Love Story : मुश्ताक अहमद ने ङ्क्षहदू नाम अजीत बता कर पूजा बिस्वास को पहले अपने प्रेमजाल में फांसा, फिर उस से शादी भी कर ली. इस के बाद एक दिन उस ने पूजा के सिर को धड़ से अलग कर दिया. हत्या के समय पूजा हाथ जोड़ कर उस से रहम की भीख मांग रही थी, लेकिन उस का दिल न पसीजा. मुश्ताक ने आखिर ऐसा क्यों किया?
पूजा बिस्वास को इस बात की जानकारी हो गई थी कि प्रेमी से पति बने मुश्ताक अहमद ने दूसरी शादी अपनी बिरादरी की लड़की से कर ली है, यह बात पूजा से बिलकुल भी बरदाश्त नहीं हुई और वह बिफर कर मुश्ताक से बोली कि तुम तो बहुत धोखेबाज इंसान हो. पहले तो तुम ने धर्म छिपा कर धोखे से मुझ से शादी की और फिर अब अपनी ही बिरादरी में दूसरी शादी भी कर ली. इस बात को ले कर दोनों में कहासुनी हो गई.
इस के बाद तो इस बात को ले कर पूजा ने घर में रोज हंगामा करना शुरू कर दिया था. इतना ही नहीं, सितारगंज में मुश्ताक के घर जा कर वहां भी काफी हंगामा किया. मुश्ताक के फेमिली वालों से भी उस ने लड़ाईझगड़ा किया. यहां तक कि सितारगंज पुलिस को लिखित शिकायत भी दी. मुश्ताक के घर गांव गौरीखेड़ा (सितारगंज) उत्तराखंड में जब रोज हंगामा होने लगा तो उस के फेमिली वालों ने मुश्ताक और पूजा को घर से निकाल दिया. तब मुश्ताक पूजा को अपने साथ ले कर गुरुग्राम वापस आ गया.
गुरुग्राम आ कर अब पूजा रोज मुश्ताक से झगडऩे लगी. रोजरोज की कलह से पेशान हो कर मुश्ताक ने निर्णय ले लिया कि अब वह पूजा को हमेशा के लिए अपने रास्ते से हटा कर ही रहेगा. उस ने अपने दिमाग में हत्या की पूरी योजना का खाका तैयार कर लिया. अपने खूनी प्लान के मुताबिक उस ने पूजा से कहा कि पूजा, मैं अपनी जिंदगी में केवल तुम्हें ही अपनी पत्नी बना कर रखूंगा और अपनी दूसरी पत्नी को तलाक दे दूंगा. चलो, इसी खुशी में हम लोग उत्तराखंड घूमने चलते हैं, वहां पर कुछ दिन घूमने के बाद अपनी बीवी को तलाक दे कर हम वापस गुरुग्राम आ जाएंगे.
15 नवंबर, 2024 को अपने प्लान के मुताबिक मुश्ताक पूजा को अपनी बहन के घर टैक्सी से खटीमा ले कर पहुंचा. रात को वे दोनों वहीं पर रुके. 16 नवंबर, 2024 की सुबह खूनी साजिश के तहत मुश्ताक अपनी टैक्सी से पूजा को घुमाने के बहाने नदन्ना नहर जिला ऊधमसिंह नगर ले गया. नदन्ना नहर के पास एक काली पुलिया है, जो अकसर सुनसान रहती है. मुश्ताक ने चारों ओर देखा तो दूरदूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था. उस ने काली पुलिया के पास अपनी टैक्सी रोक दी और दोनों टैक्सी से उतर कर पुलिया के ऊपर बैठ गए.
अपने प्लान के मुताबिक मुश्ताक ने थोड़ी देर तक पूजा से प्रेमपूर्वक बातचीत की. पूजा को समझाया कि वह जल्दी ही अपनी दूसरी बीवी को तलाक देने वाला है. तभी मुश्ताक पेशाब करने का बहाना बना कर पुलिया से उठ गया, जबकि पूजा सामने नहर का दृश्य देखने में मशगूल हो गई थी. मुश्ताक ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया. उस ने फुरती से पैंट की जेब में छिपाया हुआ चाकू निकाला और पीछे से पूजा की गरदन पर घातक वार कर दिया. उधर पूजा को इस बात का आभास तक न था. चाकू के वार से उस की गरदन से खून का फव्वारा फूट पड़ा था.
