Social Story :  जल्दी और आसान तरीके से ज्यादा पैसे कमाने के लालच में आजकल उच्चशिक्षित युवा भी सैक्सौर्शन के धंधे में उतर आए हैं. झांसी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे 3 छात्रों ने सोशल मीडिया के जरिए जो अनसोशल काम किया वह…

सैयद नासिर हुसैन अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर थे. यूनिवर्सिटी द्वारा मिले क्वार्टर में वह में परिवार के साथ रहते थे. उन के परिवार में पत्नी, एक बेटा और बेटी थी. बेटी की शादी हो चुकी थी. बेटा इंजीनियरिंग कर के गुड़गांव की एक मल्टीनैशनल कंपनी में नौकरी कर रहा था. बेटी ससुराल चली गई, बेटा गुड़गांव तो अलीगढ़ में सिर्फ प्रोफेसर साहब और उन की पत्नी ही रह गईं. इस कोरोना काल में यूनिवर्सिटी बंद ही चल रही है, इसलिए प्रोफेसर साहब का ज्यादा से ज्यादा वक्त घर पर ही बीतता था. अपना मन बहलाने के लिए वह फेसबुक पेज खोल कर बैठ जाते.

वह खुद प्रोफेसर थे, इसलिए उन के दोस्त भी उसी तरह के थे. उन के फेसबुक फ्रैंड्स अच्छीअच्छी पोस्ट डालते थे, इसलिए वह उन्हें पढ़ते और उन पर अपनी प्रतिक्रिया भी देते. फेसबुक पर उन के मित्रों की संख्या काफी हो चुकी थी. फिर भी उन के पास फ्रैंड रिक्वेस्ट आती रहती थीं. जो उन्हें ठीकठाक लगती, उसे कन्फर्म कर देते, बाकी डिलीट कर देते. इसी तरह एक दिन उन के फेसबुक एकाउंट पर एक फ्रैंड रिक्वेस्ट आई, जिस की प्रोफाइल में सुंदर लड़की की फोटो लगी थी. रिक्वेस्ट भेजने वाली का नाम सपना चौहान था. अधेड़ हो चुके प्रोफेसर साहब सुंदर लड़की की फोटो देख कर झूम उठे.

फोटो थोड़ा सैक्सी भी था. उन्होंने उस की प्रोफाइल खोल कर देखी, दोस्त भी. उस में उन का कोई कौमन फ्रैंड नहीं था. उन्होंने झट से वह रिक्वेस्ट कन्फर्म कर दी. मजे की बात यह हुई कि उन के रिक्वेस्ट कन्फर्म करते ही उन के मैसेंजर पर उस का मैसेज आ गया, ‘‘हाय.’’

लड़की की ओर से ‘हाय’ का मैसेज आते ही प्रोफेसर साहब रंग में आ गए. उन्होंने तुरंत जवाब में मैसेज भेजा, ‘‘जी, हैलो.’’

दूसरी ओर जैसे उन के जवाब का इंतजार हो रहा था. तुरंत मैसेज कर के पूछा गया, ‘‘आप करते क्या हैं?’’

‘‘आप ने मेरी प्रोफाइल नहीं देखी क्या? उस में तो सब कुछ दिया है.’’ प्रोफेसर साहब ने मैसेज किया.

‘‘प्रोफाइल की छोडि़ए जनाब, ऐसे ही बता दीजिए न कि आप क्या करते हैं?’’

‘‘मैं अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हूं.’’

‘‘ओह सर, तब तो आप से खूब पटेगी. मैं यूनिवर्सिटी में पढ़ती हूं. क्या पढ़ाते हैं आप बच्चों को?’’ दूसरी ओर से मैसेज द्वारा पूछा गया, ‘‘बच्चों को सैक्स के बारे में भी कुछ पढ़ाते हैं या नहीं?’’

‘‘मैं मनोविज्ञान का प्रोफेसर हूं, जो जरूरी होता है जरूर बताता हूं.’’

