Mumbai Crime : 25 वर्षीय मोहम्मद ताहा अंसारी ने रील बनाने वाली 22 साल की परवीन उर्फ मुसकान से मोहब्बत की थी. फेमिली वालों के विरोध के बावजूद निकाह कर दोनों ने अपनी अलग दुनिया बसा ली थी. 2 साल बाद फिर अचानक उन की मोहब्बत को शक के कीड़े ने काट लिया. उस के बाद जो कुछ हुआ, उसे सुन कर किसी का भी दिल दहल जाएगा. ताहा के दिमाग की नसों को कुतरने वाला शक का कीड़ा तो नहीं मरा, लेकिन मुसकान जरूर 17 टुकड़ों में काट दी गई. पढ़ें, इस दर्दनाक कहानी में कैसे हुआ यह सब?

भिवंडी (ठाणे) के ईदगाह इलाके में रहने वाला मोहम्मद ताहा अंसारी 29 अगस्त, 2025 की शाम को जब कमरे पर आया, तब वहां ताला लगा पाया. उसे बहुत कोफ्त हुई. कारण उस वक्त वह बेहद थका हुआ था. कई दिनों बाद ट्रक चला कर कमरे पर लौटा था. खाड़ी से महज 20 मीटर की दूरी पर उस का कमरा था. समुद्र की उठतीगिरती लहरों के बढ़ते शोर से वह और भी परेशान हो रहा था. जबकि उसे कमरे के एकांत की जरूरत थी. वह कुछ खापी कर सोना चाहता था.

कमरे पर ताला लगा देख कर वह भुनभुनाया, ”दिन में ही उसे फोन किया था और शाम तक आने के बारे में बता दिया था…फिर भी न जाने कहां चली गई?’’

इसी के साथ उस ने पत्नी परवीन उर्फ मुसकान को फोन मिलाया, लेकिन उस का फोन नौट रीचेबल था. मोहम्मद ताहा परेशान हो गया. मुसकान को कई बार फोन मिलाया. कौल नहीं लगी. कुछ मिनटों में ही उस का फोन भी बैटरी खत्म होने के कारण बंद हो गया. वह दरवाजे के छोटे से चबूतरे पर बैठ गया. करीब आधे घंटे बाद मुसकान गोद में एक साल के बच्चे को लिए हुए आई. दूसरे हाथ में मोबाइल फोन और स्टैंड थामे हुए थी. उसे देख कर समझने में देर नहीं लगी कि मुसकान वीडियो बनाने के लिए गई हुई थी. वह बिफरता हुआ बोला, ”तुम्हें मैं ने दिन में कौल कर दिया था, फिर भी तुम लापरवाह की तरह आ रही हो.’’

”रील बनाने चली गई थी. सवारी नहीं मिल रही थी, इसलिए देरी हो गई.’’ मुसकान ने सफाई दी और ताला खोल कर कमरे में ऐसे चली गई, जैसे उसे शौहर की कोई परवाह ही नहीं हो.

जबकि ताहा बड़बड़ाता हुआ कमरे में दाखिल हुआ…

”तुम्हारे रील बनाने से मैं परेशान हो गया हूं. मेरा जरा भी खयाल नहीं रहता है.’’

”मेरा यही तो शौक है…तुम्हारी तरह मैं दारूबाज नहीं हूं.’’ मुसकान तीखे लहजे में बोली.

उस अंदाज में ताहा भी बोला, ”अरे तुम तो उस से भी अधिक गिरी हुई हो. रील बनाने के बहाने इधरउधर मुंह मारती फिरती हो. न जाने तुम्हारे कितने यार बन चुके हैं?’’

यह बात मुसकान को बहुत बुरी लगी. वह उस पर बिफरती हुई बोली, ”मेरे कैरेक्टर पर शक करते हो, तुम कौन से पाकसाफ हो. बच्चे की कसम खा कर बोलो कि तुम कभी मेरे अलावा किसी दूसरी औरत के साथ नहीं सोए हो!’’

”मेरे कैरेक्टर पर अंगुली उठाने वाली तुम कौन होती हो? मैं शराब पीता हूं, लेकिन यह बात मैं सच कहता हूं कि तुम्हारे अलावा मेरी जिंदगी में कोई गैर औरत नहीं है. मैं तो फेसबुक पर मर्दों के साथ बर्थडे मनाते तुम्हारी फोटो देख चुका हूं.’’ ताहा गुस्से में बोल पड़ा था.

दोनों के बीच बातों का घमासान होने लगा. ताहा की नजर जैसे ही पास बैठे बेटे पर गई. उसे देखते ही बातोंबातों में बोल पड़ा, ”पता नहीं बेटा भी मेरा है या किसी और का?’’

