Crime Story in Hindi : अभिषेक वेबसाइट के जरिए देहरादून में एस्कार्ट सर्विस चलाता था. इंटरनेट पर ग्राहक ढूंढना, उन से सौदेबाजी करना और बताई गई जगह पर लड़कियों को भेजना उस का रोज का काम था. राजधानी देहरादून के अलावा पर्यटन नगरी मसूरी, ऋषिकेश व हरिद्वार में आने वाले पर्यटक ही ज्यादातर उस के ग्राहक होते. उस का सपना पूरे उत्तराखंड में अपना जाल फैलाने का था, लेकिन…

एक कमरे में बैठे संदीप की निगाहें मोबाइल की स्क्रीन पर टिकी हुई थीं. वह वाट्सऐप पर चैट कर रहा था, उस चैट में कई लड़कियों के फोटो थे. वह बारीबारी से उन्हें ध्यान से उन्हें देख रहा था. उस ने एक फोटो की तरफ अंगुली से इशारा करते हुए अपने दोस्त मुकेश से पूछा, ‘‘यह कैसी लग रही है?’’

‘‘अच्छी लग रही है.’’

‘‘मस्ती करेगा इस के साथ?’’ संदीप ने पूछा.

‘‘मतलब?’’ मुकेश उस की बात पर चौंका.

‘‘अब इतना भोला भी मत बन मेरे दोस्त. मतलब यह कालगर्ल है,’’ संदीप ने बताया तो मुकेश ने थोड़ा आश्चर्य से पूछा, ‘‘यह तो तुम्हारे साथ चैट कर रही है?’’

‘‘हां तो क्या हुआ, वाट्सऐप पर तो यह खूब चलता है. अब जमाना बदल गया है मेरे दोस्त. इस तरह की लड़कियां और दलाल अब इसी तरह अपने ग्राहकों से बात करते हैं. वह फोटो भी भेज देते हैं, जो लड़की पसंद आए उस के उन से रेट तय कर लो.’’ संदीप ने बताया.

‘‘तुम्हें यह आइडिया कहां से आया?’’

‘‘मेरे भी एक दोस्त ने मुझे बताया था. तू इतने दिनों बाद मिला है तो सोचा कि थोड़ा तेरा भी मनोरंजन करा दूं.’’

‘‘कोई खतरा तो नहीं है?’’ मुकेश बोला.

‘‘बिलकुल सेफ है यार, कालगर्ल के मामले में 2 ही औप्शन होते हैं या तो लड़की को अपने पास बुलवा लो या खुद उस के ठिकाने पर चले जाओ. यह चालाक होती हैं. अच्छी सोसाइटी में फ्लैट किराए पर ले कर कई लड़कियां एक साथ रहती हैं. वहीं से बुकिंग करती हैं. आजकल यह धंधा खूब हो रहा है.’’ संदीप ने मुकेश को बताया.

‘‘तो ठीक है चलते हैं.’’ मुकेश ने खुश होते हुए कहा.

दरअसल, संदीप उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रह कर नौकरी करता था. मुकेश उस का दोस्त था, जो उस के पास मिलने के लिए आया था. कालगर्ल से बातचीत पक्की होने के बाद दोनों उस के बताए गए पते पर पहुंच गए. यह अड्डा पटेलनगर थाना क्षेत्र में देहराखास मितांस अपार्टमेंट, देवऋषि एनक्लेव के लेन नंबर-7 में था, जिस कालगर्ल से उन की बात हुई थी, वहां वह अकेली नहीं थी, बल्कि उस के जैसी अन्य लड़कियां भी थीं.

कालगर्ल व उन के बीच पैसों का लेनदेन हुआ और फिर करीब एक घंटा रुक कर दोनों खुशीखुशी वहां से वापस चले आए. कालगर्ल के अड्डे पर जाने वाले संदीप व मुकेश कोई अकेले नहीं थे, बल्कि उन की तरह वहां अनेक लोगों का आवागमन भी बना रहता था कहते हैं कि बुराई कोई भी हो, उस की उम्र ज्यादा लंबी कभी नहीं होती और इस तरह की बातें छिपती भी नहीं हैं. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ. एक दिन पटेलनगर थानाप्रभारी प्रदीप कुमार राणा के पास एक व्यक्ति का फोन आया. उस ने बताया, ‘‘सर, आप के इलाके में बहुत कुछ गलत हो रहा है.’’

‘‘मतलब?’’

‘‘मेरा मतलब गलत धंधे से है सर, मैं आप से मिलना चाहता हूं.’’

