MP News: सोनाली बुधौलिया की मौत को पुलिस भी आत्महत्या ही मान रही थी, लेकिन उस की 5 वर्षीय बेटी रिंकी ने अपनी आंखों देखी का एक स्केच बनाया तो पुलिस समझ गई कि यह मामला कुछ गंभीर है. स्केच के आधार पर पुलिस ने मृतका के पति संदीप बुधौलिया से पूछताछ की तो उस ने पत्नी की हत्या का ऐसा राज खोला कि…
मध्य प्रदेश के जिला निवाड़ी के गांव लिधौरा निवासी संजीव त्रिपाठी की बेटी सोनाली त्रिपाठी 14 फरवरी को अपनी 5 साल की बेटी के साथ ममेरे भाई की शादी में गई हुई थी. उस की ससुराल उत्तर प्रदेश में स्थित झांसी के शिव परिवार कालोनी में थी. पति संदीप बुधौलिया विवाह में शामिल नहीं हो पाया था. हालांकि वह बारात के दिन आने वाला था. परिवार के लोग सभी रिश्तेदार शादी के माहौल का आनंद ले रहे थे. वे एकदूसरे से मिलतेजुलते हुए अपनीअपनी बातें कर रहे थे. कइयों का तो पहली बार मिलनाजुलना हुआ था तो कुछ रिश्तेदारों ने सोनाली की बेटी रिंकी को पहली बार देखा था. वे उस की चंचलता, मासूमियत, सुंदरता और बातूनी व्यवहार से बहुत प्रभावित हो रहे थे.
रिंकी की एक और आदत लोगों की निगाह में बसी हुई थी. असल में कहीं से उसे रंगीन पेंसिलों का पैकेट हाथ लग गया था. वह उसी से दीवारों पर जहांतहां आड़ीतिरछी रेखाएं खींच कर कुछ रेखाचित्र बनाती रहती थी. उन रेखांकनों के बारे में जब कोई पूछता कि यह किन की हैं? तब वह चंचलता के साथ बताती कि ये नाना की हैं, ये नानी की हैं. ये हलवाई की है. ये मौसी की है. वगैरहवगैरह. उस की बातें सुन कर लोग और भी हैरान हो जाते और उन रेखाचित्रों से परिवार में मौजूद लोगों को जोडऩे लगते. फिर कहते थे, ”मेरी भी एक फोटो बना दो.’’
इस पर मचलती हुई वह कहती, ‘ऐसे नहीं, पहले मेरे सामने कोई काम करो… या फिर डांस करो.’
वह शादी के माहौल में लोगों का अलग तरह से दिल बहला रही थी. सभी का मनोरंजन हो रहा था. बदले में लोग उसे भी प्यार से खानेपीने की चीजें दे रहे थे. उस की मांगें तुरंत पूरी कर देते थे. सब कुछ ठीक चल रहा था. सोनाली भी अपनी बेटी रिंकी को खुश देख कर काफी संतुष्ट थी. उस ने रिंकी को इस तरह चहकतेफुदकते अपनी ससुराल में शायद ही कभी देखा था. वहां उसे लोग अकसर डांटतेडपटते रहते थे, जबकि उसे यहां काफी दुलारप्यार मिल रहा था. वह सोचने लगी थी कि कितना अच्छा होता, जो उसे ऐसी और शादियों में जाने का मौका मिले.
रात को सोते समय रिंकी को मिल रहे लोगों के प्यार के बारे में काफी देर तक सोचती रही थी. अगले रोज 16 फरवरी, 2025 को उस की आंखें मोबाइल की घंटी से खुलीं. रिंकी ही मोबाइल हाथ में लिए उस के पास खड़ी थी. वह बोली, ”मम्मीमम्मी, पापा का फोन आ रहा है.’’
”ला देखती हूं…सुबहसुबह क्यों फोन किए, आज तो यहां आना था उन को.’’ बोलती हुई सोनाली ने अपने पति का फोन रिसीव कर लिया.
मुश्किल से 15-20 सेकेंड ही बात हुई. पति संदीप बुधौलिया का फोन सुन कर वह कुछ पल के लिए स्तब्ध रह गई. फोन कट किया और एक ओर रख दिया. वह एकदम से शांत हो गई और अपना सिर ऊपर उठा लिया.
”क्या हुआ मम्मी, पापा ने फोन पर डांटा क्या?’’ रिंकी मासूमियत से बोली.
”अरे नहीं रे!’’ सोनाली बोली और अपनी दोनों हथेलियों से उस के चेहरे पर आ गए बालों को हटाने लगी.