मुसकान आगबबूला हो गई. गुस्से में उस ने पति पर हाथ उठा दिया. अगले पल वहीं रखे मोबाइल स्टैंड से पति पर हमला बोल दिया. ताहा बचता हुआ एक कोने में चला गया. वहीं उस की नजर मांस काटने वाले बड़े चाकू पर पड़ी. उस के दिमाग में क्या खुराफात हुई कि उस ने बगैर कुछ सोचेविचारे चाकू उठा लिया. एक झटके में उस ने पत्नी को दबोच लिया और उस की गरदन रेत डाली. चंद मिनटों में मुसकान खून से सराबोर हो गई. वह जमीन पर गिर पड़ी थी. उस की गरदन कट गई थी.

ताहा जब ठंडा हुआ, तब उस ने अपने दोनों हाथों से माथा पकड़ लिया, ”यह मैं ने क्या कर दिया!’’

वह वहीं बैठ गया. कभी अपने खून सने हाथ को तो कभी खून लगे चाकू को देखने लगा. उस के सामने पत्नी मुसकान की लाश पड़ी थी. वह दुखी हो रहा था. उस के बारे में सोचने लगा था. अचानक 2 साल पहले का वह वाकया उस के दिमाग में घूम गया, जब मुसकान से वह पहली बार मिला था.

रील बनाते समय हो गया था प्यार

दोपहर का वक्त था. मुंबईठाणे हाइवे पर किनारे ट्रक खड़ा कर के एक पेड़ की छांव में मोहम्मद ताहा कड़ाही में कुछ पका रहा था. पास में उस का हेल्पर आटा गूंथ रहा था,  तभी उस की नजर एक लड़की पर गई. ग्रामीण वेशभूषा के साथ मेकअप में थी. उस के एक हाथ में मोबाइल था. दूसरे हाथ में मोबाइल लगाने का एक स्टैंड पकड़े थी. वह उस की तरफ ही चली आ रही थी. अपनी ओर उसे आता देख मोहम्मद ताहा चौंक गया था. उस की चालढाल जानीपहचानी सी लग रही थी. उस के बारे में सोच ही रहा था कि वह उस के करीब आ चुकी थी. वह कुछ बोल पाता, इस से पहले ही लड़की हिंदी में बोल पड़ी, ”आप ट्रक ड्राइवर हो? क्या पका रहे हो? कहां से आ रहे हो?’’

”मैं आप को पहचानता हूं?’’ बीच में ही ताहा का हेल्पर बोल पड़ा.

”कैसे पहचानता है तू? अभी जुम्माजुम्मा 4 दिन का ही है और…बेकार की बातें करता है?’’ ताहा झिड़कते हुए बोला.

”हांहां, मैं ने इन को आज ही मोबाइल में देखा है…इसी ड्रेस में!’’ हेल्पर फिर बोला.

”अरे हां! याद आया तूने मुझे भी तो दिखाया था इंस्टाग्राम में…एक चलती ट्रक पर रस्सा पकड़ कर चढ़ रही थी…’’ ताहा बोला.

”हांहां, तुम लोगों ने सही तरीके से मुझे पहचान लिया…मैं वही ट्रक पर चढऩे वाली लड़की हूं… कैसा लगा था वीडियो?’’

”मैं तो देख कर हैरान हो गया था…मैं ने बोला था कि यह तो कोई फिल्मी सीन की तरह है.’’ ताहा बोला.

”तो लाइक क्यों नहीं किया? चलो, कोई बात नहीं, अब सब्सक्राइब कर दो…यह लो मेरे वीडियो का ब्लौग. अपने मोबाइल में इसे खोल कर इस लाल वाले बटन को टच कर दो!’’ लड़की बोली.

”यहां भी वीडियो बनाने आई हो?’’ हेल्पर बोला.

”तुम लोग मेरी मदद करोगे?’’

”चलती ट्रक पर चढऩे वाला कैसे बनाया था?’’ हेल्पर को उस के बारे में जानने की जिज्ञासा हुई.

”उस में एक बाइक वाले से मदद ली थी. उसी ने वीडियो बना दी थी.’’

”बहुत रिस्की था. डर नहीं लगा?’’ ताहा बोला.’’

”रिस्क कहां नहीं है? इंसान बैठाबैठा, चलताफिरता लुढ़क जाता है…या सड़क के किनारे कोई तेज गाड़ी से टक्कर मार कर फरार हो जाता है…’’ लड़की बोली.

”वह तो है, फिर भी जानबूझ कर रिस्क लेना…’’ ताहा बोला.

