Chhattisgarh News : बड़ेबड़े होटल, पब, क्लब और मसाज सेंटर ड्रग्स के हब बनते जा रहे हैं. नशे के इस कारोबार से छत्तीसगढ़ जैसा राज्य भी पीछे नहीं है. बेरोजगारी से हताश और निराश युवकयुवतियां बड़ी संख्या में नशे की अंधेरी दुनिया में कदम रख चुके हैं. लग्जरी लाइफ की शौकीन नई पीढ़ी पैसों की खातिर सब कुछ करने पर उतारू हो जाती है. इंटीरियर डिजाइनर से ड्रग्स क्वीन बनी 30 वर्षीय नव्या की कहानी भी कुछ ऐसी ही है…
धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में नशे का कारोबार जिस तेजी से फैल रहा था, यह पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था. प्रदेश के बड़े नगरों में युवकयुवतियां नशे का शिकार हो रहे थे. मीडिया में रोज इस तरह खबरें आ रही थीं. पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर इस कारोबार को अंजाम दिया जा रहा था.
इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए इसी साल अगस्त माह की पहली तारीख को छत्तीसगढ़ पुलिस के आला अधिकारियों की मीटिंग राजधानी रायपुर में आयोजित की गई, जिस में डीजीपी अरुण देव गौतम ने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा, ”स्टेट में ड्रग्स तसकरी चल रही है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी है, क्या पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ को भी उड़ता छत्तीसगढ़ का तमगा दिलवा कर मोनोगे?’’
”सर, प्रदेश में एक ऐसा सिंडिकेट काम कर रहा है, जिस में वीआईपी और नेताओं से जुड़े लोग ड्रग्स तसकरी में शामिल हैं. हम लोग सबूत जुटाने में लगे हैं. जैसे ही हमें सबूत मिलेंगे, हम ऐसे लोगों को नेस्तनाबूद कर देंगे.’’ रायपुर के आईजी अमरेश मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा.
”कब तक सबूत जुटाओगे, मीडिया में पुलिस की इमेज खराब हो रही है और युवा वर्ग ड्रग्स के शिकंजे में फंसता जा रहा है. मुझे कोई एक्सक्यूज नहीं चाहिए. जल्द से जल्द ड्रग्स तसकरों को अपनी गिरफ्त में लो, नहीं तो मुझे आप लोगों के खिलाफ ही सख्त ऐक्शन लेना होगा.’’
”यस सर, मैं भरोसा दिलाता हूं कि जल्द ही हम कामयाब होंगे और ड्रग्स रैकेट हमारी पकड़ में होगा.’’ एसएसपी डा. लाल उमेद सिंह ने भरोसा दिलाते हुए कहा. डीजीपी की इस चेतावनी के बाद ही रायपुर पुलिस के अफसरों ने ड्रग्स तसकरों को पकडऩे के लिए रणनीति बनाई. इसी रणनीति के तहत 23 अगस्त, 2025 को एंटी क्राइम ऐंड साइबर यूनिट और गंज थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सघन तलाशी अभियान की शुरुआत की.
पुलिस काररवाई के दौरान पुलिस टीम की नजर देवेंद्र नगर ओवरब्रिज के नीचे एक संदिग्ध कार पर पड़ी, जैसे ही कार को रोकने का इशारा किया तो कार चालक पुलिस जवानों के ऊपर कार चढ़ाने की कोशिश करते हुए भागने लगा. सामने खड़े जवानों ने किसी तरह अपनी जान बचाई. तभी अचानक कार का दरवाजा खोल कर उस में सवार लोग कार छोड़ कर भागने लगे, लेकिन पुलिस जवानों ने दौड़ कर उन्हें पकड़ लिया.
संदिग्ध हालात में गिरफ्तार किए गए युवकों ने अपना नाम हर्ष आहूजा, मोनू विश्नोई और दीप धनोरिया बताया. जब पुलिस ने आरोपियों की तलाशी ली तो उन के पास खतरनाक ड्रग्स (एमडीएमए) मिला. तीनों आरोपियों से किया कंपनी की सोनेट कार (सीजी 04 क्यूजे 5466) के साथ 27.58 ग्राम एमडीएमए, 85,300 रुपए कैश, तौल मशीन और 5 मोबाइल फोन सहित 20 लाख रुपए का सामान जब्त किया गया था.