”क्या बोले पापा! मेरे बारे में कुछ बोले?’’ रिंकी फिर बोली.
”तुम्हारे कपड़े कहांकहां हैं, सब इकट्ठा करो, हमें आज यहां से जाना होगा.’’
”क्यों मम्मी? हमें मामा की बारात में जाना है.’’
”कहीं नहीं जाना है. हमें इसी वक्त अपने घर जाना है. वहां तेरी चाची की तबियत खराब है, पापा ने तुरंत आने को कहा है.’’
”मम्मी!’’ रिंकी ठुनकती हुई बोली और मायूस हो गई.
सोनाली अपना सामान समेटने लगी. सोनाली की मम्मी ने उसे कपड़े समेटते देखा तो वह चाह कर भी कुछ नहीं बोली, क्योंकि तबियत खराब की खबर पा कर उस का ससुराल जाना भी जरूरी था. मामामामी सभी स्तब्ध थे. सभी उसे कैसे रुकने के लिए कहते. सोनाली ने अपनी बेटी को गोद में उठाया और दूसरे हाथ से ट्रौली बैग खींचती हुई अपने मामा के घर से विदा हो गई. शाम होने से पहले वह अपनी ससुराल पहुंच गई थी. वहां एकदम शांति का माहौल था. उस वक्त पति भी घर पर नहीं था. परिवार में लोगों से हालचाल पूछा. बीमारी के बारे में पूछा. सभी ने कहा, ”यहां तो कोई बीमार नहीं है!’’
सोनाली को समझने में देर नहीं हुई. वह गुमसुम अपने बैडरूम में गई और औंधे मुंह गिर कर रोने लगी. पीछेपीछे रिंकी भी आ गई. बोली, ”क्या हुआ मम्मी? पापा कहां हैं?’’
रिंकी की मासूमियत भरी बातें सुन कर वह बैड पर उठ बैठी. उसे बांहों में भर लिया. सुबकती हुई बोली, ”कुछ नहीं, मेरी बच्ची! यहां कोई बीमार नहीं है. हमें बहाने से बुलाया गया है.’’
सोनाली उसे मामा के घर से ले कर आई कुछ मिठाई और नमकीन रिंकी को खाने के लिए दी. रिंकी का मन खाने को नहीं हुआ. वह बैड पर चली गई. कब उसे नींद आ गई, सोनाली को भी नहीं पता चला. सोनाली उदास मन से घर में बिखरी चीजों को सहजने लगी. इस बीच उस की पति से फोन पर बात हो गई. उस की पसंद का खाना पकाने के बाद अपने कमरे में चली गई. सो रही रिंकी के सिर को सहलाया और उस की बगल में बैठ गई. रात को संदीप देर से आया. आते ही सोनाली बिफर पड़ी. गुस्से में बहाने से बुलाने का कारण पूछा. उस का गुस्सा देख कर संदीप भी उसी लहजे में बातें करने लगा. डपटते हुए उस पर ही मनमरजी करने का आरोप मढ़ दिया.
सोनाली ने जब घरपरिवार और समाज का हवाला दिया तो संदीप और भी आक्रोश से भर गया. मांबाप और मायके वालों पर अधिक ध्यान देने का आरोप लगा दिया. गुस्से में सोनाली भी जवाबी आरोप लगाते हुई बोली कि वह अपनी बेटी पर ध्यान नहीं देता है. बेटी की बात आते ही संदीप बोला, ”तुम्हारा बाप कौन अपनी बेटीदामाद पर ध्यान दे रहा है? 2 साल हो गए गाड़ी देने के वादे से मुकर गया.’’
”जो दहेज में 20 लाख मिले, वह कम था क्या?’’
”मैं उतने के काबिल हूं?’’
”तो करोड़पति खानदान के हो? तुम ने तो मेरे पिता को धोखा दिया. बताया डाक्टरी पढ़ रहे हो. जब यहां आई, तब पता लगा कि दवाई बेचने का काम करते हो.’’
सोनाली का जवाबी हमला सुनते ही संदीप आगबबूला हो गया. उस ने गुस्से में उस पर हाथ उठा लिया. सोनाली उस का हाथ पकड़ती हुई बोली, ”खबरदार! जरा भी कुछ हुआ तो मैं अभी थाने चली जाऊंगी. भूल जाऊंगी कि तुम मेरे पति हो.’’