”अरे कुछ नहीं होता…जिंदगी में मजे होने चाहिए. मुझे रील बनाने में मजा आता है.’’ लड़की बोली.

”यहां क्या बनाओगी? यहां तो कुछ भी वैसा रिस्क जैसा नहीं है?’’

”यहां मुझे एक ट्रक ड्राइवर की पत्नी के रोल का वीडियो बनाना है.’’

”ऐंऽऽ ऐसा क्या?’’ हेल्पर चौंकता हुआ बोला, ”बिना शादी किए भाईजान शौहर बन जाएंगे.’’

”अरे, उसे शौहर का नाटक करना है.’’ लड़की बोली.

”तुम ने नाम तो बताया नहीं.’’

”मुसकान. रील भी इसी नाम से है.’’

”बड़ा अच्छा नाम है. मेरा नाम मोहम्मद ताहा है…अजब इत्तेफाक है कि मैं भी मुसलिम और तुम भी! साथ तो देना ही पड़ेगा.’’

”…तो फिर रील बनाना शुरू करें.’’ लड़की बोली.

थोड़ी देर में ताहा और मुसकान ने सड़क के किनारे रोटी बेलने, बरतन साफ करने, भोजन परोसने और साथसाथ खाने का वीडियो शूट किया. इस में हेल्पर ने मदद की. वीडियो बनाया. मुसकान जाने से पहले अपना पर्सनल मोबाइल नंबर ताहा को देती गई.

लव मैरिज के बाद मतभेदों ने लिया जन्म

उस के बाद 25 साल के ताहा और 22 साल की मुसकान की पहली मुलाकात दोस्ती में बदल गई. ताहा को जब भी ट्रक की ड्राइविंग से फुरसत मिलती, वह मुसकान को कौल कर देता. उस से घंटों बातें करता. उस की वीडियो की तारीफ करने लगता. एक दिन उस ने मुसकान के मन को टटोलते हुए उस से विवाह करने का प्रस्ताव रख दिया. मुसकान ने भी उस के प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लिया. किंतु एक समस्या मुसकान के सामने परिवार के लोगों को राजी करने की थी.

किसी तरह मुसकान ने अपने फेमिली वालों को ताहा से प्रेम विवाह करने के लिए मना लिया. उस के बाद मोहम्मद ताहा अंसारी और मुसकान भिवंडी की एक बस्ती में अलग एक कमरा ले कर रहने लगे. सालडेढ़ साल तक तो उन के संबंध मधुर बने रहे, किंतु जैसे ही उन की जिंदगी में बच्चा आया, उन की मधुरता में कमी आने लगी. बातबात पर ताहा मुसकान पर अपनी मरजी थोपने लगा. यहां तक कि उसे परदे में रहने और रील बनाना बंद करने का फरमान जारी कर दिया. इस पर मुसकान तिलमिला गई. उस ने दोटूक कह दिया, ”मैं रील बनाना किसी भी सूरत में बंद नहीं करूंगी.’’

पाबंदी और नसीहत को मानने से इनकार करने पर ताहा बौखला गया. उस के आत्मसम्मान को ठेस लगी कि बीवी को उस की भावना की कद्र नहीं है. इसे ले कर दोनों के बीच हमेशा तकरार होने लगी. ताहा जब काम के सिलसिले में बाहर रहता, तब मुसकान भी रील के लिए वीडियो बनाने निकल पड़ती थी. साथ में बच्चे को भी संभालती थी.

वे झगड़ते हुए एकदूसरे के चरित्र पर भी कीचड़ उछालने लगे थे. मुसकान के अंदाज और मर्दों के बीच जल्द घुलमिल जाने और उस के साथ हंसहंस कर बातें करने की आदत से ताहा के दिमाग में शक का कीड़ा कुलबुलाने लगा था. कई बार शक उस के मनमिजाज पर हावी हो जाता था. वह सोच में पड़ जाता था कि बच्चा किसी और का तो नहीं! किंतु सच तो यही था कि मुसकान और ताहा एक साल के बच्चे के मातापिता थे.

शक के कीड़े ने कुतर दी गृहस्थी

ताहा के दिमाग की नसों को कुतरता शक का कीड़ा एक दिन काल बन गया. उस का 28 अगस्त को मुसकान के साथ खूब झगड़ा हुआ था और गुस्से में काम पर चला गया था. मुसकान भी उस रोज काफी गुस्से में थी और घर से कहीं और भाग जाने की धमकी दे दी थी. किंतु अगले रोज ताहा ने दिन में मुसकान से फोन पर आत्मीयता के साथ बात की. उस ने पति से माफी मांगते हुए शाम तक लौट आने को कहा था. उस के कमरे पर नहीं होने से फिर से मानसिक तनाव में आ गया था. इसी तनाव में मुसकान के कमरे पर आते ही उस से बीते दिनों की तरह झगड़ पड़ा था, फिर उस की हत्या कर दी.