पुलिस ने जब इन लोगों से कड़ाई से पूछताछ की तो हरियाणा के हिसार में रहने वाले मोनू विश्नोई ने यह कुबूल किया कि वह ड्रग्स की खेप को दिल्ली से रायपुर लाता था और रायपुर में रहने वाले हर्ष आहूजा और दीप धनोरिया को उपलब्ध कराता था. आरोपियों से सघन पूछताछ में जो बात पुलिस को पता चली, वह बेहद चौंकाने वाली थी. ड्रग्स के इस गोरखधंधे में रायपुर के दोनों युवक कटोरा तालाब निवासी एक इंटीरियर डिजाइनर नव्या मलिक के लिए काम कर रहे थे.
पुलिस तीनों आरोपियों की निशानदेही पर जब नव्या मलिक के घर पहुंची तो नव्या वहां से नदारद मिली. पुलिस ने साइबर सेल की मदद से उस के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया तो उस की लोकेशन मुंबई की मिली. नव्या को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने जाल बिछाया और मुंबई से पुलिस ने नव्या को गिरफ्तार कर लिया.
नव्या इंटीरियर डिजाइनर से कैसे बनी ड्रग पैडलर
पुलिस को तलाशी में उस के कब्जे से प्रतिबंधित नशीली टैबलेट, ड्रग्स सप्लाई का रैपर और 2 मोबाइल फोन मिले. पुलिस उसे मुंबई से रायपुर ले कर आई और उस के खिलाफ नारकोटिक्स ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया. पकड़े गए आरोपी लंबे समय से रायपुर शहर में होटल, क्लब और बड़ी पार्टियों में ड्रग्स की सप्लाई करते थे. रायपुर में इंटीरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में करिअर बनाने निकली नव्या आखिर ड्रग्स पैडलर कैसे बन बैठी, यह कहानी भी दिलचस्प है. पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि रायपुर ड्रग्स तसकरी केस में गिरफ्तार इंटीरियर डिजाइनर नव्या मलिक क्लब, पब, फार्महाउस के साथ अन्य हाईप्रोफाइल पार्टियों में ड्रग्स सप्लाई करती थी.
नव्या के केस में जैसेजैसे पुलिस जांच आगे बढ़ा रही थी, वैसेवैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे थे. नव्या जिस गैंग का हिस्सा थी, वह ड्रग्स को मुंबई, दिल्ली और पंजाब से छत्तीसगढ़ लाता था. उस के कनेक्शन पाकिस्तान समेत कई देशों में बताए जा रहे हैं. वह प्रदेश की कई यूनिवर्सिटी और कालेज स्टूडेंट्स के संपर्क में थी.
30 साल की इंटीरियर डिजाइनर नव्या फैशन डिजाइनिंग का भी कोर्स कर रही थी. इस दौरान उस का कई फैशन शो और नाइट पार्टियों में आनाजाना होता था. इसी दौरान उसे ड्रग्स की लत लग गई. ड्रग्स लेने के दौरान वह कई पैडलर्स के संपर्क में भी आ गई, जिस के बाद उसे इस धंधे में बेशुमार पैसा दिखाई देने लगा और पैसों की चाहत में वह भी धीरेधीरे इस काले धंधे में कूद पड़ी. नव्या एक मौडल भी थी, लिहाजा उसे यह काम करने में ज्यादा परेशानी नहीं आई.
धंधे की शुरुआत उस ने दिल्ली से ड्रग्स मंगाने के साथ की और फिर बाद में उस के नेटवर्क का दायरा पंजाब, हरियाणा और मुंबई के तसकरों तक बढ़ गया. वह इन राज्यों से भी ड्रग्स की सप्लाई कराने लगी. नव्या वीवीआईपी इलाकों और बड़े होटलों में ड्रग्स की सप्लाई करती थी. उस के मोबाइल में मिली वाट्सऐप चैट और बैंक ट्रांजैक्शन की मदद से 600 से ज्यादा लोगों के ड्रग्स लेने की जानकारी का खुलासा हुआ है.
