Crime Story : बठिंडा की रहने वाली सोनू के जीवन में खुशियों की सौगात आने वाली थी, क्योंकि एक लंबे इंतजार के बाद उस की शादी उस के प्रेमी और मंगेतर नवनिंदर से होने वाली थी. पटियाला में मंगेतर नवनिंदर के साथ दिल खोल शौपिंग के बाद वह एक दिन अचानक से गायब हो गई. बाद में इस का राज खुला तो…
11 अक्तूबर 2021 का दिन था. बठिंडा, पंजाब की रहने वाली छपिंदरपाल कौर उर्फ सोनू (28) पटियाला में अपने होने वाले पति से मिलने के लिए जा रही थी. वह बेहद खुश थी क्योंकि एक लंब े अरसे के इंतजार के बाद उस की शादी नवनिंदर प्रीतपाल सिंह उर्फ सिद्धू (39) से होने वाली थी. लंबा इंतजार इसलिए क्योंकि छपिंदरपाल और नवनिंदर दोनों की सगाई पिछले साल मार्च 2020 में ही हो गई थी. लेकिन उन की शादी उन दिनों देश में फैले कोविड की वजह से नहीं हो पाई. जब कोविड का असर धीरेधीरे कम होने लगा और देश में अनलौक की प्रक्रिया को चालू किया गया, उस के बाद नवनिंदर अपने निजी कारणों से शादी की डेट लगातार टाल दिया करता था.
इस शादी के लिए छपिंदर ने लंबा इंतजार किया था, जोकि आने वाले 20 अक्तूबर को खत्म होने वाला था. नवनिंदर पटियाला के अर्बन एस्टेट इलाके में रहता था जोकि पौश इलाकों में माना जाता है. वह अपने मातापिता का एकलौता बेटा था. उस के 80 साल के पिता इंडियन आर्मी के रिटायर्ड कर्नल थे, जिन की आखिरी इच्छा अपने बेटे की खुशहाल जिंदगी देना था. दरअसल, नवनिंदर और छपिंदरपाल उर्फ सोनू दोनों ने एक साथ पंजाबराजस्थान के बौर्डर पर स्थित श्रीगंगानगर में श्री गुरुनानक खालसा ला कालेज से एलएलबी यानी कानून में बैचलर की पढ़ाई की थी. उसी दौरान बठिंडा और पटियाला 2 अलगअलग इलाकों के रहने वाले इन दोनों में दोस्ती गहराई और प्यार हो गया. इस के अलावा नवनिंदर ने समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएशन की पढ़ाई भी की थी और वह अमेरिका के एक प्राइवेट इंस्टीट्यूट में पढ़ाई करने वाले बच्चों को औनलाइन पढ़ाता था.
11 अक्तूबर को जब नवनिंदर ने छपिंदर को शादी की शौपिंग और तैयारियां करने के लिए बुलाया तो छपिंदर उर्फ सोनू की खुशी का ठिकाना नहीं था. छपिंदर के घर वालों ने भी इस के लिए टोकाटाकी नहीं की. उन्होंने खुशी से अपनी बेटी को पटियाला उस के होने वाले पति से मिलने की इजाजत दे दी. 11 अक्तूबर की दोपहर को सोनू पटियाला पहुंच कर नवनिंदर से मिली. सब से पहले नवनिंदर सोनू को अपने साथ एक होटल में ले गया. जहां वह फ्रैश हुई और कपड़े बदल कर वे दोनों पटियाला में लगने वाली बड़ी मार्किट में शौपिंग के लिए निकल गए.