‘‘तब तो आप इंसान को देख कर या बातचीत कर के उस के मन की बात जान लेते होंगे. इतनी बातचीत से आप को पता चल ही गया होगा कि मैं क्या चाहती हूं? आप सिर्फ बताते ही हैं या प्रैक्टिकल भी कर के दिखाते हैं?’’

‘‘मैं प्रोफेसर हूं, अंतरयामी नहीं, जो चार मैसेज से आप के मन की बात जान लूं. कभी प्रैक्टिकल का मौका ही नहीं मिला. अगर मिला तो जरूर कर के दिखाऊंगा.’’ प्रोफेसर साहब ने मैसेज किया.

वह दूसरी ओर से मैसेज आने का इंतजार कर ही रहे थे कि उन की पत्नी चाय ले कर कमरे में आ गईं. सुबहसुबह प्रोफेसर साहब को फोन में डूबे देख कर उन्हें गुस्सा आ गया. उन्होंने थोड़ी तेज आवाज में कहा, ‘‘सुबहसुबह ही फोन में लग गए. आप के पास और कोई काम नहीं है क्या?’’

पत्नी को नाराज होते देख प्रोफेसर साहब ने जवाब देखे बगैर ही फोन रख दिया और कप उठा कर चाय पीने लगे. वह चाय जरूर पी रहे थे, पर उन के दिमाग में एक ही बात घूम रही थी कि उस ने पता नहीं क्या जवाब दिया है. पत्नी जैसे ही खाली कप उठा कर किचन में रखने गई, उन्होंने झट फोन उठा कर मैसेज देखा. दूसरी ओर से मैसेज आया था, ‘‘आप कैसे मर्द हैं जो एक लड़की के मन की बात भी नहीं जान पाते. आप की उम्र कितनी है?’’

प्रोफेसर साहब ने जब उस के इस मैसेज का जवाब नहीं दिया तो दूसरी ओर से फिर मैसेज किया गया , ‘‘अरे, कहां चले गए?’’

इन दोनों संदेशों के जवाब में प्रोफेसर साहब ने मैसेज किया, ‘‘अभी नहीं, तुम दोपहर में औनलाइन रहना, उस समय बात करेंगे. अभी वाइफ बगल में बैठी हैं, इसलिए बात नहीं कर सकते.’’

दूसरी ओर से तुरंत जवाब आ गया, ‘‘ओके.’’

प्रोफेसर साहब अपनी इस फेसबुक फ्रैंड से बात करने को बेचैन थे. पर मजबूर थे. इसलिए किसी तरह दोपहर तक का समय बिताया. पर बीचबीच में वह फोन उठा कर देख जरूर लेते थे. आखिर किसी तरह तरह दोपहर हुई. खाना खा कर वाइफ आराम करने के लिए लेट गईं तो प्रोफैसर सैयद नासिर हुसैन जी फोन ले कर फिर बैठ गए. उन्होंने फोन खोल कर देखा तो सपना चौहान नाम की वह लड़की औनलाइन थी. इतनी देर में उस ने अपनी प्रोफाइल फोटो बदल दी थी. इस बार उस ने बड़ी ही अश्लील फोटो लगा रखी थी. प्रोफेसर साहब वह प्रोफाइल फोटो देख कर ही उत्तेजित हो उठे. उन्होंने मैसेज किया, ‘‘हाय.’’

दूसरी ओर से जवाब आया, ‘‘हाय प्रोफेसर साहब, आप ने तो बड़ा इंतजार कराया. आप ने बताया नहीं जो मैं ने पूछा था?’’

‘‘क्या?’’

‘‘यही कि आप मर्द हो कर भी एक लड़की के मन की बात नहीं जान पाते. जबकि आप मनोविज्ञान के प्रोफेसर हैं.’’

‘‘हर बात कहनी जरूरी नहीं है. मेरी और तुम्हारी उम्र में बड़ा अंतर है. प्यार की बात मैं कर नहीं सकता. मेरी उम्र 55 साल है. प्रोफाइल के अनुसार तुम 22 साल की हो. मेरा और तुम्हारा कोई जोड़ नहीं है. इसलिए मैं तुम्हारे मन की बात जान कर भी क्या करूंगा.’’ प्रोफेसर साहब ने मैसेज भेजा.