नव्या का कनेक्शन छत्तीसगढ़ के बड़े बिजनैसमैन, अधिकारी और राजनीतिक हस्तियों के साथ भी सामने आया. इन लोगों के साथ ड्रग्स क्वीन नव्या नाइट पार्टियां किया करती थी. उस के ठाठ इतने शानदार थे कि वह हर साल विदेश भी जाती थी. दुबई, चीन, बैंकाक, सिंगापुर समेत कई देशों में वह नाइट पार्टीज कर चुकी है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक नव्या पार्टी में सप्लाई के लिए एमडीएमए और हेरोइन जैसे ड्रग्स तसकरों से मंगवाती थी.
नव्या एक इंटीरियर डिजाइनर थी और उस के कई रईस लोगों के घर आनाजाना लगा रहता था. रायपुर के शराब कारोबारी अनवर ढेबर के घर का इंटीरियर डिजाइन करने के दौरान ही नव्या ढेबर परिवार के संपर्क में आई थी. अनवर का बेटा शोएब नव्या का हमउम्र था. शोएब के घर का इंटीरियर डिजाइन करते समय दोनों की दोस्ती हुई और देखते ही देखते उस से नजदीकियां बढ़ गईं. इसी दौरान नव्या का संपर्क अयान परवेज से हुआ जो शोएब की फर्म के लिए जीएसटी का काम करता था. अयान परवेज पेशे से टैक्स कंसलटेंट है. अयान परवेज ने ला की डिगरी करने के बाद जीएसटी कंसलटेंट के रूप में काम शुरू किया था.
अयान ने एक दिन नव्या से कहा, ”नव्या, आज होटल में पार्टी है, तुम साथ चलोगी तो पार्टी का मजा दोगुना हो जाएगा.’’
”हां, जरूर चलूंगी, मैं ने इस तरह की पार्टियों के बारे में सुना तो बहुत है, मगर कभी जाने का मौका नहीं मिला और जब तुम्हारे जैसा पार्टनर साथ है तो भला मैं क्यों इंकार करूंगी.’’ नव्या ने अपनी स्वीकृति देते हुए कहा.
नव्या उस दिन पहली बार एक ऐसी पार्टी में शामिल होने जा रही थी, जिस के बारे में उस ने केवल दूसरों से सुना था. इसलिए वह दोस्त अयान के कहने पर तुरंत उस के साथ पार्टी में चलने को तैयार हो गई थी. रायपुर शहर से करीब 10-12 किलोमीटर हाईवे पर एक जगह अयान की कार रुकी. कार से उतरते ही नव्या की आंखें उस आलीशान होटल को देख कर चौंधिया गईं. होटल के बाहर खड़े सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें सैल्यूट कर के अंदर जाने का इशारा किया. होटल के अंदर के नजारे ने नव्या को रोमांचित कर दिया.
बौयफ्रेंड के साथ लगा पार्टियों का चस्का
होटल के हाल में रंगबिरंगी लाइट्स और तेज साउंड में बेसुध हो कर नाचते लड़केलड़कियों को देख कर नव्या ने अयान का हाथ थाम लिया. अयान ने भी नव्या का हाथ अपने हाथों में ले कर उसे नाचने के लिए कहा. कुछ ही देर वे मस्ती से झूमने लगे. कुछ ही देर में अयान के दोस्त उस से मिले और एक सफेद पाउडर का पाउच उस के हाथ पर रख कर चले गए. अयान के चेहरे पर चमक आ गई और वह नव्या को हाल के एक कोने में ले गया, जहां एक टेबल पर बैठ कर कुछ लोग सिगरेट पी रहे थे.
अयान ने भी अपनी पाकेट से सिगरेट का पैकेट निकाल सिगरेट सुलगा ली. उसी दौरान उस ने सफेद पाउडर का एक पाउच निकाला और उसे एक कागज पर डाल कर सिगरेट का कश खींचने लगा. कुछ ही क्षणों में धुएं के छल्ले बनाते हुए उस ने वह सिगरेट नव्या की तरफ बढ़ा दी. नव्या कुछ झिझक महसूस करने लगी तो अयान ने उस के गले में हाथ डाल कर कहा, ”पार्टी में आई हो तो फिर कैसी झिझक? एक कश खींचो और जन्नत की सैर करो.’’
