Love Story in Hindi: पांचवीं पास मसजिद का इमाम और 3 बच्चों का बाप शहजाद बहुत चालबाज था. उस ने उच्चशिक्षित असमिया युवती नईमा यासमीन से औनलाइन दोस्ती कर उसे न सिर्फ फरेबी इश्क के जाल में फांसा, बल्कि उस से औनलाइन निकाह भी कर लिया. एक दिन नईमा ने जब अपना मुंह खोला तो उसे ऐसी सजा दी गई कि…

असम की रहने वाली नईमा यासमीन पिछले 2 दिनों से नोएडा के वन बीएचके फ्लैट में उदास बैठी थी. उस की उदासी के कई कारण थे. उस ने मोबाइल से बैंक बैलेंस चैक किया था, जो जीरो पर आ गया था. कहीं भी कोई सेविंग्स नहीं बची थी. सारे पैसे खत्म हो गए थे. उसे अपना मेट्रो कार्ड रिचार्ज करवाने के लिए पैसे की जरूरत थी. मोबाइल का रिचार्ज भी 2 दिनों में खत्म होने वाला था. इस बारे में अपनी बहन को बताए भी काफी समय बीत चुका था. उस से कुछ पैसे अकाउंट में ट्रांसफर करने की उस ने मदद मांगी थी. यह बात सितंबर महीने की 16 तारीख दोपहर की है.

उसे जल्द ही कोई दूसरी नौकरी तलाशनी थी. दिल्ली के एनसीआर गुरुग्राम की नौकरी छोड़े 2 हफ्ते हो गए थे. वह कई दूसरी कंपनियों में अपना रिज्यूम दे चुकी थी, लेकिन कहीं से बुलावे का मेल नहीं आया था. वह पिछले साल 2024 में शादी के बाद गुरुग्राम के पीजी से शिफ्ट हो कर नोएडा में अपने पति शहजाद के साथ रह रही थी. कई बातें दिमाग में उमड़घुमड़ रही थीं. तभी कौल बेल बजने पर उस का ध्यान भंग हो गया. वह बेमन से दरवाजा खोलने के लिए उठ रही थी. तब तक 2-3 बार कौल बेल बज चुकी थी.

दरवाजे की कुंडी खोल कर अपने कमरे में जाने को मुड़ी ही थी कि पीछे से प्यार भरी आवाज आई, ”क्या बात है बेगम साहिबा!  पूछे बगैर कुंडी खोल दी! दरवाजे पर कोई और होता तो..? ऐसी भूल मत किया करो.’’

यह उस के पति शहजाद की आवाज थी, जिस का नईमा ने कोई जवाब नहीं दिया था और कमरे में चली गई थी. पीछेपीछे शहजाद भी आ गया. उस ने पूछा, ”नौकरी का कहीं से बुलावा आया?’’

”अभी नहीं,’’ नईमा उदासी से बोली.

”कोई बात नहीं, चलो जब तक कहीं से कोई बुलावा नहीं आता, तब तक तुम्हें सैर करवाने ले चलता हूं.’’ शहजाद बोला.

”मैं टेंशन में हूं और तुम्हें सैर की सूझ रही है.’’

”थोड़ा घूमोगी तभी तो तुम्हारा मन हलका होगा. आज नहीं तो कल नौकरी मिल ही जाएगी, चिंता क्यों करती हो?’’ शहजाद बोला.

नईमा को पति के बदले रूप पर हैरानी हुई. कुछ देर पहले वह उस से काफी झगड़ कर निकला था. फिर अचानक उस से प्यार जताने लगा, सैर पर जाने के लिए कह रहा है. वह बोली, ”पैसे कहां हैं?’’

”इस की चिंता मत करो…’’ शहजाद के आगे कुछ बोलने से पहले ही पास रखे नईमा के मोबाइल पर मैसेज आने की टोन सुनाई दी. वह यूपीआई द्वारा पैसे आने का मैसेज था.

टोन सुन कर शहजाद फोन की तरफ देखने लगा. वह बोला, ”यह लो, पैसे भी आ गए!’’

”नहींनहीं! इस पर नजर मत डालो. बड़ी मिन्नतों के बाद दीदी ने पैसे भेजे हैं. मेट्रो कार्ड और फोन रिचार्ज करवाना है.’’ नईमा तुनकती हुई बोली और पैसा ट्रांसफर का मैसेज पढऩे लगी.