11 अक्तूबर से 13 अक्तूबर तक नवनिंदर ने सोनू को अपने साथ खूब घुमायाफिराया. सोनू ने नवनिंदर से जिस किसी चीज की मांग की, नवनिंदर ने उन सभी मांगों की पूर्ति की. वे दोनों कभी महंगे 5 स्टार होटल में खाना खाने जाते, कभी बड़ेबड़े शौपिंग कौंप्लेक्स में घूमते और खरीदारी करते. इस बीच मौका मिलते ही सोनू अपने घर वालों से और अपने दोस्तों से फोन कर उन से बात किया करती. अपने घर वालों से उस की लगभग हर दिन ही बातचीत होती थी. सोनू से बातें कर उस के घर वालों के दिल को सुकून मिल जाता था. सोनू के पिता सुखचैन सिंह अपनी बेटी से बहुत प्यार करते थे. घर पर सोनू के नहीं होने से उन्हें घर बेहद सूना लग रहा था. लेकिन 14 अक्तूबर से सोनू ने फोन उठाना बंद कर दिया. उस के घर वाले उस के नंबर पर फोन करते रहे, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया.
पहले तो सोनू के घर वालों को लगा कि शायद वह कहीं व्यस्त होगी या फिर शौपिंग करने में मशगूल होगी. लेकिन जब सोनू की तरफ से अपने पिता को या घर में किसी को भी कालबैक नहीं की गई तो उन की चिंता बढ़ने लगी. जब उन को महसूस हुआ कि सोनू फोन नहीं उठा रही तो उन्होंने नवनिंदर के नंबर पर फोन किया. बेटी की खबर से सुखचैन की बढ़ी चिंता सोनू के पिता सुखचैन सिंह की काल देख नवनिंदर ने फोन उठाया और बात की. सुखचैन हड़बड़ाते हुए बोले, ‘‘बेटा, ये सोनू फोन क्यों नहीं उठा रही है? हम काफी देर से उसे फोन कर रहे हैं. न तो वह फोन उठा रही है और न ही कालबैक कर रही है. आखिर वह है कहां पर?’’
पिता की चिंता महसूस कर नवनिंदर हकपका गया. जवाब में उस ने कहा, ‘‘सतश्रीअकाल पापाजी. दरअसल, आज सुबह सोनू के साथ मार्किट शौपिंग के लिए जाना था लेकिन छोटी सी एक बात पर वह रूठ गई. गुस्सा हो कर वह घर से निकल गई, वह भी बिना अपना फोन लिए. मैं ने उस का फोन देखा भी नहीं था. मैं भी उसे तब से फोन मिला रहा हूं, लेकिन अभी देखा कि वह अपना फोन ले जाना भूल गई है. आप चिंता न करें. वह जल्द ही घर लौट आएगी. तब मैं आप की बात उस से करवा दूंगा.’’
अपनी बेटी और होने वाले दामाद के बीच झगड़े की इस बात को सुन कर सुखचैन सिंह के मन का सुख और चैन मानो कहीं गायब सा हो गया. उन के दिल में अपनी बेटी को ले कर बेचैनी पैदा हो गई. वह हर पल सोनू के बारे में ही सोचे जा रहे थे कि आखिर एक बड़े से शहर में उन की बेटी बिना फोन लिए कहां भटक रही होगी या उस के साथ कुछ अनहोनी न हो जाए. 14 अक्तूबर, 2021 को जब सोनू के घर वालों को यह बात पता चली, उस के बाद से नवनिंदर को हर घंटे फोन आता. लेकिन सोनू के वापस आने की उन्हें कोई खबर नहीं मिली.
सोनू के लापता होने को 24 घंटे हो गए तो घर वालों को अपनी बेटी की चिंता होने लगी कि सोनू का भाई दविंदर सिंह और पिता सुखचैन सिंह अगले दिन 15 अक्तूबर की सुबहसुबह करीब 5 बजे बठिंडा से पटियाला नवनिंदर से मिलने के लिए पहुंच गए. नवनिंदर ने उन्हें अपने और सोनू के बीच होने वाले झगड़े के बारे में बताया लेकिन नवनिंदर की बात सुन कर उन के मन को शांति नहीं हुई. मामले को गंभीर होता देख, दविंदर, सुखचैन सिंह और नवनिंदर, तीनों पटियाला के अर्बन एस्टेट पुलिस स्टेशन जा पहुंचे. अर्बन एस्टेट थाने के थानाप्रभारी रौनी सिंह ने सुखचैन सिंह की शिकायत पर सोनू की गुमशुदगी की सूचना दर्ज कर जल्द ही काररवाई शुरू कर दी. ऐसे में सोनू को ढूंढने के लिए सब से पहले जिस शख्स से पूछताछ होनी थी, वह नवनिंदर ही था.