‘‘ठीक है मैं थाने में ही हूं, तुम आ सकते हो.’’ कुछ देर बाद वह व्यक्ति थाने आ कर उन से मिला और कुछ देर बातचीत कर के वापस चला गया. उस ने मितांस अपार्टमेंट में चल रहे सैक्स रैकेट के अड्डे के बारे में ही सूचना दी थी.

दरअसल, वह व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि पुलिस का मुखबिर था. पुलिस ने इस संबंध में कुछ और जानकारियां जुटाईं तो यह भी पता चला कि वहां लड़कियों की बुकिंग औनलाइन एस्कार्ट वेबसाइट से भी की जाती थी. राजधानी में देह व्यापार का इस तरह का धंधा गंभीर था. पुलिस के सामने बड़ा सवाल यह भी था कि इस धंधे में शामिल लड़कियां कौन थीं और उन का जाल कहां तक फैला था, इस गलत धंधे पर चोट करना जरूरी था.

थानाप्रभारी ने इस की सूचना एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत, एसपी (सिटी) सरिता डोभाल व सीओ अनुज कुमार को दी. उन्होंने पटेलनगर पुलिस को इस संबंध में काररवाई करने के निर्देश दिए.

काररवाई के लिए एसएसपी ने सीओ अनुज कुमार के निर्देशन में एक पुलिस टीम का गठन किया. इस पुलिस टीम में सीनियर एसआई भुवनचंद्र पुजारी, एसआई कुंदन राम, बाजार चौकीप्रभारी विवेक राठी, महिला एसआई ज्योति कन्याल, सरिता बिष्ट, कांस्टेबल पिंकी भंडारी, निकिता,  ऊषा भट्ट, अजय कुमार, प्रदीप कुमार, रिंकू, योगेश व संदीप कुमार को शामिल किया गया.

26 जुलाई, 2021 की बात थी, जब पुलिस टीम दनदनाते हुए देवऋषि एनक्लेव पहुंच गई. फ्लैट में दबिश दी गई तो वहां का नजारा देख कर टीम हैरान रह गई. वहां बाहर के कमरे में एक महिला व पुरुष आपत्तिजनक अवस्था में एकदूसरे से अलिंगनबद्ध थे. पुलिस दूसरे कमरे में पहुंची, तो वहां 6 लड़कियों के साथ 5 लोग फर्श पर बिछे बिस्तरों पर रंगरलियां मना रहे थे. पुलिस को देखते ही सभी सकपका गए.

‘‘क्या हो रहा है ये सब यहां?’’ थानाप्रभारी ने पूछा.

‘‘सर, ये तो हमारे गेस्ट हैं,’’ एक लड़की ने सकपकाते हुए कहा, तो एसआई ज्योति कल्याण ने उसे हड़काया, ‘‘हमें मालूम है किस तरह के गेस्ट हैं तुम्हारे. तुम लोगों की पूरी कुंडली ले कर ही आए हैं हम लोग. गेस्ट का स्वागत कैसे होता है, यह भी हम ने अपनी आंखों से देख लिया है.’’

‘‘सर, गलती हो गई, माफ कर दीजिए,’’ एक व्यक्ति हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाया.

‘‘गलत काम भी करोगे और माफी भी चाहिए, क्या नाम है तुम्हारा?’’ पुलिसकर्मी ने पूछा.

‘‘सर, मेरा नाम अभिषेक कुशवाह है.’’

‘‘ओह! तुम्हीं अभिषेक हो, तुम ही इस रैकेट के लीडर हो.’’ पुलिसकर्मियों ने सभी लोगों को कस्टडी में ले लिया और कमरों की तलाशी ली.

तलाशी में पुलिस को वहां से कई आपत्तिजनक चीजें मिलीं. पुलिस ने उन के कब्जे से 17 मोबाइल फोन, एक लैपटाप, 13 एटीएम कार्ड, एक स्विफ्ट डिजायर कार, 3 ड्राइविंग लाइसैंस व 16 हजार रुपए नकद बरामद किए. पुलिस मौके पर पकड़े गए सभी लोगों को ले कर थाने आ गई.

पकड़े गए लोगों में देह व्यापार रैकेट का मुख्य संचालक अभिषेक कुशवाह उर्फ वरुण उर्फ साहिल निवासी शाहदरा, दिल्ली, नौशाद हुसैन निवासी बिजनौर, राजवीर गिल निवासी पंजाब, संजीत निवासी पीलीभीत, उत्तर प्रदेश, सुरेंद्र निवासी ऊधमसिंह नगर, प्रीति सोनिया, लाबोनी, नूरेशा खातून, कुसुमा भूसाल सभी निवासी दिल्ली, महिमा निवासी कोलकाता व पलक निवासी हरियाणा शामिल थे. पुलिस ने सभी से बारीबारी से गहराई से पूछताछ की. पुलिस पूछताछ व जांचपड़ताल में औनलाइन व औफलाइन दोनों तरह से देह व्यापार करने वाले रैकेट की कहानी निकल कर सामने आई—

अभिषेक कुशवाह ने देवऋषि एनक्लेव के इस फ्लैट को अपना हैड औफिस बनाया हुआ था. वह इंटरनेट से वेबसाइट के जरिए एस्कार्ट सर्विस चलाता था. इंटरनेट पर ग्राहक ढूंढना, उन से सौदेबाजी करना और बताई गई जगह पर लड़कियों को भेजना उस का प्रतिदिन का काम था. समयसमय पर वह अपना नाम बदलता रहता था. वाट्सऐप के जरिए भी ग्राहकों से बातचीत कर के लड़कियों के फोटोग्राफ भेजे जाते थे. लड़कियों के अलगअलग रेट होते थे. ग्राहक को कोई लड़की पसंद आ जाती थी, तो एडवांस में पैसे मंगा लिए जाते थे.

राजधानी देहरादून के अलावा पर्यटक नगरी मसूरी, ऋषिकेश व हरिद्वार में बाहरी लोग घूमने के लिए आते हैं. ऐसे लोग ही ज्यादातर उन के ग्राहक होते हैं. अभिषेक के तार कई ऐसी लड़कियों से जुड़े हुए थे, जो देह व्यापार करने के लिए तैयार रहती थीं. पकड़ी गई लड़कियों में किसी की मजबूरी थी तो कोई खुशी से पैसों के लिए यह काम करती थी. लड़कियों को एजेंट के जरिए अड्डे पर लाया जाता था. अभिषेक के संपर्क में दिल्ली, हरियाणा, बिहार व पश्चिमी बंगाल की लड़कियां होती थीं.

लड़कियों को कई बार एक महीने व 15 दिनों के हिसाब से ठेके पर लाया जाता था. इतने दिनों की एक तयशुदा एकमुश्त रकम के बदले लड़की को ग्राहकों के सामने परोसा जाता था. लड़कियों को ग्राहक होटल या अन्य जगहों पर ले जाते थे. ग्राहकों से दिन व रात के हिसाब से पैसे लिए जाते थे. फुल नाइट का चार्ज ज्यादा होता था. किसी लड़की के साथ एक रात साथ बिताने की कीमत 7 से 15 हजार रुपए तक होती थी. लड़कियों को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए अभिषेक के पास कार भी थी और सुरेंद्र नाम का ड्राइवर भी. ड्राइवर की जिम्मेदारी लड़कियों को ग्राहकों तक पहुंचाने और फिर तय वक्त पर वापस लाने की होती थी. इस के अलावा फ्लैट पर भी देह व्यापार होता था.

जो ग्राहक लड़कियों के साथ थोड़ा ही वक्त बिताना चाहते थे, उन्हें फ्लैट पर ही बुलवा लिया जाता था. अभिषेक अपने रैकेट में लड़कियां बदलता रहता था. उस की कोशिश होती थी कि ग्राहकों को नईनई लड़कियां मिलती रहें, ताकि उस का धंधा ज्यादा से ज्यादा आबाद हो. फ्लैट में रहने वाले ज्यादातर लोगों को अपने आसपास के लोगों से ज्यादा मतलब नहीं होता, इसलिए किसी को शक नहीं होता था कि फ्लैट में रह कर क्या कुछ धंधा किया जा रहा है. यदि रैकेट में किसी को ऐसा लगता था कि शक किया जा रहा है तो वे लोग जगह बदल दिया करते थे. अभिषेक के रैकेट में शामिल लड़कियां भी कुछ कम नहीं थीं.

अभिषेक के जरिए जो बुकिंग होती थी, उस के अलावा भी वह अपने लिए अलग से सोशल प्लेटफार्म पर अपने फोटोग्राफ अपलोड कर के ग्राहक ढूंढती थीं. कई लोग उन के जाल में फंस जाते थे. इन ग्राहकों से होने वाली कमाई को वह खुद रखती थीं. इस में कोई दूसरा हिस्सेदार नहीं होता था. अभिषेक को देह व्यापार के धंधे में खूब फायदा हो रहा था. वह इसे पूरे उत्तराखंड में फैलाने का सपना देख रहा था. उस का यह सपना पूरा हो पाता, उस से पहले ही वह पुलिस के शिकंजे में आ गया. विस्तृत पूछताछ के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धाराओं 3/4/6/7 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर के अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. Crime Story in Hindi

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...