इस के बाद नव्या भी सफेद पाउडर को सिगरेट के जरिए खींचने लगी. कुछ ही देर में दोनों हौल में बज रहे म्यूजिक के शोर में डूबे कर एकदूसरे की बांहों में बांहें डाल डांस करने लगे. उन्हें महसूस हो रहा था जैसे कि वे खुशी से पागल हुए जा रहे हैं. उस रात नव्या ने अयान के साथ खूब पार्टी इंजौय की और वह देर रात अपने घर लौटी थी.
इस के बाद तो नव्या का होटल, क्लब और पबों में जाना आम बात हो गई थी. नव्या ऐसी पार्टियां खूब इंजौय करती थी. उस ने अयान के साथ कई बार पार्टी की. इन्हीं पार्टियों में उसे ड्रग्स की लत पड़ गई. नव्या लग्जरी लाइफ जीना चाहती थी और इसी चाहत में वह ड्रग्स तसकरी से जुड़ गई. इस दौरान नव्या ने दुबई, सिंगापुर, तुर्की, थाईलैंड, मालदीव जैसे देशों की यात्राएं कीं और ड्रग्स सप्लाई का काम भी करने लगी. दोनों मिल कर ड्रग्स सप्लाई का काम करने लगे.
पुलिस को नव्या का एक ही मोबाइल फोन मिला है, जबकि दूसरा अब तक बरामद नहीं हुआ है. वहीं उस के करीबी दोस्त अयान परवेज को भी गिरफ्तार किया गया है. अयान और नव्या मिल कर ड्रग्स तसकरी करते थे. अयान के मोबाइल से कई आपत्तिजनक वीडियो मिले हैं, जिन में 3 वीडियो नव्या के हैं. पुलिस को अंदेशा है कि कहीं अयान ने इन वीडियोज के जरिए नव्या को ब्लैकमेल तो नहीं किया होगा, क्योंकि उस के खाते में बड़ी रकम का लेनदेन सामने आया है.
रायपुर पुलिस ने नव्या मलिक से 30 घंटे से अधिक पूछताछ की, जिस में पता चला कि नव्या पाकिस्तानी हेरोइन और दिल्ली की एमडीएमए ड्रग्स रायपुर में ला कर बेचती थी और रायपुर शहर के 850 रईसजादे इस ड्रग्स सिंडिकेट के संपर्क में थे, जिस में होटल कारोबारी और राजनेताओं के बेटों के नाम भी सामने आए हैं.
पुलिस ने नव्या को 3 सितंबर, 2025 को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगा, जिस पर कोर्ट ने उसे 3 दिन के रिमांड पर भेज दिया. 3 सितंबर को पुलिस ने ड्रग्स तसकरी मामले में 4 और तसकरों को गिरफ्तार किया, इन में 27 साल की इवेंट मैनेजर विधि अग्रवाल, 29 साल का सोहेल खान, 28 साल का जुनैद अख्तर और ऋषिराज टंडन को भी गिरफ्तार किया गया. विधि अग्रवाल को भी एनडीपीएस कोर्ट ने 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. वहीं अयान खान, जुबैर अख्तर और ऋषिराज टंडन को जेल भेज दिया गया.
ऐसे चल रहा था ड्रग्स तसकरी का रैकेट
छत्तीसगढ़ पुलिस के द्वारा नशे के कारोबारियों के खिलाफ की जा रही काररवाई में एक के बाद एक गिरोह पकड़ में आ रहे थे. अगस्त महीने में ही रायपुर पुलिस ने जिस सिंडिकेट को ड्रग्स तसकरी में गिरफ्तार किया, उस में युवतियां भी शामिल थीं. गिरफ्तार आरोपियों में पुलिस ने सब से ज्यादा पूछताछ पंजाब निवासी लवजीत सिंह, रायपुर निवासी रूपिंदर उर्फ पिंदर सिंह उर्फ पाब्लो और रायपुर निवासी नव्या मलिक से की है. लवजीत और रूपिंदर से पुलिस को हेरोइन खरीदने वालों की और नव्या मलिक से एमडीएमए खरीदने वाले रसूखदारों की जानकारी मिली.