मुश्ताक ने पत्नी का धड़ से अलग किया सिर
पूजा पीड़ा से जोरजोर से ‘बचाओ… बचाओ’ चिल्लाने लगी थी, लेकिन उस समय वहां पर दूरदूर तक कोई भी इंसान नहीं था, जो पूजा की करुण पुकार को सुन पाता. पूजा ने मुश्ताक से अपनी जान की भीख भी मांगी, परंतु निर्दयी हत्यारा मुश्ताक पूजा की गरदन पर तब तक चाकू से वार करता रहा, जब तक कि गरदन उस के धड़ से पूरी तरह अलग नहीं हो गई. गरदन धड़ से अलग होने पर पूजा ने तड़पते और छटपटाते हुए दम तोड़ दिया. इस के बाद की प्लानिंग भी मुश्ताक ने अपने दिमाग में पहले से ही बना कर रखी थी, इसलिए वह अपनी टैक्सी में तेज धारदार चाकू, चादर और अन्य सामान बैग में छिपा कर लाया था.
मुश्ताक ने सब से पहले धड़ को चादर में पूरी तरह से लपेट कर एक गठरी बनाई. उसे अच्छी तरह से बांधा और नाले मे फेंक दिया. इस के बाद उस ने पूजा के सिर को एक पौलीथिन की थैली में बांधा और सिर को दूसरी जगह ले जा कर पानी में बहा दिया. मुश्ताक इस बात से अब तक निश्चिंत हो चुका था कि पुलिस अब उस का कुछ भी बिगाड़ नहीं पाएगी, क्योंकि अगर पुलिस को किसी तरह पूजा का धड़ मिल भी गया तो वह पूजा के सिर को कभी भी नहीं ढूंढ सकती है.
पूजा गुडग़ांव के एक स्पा सेंटर में काम करती थी. वह भले ही अपनी निजी जिंदगी में व्यस्त रहती थी और उस के दोनों बेटे नानकमत्ता में उस की मम्मी के पास रह कर पढ़ाई करते थे, लेकिन पूजा रोज अपनी मम्मी और छोटी बहन प्रमिला से एक बार सुबह और एक बार रात को अवश्य फोन कर बातचीत कर लिया करती थी. प्रमिला भी गुरुग्राम में रह कर जौब करती थी. पूजा के विवाह के बाद प्रमिला अब अकेले रहने लगी थी. 15 नवंबर, 2024 की रात को पूजा की मम्मी का प्रमिला को फोन आया कि आज पूजा ने फोन पर बात नहीं की. उस के बाद प्रमिला ने पूजा का फोन लगातार ट्राइ करना शुरू कर दिया, लेकिन पूजा का फोन लगातार बंद आता रहा.
उस के बाद प्रमिला ने स्पा सेंटर में पता किया तो वहां पर पता चला कि पूजा 15 नवंबर से स्पा सेंटर में अपने जौब पर नहीं आ रही थी. इस के बाद प्रमिला और उस के फेमिली वाले लगातार पूजा की खोज में लगे रहे. प्रमिला ने नानकमत्ता और सितारगंज में भी अपने फेमिली वालों के साथ पूजा की तलाश जारी रखी, परंतु पूजा का कहीं कोई पता नहीं चल सका. 19 दिसंबर, 2024 को प्रमिला ने गुरुग्राम के सेक्टर-5 थाना पुलिस में पूजा के लापता होने की शिकायत दर्ज करा दी. प्रमिला ने पूजा के बारे में पुलिस को यह जानकारी भी दी कि पूजा का विवाह गांव गौरीखेड़ा जिला ऊधमसिंह नगर के अजीत के साथ हुआ था.
प्रमिला ने पुलिस को यह भी बताया कि अजीत का असली नाम मुश्ताक अहमद था, उस ने अपना धर्म व नाम अजीत बता कर धोखे से उस की बहन के साथ विवाह किया था. प्रमिला की ओर से शिकायत मिलने पर गुरुग्राम सेक्टर-5 थाने के एसएचओ सुखबीर ने अपने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर एक विशेष पुलिस टीम का गठन कर दिया. पुलिस टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी और सब से पहले लापता पूजा की काल डिटेल्स खंगालनी शुरू की. इस में लोकेशन सहित कई अहम जानकारियां पुलिस के हाथ लगीं.