उस में शहजाद भी झांकने लगा. अंगरेजी में लिखा मैसेज आसानी से नहीं समझ पाया. बैलेंस अमाउंट देखने से पहले ही नईमा ने मोबाइल बंद कर दिया.

”ठीक है मत बताओ, मेरी जेब में पैसे हैं. यह देखो.’’ कहते हुए शहजाद ने जेब से 500 रुपए के नोटों की एक गड्डी निकाल कर दिखा दी.

”इस में पूरे 30 हजार रुपए हैं. चलो, तुम्हें मेरठ घुमा लाता हूं. वहीं कुछ शौपिंग भी करवा दूंगा. बचे पैसे तुम रख लेना.’’

”इतने पैसे कहां से आए. अभी तो तुम्हारे पास एक रुपया नहीं था…सचसच बताना किस से कर्ज लिया है?’’ नईमा बोली.

”तुम बेकार की बातों में मत उलझो. तैयार हो जाओ, हमें जल्दी निकलना है.’’ शहजाद बोला और अपना सामान पैक करने के लिए बैग निकाल लिया.

नईमा शहजाद के इस रूप को देख कर हैरान थी. बातबात पर गालियां बकने और हाथ उठाने वाले में यह बदलाव कैसे आ गया. इस पर अधिक बात न करना ही उस ने मुनासिब समझा. उस की दिली तमन्ना को पूरा करने के लिए वह भी उस के साथ चलने की तैयारी करने लगी.

कुछ घंटे बाद शहजाद और नईम मेरठ के भीड़भाड़ वाले बाजार में थे. वहीं दोनों ने कुछ शौपिंग की. नईमा ने झिझकते हुए अपनी पसंद की एक ड्रैस ली, लेकिन नईम ने उस के लिए एक बुरका भी खरीद लिया. फिर दोनों ने एक साधारण से रेस्टोरेंट में खाना खाया.

वहीं शहजाद की मुलाकात नदीम से हुई. उस का परिचय नईमा से करवाया, ”यह मेरा खास दोस्त है. मुसीबत में मेरा साथ देता है.’’

”अच्छा!’’ नईमा इस से अधिक और कुछ नहीं बोली.

शहजाद उसे रेस्टोरेंट के बाहर तक छोड़ आया.

तब तक शाम घिरने लगी थी. नईम वापस दिल्ली लौटने को बोली. इस पर शहजाद ने अगले रोज लौटने के बारे में बोल कर अपने दोस्त नदीम घर ठहरने का आग्रह किया.

नईमा थकान महसूस कर रही थी. शहजाद के आग्रह को मान लिया. दोनों नदीम के घर की ओर चल पड़े. रास्ते में एक जूस की दुकान दिखी. शहजाद बोला, ”क्यों न एकएक गिलास जूस पी लिया जाए! जूस की यह बहुत फेमस दुकान है. तुम्हारे लिए कौन सा जूस बनवाऊं?’’

”अनार का बनवा लो,’’ वह बोली.

”ठीक है, मैं तो अनानास का लूंगा!’’ शहजाद बोला और जूस की दुकान की ओर चल पड़ा. नईमा थोड़ी दूरी पर खड़ी रही. कुछ मिनटों में ही शहजाद 2 गिलास जूस ले कर नईमा के पास आ गया. दोनों ने अपनीअपनी पसंद का जूस पीया और फिर वहां से चल पड़े. अगले रोज 17 सितंबर, 2025 को मेरठ में जानी थाने की पुलिस को सिवालखास जंगली इलाके में एक महिला की रक्तरंजित लाश मिली. लाश बुरके में थी. पुलिस लावारिस लाश की पहचान के लिए तहकीकात में जुट गई. महिला का गला रेता हुआ था.

इस की स्थिति देख कर पहली नजर में पुलिस ने अनुमान लगाया कि महिला की मौत गला रेतने से हुई होगी. किंतु हो सकता है उस की मौत के और भी कुछ कारण रहे हों. हो सकता है उस का गला घोंटा गया हो या फिर उसे जहर खिलाने के बाद मृत देह का गला रेता गया हो. कारण जो भी हो, वो तो पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकेगा.  शक्ल और कदकाठी से महिला उत्तर पूर्व की लग रही थी, जिस की उम्र लगभग 35-36 साल थी.

