को अंजाम दिया. इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा तब हुआ, जब आरोपी माया देवी की बेटी व जेठ ने पुलिस को उस की संदिग्ध हरकतों के बारे में बताया. इस रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना से हर इंसान हैरान था.

समाज जा किधर रहा है? पतिपत्नी एक दूसरे पर विश्वास न करें तो किस पर करें. फेरे लेते समय तो जीवन भर एकदूसरे का साथ निभाने की कसम ली जाती है, लेकिन जल्दी ही इन कसमों को भुला दिया जाता है. अवैध संबंधों का अंजाम क्या होता है, इस घटना से अच्छी तरह से समझा जा सकता है. UP Crime News

—कथा में साक्षी परिवर्तित नाम है.

 

 

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