पाकिस्तान की हेरोइन ट्रकों के जरिए रायपुर भेजने वाले हिस्ट्रीशीटर पिंदर से पुलिस ने रिमांड में ले कर 25 घंटे पूछताछ कर उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. पिंदर ने पुलिस की पूछताछ में ड्रग्स रायपुर में भेजने का तरीका बताया और उस के ग्राहकों की जानकारी दी. ड्रोन से ड्रग्स की बौर्डर पार सप्लाई पिंदर पाकिस्तान की ड्रग्स ड्रोन के माध्यम से बौर्डर पार करवाता था, फिर उस के सिंडिकेट में काम करने वाले लड़के बौर्डर इलाकों से ड्रग्स सिंडिकेट के ठिकानों तक पहुंचाते थे. इन ठिकानों से माल ट्रकों के माध्यम से राजधानी रायपुर समेत देश भर में भेजा जाता था.
ट्रक से माल भेजने पर जब काररवाई शुरू हुई तो अपने सिंडिकेट के लड़कों को माल के साथ पहले दिल्ली और फिर रायपुर भेजता था. कई बार रायपुर में सक्रिय लड़कों को माल लेने के लिए दिल्ली बुलाता था और दिल्ली पंजाब का माल है बोल कर हेरोइन बेची जाती थी. पिंदर के सिंडिकेट के 17 से ज्यादा आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया. इस सिंडिकेट के कई आरोपी अंडरग्राउंड हैं, जिन की तलाश पुलिस कर रही है. पिंदर का हेरोइन रायपुर में खपाने वाले सुवित श्रीवास्तव के अकाउंट से पुलिस को 600 से ज्यादा ग्राहकों की जानकारी मिली है. इन ग्राहकों के अकाउंट को फ्रीज करवा कर पुलिस आगे की जांच कर रही है.
ऋषिराज टंडन पेशे से ई वेस्ट मैनेजमेंट का काम करता था, वह ज्यादातर समय मुंबई में रहता था. मुंबई में रहने के दौरान ऋषिराज नव्या के संपर्क में आया था. पुलिस ने ऋषिराज को मुंबई से गिरफ्तार किया. पुलिस को जो जानकारी मिली है, उस के मुताबिक हर्ष, विधि और नव्या को ड्रग्स कस्टमर के मोबाइल नंबर उपलब्ध कराता था. रायपुर के ग्राहकों की लिस्ट भी उस ने ही उपलब्ध करवाई थी.
नव्या का बौयफ्रेंड अयान परवेज ड्रग्स तसकरी का मास्टरमाइंड है. नव्या के जरिए वह मुंबई और दिल्ली से ड्रग्स मंगवाता था, जिसे रायपुर के अलगअलग क्लबों, पबों में सप्लाई का जिम्मा अलगअलग व्यक्तियों को सौंपा गया था. नव्या मलिक इंटीरियर डिजाइनर होने की वजह से अलगअलग राज्यों के अलावा विदेश भी जाती थी.
इस दौरान उस ने खुद भी ड्रग्स लेनी शुरू कर दी थी. अयान उस का बौयफ्रेंड था और दोनों शादी करने वाले थे. मूलरूप से उड़ीसा की रहने वाली विधि अग्रवाल इवेंट मैनेजमेंट का काम करती थी. उस का होटलों, क्लबों और पबों में आनाजाना था, जहां वह नव्या द्वारा भेजे गए ड्रग्स को ग्राहकों तक पहुंचाती थी. वह विदेश भी जा चुकी है. उस के टच में भी अनेक लोग थे. हर्ष आहूजा और नव्या अग्रवाल के घर रायपुर के कटोरा तालाब में अगलबगल ही थे. नव्या ने हर्ष को अपने गैंग में शामिल किया.
इस के बाद वह दिल्ली और मुंबई से जो ड्रग्स भेजती थी, उसे रायपुर में हर्ष रिसीव करता था. इस के बाद वह होटल, क्लब और पब में सप्लाई करता था. ऋषिराज टंडन का इन जगहों पर आनाजाना था. उस के कई दोस्त ड्रग्स लेते थे. विधि को टंडन ने ही सभी ग्राहकों के नंबर उपलब्ध करवाए थे, इस के बदले में उस का कमीशन भी मिलता था. कई बार वह विदेश भी गया. नव्या की मुलाकात विधि से रायपुर के एक होटल की पार्टी में ही हुई थी. उस इवेंट पार्टी की मैनेजर विधि अग्रवाल ही थी. उसी पार्टी के दौरान नव्या ने विधि से कहा, ”विधि, मेरे पास वो माल है, जिसे एक बार लेने के बाद व्यक्ति बारबार डिमांड करता है.’’