मौत के कारण की जांच के लिए लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. उस की रिपोर्ट में गला रेतने से मौत की पुष्टि हुई. किंतु उस की हफ्तों तक पहचान नहीं हो पाई. पुलिस को कोई सुराग भी हाथ नहीं लग रहा था. मेरठ की पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई थी.

अचानक 8 अक्तूबर, 2025 को मेरठ पुलिस को एक गुमशुदा की रिपोर्ट पर ध्यान गया. दरअसल, वह रिपोर्ट मुजफ्फरनगर के चरथावल थाने में दर्ज की गई थी. करीब 35 वर्षीया नईमा यासमीन नामक महिला के बारे में बताया गया था कि वह 16 सितंबर से लापता है. गुमशुदमी दर्ज होते ही नईमा यासमीन का फोटो और पूरी डिटेल्स पुलिस के औनलाइन रिकौर्ड पर फीड हो गई. मेरठ पुलिस की नजर जब इस पर गई, तब वह चौंक गई. कारण गुमशुदा महिला की तसवीर 17 सितंबर को बरामद हुई लाश से मिलतीजुलती थी.

मेरठ पुलिस को गुमशुदा की रिपोर्ट से ही शिकायत दर्ज करवाने वाले के बारे में मालूम हो गया. वह पहले चरथावल थाने गई. वहां से रिपोर्ट दर्ज करवाने वाले का पूरा विवरण ले लिया, जो उस लापता महिला नई यासमीन का पति शहजाद है. उस के ग्राम सैद नगला मुजफ्फरनगर का रहने की पुष्टि हुई. मेरठ पुलिस तुरंत शहजाद के घर गई. पुलिस को देखते ही शहजाद घबरा गया. उस की बौडी लैंग्वेज से पुलिस समझ गई कि जरूर दाल में कुछ काला है. पुलिस ने उसे उस की लापता पत्नी की लाश मिलने की जानकारी दी.

यह सुन कर शहजाद घडिय़ाली आंसू बहाने लगा. फिर पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने ले गई. थाने में उस से यासमीन की हत्या के संबंध में पूछताछ की तो शहजाद पुलिस के सवालों के सही जवाब देने से कतराता रहा, किंतु जब पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार किया, तब  उस ने नईम की हत्या करना कुबूल कर लिया. उस ने यह भी बताया कि इस वारदात को अंजाम देने में उस ने अपने साथी नदीम अंसारी की मदद ली थी. दोनों ने मिल कर यासमीन की हत्या की थी. इस से पहले उस ने यासमीन को जूस में नींद की गोलियां मिला कर दी थीं. उस के बेहोश हो जाने के बाद दोनों उसे घटनास्थल तक ले गए थे.

हत्या के बाद किसी को शक नहीं हो, इसलिए उस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना चरथावल में दर्ज करवाई थी. यह उस तक पुलिस के पहुंचने का कारण बन गया. जांचपड़ताल के बाद जानी थाने की पुलिस ने शहजाद और नदीम को गिरफ्तार कर वारदात का खुलासा कर दिया. पुलिस ने उस की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त छुरी व रस्सी भी बरामद कर ली. इस खुलासे पर एसएसपी डा. विपिन ताडा ने पुलिस टीम को 25 हजार रुपए का इनाम दे कर पुरस्कृत किया. शहजाद ने नईम की हत्या करने का जो कारण बताया, इस में उस की मक्कारी, हैवानियत, अपनी पहली बीवी और इसलाम धर्म तक के साथ बेवफाई की हैरान करने वाली दर्दनाक दास्तान थी.

हत्या की शिकार होने वाली नईमा यासमीन और शहजाद एक बेमेल जोड़ा था. उन के बीच कुछ समय के लिए वैचारिक तालमेल बन गए थे और यही उन के बीच प्रेम संबंध और निकाह का कारण भी था. नईम यासमीन जितनी सच्ची और प्रतिभावान और पढ़ीलिखी थी, शहजाद उतना ही उस के उलट था. असम के शहर गुवाहाटी की रहने वाली नईमा ग्रैजुएट थी और दिल्ली एनसीआर में स्थित मल्टीनैशनल कंपनी में नौकरी करती थी. दूसरी तरफ 5वीं तक पढ़ाई करने वाला शहजाद मेरठ की एक मसजिद में इमाम की छोटी से नौकरी करता है. वह शादीशुदा है और 3 बच्चों का बाप भी था. वह सोशल मीडिया का दीवाना था.