इन्हीं में पुलिस को मुश्ताक का नंबर भी मिला. मुश्ताक उत्तराखंड का रहने वाला था, इसलिए पुलिस टीम ने सितारगंज जा कर अहम जानकारियां एकत्रित कीं. वहां पर गुरुग्राम पुलिस को पूजा और मुश्ताक के लिवइन रिलेशन व प्रेम विवाह की जानकारी भी मिली. पुलिस टीम ने मुश्ताक के फेमिली वालों से पूछताछ की तो यह पता चला कि मुश्ताक के घर वालों ने पूजा और मुश्ताक को अक्तूबर, 2024 में ही अपने घर से निकाल दिया था. सितारगंज से पुलिस को यह जानकारी भी मिली कि कुछ साल पहले मुश्ताक कुटरी गांव में गाड़ी के पंक्चर लगाने की दुकान चलाता था. वह सितारगंज और खटीमा दोनों जगहों पर रह कर काम करता था. उस के बाद उस ने टैक्सी चलाने का काम करना शुरू कर दिया था. पुलिस ने मुश्ताक की हर जगह तलाश की, लेकिन पुलिस मुश्ताक को ढूंढने में नाकाम रही.
गुरुग्राम पुलिस को इस बीच मुश्ताक के अन्य ठिकानों के बारे में भी पता चला, लेकिन मुश्ताक अब तक वहां से भी निकल चुका था. इस के बाद गुरुग्राम पुलिस ने गुरुग्राम में मुश्ताक के बारे में पता किया कि वह किस की टैक्सी चलाता था, कहां पर रहता था, किसकिस से मिलता था, किनकिन से बातचीत करता था, लेकिन पुलिस के हाथ फिर भी खाली रहे. आखिरकार इस ब्लांइड केस में गुरुग्राम पुलिस ने अब उत्तराखंड पुलिस की मदद ली. उत्तराखंड पुलिस ने इस केस में अपने खास मुखबिर लगा दिए और खुद भी इस केस से जुड़ गई. उत्तराखंड पुलिस और गुरुग्राम पुलिस की संयुक्त कोशिश आखिरकार रंग लाई.
साढ़े 5 महीना चकमा देने के बाद आया पुलिस गिरफ्त में
गुरुग्राम पुलिस को यह जानकारी मिली कि फरार टैक्सी ड्राइवर मुश्ताक सितारगंज के गौरीखेड़ा में एक स्थान पर छिप कर रह रहा है. इस सूचना के मिलते ही गुरुग्राम पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस की सहायता से मुश्ताक को गिरफ्तार कर लिया. मुश्ताक को गिरफ्तार कर गुरुग्राम पुलिस ने जब मुश्ताक से पुलिसिया अंदाज में कड़ी पूछताछ की तो वह जल्दी ही टूट गया और उस ने पुलिस को बताया कि उस ने 16 नवंबर, 2024 को ही पूजा की हत्या कर दी थी. मुश्ताक अहमद ने पूजा बिस्वास की हत्या की जो कहानी बताई, वह इस प्रकार निकली—
पुलिस पूछताछ में आरोपी मुश्ताक ने बताया कि पूजा को यह बात पता चल चुकी थी कि उस ने नाम और धर्म छिपा कर पूजा के साथ धोखे से विवाह किया था, इस के कारण वह उस से काफी नाराज रहने लगी थी. उस के बाद मुश्ताक के फेमिली वालों ने उस का विवाह उन की बिरादरी की एक युवती के साथ कर दिया. अब मुश्ताक गुरुग्राम में पूजा से दूरियां बनाने लगा था. उस दिन तारीख थी 10 मार्च 2022. पूजा बिस्वास सुबह से ही अपनी तैयारियों में व्यस्त थी. आज उसे अपनी ड्यूटी पर गुरुग्राम जाना था. उत्तराखंड के नानकमत्ता की रहने वाली पूजा उस दिन अपने घर से रुद्रपुर जा रही थी, जहां से उस ने गुरुग्राम के लिए अपनी अगली बस पकडऩी थी.
