True Crime Story: मोहित ठाकुर ने पत्नी आरती से म्यूजिकल कार्यक्रमों को छोड़ने को कहा लेकिन बढ़ती हसरतों की वजह से उस ने पति की बात नहीं मानी. अंत में मोहित ने ऐसा क्या किया, जिस का अफसोस उसे जिंदगी भर रहेगा. मुरादाबाद के थाना मझोला क्षेत्र के दान सहाय की मिलक के रहने वाले जय हिंद बाजवा सुबह के समय अपने ट्रेक्टर से खेतों की तरफ जा रहे थे. तभी उन की नजरें कीकर वाले सूखे तालाब की तरफ जा कर ठहर गईं. उस सूखे तालाब में एक महिला की लाश पड़ी थी. वह वहीं रुक गए और उधर से गुजरने वाले अन्य लोगों को भी लाश पड़े होने की बात बताई. कुछ ही देर में वहां अनेक लोग जमा हो गए.

लाश किस की है, यह जानने से पहले जय हिंद बाजवा ने सूचना थाना मझोला में फोन द्वारा दे दी. लाश की खबर मिलते ही सबइंसपेक्टर रामप्रकाश सिंह टीम के साथ सूचना में बताए गए पते की तरफ रवाना हो गए. घटनास्थल पर पहुंच कर पुलिस ने जब लाश का मुआयना किया तो उस का चेहरा झुलसा हुआ था. इस से पुलिस ने अनुमान लगाया कि हत्यारे ने पहचान मिटाने के लिए उस के चेहरे पर शायद तेजाब या और कोई कैमिकल डाला होगा. वह युवती काले व मेहंदी रंग की जरसी और काले रंग की जींस पहने हुए थी. तेजाब या केमिकल से उस की जरसी भी आधी जल चुकी थी. एसआई रामप्रकाश सिंह ने इस की सूचना थानाप्रभारी को दे दी. यह बात पहली फरवरी, 2015 की है.
लाश से कुछ ही दूरी पर युवती की एक जूती, दुपट्टा, पानी की बोतल और एक खाली डब्बा मिला. वह शायद तेजाब या उस कैमिकल का था जो लाश पर डाला गया था. कीकर के पेड़ पर महिला के लंबे बाल भी चिपके मिले. अनुमान लगाया कि वह शायद मृतका के ही होंगे. घटनास्थल के पास ही 5 और 10 रुपए के कुछ नोट भी मिले. उन पर भी कैमिकल की बूंदें गिरी हुई थीं जिस से वे काले पड़ गए थे. एक विजिटिंग कार्ड भी मिला. वह कार्ड चंदौसी के पाल म्यूजिकल ग्रुप का था. सूचना मिलने पर थानाप्रभारी के अलावा एसएसपी लव कुमार, एसपी (देहात) प्रबल प्रताप सिंह, एएसपी मोहम्मद इमरान व फील्ड यूनिट भी घटनास्थल पर पहुंच चुकी थी. पुलिस अधिकारियों ने भी घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और मौके से सारे सुबूत अपने कब्जे में ले लिए.
पुलिस ने वहां मौजूद लोगों से लाश की शिनाख्त करानी चाही लेकिन मरने वाली युवती का चेहरा झुलसा होने की वजह से कोई भी उसे नहीं पहचान सका. तब लाश का पंचनामा तैयार कर के उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या करने व लाश को ठिकाने लगाने का मामला दर्ज कर लिया. हत्यारे कौन थे यह पता लगाने से पहले पुलिस के सामने लाश की शिनाख्त कराने की चुनौती थी. लाश के पास पाल म्यूजिकल ग्रुप का जो विजिटिंग कार्ड मिला था, पुलिस ने वहीं से जांच शुरू की. कार्ड पर चंदौसी का पता था. इस पर प्रोपराइटर राजेश पाल का फोन नंबर भी लिखा था. उस कार्ड के सहारे पुलिस चंदौसी में राजेश पाल के पास पहुंच गई.
