Superstition : आईवीएफ तकनीक और गोद लेने जैसी सुविधाओं के होते हुए भी तांत्रिकों का मायाजाल कम नहीं हुआ है. निस्संतान दंपति द्वारा गोद भरने के लिए अपनाया जाने वाला तांत्रिक अनुष्ठान अंधविश्वास जनित अपराध को ही बढ़ावा देता है. सचेत करने वाली इस अपराध कहानी में संतान की खातिर ग्वालियर में 2 महिलाओं को बलि चढ़ाने की घटना इस का ताजा उदाहरण है.
ग्वालियर पुलिस एक औरत की लाश की पहचान को ले कर उलझी हुई थी. लाश 21अक्तूबर, 2021 की सुबह साढ़े 5 बजे के करीब ग्वालियर से आगरा की ओर जाने वाले हाईवे पर स्थित ट्रिपल आईटीएम कालेज के निकट सड़क किनारे मिली थी. हजीरा थाना पुलिस को इस की सूचना एक राहगीर ने दी थी. सूचना मिलते ही थानाप्रभारी आलोक सिंह परिहार एसआई अभिलाख सिंह तोमर, त्रिवेणी राजावत, आनंद कुमार, नरेंद्र छिकारा, हैडकांस्टेबल जयसिंह और मनोज शर्मा को ले कर घटनास्थल पर पहुंच गए थे. तब तक वहां लोगों की अच्छीखासी भीड़ जमा हो गई थी. सभी लाश को ले कर तरहतरह की बातें कर रहे थे.
थानाप्रभारी ने लाश के चेहरे से दुपट्टे को हटवाया. मृतका के गले पर निशान नजर आए. लाश के किसी वाहन से दुर्घटनाग्रस्त होने के कोई ठोस सबूत नजर नहीं आए. कहीं भी खून का एक कतरा नहीं नजर आया और न ही उसे घसीटे जाने का कोई निशान ही दिखा. इस आधार पर अनुमान लगाया गया कि मृतक की हत्या गला घोंट कर की गई होगी और दुर्घटना दिखाने के लिए उसे सड़क के किनारे फेंक दिया. पहली जरूरत मृतका की शिनाख्त करने की थी. मृतका चौकलेटी कलर की लैगी और पिंक कुरती पहने हुए थी. उस के पैरों में कोई चप्पल या जूती नहीं थी. शरीर पर कहीं भी खरोंच के कोई निशान नहीं थे.