रुद्रपुर पहुंचने से 5 किलोमीटर पहले ही उस बस का इंजन एकाएक चलना बंद हो गया, जिस के कारण ड्राइवर को मजबूरन बस रोकनी पड़ी. सभी सवारियां उतर कर टेंपो और रिक्शा ले कर अपने गंतव्य स्थानों पर जा रही थीं. पूजा को रुद्रपुर के रोडवेज स्टेशन जाना था, मगर उसे कोई आटो मिल ही नहीं रहा था. जिस के कारण वह अपना सामान सड़क के किनारे रख कर इंतजार कर रही थी. तभी दूसरी ओर से मुश्ताक नाम का व्यक्ति अपनी किराए की टैक्सी ले कर उधर से गुजरा तो उस की निगाह सड़क के किनारे खड़ी युवती पर पड़ गई.
काले घने लंबे बाल, तीखे नैननक्श, गोराचिट्ठा रंग और इकहरा बदन की पूजा पर मुश्ताक की जैसे ही नजर पड़ी तो वह एक पल के लिए ठगा सा रह गया था. अगले ही पल मुश्ताक ने सड़क के किनारे अपनी टैक्सी रोक दी और टैक्सी से उतर कर युवती के पास चला गया.
”जी, आप को कहीं जाना है क्या? क्या मैं आप की मदद कर सकता हूं?’’ मुश्ताक ने कहा.
”अरे भाईसाहब, आप के पास तो टैक्सी है. इस का भाड़ा भी काफी ज्यादा होगा. मैं तो किसी शेयर आटोरिक्शा का इंतजार कर रही थी.’’ पूजा ने हिचकते हुए कहा.
तभी मुश्ताक ने पूछा, ”जी, मैं आप को जानता नहीं हूं, आप को मैं ने पहली बार ही देखा. मैं ने आप को पसीने से लथपथ, हैरान और परेशान देखा तो मुझ से रहा नहीं गया. आप इस गाड़ी को अपनी ही समझें. वैसे आप को जाना कहां है?’’
”जी, मुझे रुद्रपुर रोडवेज बस अड्डा जाना है, वहां से मुझे गुरुग्राम के लिए बस लेनी है,’’ पूजा ने कहा.
”जी, आप मेरी टैक्सी में बैठेंगी तो मुझे बहुत खुशी होगी.’’ कहते हुए मुश्ताक ने पूजा का सामान टैक्सी में रख दिया था. हालांकि सफर काफी छोटा था. मुश्ताक भी जानबूझ कर टैक्सी काफी आराम से चला रहा था.
तभी मुश्ताक न पीछे की सीट पर बैठी पूजा को सामने के मिरर से देखा और पूछ लिया, ”जी, आप अपना समझ कर मेरी टैक्सी में बेहिचक बैठ गईं, इस के लिए आप का बहुतबहुत धन्यवाद. क्या मैं आप का नाम जान सकता हूं?’’
”जी, मेरा नाम पूजा बिस्वास है. मैं नानकमत्ता की बंगाली कालोनी में रहती हूं. गुरुग्राम में एक स्पा सेंटर में काम करती हूं. आप का नाम क्या है?’’ पूजा बोली.
”जैसे आप इतनी खूबसूरत हैं वैसे ही आप का नाम भी है. मेरी खुशकिस्मत है कि आज अनजाने में ही सही, आप से मेरी मुलाकात हो गई. पूजाजी, मेरा नाम अजीत है. मैं गौरीखेड़ा गांव तहसील सितारगंज में रहता हूं. मेरा टैक्सी का काम है.’’ मुश्ताक ने अपना नाम छिपाते हुए कहा.
मुश्ताक ने पूजा को बसा लिया था दिल में
टैक्सी को मुश्ताक धीरेधीरे चला रहा था. बीचबीच में वह पूजा को देख भी लेता था. पूजा यह समझ गई थी कि अजीत भी उसे देख रहा है, इसलिए वह भी उसे देखने लगी. कुछ समय के लिए दोनों की नजरें टकरातीं, फिर वे दोनों इधरउधर देखने लगते थे. तभी मुश्ताक ने ट्रैक्सी में ब्रेक लगा दिया. अब मुश्ताक पूजा का सामान टैक्सी से निकालने में भी उस की मदद करने लगा था, क्योंकि रुद्रपुर का रोडवेज स्टेशन आ चुका था. मुश्ताक ने बस में सामान चढ़ाने में भी पूजा की पूरी मदद की. काफी देर तक दोनों बातचीत करते रहे.