पुलिस ने नवनिंदर से उन के बीच होने वाले झगड़े की वजह पूछी. जब नवनिंदर ने झगड़े का कारण बताया तो उसे सुन कर पुलिस के मन में पहली नजर में ही उस के ऊपर शक होने लगा. नवनिंदर ने बताया कि मार्किट में एक चीज को खरीदने के लिए उस ने सोनू को मना कर दिया था, जिस के बाद वह रूठ गई थी. होटल में उन के बीच इसी बात को ले कर हलकी नोकझोंक भी हुई थी. नवनिंदर की ये बातें सुन कर थानाप्रभारी के मन में सवाल उठने शुरू हो गए थे. वह सोचने लगे कि जिस जोड़ी की भला कुछ दिनों के बाद शादी होने वाली हो, उन के बीच इस बात पर झगड़ा होना और घर से निकल जाना, कैसे संभव हो सकता है.
ये वजह उन्हें कुछ हजम नहीं हुई. तो ऐसे में नवनिंदर से पुलिस की पूछताछ करने वाली टीम ने कुछ और जरूरी सवालजवाब किए. पुलिस वालों ने नोटिस किया कि नवनिंदर ने उन के जितने सवालों का जवाब दिया, उन से उन्हें नवनिंदर पर शक गहराता जा रहा था. ऐसी स्थिति में थानाप्रभारी ने सोनू के पिता और भाई को तसल्ली दी और जल्द ही सोनू के बारे में पता लगाने का आश्वासन भी दिया. और इस मामले को ले कर पुलिस ने तुरंत काररवाई करनी शुरू कर दी.
पुलिस टीमें जुटीं जांच में
पुलिस की कई टीमें इस काम में जुट गईं. एक टीम पटियाला में सोनू को ढूंढने में लगी थी तो दूसरी टैक्निकल टीम उस की लास्ट लोकेशन और उस से पहले वह कहांकहां गई, उस के बारे में पता करने में व्यस्त थी. ऐसे में थानाप्रभारी के नेतृत्व में एक टीम ऐसी बनाई गई जोकि सोनू के मंगेतर नवनिंदर की हिस्ट्री का पता लगाने के लिए थी. इस टीम में खुद थानाप्रभारी शामिल थे. एक तरफ पुलिस की सभी टीमें सोनू का पता लगाने का काम कर रही थीं तो दूसरी तरफ समय बीतने के साथसाथ सोनू के घर वालों के सब्र का बांध टूटता जा रहा था. घर वालों के मन में सोनू को ले कर बेचैनी और चिंता ने इस कदर घर कर लिया था कि जिसे निकाल बाहर फंकना बेहद मुश्किल था.
अगले 4-5 दिनों तक पुलिस से सोनू के परिवार वालों को कोई जवाब नहीं मिला, लेकिन अंदर ही अंदर पुलिस की टीमें अपना काम कर रही थीं. 20 अक्तूबर, 2021 के दिन थानाप्रभारी ने बठिंडा से सोनू के घर वालों को पटियाला अर्बन एस्टेट पुलिस थाने में बुलाया. पुलिस ने नवनिंदर के बारे में कुछ ऐसी चीजों का पता लगा लिया था, जिस का सोनू के घर वालों को पता होना जरूरी था. खबर मिलते ही सुखचैन सिंह, दविंदर और साथ में कुछ और लोग अर्बन एस्टेट पुलिस थाने जल्द से जल्द पहुंच गए. उन के पहुंचते ही थानाप्रभारी ने उन्हें अपने औफिस में बुलाया और उन के होने वाले दामाद नवनिंदर के बारे में कुछ ऐसे खुलासे किए, जिसे सुन कर सोनू के घर वालों के होश उड़ गए थे.