”ऐसा क्या खास है तुम्हारे माल में, हमारी पार्टियों में सप्लाई करो. तुम्हारा भी फायदा होगा और हमारे कस्टमर भी बढ़ेंगे.’’ विधि ने उत्सुकता से पूछा.
”हां जरूर, अगली बार मैं अपना माल तुम्हारी पार्टियों में सप्लाई जरूर करूंगी, लेकिन दाम थोड़े ज्यादा लगेंगे.’’ नव्या बोली.
”दाम की चिंता मत करो डियर, माल असरदार होगा तो दाम भी मिलेंगे.’’ विधि भरोसा दिलाते हुए बोली.
इस के बाद नव्या के जरिए विधि की पार्टियों में नशीले ड्रग्स की सप्लाई होने लगी. नव्या और विधि हर माह मुंबई और गोवा का दौरा करती थीं, जहां संभ्रांत घरानों के युवकयुवतियां रात भर चलने वाली इन पार्टियों में शामिल होते थे. ये पार्टियां रायपुर, नवा रायपुर, मंदिर हसौद, वीआईपी रोड और चंद्रखुरी के होटल, रिसौर्ट, क्लब और फार्महाउस में होती थी. विधि की इवेंट कंपनी ‘बिहाइंड द सींस’ रायपुर के बड़े होटल, क्लब और मैरिज पैलेस में न्यू ईयर सेलिब्रेशन सहित कई इवेंट्स आयोजित करती थी.
ये पार्टियां 25-30 लोगों के ग्रुप के साथ शुरू होती थीं, लेकिन रात एक बजे के बाद करीब 10-15 लोग ही रुकते थे. इन फार्महाउस में ड्रग्स के साथ अश्लील गतिविधियां भी होती थीं. इन का संपर्क बड़े उद्योगपतियों, कारोबारियों, सीए, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से था, जिन के साथ पार्टियां भी होती रहती थीं. रायपुर के विधानसभा रोड के विवादित क्लब में भी कई पार्टियां हो चुकी हैं, जिस में नव्या और विधि शामिल होती थीं. इस क्लब का मालिक महादेव सट्टा ऐप मामले में जेल जा चुका है. जमानत पर जेल से वापस आने के बाद उस ने क्लब फिर शुरू कर दिया था. महादेव सट्टा ऐप से जुड़े कई आरोपियों की भी यहां बैठकें होती थीं.
नव्या मलिक ने विधि को ले कर कई राज उगले थे. मोबाइल में विधि की पार्टी करते हुए और बीच पर घूमने वाले लग्जरी लाइफ के फोटो व वीडियो सामने आए हैं. गंज थाना पुलिस ने विधि अग्रवाल को सहयोगी त्रषिराज टंडन के साथ गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपी शहर में होने वाले पार्टियों के इवेंट मैनेजर हैं. यह पूरा सिंडिकेट दिल्ली, मुंबई और पंजाब जैसी जगहों से ड्रग्स ला कर राजधानी रायपुर में सप्लाई करता था. पुलिस ने तेलीबांधा के शुभम कारपोरेट्स आदित्य हाइट्स निवासी विधि अग्रवाल और जीटी हाइट्स निवासी ऋषिराज टंडन, अयान के सहयोगी सोहेल खान व रायपुर और जुनैद अख्तर को गिरफ्तार किया है.
रायपुर में एक और महिला पैडलर
7 सितंबर, 2025 को नव्या और विधि को रायपुर में पंकज कुमार सिन्हा की कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस ने उन की रिमांड लेने के लिए अलग से आवेदन नहीं दिया था, इस के चलते कोर्ट ने 15 सितंबर तक नव्या मलिक विधि अग्रवाल और उस के 3 और पुरुष सहयोगियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.