बस जब रुद्रपुर से गुरुग्राम की तरफ चलने की तैयारी करने लगी तो पूजा मुश्ताक की ओर निहारते हुए बोली, ”अजीतजी, आप बहुत ही सुलझे हुए और परिपक्व इंसान हैं. आप का दिल बहुत अच्छा है. आप का बहुतबहुत धन्यवाद. वैसे किराए के कितने पैसे हुए?’’
”पूजाजी, एक तरफ तो आप मुझे अपना कहती हैं और दूसरी तरफ किराए की बात करने लगीं. अच्छा, अब दोस्ती आगे भी ऐसे ही चलती रहे, उस के लिए कम से कम अपना मोबाइल नंबर तो दे दीजिए.’’
पूजा ने अपना मोबाइल नंबर बताया तो मुश्ताक ने पूजा के मोबाइल पर फोन कर दिया. घंटी बजने लगी. पूजा ने मुसकराते हुए कहा, ”अजीतजी, आप का नंबर मेरे पास आ चुका है, मैं इसे सेव कर लूंगी.’’ उस के बाद बस चल पड़ी थी. उस दिन के बाद से दोनों की अकसर फोन पर बातचीत होने लगी. दोनों को अब एकदूसरे से बात कर के काफी रस आने लगा था. एक दिन में कईकई बार वे दोनों अब आपस में बात करने लगे थे. इस बीच मुश्ताक भी गुरुग्राम आ कर प्राइवेट टैक्सी चलाने लगा था. एक दिन पूजा सुबह से काफी परेशान थी कारण कि नानकमत्ता मम्मी की तबीयत काफी खराब थी, तभी मुश्ताक का फोन आ गया.
”पूजाजी, कई दिनों से आप ने कोई फोन नहीं किया, इसलिए मैं ने आप को फोन कर दिया. कैसी हो आप?’’ मुश्ताक ने पूछा.
”अजीत, घर पर मेरी मम्मी की तबीयत काफी खराब है, उन्हें यहां पर लाना है, इसीलिए काफी परेशान हूं.’’ पूजा ने कहा.
”आप इतनी ज्यादा दुखी और परेशान क्यों हो रही हैं. मेरी गाड़ी में चल कर माताजी को ले कर आ जाते हैं.’’ मुश्ताक ने कहा. यह 2022 की बात थी.
अपनी मम्मी को गुरुग्राम लाने और वापस नानकमत्ता ले जाने और इस बीच अपनी मम्मी की खोजखबर लेने के लिए पूजा ने मुश्ताक की मदद ली. इस के कारण उन दोनों में दोस्ती और आत्मीयता अब अपने चरम पर पहुंचने लगी थी.
ऐसे ही एक दिन जब पूजा अपनी मम्मी को देखने मुश्ताक की टैक्सी ले कर वापस गुरुग्राम लौट रही थी तो मुश्ताक उस से बातें करने लगा था, जबकि पूजा अपने घरपरिवार की समस्याओं के बारे में सोचने में मग्न थी. तभी मुश्ताक ने उस से कहा, ”पूजाजी, पता है आज कौन सी तारीख है?’’
”आज 14 फरवरी का दिन है.’’ पूजा ने उत्तर दिया.
”आज का दिन कितना खास होता है, लगता है आप को पता ही नहीं है.’’ मुश्ताक ने रहस्यमयी ढंग से कहा.
”मुझे तो पता नहीं, आज का दिन इतना खास क्यों होता है, आप ही बता दो.’’ पूजा ने कहा.
”आप भी बुद्धू निकलीं. अरे आज पूरी दुनिया में वेलेंटाइन डे मनाया जाता है, जिसे हिंदी में प्रेम दिवस कहते हैं. आज आप से कुछ दिल की बात कहना चाहता हूं.’’ मुश्ताक ने कहा.
”अरे मैं तो भूल हो गई, आज वेलेंटाइन डे भी है. आप अपने दिल की क्या बात कहना चाहते हो अजीत?’’ पूजा ने पूछा.
मुश्ताक ने टैक्सी सड़क के किनारे खड़ी कर दी, उस के बाद उस ने पूजा का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा, ”पूजा, मैं तुम से बहुत प्यार करने लगा हूं, अब मैं तुम्हारे बिना एक पल भी जिंदा नहीं रह सकता. लव यू पूजा.’’ मुश्ताक उर्फ अजीत की आवाज लडख़ड़ाने लगी थी.