पता चला कि नवनिंदर की पहली शादी 12 फरवरी, 2018 को गांव बिशनपुरा, जिला संगरूर, पंजाब की रहने वाली सुखदीप कौर से हो चुकी थी. सुखदीप उच्चशिक्षित परिवार से ताल्लुक रखती थी और वह खुद भी ट्रिपल एमए थी. लेकिन 19 सितंबर 2021 को उस की रहस्यमयी हालत में मौत हो गई. रहस्यमयी इसलिए क्योंकि उस की मौत कैसे हुई, इस का किसी के पास कोई प्रूफ नहीं था. पुलिस की टीम ने जब संगरूर में सुखदीप के घर पर जा कर उस की मृत्यु का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि सुखदीप की मौत हार्ट अटैक से हुई थी. जब उन से पूछा गया कि उन्हें इस बात पर कैसे यकीन है कि सुखदीप की मौत हार्ट अटैक से हुई तो उन्होंने बताया कि उस के पूरे शरीर पर किसी चीज का निशान नहीं था, जिस से उन्हें किसी और बात पर शक हो.
मंगेतर ही निकला कातिल परिवार ने यह भी बताया कि सुखदीप 5 महीने की प्रेग्नेंट भी थी. सिर्फ यही नहीं, पुलिस टीम ने नवनिंदर के बारे में कुछ और भी पता लगाया जोकि हैरान करने वाला था. फरवरी 2018 में सुखदीप से पहली शादी के बाद उस ने पहली अक्तूबर, 2018 को भवानीगढ़ संगरूर की रहने वाली लखविंदर कौर से भी शादी की थी. इस की जानकारी सुखदीप के घर वालों को नहीं हुई. लखविंदर के साथ नवनिंदर अर्बन एस्टेट अपने पिता के घर से कुछ दूरी पर किराए के कमरे में रहता था. उन्होंने सुखदीप के घरवालों से नवनिंदर की लखविंदर से शादी के बारे में जब पूछा तो उन्हें इस बात का पता ही नहीं था कि नवनिंदर ने कहीं और भी शादी की थी.
इस का मतलब यह था कि नवनिंदर ने सुखदीप को धोखे में रख कर 6 महीने बाद एक और शादी की थी. इस बीच सब से ज्यादा हैरानी की बात यह थी कि इन सभी बातों के बारे में सोनू के घर वालों को पता ही नहीं था. उन्होंने थानाप्रभारी को बताया कि नवनिंदर और सोनू के बीच पिछले 2 सालों से संबंध था. इस बीच नवनिंदर उन के घर आता था, परिवार वालों से बातचीत करता था, बच्चों के लिए खिलौने लाया करता था लेकिन उस ने कभी भी अपने पुराने रिश्तों के बारे में किसी को नहीं बताया. उन्होंने इस बात को भी माना कि अगर नवनिंदर ने सोनू को भी इस बारे में कुछ भी बताया होता तो सोनू जरूर अपने घर वालों को इस के बारे में बताती.
इस का मतलब यह था कि नवनिंदर सोनू समेत सभी को धोखे में रख कर यह शादी करने वाला था. यह सब जानने और सुनने के बाद अब पुलिस के शक की सुई सिर्फ एक ही शख्स पर आ कर रुक गई, वह था नवनिंदर. सब जानने के बाद सोनू के पिता सुखचैन सिंह ने अगले दिन 21 अक्तूबर को नवनिंदर के खिलाफ अपनी बेटी की किडनैपिंग की रिपोर्ट दर्ज करा दी और पुलिस ने सुखचैन सिंह की तहरीर पर नवनिंदर को हिरासत में ले लिया. इस बार नवनिंदर को हिरासत में लेने के बाद पुलिस की पूछताछ करने वाली टीम ने शुरुआत से ही उसे सवालों के ऐसे घेरे में ले लिया कि वह कोई जवाब नहीं दे पाया.