नशीले ड्रग्स के कारोबार में युवतियां भी पूरी तरह से उतर चुकी हैं. पहले इन्हें ड्रग्स की लत लगाई जाती है और बाद में इन का इस्तेमाल ड्रग्स तसकरी में किया जाता है. अगस्त 2025 के आखिरी सप्ताह में रायपुर की कबीर नगर पुलिस ने हेरोइन (चिट्टा) सप्लाई नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था. पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर उन के कब्जे से 273.19 ग्राम हेरोइन, एक दोपहिया वाहन और मोबाइल फोन जब्त किए थे, जिन की कुल कीमत लगभग 57 लाख रुपए आंकी गई थी.
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने एक महिला पैडलर हरप्रीत कौर उर्फ हैप्पी को गिरफ्तार किया. हरप्रीत फरार आरोपी रूपिंदर उर्फ पिंदर के मकान में किराए पर रह रही थी और उस के साथ मिल कर ड्रग्स की बिक्री करती थी. हरप्रीत विजय मोटवानी नामक व्यक्ति को ड्रग्स उपलब्ध कराती थी. पुलिस ने हरप्रीत कौर के कब्जे से 9.5 ग्राम हेरोइन, एक बर्गमेन स्कूटर (सीजी04 पीएन2942) और एक मोबाइल फोन जब्त किया, जिन की कीमत करीब 2 लाख रुपए बताई जा रही है. हरप्रीत के खिलाफ नारकोटिक्स ऐक्ट और अन्य धाराओं में अपराध दर्ज कर जेल भेजा गया.
देश में 11 साल से भाजपा की सरकार है और छत्तीसगढ़ में पौने 2 साल से भाजपा की सरकार है. ऐसे में सवाल उठता है कि देश की सीमा से पार हो कर भारत के मध्य में स्थित छत्तीसगढ़ में ड्रग्स कैसे पहुंच रहा है? केंद्र सरकार सीमा को सुरक्षित नहीं रख पा रही है, तभी तो स्मगलर सीमा पार से ड्रग्स छत्तीसगढ़ पहुंचा रहे हैं. ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की कथित गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और जया शाह के वाट्सऐप चैट से इस की चर्चा शुरू हुई थी. इस के नशा करने वालों के बीच इस के और भी कोड नेम हैं. इसे लेने के बाद दिमाग में नशा चढ़ता है, मदहोशी आती है. अधिकतर लोग इसे मस्ती के लिए लेते हैं. ज्यादा मात्रा में एक साथ लेने पर यह जान के लिए खतरा तक बन सकती है.
मिश्री की डली जैसी दिखती है एमडी ड्रग्स
मिश्री की डली जैसी दिखने वाली मेथिलीन डाइऔक्सी मेथैंफेटामाइन (एमडीएमए) नामक दवा आनंद, भावनात्मक गर्मजोशी, बढ़ी हुई ऊर्जा और विकृत संवेदी धारणा की भावना पैदा करने के लिए जानी जाती है. एमडीएमए को आमतौर पर एक पार्टी ड्रग के रूप में माना जाता है और इसे नाइट क्लब जैसी जगहों से जोड़ा जाता है. एमडीएमए को अकसर मोली या एक्सटेसी कहा जाता है और इसे अकसर गोली या कैप्सूल के रूप में लिया जाता है. एक किलोग्राम एमडी ड्रग्स की इंटरनैशनल मार्केट में कीमत 5 करोड़ रुपए प्रति किलोग्राम बताई जाती है.
यह एक तरह का सिंथेटिक ड्रग है यानी इसे गांजा, अफीम की तरह पौधे से नहीं बनाया जाता. यह टैबलेट और पाउडर दोनों रूप में मिलता है. टैबलेट के रूप में यह ड्रग्स एक्सटैसी कहलाता है, जबकि पाउडर या क्रिस्टल रूप का प्रचलित नाम मैंडी है. एमडी ड्रग्स के सेवन करने वाले को लगता है कि उस की ऊर्जा अचानक से बढ़ गई है और उस का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.
इस कारण व्यक्ति अपने आप को उत्साहित और आनंदित महसूस करता. वह बेहद भावुक हो जाता है और भ्रम की स्थिति में रहता है. नशे का असर करीब 6 घंटे तक रह सकता है, इसलिए इसे देर तक ठहरने वाला नशा बताया जाता है. Chhattisgarh News