यह देख पूजा बिस्वास ने एक उचटती हुई निगाह मुश्ताक की ओर डाली और अपना हाथ झटके से खींच लिया. यह देख कर मुश्ताक मन ही मन घबराने लगा और सोचने लगा कि ऐसा लगता है पूजा मेरी बात से कहीं नाराज तो नहीं हो गई. मुझे ऐसे प्रपोज नहीं करना चाहिए था.
”देखो अजीत, ये प्यार कोई हंसीखेल का तमाशा नहीं है. सब से पहले तुम्हें मेरे अतीत को जानना चाहिए.’’ पूजा ने गंभीर हो कर कहा.
”देखिए पूजाजी, मेरे दिल में आप के लिए अब वह स्थान बन चुका है, जिसे मैं किसी भी हालत में खोना नहीं चाहता. आप का अतीत चाहे जैसा भी रहा हो, मैं तुम्हें हर हाल में अपनाना चाहता हूं.’’ मुश्ताक ने भावुक स्वर में कहा.
लिवइन में रहने लगे दोनों
उस के बाद पूजा ने मुश्ताक को बताया, ”मेरा विवाह 18 साल पहले शक्ति फार्म में रतन (परिवर्तित नाम) के साथ हुआ था, मेरा पति रतन मकान में शटरिंग का काम करता था. रतन बहुत शक्की स्वभाव का था, वह मेरे चरित्र पर हमेशा शक करता रहता था. वह शराब पीने का भी आदती थी. बाद में हमारे 2 बेटे भी हो गए. मैं ने सोचा कि बच्चों की जिम्मेदारी सिर पर आने के बाद रतन में सुधार आ जाएगा, लेकिन रतन तो न जाने किस मिट्टी का बना हुआ था. शराब पी कर वह कईकई दिन घर पर ही पड़ा रहता था.
”जब मैं उसे समझाने का प्रयास करती तो वह मुझे बुरी तरह से गालियां देने लगता था. मारपीट करने लगता था. वह केवल मेरे साथ ही नहीं, बल्कि अब बच्चों को भी बुरी तरह से पीटने लगा था. मैं ने जब यह बात अपने मम्मीपापा और भाईबहनों को बताई तो वे मुझे अपने साथ ले गए और फिर 2019 में मैं ने रतन से तलाक भी ले लिया. 2008 में मेरी शादी हुई और 11 साल के बाद मेरा तलाक भी हो गया.’’
”पूजा, आप के घर में कौनकौन है?’’ मुश्ताक ने पूछा.
”अजीतजी, मेरे घर में मेरे मम्मीपापा के अलावा हम 4 बहनें और एक भाई है. बहनों के नाम शिवली, रमा और प्रमिला हैं जबकि मेरे भाई का नाम आशीष है. और भी कुछ पूछना बाकी रह गया हो तो बताइए.’’ पूजा ने कहा.
”पूजाजी, मुझे अब आगे कुछ नहीं पूछना है, बस आप का प्यार पाना चाहता हूं. आप की जिंदगी के सारे दुख बांटना चाहता हूं.’’ मुश्ताक ने कहा.
”ये जानते हुए भी कि मेरा एक बेटा 13 साल का है और दूसरा 11 साल का हो चुका है.’’ पूजा ने कहा.
”पूजा, मैं तुम्हें अपने दिल से भी ज्यादा प्यार करता हूं. मैं जीवन भर तुम्हारा और तुम्हारे बेटों की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाने के लिए तैयार हूं. तुम एक बार मेरा विश्वास कर के तो देखो!’’ मुश्ताक ने पूजा का हाथ अपने हाथों में लेते हुए कहा.
मोहब्बत एक ऐसा रोग है, जो दबाने पर और भी अधिक भड़कने लगता है. लिहाजा पूजा भी मुश्ताक के बहकावे में आ गई और मोहब्बत के जोश में पूजा ने भी आखिर कह ही दिया, ”अजीत, मैं भी तुम से अब दिलोजान से प्यार करने लगी हूं. तुम ही अब मेरा प्यार, मेरी चाहत, मेरी दीवानगी हो, मैं अब तुम्हारी हूं और मरते दम तक तुम्हारी ही रहूंगी.’’