राजेश पाल को पुलिस ने लाश के फोटो दिखाए तो उस ने बताया कि यह महिला मुरादाबाद की रहने वाली है. मुरादाबाद में कहां रहती है, यह उसे पता नहीं. उस ने बताया कि यह संभल के राधाकृष्ण डांस ग्रुप में काम करती थी. उस में वह गोपी का रोल प्ले करती थी. राजेश ने बताया कि 2 दिन पहले बिसौली कस्बे के बुद्ध बाजार में स्थित एक विवाह कार्यक्रम में राधाकृष्ण डांस ग्रुप भी गया था. उस विवाह कार्यक्रम में उस की इस महिला से मुलाकात हुई थी. इस कार्यक्रम में यह महिला वैलकम गर्ल बनी थी. वहीं पर इस का अपने ग्रुप की संचालिका से कम मेहनताना को ले कर झगड़ा हो गया था.
राजेश ने बताया कि उस ने ही उस झगड़े को खत्म कराया था. उसी समय हुई मुलाकात इस युवती को उस ने अपना विजिटिंग कार्ड देते हुए कहा था कि यदि उसे काम की जरूरत हो तो वह उस से कभी भी मिल सकती है. राजेश पाल से बात करने के बाद एएसपी मोहम्मद इमरान ने एक पुलिस टीम संभल रवाना कर दी. संभल में राधाकृष्ण डांस ग्रुप की संचालिका से बात करने के बाद पता चला कि मरने वाली युवती का नाम आरती है और वह मुरादाबाद के लाइन पार इलाके के साईं सेलिब्रेशन की गली नंबर 1 में रहती थी.
पुलिस के पास आरती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ चुकी थी. रिपोर्ट में बताया कि उस की हत्या गला दबा कर की गई थी. पुलिस को आरती का पता मिल चुका था. उस के पते पर पुलिस पहुंची तो वहां उस की मां संतोष देवी मिली. उन्हें अस्पताल ले जा कर लाश दिखाई तो उन्होंने उस की पुष्टि अपनी बेटी आरती के रूप में की. उन्होंने बताया कि आरती किसी म्यूजिकल पार्टी में काम करती थी. पति मोहित ठाकुर से अनबन हो जाने की वजह से वह पिछले 5 महीने से उन के पास ही रह रही थी. उन्होंने किसी पर हत्या का शक भी नहीं जताया.
संतोष देवी से बात कर के पुलिस मुरादाबाद के सोनकपुर इलाके में रहने वाले आरती के पति मोहित ठाकुर के पास पहुंच गई. मोहित कमरे पर ही मिल गया. पुलिस ने उस से आरती की हत्या के बारे में सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया. उस ने बताया कि आरती ने उस के सामने ऐसे हालात पैदा कर दिए थे कि उसे उसकी हत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा. उस ने अपनी पत्नी की हत्या की जो कहानी बताई वह चौंका देने वाली निकली. मोहित ठाकर मूलरूप से उत्तर प्रदेश के महानगर मुरादाबाद के कटघर थाने के मछरिया गांव का रहने वाला था. करीब 3 साल पहले उस की शादी महानगर के लाइनपार में प्राइमरी स्कूल के पास रहने वाली आरती से हुई थी.
शादी से पहले आरती एक डांसर थी. वह मुरादाबाद व आसपास के म्यूजिकल ग्रुपों व जागरण पार्टियों में डांस व पार्वती, राधा का रोल अदा करती थी. जिस से उसे अच्छी आमदनी हो जाती थी. इस वजह से वह देर रात को घर लौटती थी. शादी के बाद भी उस ने यह काम जारी रखा. इन कार्यक्रमों में भाग लेने की वजह से वह सिगरेट और शराब का सेवन भी करने लगी थी. मोहित को जब उस के द्वारा नशा करने की जानकारी हुई तो उस ने उसे शराब व सिगरेट न पीने की सलाह दी लेकिन उस की सलाह को उस ने सिगरेट के धुंए की तरह उड़ा दिया. इसी बीच आरती गर्भवती भी हो गई. कहासुनी में एक साल बीत गया और आरती एक बेटे की मां भी बन गई.