‘‘मैं प्यार की बात नहीं कर रही. आप सैक्स तो कर सकते हैं. मुझे बड़ी उम्र के लोग बहुत पसंद हैं. वे अनुभवी होते हैं. फिर आप तो काफी स्मार्ट हैं. आप के साथ सैक्स करने में बड़ा मजा आएगा. आप करेंगे मेरे साथ सैक्स?’’ दूसरी ओर से सपना चौहान ने खुलेआम सैक्स करने की बात कही तो प्रोफेसर साहब का मन हिलोरें लेने लगा. उन की आंखों के सामने प्रोफाइल में लगी अश्लील फोटो तैरने लगी.

प्रोफेसर साहब ने मैसेज भेजा, ‘‘आप कहां रहती हैं?’’

‘‘यह जान कर क्या करेंगे? पहले आप यह बताइए कि मेरे साथ करेंगे न…?’’ सपना की ओर से मैसेज आया.

‘‘यह मेरा सौभाग्य होगा. मैं खुद को बड़ा भाग्यशाली समझूंगा तुम से मिल कर.’’ प्रोफेसर साहब ने जवाब दिया.

‘‘तो फिर आप अपना वाट्सऐप नंबर दीजिए.’’ सपना ने मैसेज द्वारा प्रोफसर साहब का नंबर मांगा. 22 साल की खूबसूरत लड़की 55 साल के आदमी के साथ सैक्स करने को तैयार थी. वह भी बिना किसी लालच या शर्त के. प्रोफेसर साहब से वह कुछ मांग भी नहीं रही थी. ऐसे में भला प्रोफेसर साहब उसे अपना नंबर क्यों न देते. झट से उन्होंने अपना नंबर इनबौक्स में टाइप किया और बिना कुछ सोचेविचारे सेंड कर दिया. मैसेज भेजने के थोड़ी देर बाद ही उन के इनबौक्स में मैसेज आया कि अब आप वाट्सऐप पर आइए. मैं ने आप के वाट्सऐप पर मैसेज भेज दिया है.

प्रोफेसर साहब ने वाट्सऐप खोला तो देखा एक नंबर से मैसेज आया हुआ था. प्रोफेसर साहब अब तक सपना की बातों से उस के लिए पागल हो चुके थे. उन्होंने झट मैसेज भेजा, ‘‘जी कहिए.’’

सपना की ओर से मैसेज आया, ‘‘मैं आप को वीडियो काल कर रही हूं. आप अपने कपड़े उतारिए, मैं भी अपने कपड़े उतार रही हूं.’’

यह मैसेज पढ़ कर तो प्रोफेसर साहब की धड़कनें बढ़ गईं. अपनी धड़कनों पर काबू पाते हुए प्रोफेसर साहब ने जवाब दिया, ‘‘पहले आप अपनी फोटो तो भेजिए. मैं आप को देखना चाहता हूं.’’

‘‘वीडियो काल कीजिए. आप शक्ल देखने की बात कर रहे हैं. मैं तो आप को सब कुछ दिखाने को तैयार हूं. जन्नत की सैर कराना चाहती हूं मैं आप को.’’ सपना का मैसेज आया. प्रोफेसर साहब सपना को देखने के लिए जितना बेचैन थे, उतनी ही बेचैनी सपना अपना सब कुछ दिखाने के लिए दिखा थी. इस बेचैनी को शांत करने के लिए प्रोफेसर साहब ने आखिर वीडियो काल कर ही दिया. दूसरी ओर से फोन उठ भी गया. पर आवाज म्यूट कर दी थी. प्रोफेसर साहब की नजरें स्क्रीन पर ही जमी थीं. दूसरी ओर से किसी लड़की की धुंधली सी तसवीर दिखाई दी. वह लड़की अपने कपड़े उतार रही थी. पर वह कपड़े उतारती, उस के पहले ही फोन काट दिया गया.