उस ने पुलिस के सवालों पर ऐसी चुप्पी साध ली कि उस से कुबूलवाने के लिए पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी. सख्ती से पूछताछ करने के बाद नवनिंदर ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. उस ने पुलिस के सामने अपने रिश्ते छपिंदरपाल कौर उर्फ सोनू, सुखदीप कौर और लखविंदर कौर के साथ होने की बात को स्वीकार कर लिया. उस ने बताया कि वह इन तीनों के रिश्तों के बीच खुद को काफी उलझा हुआ महसूस करने लगा था, जिस से निकलने के लिए उसे सिर्फ एक ही रास्ता दिखाई देने लगा. वह तीनों में से किन्हीं 2 की मौत ही था.
उस ने अपनी पहली पत्नी सुखदीप को इसलिए जान से मार दिया क्योंकि एक तो वह लखविंदर से उस के रिश्ते के बारे में जान चुकी थी और दूसरी बात यह कि वह उस के बच्चे की मां बनने वाली थी. जबकि नवनिंदर पिता बनने के लिए तैयार नहीं था, वह भी उस स्थिति में जब वह पहले से ही 2 महिलाओं के साथ रिश्ते में बंधा हुआ था. उस ने इस उलझन को खत्म करने के लिए सब से पहले सुखदीप को ठिकाने लगाने के बारे में प्लान किया. चूंकि नवनिंदर ने कानून की पढ़ाई की थी और वह क्रिमिनल लौ के बारे में अच्छे से समझता था, इसलिए वह सुखदीप को मारने के बाद कोई भी सबूत पीछे नहीं छोड़ना चाहता था.
उसे पता था कि हत्या किसी भी तरीके से की जाए, आखिर में कोई न कोई सबूत पीछे छूट ही जाता है. ऐसे में हत्या करने के तरीकों के बारे में वह पिछले 6 महीनों से रिसर्च करने लगा. वह दिनरात इंटरनेट पर तरहतरह के आर्टिकल पढ़ता, क्राइम स्टोरीज पढ़ता और हत्या के तरीके ढूंढता. उस ने पिछले 6 महीनों में हत्या का तरीका ढूंढने के लिए 200 से ज्यादा बौलीवुड, साउथ बौलीवुड और हौलीवुड की फिल्में देख डालीं. वह हर दिन क्राइम पैट्रोल शो भी देखने लगा. अंत में इसी तरह की फिल्में देखने के बाद उसे एक तरकीब सूझी नाइट्रोजन गैस.
उस ने इस बारे में खूब पढ़ा और अंत में इस नतीजे पर पहुंचा कि नाइट्रोजन गैस के इस्तेमाल से शरीर पर किसी तरह के कोई निशान नहीं छूटते और बिना किसी शोरशराबे के पीडि़त पहले बेहोश हो जाता है और उस के बाद उस की मृत्यु तय है. नाइट्रोजन गैस को बनाया मौत का हथियार आखिर उस ने सुखदीप से अपना पीछा छुड़ाने के लिए नाइट्रोजन गैस को अपना हथियार बना लिया. 19 सितंबर, 2021 की रात को नवनिंदर सुखदीप के लिए औक्सीजन गैस के सिलिंडर में नाइट्रोजन भर कर लाया.