मोहित मुरादाबाद के ही लाकड़ी गांव में स्थित बरतन बनाने वाली एक एक्सपोर्ट फर्म में नौकरी करता था. उस के नौकरी पर जाने के बाद पत्नी क्या गुल खिला रही है उसे पता नहीं चलता था. लेकिन एक दिन मोहल्ले के लोगों ने मोहित को बता दिया कि उस के पीछे आरती नएनए लोगों के साथ बाजार घूमतीफिरती है. यहीं से मोहित के दिल में शक पैदा हो गया. उसे शक हो गया कि आरती के दूसरे लोगों के साथ अवैध संबंध हैं. शक ऐसी लाइलाज बीमारी होती है जो उस व्यक्ति को अंदर ही अंदर खोखला करती जाती है. मोहित के साथ भी यही हुआ. उस ने आरती से लाख दफा कहा कि वह म्यूजिकल पार्टी का काम छोड़ कर घर पर रहे. लेकिन आरती ने उस की बात नहीं मानी.
इस की वजह यह थी कि एक तो उसे बाहर घूमनेफिरने की आदत हो गई थी. और दूसरी यह कि इस काम में उसे अच्छी आमदनी थी. उस का पति जितना महीने भर में कमाता था उतना वह 2-4 कार्यक्रमों में ही कमा लेती थी. इस का नतीजा यह हुआ कि मोहित और आरती के बीच अकसर झगड़ा रहने लगा. फिर एक दिन आरती गुस्से में अपनी मां के पास लाइनपार चली गई. साथ में वह अपने बेटे विष्णु को भी ले गई. मोहित ने उसे कई बार बुलाने की कोशिश की लेकिन आरती नहीं आई.
तब मोहित ने थाने में शिकायत की. महिला थाने में दोनों को बुला कर फैसला किया गया और आरती को मोहित के साथ भेज दिया. कुछ दिनों तक तो आरती घर में ही रही लेकिन बाद में वह पहले की तरह म्यूजिकल कार्यक्रमों में जाने लगी. यानी पति जो काम उस से करने को मना कर रहा था वह उसी काम को करने लगी. लिहाजा उन के बीच पहले की तरह तनाव रहने लगा. करीब 5 महीने पहले आरती फिर से बेटे को ले कर मायके चली गई. तो मोहित ने पत्नी को वापस लाने के लिए न्यायालय की शरण ली. वैसे दोनों में अकसर फोन पर बातें होती रहती थीं. वह अकसर आरती को अपने घर आने के लिए कहता था तो उस का यही जवाब होता था कि वह प्रोग्राम नहीं छोड़ेगी.
पत्नी की इस जिद की वजह से मोहित अकसर तनाव में रहने लगा. वह शराब भी पीने लगा था. जिस एक्सपोर्ट फर्म में वह नौकरी करता था उसी में सऊद नाम का एक युवक भी काम करता था. सऊद मुरादाबाद के ही मुगलपुरा क्षेत्र का रहने वाला था. वह मोहित का गहरा दोस्त था. सऊद ने मोहित ठाकुर से परेशानी की वजह पूछी तो मोहित ने दिल का दर्द उसे सुना दिया. सऊद को उस पर दया आ गई और मोहित का साथ देने के लिए तैयार हो गया. मोहित ने उस से कहा कि वह पत्नी को एक बार और समझाने की कोशिश करेगा, अगर वह नहीं मानी तो वह उस का चेहरा तेजाब से जला देगा.