 

ताहा ने बीवी मुसकान की लाश को ठिकाने लगाने के लिए हत्या से भी अधिक अमानवीय तरीका अपनाया. ताहा ने सब से पहले उस का सिर धड़ से अलग कर दिया और फिर शव के 17 टुकड़े कर डाले. तब तक रात घिर आई थी और खाड़ी में समुद्री लहरें और तेजी से उठनेगिरने लगी थीं. समुद्र का पानी तट के काफी करीब आने लगा था. ताहा ने इस का फायदा उठाया और शव के टुकड़ों को पास के बूचडख़ाने से ले कर समंदर तक इधरउधर फेंक दिया. उस का अंदाजा था कि समुद्र की लहरों के साथ शव के टुकड़े उस में समा जाएंगे.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पुलिस को ईदगाह रोड के पास स्थित बूचडख़ाने के इलाके से एक महिला का कटा हुआ सिर बरामद हुआ, जो कीचड़ से सना हुआ था. उस की पहचान और हत्या के बारे में जांच शुरू की गई. मामला भिवंडी के भोईवाड़ा पुलिस थाने में दर्ज किया गया. वहां के सीनियर इंसपेक्टर अशोक रतनपारखी हत्या का कारण पता लगाने के साथसाथ स्थान और सिर काटे जाने वाले हथियार की तलाशी में जुट गए थे. जांच में तेजी लाने के लिए डीसीपी और एसीपी की देखरेख में 2 स्पैशल इनवैस्टीगेशन टीमें बनाई गई थीं.

भोईवाड़ा पुलिस के सामने महिला की पहचान और फिर हत्या के आरोपियों को पकडऩे की बड़ी चुनौती थी. अशोक रतनपारखी के मार्गदर्शन में पुलिस इंसपेक्टर प्रमोद कुंभार और उन की टीम ने ईदगाह बस्ती में जानकारी जुटानी शुरू की. पता चला कि वहां से एक महिला लापता है. इसी के आधार पर पुलिस ने जांच की दिशा तय की और जांच शुरू की. यह स्पष्ट हो गया कि शव परवीन उर्फ मुसकान नाम की महिला का था.  तहकीकात के क्रम में पुलिस को उस के पति मोहम्मद ताहा अंसारी के बारे में मालूम हुआ. पुलिस उस के कमरे पर गई. वहां से वह फरार था. पुलिस ने उसे ढूंढ कर पहली सितंबर की शाम को हिरासत में लिया और गहन जांच शुरू की.

पूछताछ में वह बयान बदलता रहा. पुलिस द्वारा सख्ती किए जाने के बाद ताहा ने अपनी पत्नी मुसकान की हत्या करना कुबूल कर लिया. पुलिस उसे घटनास्थल पर ले गई और नाव की मदद से खाड़ी में तलाशी की ताकि पता लगाया जा सके कि उस की पत्नी का शव कहां है.  ताहा ने जुर्म कुबूल करते हुए बताया कि उस ने पहले अपनी पत्नी का सिर धड़ से अलग कर दिया था. इस के बाद उस ने शव के 17 टुकड़े कर दिए और जब समुद्री लहरें तेज थीं, तब उन्हें खाड़ी में फेंक दिया, ताकि सबूत मिटाए जा सकें.

इस बयान के आधार पर 2 सितंबर, 2025 को स्थानीय पुलिस, फोरैंसिक टीम और डौग स्क्वायड को घटनास्थल पर ले जाया गया और शव की तलाश शुरू की गई, लेकिन शव के नहीं मिलने पर खाड़ी के पास के पुलिस स्टेशन को पत्र लिख कर इस की सूचना दे दी गई. आरोपी ताहा को भिवंडी कोर्ट में पेश कर दिया और उसे 11 सितंबर तक पुलिस रिमांड में भेज दिया गया. इस बीच आरोपी ने हत्या में इस्तेमाल हथियार के बारे में बताया कि उसे वह खाड़ी में फेंक चुका है. पुलिस उस की तलाश में जुट गई थी.

इस के अलावा डीसीपी शशिकांत बोराटे के अनुसार ड्रोन कैमरों और नावों की मदद से शव की तलाश का काम शुरू करने की योजना बनाई गई थी. लिखे जाने तक आरोपी मोहम्मद ताहा अंसारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. Mumbai Crime

 

 

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