फोन काट कर सपना ने मैसेज भेजा, ‘‘आप तो केवल देख रहे हैं. कपड़े उतार ही नहीं रहे हैं. आप भी अपने कपड़े उतारिए न.’’

‘‘ठीक है, मैं कपड़े उतार कर काल करता हूं.’’ प्रोफेसर साहब ने तुरंत मैसेज किया. प्रोफेसर साहब पूरे जोश में थे.

वीडियो काल में सपना को कपड़े उतारते देख कर अब तक वह उत्तेजित भी हो चुके थे. उन्होंने झट कमरे का दरवाजा बंद किया और कपड़े उतारने लगे. अभी वह कपड़े उतार ही रहे थे कि सपना ने फोन कर दिया. उन्होंने झट से पायजामा और अंडरवियर उतार कर फेंकी और फोन रिसीव कर के फोन के कैमरे के सामने खड़े हो गए. फोन उन्होंने कमरे में रखी मेज पर सीधा कर के रख दिया और उस के सामने खड़े हो कर अपनी मर्दानगी की नुमाइश करने लगे. दूसरी ओर से भी वीडियो में एक लड़की अपने कपड़े उतारती दिखाई दे रही थी.

चूंकि दूसरी ओर फोन करने वाली सपना ने आवाज म्यूट कर रखी थी, इसलिए न उधर से कोई आवाज आ रही थी और न प्रोफेसर साहब की आवाज जा रही थी. करीब डेढ़ मिनट तक यह खेल चलता रहा. प्रोफेसर साहब खुश थे कि उन्होंने 22 साल की एक लड़की को बिना कपड़ों में देखा और उसे अपनी मर्दानगी भी दिखाई. लेकिन उन की यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी. इस की वजह यह थी कि अभी अपने सारे कपड़े पहन कर बैड पर बैठे ही थे कि उन के फोन पर सपना का मैसेज आ गया. उन्होंने सोचा सपना ने कोई सैक्सी मैसेज भेजा होगा. पर उन्होंने जब मैसेज खोल कर देखा तो सन्न रह गए. सपना ने एक वीडियो भेजी थी, जिस में दूसरी ओर से एक लड़की कपड़े उतार रही थी. उसी वीडियो में एक कोने में प्रोफेसर साहब अपनी मर्दानगी की नुमाइश कर रहे थे.

यह वीडियो देख कर प्रोफेसर साहब के होश उड़ गए. वह समझ गए कि वीडियो भेजने वाले का इरादा नेक नहीं है. वह फंस चुके हैं. क्योंकि अगर यह वीडियो उन का कोई भी परिचित या रिश्तेदार या दोस्त देख लेता तो वह किसी को मुंह दिखाने लायक न रहते. वह इसी तरह की बातें सोच रहे थे कि सपना का मैसेज आ गया, ‘‘कैसा लगा वीडियो? मेरे खयाल से वीडियो अच्छा लगा होगा. आप तो जानते ही हैं कि अगर यह वीडियो सोशल मीडिया पर पहुंच गया तो आप का क्या हाल होगा. अगर आप चाहते हैं कि आप का यह वीडियो मेरे और आप के अलावा कोई तीसरा न देखे तो आप मुझें 25 हजार रुपए मेरे बैंक एकाउंट में डाल दीजिए.’’

प्रोफेसर साहब की हालत खस्ता हो चुकी थी. काटो तो खून नहीं वाली स्थिति में वह सिर पर हाथ रखे बैठे थे. वह सोच ही रहे थे कि अब क्या करें, तभी दूसरी ओर से फिर स्क्रीन शौट के साथ मैसेज आ गया, ‘‘क्या निर्णय लिया आप ने? पैसे देंगे या फिर आप की वीडियो फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर अपलोड कर दूं.’’