31 जनवरी, 2015 को मोहित ठाकुर व सऊद ने साथसाथ शराब पीते समय योजना बनाई. इस के बाद शाम के समय मोहित ने आरती को विश्वास में ले कर कहा, ‘‘आरती, हमारी फर्म के इंचार्ज के यहां पर एक प्रोग्राम होना है. मैं चाहता हूं कि उस प्रोग्राम के बारे में आज उन से बात कर के एडवांस ले लो. फिर अपने ग्रुप के साथ वहां प्रोग्राम कर लेना.’’
प्रोग्राम की बात सुन कर आरती खुश हो गई. वह बोली, ‘‘वो कहां रहते हैं और यह बताओ कि प्रोग्राम कब का है?’’
‘‘देखो, तुम मझोली चौराहे पर आ जाओ. मैं वहीं मिलूंगा फिर तुम्हारी उन से बात करा दूंगा. तभी तुम्हें प्रोग्राम की तारीख भी पता चल जाएगी.’’
‘‘ठीक है, मैं 9 बजे तक वहां पहुंच रही हूं. प्रोग्राम की बात जब तुम कर रहे हो तो भला मैं तुम्हारी बात कैसे टाल सकती हूं.’’ आरती ने जवाब दिया. 31 जनवरी, 2015 की रात 9 बजे आरती मझोली चौराहे पर पहुंच गई. वहां उसे मोहित खड़ा मिला. उस ने खुश होते हुए आरती का स्वागत किया. मोहित ने उस से कहा कि बुद्धि विहार चलना है. आरती उस के साथ एक रिक्शे में बैठ गई. मोहित ने चौराहे से पास स्थित शराब की दुकान से शराब खरीद ली. मोहित ने चौराहे के पास से ही सऊद को यह कहते हुए रिक्शे पर बैठा लिया कि वह उस का दोस्त है.
तीनों रिक्शे से बुद्धि विहार फेज-2 के सेक्टर-10 से सटी दान सहाय की मिलक के नजदीक कीकर के बाग में पहुंचे. आरती ने पूछा तो उस ने कहा यहां पर पहले मूड बना लें. यह कह कर मोहित ने रिक्शे वाले को वहां से भेज दिया. फिर सूखे पड़े तालाब के किनारे बैठ कर तीनों ने शराब पी. शराब पीने के बाद मोहित ने आरती से फिर वही बात छेड़ दी और पूछा कि तुम्हें अपना म्यूजिकल प्रोग्राम छोड़ना है या नहीं. आरती ने साफ मना कर दिया. तब मोहित ने उस के साथ हाथापाई शुरू कर दी.
आरती सोचने लगी कि पति को ज्यादा चढ़ गई है इसलिए वह उस से बचने की कोशिश करती रही. उसी दौरान सऊद ने आरती के दोनों हाथ पकड़ लिए तो मोहित ने हाथों से आरती का गला घोंट दिया. आरती बेजान होते ही नीचे गिर गई. मोहम्मद सऊद ने देखा कि आरती मर चुकी है तो दोनों ने अपने साथ लाए तेजाब का डब्बा उस के मुंह पर उड़ेल दिया. जिस से उस की शिनाख्त न हो सके. वह तेजाब वे डब्बे में उसी एक्सपोर्ट फर्म से पहले ही ले आए थे, जहां वे नौकरी करते थे. इस के बाद मोहित ने आरती का मोबाइल निकाल कर अपने पास रख लिया. उसी दौरान आरती के ब्लाउज से 5 और 10 रुपए के कुछ नोट और एक विजिटिंग कार्ड निकल कर वहां गिर गया था. आरती की हत्या कर के वे दोनों अपनेअपने घर निकल गए थे.
मोहित ठाकुर से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उसी दिन उस के दोस्त सऊद को भी गिरफ्तार कर लिया. मोहित से पुलिस ने आरती का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया. पूछताछ के बाद दोनों को 3 फरवरी, 2015 को न्यायालय में पेश करने के बाद जिला कारागार भेज दिया. मामले की तफ्तीश सबइंसपेक्टर रामप्रकाश सिंह कर रहे हैं. True Crime Story
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारि






