Hindi Story : 2011 में शकुंतला से शादी करने के डेढ़ महीने बाद भी रवि की सुहागरात मनाने की हसरत पूरी नहीं हुई थी. इसी दौरान वह रहस्यमय ढंग से गायब हो गया. कोर्ट के आदेश पर चली जांच में दिल्ली पुलिस के 7 जांच अधिकारी भी बदल गए, लेकिन रवि का पता नहीं चला. 10 साल तक चली विभिन्न जांचों के बाद आखिर रहस्यों की गुत्थी में उलझे रवि हत्याकांड का ऐसा खुलासा हुआ कि..
अपने बेटे की तसवीर के सामने खड़े जयभगवान की आखें बारबार डबडबा रही थीं. हाथ में पकड़े रूमाल से आंखों में छलक आए आंसुओं की बूंदों को साफ करते हुए वह बारबार एक ही बात बुदबुदा रहे थे, ‘‘बेटा, आज मेरी लड़ाई पूरी हो गई. तेरे एकएक कातिल को मैं ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. तू जहां भी है देखना कि तेरा ये बूढ़ा बाप तेरे कातिलों को उन के किए की सजा दिला कर रहेगा.’’
कहतेकहते जयभगवान अचानक फफकफफक कर रोने लगे. रोतेरोते उन की आंखों के आगे अतीत के वह लम्हे उमड़घुमड़ रहे थे, जिन्होंने उन की हंसतीखेलती जिंदगी को अचानक आंसुओं में बदल दिया था. बाहरी दिल्ली के समालखा में रहने वाले जयभगवान प्राइवेट नौकरी करते थे. उन के 2 ही बेटे थे. बड़ा बेटा रवि और छोटा डैनी. 10वीं कक्षा तक पढ़े रवि ने 18 साल की उम्र में पिता का सहारा बनने के लिए ग्रामीण सेवा वाले आटो को चलाना शुरू कर दिया था. 3 साल बाद मातापिता को रवि की शादी की चिंता सताने लगी. समालखा की इंद्रा कालोनी में रहने वाला शेर सिंह जयभगवान की ही बिरादरी का था.