साल 2024 में उस की नईमा से औनलाइन जानपहचान हो गई थी. नईमा एनिमल वेलफेयर एनजीओ से भी जुड़ी थी. जानवरों से उसे बेहद लगाव था. साथ ही उस के पास 5-6 बिल्लियां भी थीं. इसी एनजीओ के जरिए साल 2024 में उस की मुलाकात शहजाद से हुई थी. सोशल मीडिया के जरिए दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई और फिर धीरेधीरे दोस्ती आगे बढ़ी. शहजाद ने खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) का ग्रैजुएट और कारोबारी बता कर नईमा का दिल जीत लिया था. साथ ही उस ने कहा था कि उसे भी बिल्लियों से बहुत प्यार है. उस ने नईमा से वही बातें कीं, जो उसे पसंद थीं.

कैट लवर बन कर शहजाद ने धीरेधीरे नईमा का भरोसा जीत लिया था और फिर प्यार का सिलसिला शुरू हो गया था. सितंबर 2024 में दोनों ने औनलाइन निकाह भी कर लिया. निकाह के बाद दोनों दिल्ली में साथ रहने लगे, जिस की जानकारी नईमा की बहन को भी थी. नईमा खुश थी और अपने नए जीवन की बातें सिर्फ अपनी बहन के साथ साझा करती थी. निकाह के करीब 3 महीने बाद शहजाद ने नईमा से मुजफ्फरनगर में स्थित अपना पुश्तैनी घर दिखाने के लिए कहा. उस के कहने पर नईमा मुजफ्फरनगर पति के घर पहुंची. वहां उस के सपने टूट गए. खुद को बिजनैसमैन बताने वाला शहजाद बेहद साधारण परिवार से था और एक इमाम की नौकरी करता था. खुद मसजिद के राशन पर पलता था. उस का कोई कारोबार या व्यापार नहीं था. उस ने नईमा को झूठ बताया था.

सब से बड़ा झूठ तो उस ने अपनी शादी को ले कर कहा था. नईमा से उस ने बात छिपा ली थी कि वह पहले से विवाहित और 3 बच्चों का बाप भी है. नईमा को समझते देर नहीं लगी कि शहजाद ने उस से निकाह उस की नौकरी और सैलरी, सेविंग्स के लालच में किया था. इस सच्चाई के खुलते ही नईमा ने शहजाद का विरोध किया. बदले में शहजाद उस के साथ गालीगलौज और मारपीट  पर उतर आया. शहजाद की हकीकत जान कर नईमा यासमीन पूरी तरह टूट गई. उस ने अपना दुखड़ा बहन को सुनाया. अपनी सच्चाई का परदाफाश होते  ही शहजाद का चेहरा भी बदल गया. वह नईमा की सैलरी हड़पने लगा. उस की सारी सेविंग्स भी खत्म कर दी.

नईमा परेशान हो गई. उस ने शहजाद से पहली पत्नी और बच्चों से मिलने से मना किया. यह बात शहजाद को नागवार गुजरी. तब उस ने नईमा को ही रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया.  जिस के लिए उस ने अपने दोस्त नदीम को 12 हजार रुपए दे कर योजना में शामिल कर लिया. योजना के मुताबिक शहजाद 16 सितंबर, 2025 को शौपिंग के बहाने नईमा को मेरठ ले कर आया और रास्ते में उसे जूस में नींद की गोलियां दे कर बेहोश कर दिया. फिर दोनों उसे जंगली इलाके के एक खेत में ले गए. जहां नदीम ने रस्सी से उस का गला दबाया और शहजाद ने छुरे से गले को रेत दिया. फिर दोनों ने लाश को एक बुरके में लपेट कर फेंक दिया. फिर वापस घर लौट आए.

हफ्तों तक वे चुप्पी साधे रहे, लेकिन भीतरभीतर डरे हुए भी थे कि कहीं वे पकड़े न जाएं. इसी भय से शहजाद ने 8 अक्तूबर, 2025 को मुजफ्फरनगर में नईमा यासमीन की गुमशुदगी भी दर्ज करवा दी थी. पुलिस ने आरोपी शहजाद और उस के साथी नदीम से पूछताछ करने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया. Love Story in Hindi

 

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...