थोड़ी देर पहले जिसे प्रोफेसर नासिर हुसैन खुश हो कर धड़ाधड़ मैसेज कर रहे थे, अब वह उन्हें खलनायिका नजर आ रही थी. अब वह फोन उठाने से भी घबरा रहे थे. समाज में उन की एक प्रतिष्ठा थी, इज्जत थी. जोश में आ कर वह ऐसी गलती कर बैठे थे, जिसे वह किसी से कह भी नहीं सकते थे. वह मनोविज्ञान के प्रोफेसर थे. फिर भी वह सचमुच उस लड़की के मन की बात नहीं जान पाए. तभी उन के मन में आया कि यह लड़की कतई नहीं हो सकती. यह कोई लड़का है, जिस ने लड़की के नाम की आईडी बना कर लड़की का फोटो लगा कर उन्हें फंसाया है. लेकिन अब तो वह फंस ही चुके थे. इस जाल से निकलें कैसे. उन्होंने जवाब भेजा, ‘‘थोड़ा सोचनेविचारने का मौका दो. आप ने मेरे साथ जो किया है, ठीक नहीं किया है.’’

‘‘यह आप को पहले सोचना चाहिए था. अब तो आप को रुपए देने के बारे में सोचना है. आप जल्दी रुपए भेजिए, वरना मैं वीडियो अपलोड करने जा रही हूं.’’

मरता क्या न करता. अपनी इज्जत बचाने के लिए प्रोफेसर साहब ने 25 हजार रुपए सपना द्वारा दिए एकाउंट नंबर पर ट्रांसफर कर दिए. उन्होंने सोचा 25 हजार रुपए दे कर इज्जत बच रही है तो कोई बुरा नहीं है. पैसे भेजने के साथ ही उन्होंने मैसेज किया, ‘‘मैं ने आप को मुंहमांगे रुपए दे दिए हैं. अब आप मेरी वीडियो अपने फोन से डिलीट कर दीजिएगा.’’

कथित सपना चौहान ने जवाब में मैसेज भेजा, ‘‘आप तो बड़ी जल्दी हार मान बैठे. एक ही बार के सैक्स में आप की सारी मर्दानगी हवा हो गई, जबकि अभी तो मुझे मजा ही नहीं आया. जब तक आप मुझे पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर देंगे, तब तक मैं आप का पीछा छोड़ने वाली नहीं हूं.’’

प्रोफेसर साहब समझ गए कि वह बुरी तरह फंस चुके हैं. इस जाल से निकलने का उन्हें कोई रास्ता भी नहीं सूझ रहा था. अपनी यह विपत्ति वह किसी से कह भी नहीं सकते थे. अपनी इस विपत्ति के बारे में वह किसी से भी कुछ कहते, वह उन्हें चार बात तो सुनाता ही, उन की पोल भी खोल देता. इसी डर से वह पुलिस के पास भी नहीं जा रहे थे. धीरेधीरे प्रोफेसर साहब ने 3 लाख 13 हजार रुपए सपना को दे दिए. इस के बावजूद सपना उन का पीछा नहीं छोड़ रही थी. वह और पैसे मांग रही थी. प्रोफेसर सैयद नासिर हुसैन को लगा कि अब वह इस सपना नाम की चुड़ैल से पैसे दे कर पीछा नहीं छुड़ा पाएंगे तो उन्होंने पुलिस के पास जाने का निर्णय ले लिया.

यह साइबर क्राइम का मामला था. इसलिए प्रोफेसर साहब सीधे अलीगढ़ के थाना साइबर क्राइम पहुंचे. थानाप्रभारी सुरेंद्र सिंह से मिल कर उन्होंने अपनी सारी परेशानी बताई, साथ ही निवेदन भी किया कि किसी भी तरह उन का नाम सामने न आने पाए, वरना वह किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे. सुरेंद्र सिंह ने प्रोफेसर साहब से प्रार्थना पत्र ले कर अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 384, 419, 420 और आईटी एक्ट 66डी, 66ई के तहत मुकदमा दर्ज कर काररवाई शुरू कर दी. उन्होंने प्रोफेसर साहब से वह नंबर भी ले लिया था, जिस नंबर से उन्हें फोन किया जाता था.

कुल 3 नंबर थे, जिन से प्रोफेसर साहब को फोन किए जा रहे थे. उन्हीं नंबरों पर उन्होंने कुछ पैसे भी भेजे थे. इस का मतलब था कि वे नंबर किसी फरजी आईडी पर नहीं लिए गए थे. थानाप्रभारी सुरेंद्र सिंह ने सारे नंबरों को सर्विलांस पर लगवाने के साथ उन की डिटेल्स भी निकलवाई. पता चला कि वे नंबर उत्तर प्रदेश के जिला झांसी में ऐक्टिव थे. इस का मतलब प्रोफेसर साहब को जो लोग ब्लैकमेल कर रहे थे, वे झांसी में रह रहे थे. जिन 3 नंबरों से प्रोफेसर साहब को फोन किए जा रहे थे, वे तीनों नंबर अलगअलग मोबाइलों में चल रहे थे. इस से सुरेंद्र सिंह को लगा कि इस मामले में एक से अधिक लोग शामिल हैं. उन्होंने तीनों नंबरों की आईडी निकलवाई, जिस से उन्हें उन नंबरों को चलाने वाले के नाम और पते मिल गए.

सारे सबूत जुटा कर अलीगढ़ साइबर क्राइम पुलिस ने झांसी के थाना सिपरी बाजार पुलिस की मदद से अशफाक खान निवासी नानकगंज, मोहम्मद जावेद खान और मोहम्मद शोएब निवासी चमनगंज को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इन के पास से सबूत के तौर पर मोबाइल फोन, बैंक खाते का विवरण, चैकबुक और इंटरनेट का सामान बरामद कर लिया. पुलिस ने यह सारा सामान जब्त कर लिया. कंप्यूटर की हार्डडिस्क सीज कर दी थी. पूछताछ में तीनों आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था. तीनों आरोपियों ने पूछताछ में जो बताया, उस के अनुसार तीनों युवक इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. घर से खर्च के लिए जो पैसे मिलते थे, उस से उन का खर्च पूरा नहीं होता था. क्योंकि यह फिजूलखर्ची हो चुके थे.

अपने शौक पूरे करने के लिए ही ये तीनों ब्लैकमेलिंग का यह अपराध करने लगे थे. उन्होंने बताया कि इन्होंने उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड आदि राज्यों के लोगों से भी इसी तरह लाखों रुपए की ठगी की है. मजे की बात यह है कि इन लोगों ने अब तक जितने लोगों से लाखों रुपए ठगे हैं, उन में से अभी तक किसी ने खुद के ठगे जाने की कहीं शिकायत नहीं की थी. इसीलिए इन की हिम्मत बढ़ी हुई थी. प्रोफेसर साहब अगर हिम्मत न करते तो इन का यह गोरखधंधा अभी भी चल रहा होता.

पूछताछ में गिरफ्तार तीनों अभियुक्तों ने बताया कि ये लोगों को फंसाने के लिए सब से पहले अलगअलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लड़की के नाम से फरजी आईडी बनाते थे. उस आईडी पर किसी सुंदर लड़की का या फिर आपत्तिजनक फोटो लगाते थे. उसी सोशल मीडिया आईडी से अधेड़ या बुजुर्गों को फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते थे. वीडियो काल के दौरान ये आपत्तिजनक वीडियो दिखाते थे. दूसरी ओर काल रिसीव करने वाला व्यक्ति जब अपने कपड़े उतारता तो पहले से लगाए स्क्रीन सेवर की वजह से उस की आपत्तिजनक स्थिति की वीडियो भी बन जाती थी. उसी वीडियो के द्वारा वह उस की जेब ढीली करते.

छोटीमोटी रकम होती तो ये पेटीएम में डलवाते थे और बड़ी रकम सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर करवाते थे. ऐसा ही इन्होंने अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सैयद नासिर हुसैन के साथ भी किया था. पूछताछ के बाद थानाप्रभारी सुरेंद्र सिंह ने तीनों आरोपियों को अलीगढ़ की अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. Social Story

 

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