रात को सोते समय उस ने सुखदीप से कहा कि अगर वह औक्सीजन गैस इन्हेल (श्वास) करेगी तो यह उस के लिए और उन के बच्चे के लिए अच्छा साबित होगा. सुखदीप पढ़ीलिखी महिला थी और वह भी इस बात को अच्छे से जानती थी. इसलिए नवनिंदर पर किसी तरह का शक होने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता. नवनिंदर ने इस हत्या को अंजाम देने के लिए खास तरह का मास्क भी बनवाया था, जिस में छेद नहीं थे. सुखदीप ने नवनिंदर की बात मानते हुए मास्क लगाया और नवनिंदर ने सिलिंडर से धीरेधीरे गैस छोड़नी शुरू कर दी. सुखदीप को क्या मालूम था कि उस का पति औक्सीजन सिलिंडर में नाइट्रोजन गैस भर कर लाया है. नाइट्रोजन गैस उस की नाक से होते हुए उस के फेफड़ों में फैल गई.
धीरेधीरे कुछ ही मिनटों में नाइट्रोजन खून से होते हुए पूरे शरीर में फैल गई, जिस से पहले तो सुखदीप बेहोश हुई और उस के चंद सैकंड बाद उस की मौत हो गई. सुखदीप की हत्या के बाद उस ने सुखदीप के घर वालों को उस की मौत हार्टअटैक से बताई, जिसे सुखदीप के घर वालों ने मान लिया. इसी तरह उस ने सोनू की मौत को भी अंजाम दिया. 11 अक्तूबर को जब सोनू उस से मिलने के लिए बठिंडा से पटियाला आई थी तो उस ने उसी दिन से ही अपने घर, अपने कमरे में सोनू को दफनाने के लिए गड्ढा खोदना शुरू कर दिया था.
गड्ढा खोदने के लिए उस ने बाकायदा टीवी पर तेज वौल्यूम में गाने चला दिए और हाथों में दस्ताने, आंखों पर चश्मा लगा कर फावड़े से गहरा गड्ढा खोद दिया. 11-13 अक्तूबर के बीच उस ने हर दिन थोड़ाथोड़ा कर सोनू की कब्र खोदी. 13 अक्तूबर की शाम को वह शौपिंग कर के घर लौटे तो उस ने अपने वही पुराने नाइट्रोजन गैस सिलिंडर को निकाल लिया. उस ने सोनू से कहा कि अगर वह शुद्ध औक्सीजन इन्हेल करेगी तो उस की मदद से चेहरे पर ग्लो आएगा. नादान सोनू भी सुखदीप की ही तरह नवनिंदर के जाल में फंस गई. उस ने उस की बात मान ली और जैसे ही नाइट्रोजन गैस उस ने कुछ मिनटों के लिए सूंघी, उस के कुछ देर बाद वह बेहोश हुई और ज्यादा गैस इन्हेल करने की वजह से उस की मौके पर ही मौत हो गई.
नवनिंदर ने सोनू की हत्या करने के बाद तुरंत उसे खोदे हुए गड्ढे में डाल दिया. ऊपर से मिट्टी डाल कर जमीन को बराबर किया. फिर टाइल्स का इस्तेमाल कर के उस जगह को एकदम चकाचक बना दिया. उस ने सबूत के कोई निशान नहीं छोड़े. अपना गुनाह कुबूल करने के बाद नवनिंदर की निशानदेही पर पुलिस ने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रैट की मौजूदगी में 368 अर्बन एस्टेट पटियाला, पंजाब (नवनिंदर के घर) पर उस के कमरे में बैड के नीचे के फर्श को उखाड़ा और खुदाई कर के सोनू की लाश बरामद कर ली.
हत्या का परदाफाश करने के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर 6 दिनों का रिमांड माननीय न्यायाधीश से लिया. रिमांड पर लेने के बाद पुलिस ने उस से विस्तार से पूछताछ की. फिर उसे छपिंदरपाल कौर उर्फ सोनू और पहली पत्नी सुखदीप कौर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया. भोलाभाला दिखने वाला शातिर अपराधी नवनिंदर प्रीतपाल सिंह उर्फ सिद्धू अब सलाखों के पीछे है. Crime Story