इस के बाद पूजा और मुश्ताक गुरुग्राम में लिवइन में रहने लगे. इस से पूजा के फेमिली वालों व बहनों को ऐतराज हुआ. उन्होंने पूजा को समझाया कि बिना विवाह किए किसी युवक के साथ रहना हमारे समाज में वर्जित है. पूजा और अजीत उर्फ मुश्ताक ने फिर 10 सितंबर, 2024 में एक मंदिर में जा कर शादी कर ली और फिर बेरोकटोक साथ रहने लगे.
पूजा अब मुश्ताक के साथ अलग फ्लैट में रहने लगी थी. इसी बीच पूजा को पता चल गया कि अजीत ङ्क्षहदू नहीं मुसलिम है और उस का असली नाम मुश्ताक है. धोखा कर के शादी करने पर पूजा और मुश्ताक के बीच कहासुनी भी हुई. जो होना था हो चुका था, इसलिए पूजा चुप हो गई. उस ने यह जानकारी अपनी बहन और मम्मी को भी बता दी थी. इस के बाद पूजा की मुश्ताक के साथ आए दिन कलह होने लगी. यह झगड़ा तब और बढ़ गया, जब मुश्ताक के फेमिली वालों ने मुश्ताक का निकाह अपने ही समाज में कर दिया था. फिर मुश्ताक ने योजना बना कर पूजा बिस्वास का मर्डर कर उस की लाश ठिकाने लगा दी.
गुरुग्राम पुलिस ने उत्तराखंड की खटीमा पुलिस के सहयोग से अभियुक्त मुश्ताक अहमद को गिरफ्तार करने के बाद उस की निशानदेही पर 30 अप्रैल, 2025 को खटीमा काली पुलिया अंडरपास से शव बरामद कर लिया. शव में सिर नहीं था. शव की शिनाख्त करने के लिए पूजा के भाई को वहां पर बुलाया गया तो शव देख कर आशीष फूटफूट कर रोने लगा था. उस ने रोते हुए पुलिस को बताया कि शव के पास जो दुपट्टा पड़ा है, वह दुपट्टा रक्षाबंधन के दिन आशीष ने ही पूजा को शगुन के तौर पर दिया था. पूजा का शव यानी धड़ काफी समय से पानी में पड़े रहने के कारण काफी सडग़ल चुका था. हालांकि शव की पहचान मृतका के भाई ने कपड़ों के आधार पर कर ली थी.
मृतका पूजा के परिजनों ने उत्तराखंड पुलिस पर लगाए आरोप, फांसी की मांग की
2 साल तक अपनी आर्थिक और दैहिक जरूरतों को पूरा करने के बाद प्रेमी मुश्ताक ने अपनी प्रेमिका पूजा की नृशंस हत्या कर दी. गुरुग्राम में काम करते समय पूजा ने जो भी पैसेरुपए कमाए, उस से उस ने अपने प्रेमी मुश्ताक के लिए सितारगंज के गौरीखेड़ा में एक प्लौट खरीदा, जहां आज मुश्ताक का मकान है. इतना ही नहीं पूजा ने मुश्ताक को सोने के जेवर और एक बाइक भी खरीदी.
मृतका पूजा के भाई आशीष और छोटी बहन प्रमिला ने उत्तराखंड पुलिस पर काफी संगीन आरोप लगाए हैं. उन का कहना है कि नवंबर 2024 में जब उन की बहन का कहीं पता नहीं चल रहा था तो वे सितारगंज कोतवाली अपनी बहन पूजा की मिसिंग रिपोर्ट लिखाने गए थे, लेकिन सितारगंज पुलिस ने उन से कोई सहयोग नहीं किया और पूजा के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया. उधर गुरुग्राम पुलिस भी रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही थी. बाद में काफी दबाब बनाने के बाद गुरुग्राम के सेक्टर-5 थाना पुलिस में उन की रिपोर्ट दर्ज की गई.
लव जिहाद की शिकार बनी नानकमत्ता निवासी पूजा ने हत्या से कुछ दिन पहले एसएसपी को पत्र लिख कर मुश्ताक की शिकायत की थी. परिजनों के अनुसार पूजा ने मुश्ताक पर धर्म छिपाने और बाद में जबरन धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप लगाया था. इस मामले में एसएसपी ऊधमसिंह नगर मणिकांत मिश्रा ने कोतवाल सितारगंज को निर्देशित भी किया था. इस बारे ने एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया है कि पूजा और मुश्ताक के बीच पहले भी कई विवाद हो चुके थे, जिस संबंध में मेरे कार्यालय में स्टाफ को शिकायती पत्र दिया गया था.
युवक युवती को अपने साथ रखना चाहता था, जबकि युवती उस के साथ नहीं रहना चाहती थी, जिस पर दोनों पक्षों में वार्ता भी कराई गई थी. इस के बावजूद उन के बीच विवाद होते रहे, लेकिन गुमशुदगी के संबंध में मुझे कोई शिकायत पत्र नहीं मिला. युवती के लापता होने के बाद काल डिटेल्स के आधार पर घटना की सच्चाई का पता लगाया गया.
पूजा की हत्या के आरोपी मुश्ताक के घर पर चला बुलडोजर
नानकमत्ता के बंगाली कालोनी निवासी पूजा बिस्वास की नृशंस हत्या के आरोपी मुश्ताक अहमद का सितारगंज के गौरीखेड़ा में बने घर को प्रशासन ने भारी पुलिस की मौजूदगी में 5 मई, 2025 को बुलडोजर लगा कर ध्वस्त कर दिया. 4 मई, 2025 को गुरुग्राम पुलिस गौरीखेड़ा स्थित मुश्ताक के घर पर पहुंची थी, लेकिन उस के घर पर ताला लगा था.
5 मई, 2025 की सुबह उत्तराखंड की पूरी जिले की पुलिस (ऊधमसिंह नगर), पीएसी व प्रशासनिक अधिकारी गौरीखेड़ा पहुंच गए. यहां पर गांव के आवागमन के रास्तों में बैरिकेडिंग लगा कर व भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर आवागमन बंद कर दिया गया. इसी दौरान जेसीबी मशीन से टिन शेड के बने मुश्ताक के मकान को जमींदोज कर दिया गया. भारी पुलिसप्रशासन तैनाती देख कर ग्रामीण अपने घरों में ही बैठे रहे. इस से पूर्व ऊधमसिंह नगर प्रशासन को थारू गौरीखेड़ा निवासी नारायण सिंह ने शिकायत दी थी कि मुश्ताक के पिता अली अहमद ने उस की जमीन पर कब्जा कर मकान बना दिया है और वह मेरी जमीन खाली नहीं कर रहा है.
जांच में पाया गया कि यह भूमि अनुसूचित जनजाति समुदाय के मथुरा प्रसाद की है और मकान अवैध ढंग से बनाया गया था. इस के बाद जिला प्रशासन की ओर से आरोपी को भूमि को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया था, जिस के बाद आरोपी अपने घर पर ताला लगा कर वहां से फरार हो गए गए थे. जिस के बाद 5 मई, 2025 को पुलिस और प्रशासन की टीम ने बुलडोजर काररवाई करते हुए अवैध मकान को ढहा दिया.
गुरुग्राम पुलिस ने आरोपी मुश्ताक की निशानदेही पर घटनास्थल के पास से मृतका पूजा का टूटा हुआ मोबाइल फोन बरामद कर लिया है. इस के अलावा जिस चाकू से पूजा का गला काटा गया, उसे भी पुलिस ने मुश्ताक की बहन फूलबानो के घर से बरामद कर लिया गया. पुलिस को रेड के दौरान उस की बहन व अन्य सदस्य घर पर नहीं मिले. इस मामले में गुरुग्राम पुलिस आरोपी मुश्ताक अहमद के अन्य संभावित सहयोगियों की भी तलाश कर रही थी. कथा लिखने तक मृतका पूजा के सिर को तलाशने के लिए गुरुग्राम पुलिस उत्तराखंड पुलिस के साथ लगातार सर्च अभियान चला रही थी.
पुलिस गोताखोरों की मदद ले रही थी. सिर तलाशना पुलिस के लिए काफी अहम कड़ी भी है, क्योंकि उस से मृतका महिला के शव की पहचान पुख्ता हो जाएगी, जो कोर्ट में आरोपी हत्यारे मुश्ताक को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने में एक अहम सबूत हो सकता है. Love Story