दोनों के बीच जबरदस्त तूतूमैंमैं होने लगी. उन की तेज आवाज से रिंकी की अचानक आंखें खुल गईं. बोली,”क्या हुआ मम्मी? पापा आ गए?’’
”कुछ नहीं रिंकी, सो जाओ.’’ सोनाली प्यार से बोली.
जबकि संदीप डपटता हुआ बोला, ”चुपचाप सोई रह, वरना एक झापड़ दूंगा!’’
डांट सुन कर रिंकी कंबल में दुबक गई. मम्मीपापा की बातें साफ सुनाई दे रही थीं. कंबल के भीतर से ही झांक कर मालूम करने की कोशिश करने लगी कि बाहर क्या हो रहा है.
…लेकिन यह क्या? कमरे में उस के मम्मीपापा के बीच जबरदस्त लड़ाई हो रही थी. उस के पापा ने मम्मी के दोनों हाथ पीछे की ओर पकड़ रखे थे. मम्मी हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी. कुछ पल में ही पापा का एक हाथ मम्मी की गरदन पर था. वह एक हाथ से मम्मी के दोनों हाथ पकड़े हुए थे और दूसरे हाथ से गरदन दबाए जा रहे थे. मम्मी बचने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह कमजोर बनती जा रही थी. उस की आवाज भी कम होने लगी थी. वह औंधे मुंह बैड पर गिर गई. पापा उस की पीठ पर जम कर बैठ गए और दोनों हाथों से मम्मी का गला दबाते रहे. मम्मी छटपटाती रही. कुछ समय में ही छटपटाहट बंद हो गई. पापा वहां से उठ कर कमरे से बाहर चले गए.
रिंकी यह सब देख कर सहम गई थी. वह समझ नहीं पा रही थी कि मम्मी को क्या हुआ? वह डर से मम्मी को आवाज भी नहीं दे पा रही थी. रिंकी ने देखा कि थोड़ी देर में उस के पापा एक रस्सी ले कर कमरे में आए. पापा को कमरे में आया देख कर उस ने कंबल में खुद को छिपा लिया. डर गई कि कहीं वह उस की पिटाई न कर दें. उस ने महसूस किया कि बैड पर कुछ हलचल हो रही है, लेकिन क्या हो रहा है, देखने की हिम्मत नहीं हुई. जब हलचल शांत हो गई, तब रिंकी ने डरते हुए कंबल के भीतर से झांक कर देखने लगी. बैड पर कोई नहीं था. सोचने लगी कि मम्मी कहां गई? पापा भी नहीं नजर आए, वह कहां गए?
यह जानने की जिज्ञासा में उस ने कंबल से अपना चेहरा निकाला. उस ने चारों ओर अपनी नजर दौड़ाई. जैसे ही रिंकी की नजर ऊपर की ओर गई, उस की चीख निकल गई. उठ बैठी. अपने दोनों हाथों से मुंह ढंक लिया. उस की मम्मी कमरे में पंखे से झूल रही थी. वहां उस के अलावा और कोई नहीं था. अगले रोज 17 फरवरी, 2025 को संदीप ने अपनी ससुराल में फोन कर सूचना दी कि सोनाली ने बीती रात फांसी लगा ली है. सोनाली के फेमिली वाले भागेभागे मौके पर पहुंचे. रोतीबिलखती बच्ची रिंकी को संभाला. वह अपने नानानानी की गोद में दुबक गई. धीमी आवाज में बोली, ”पापा ने मम्मी को मार दिया है.’’
यह सुनते ही उन के कान खड़े हो गए. उन्होंने शहर कोतवाली पुलिस को यह बात बताई. पुलिस को यह सुन कर हैरानी हुई. वह जिसे आत्महत्या समझ रही थी, उस की हत्या की बात सामने आने पर रिंकी से पूछताछ की गई. उस के बाद रिंकी ने अपनी कौपी और पेंसिल मंगवाई. उस ने आड़ीतिरछी लकीरें खींच कर एक रेखांकन बना दिया. पहली नजर में उस में कोई खास बात का अनुमान नहीं लगा, किंतु सरसरी निगाह से देखने पर वह अलग तरह की लगी. रेखांकन में रिंकी ने अपनी मम्मी के दोनों हाथ बराबर बनाए. लेकिन मम्मी की गरदन की दाईं तरफ उस ने एक और हाथ बनाया. इस तीसरे हाथ के साथ कोई चेहरा नहीं था. रिंकी ने बताया कि तीसरा हाथ उस के पापा का है. उस हाथ को उस ने मम्मी की गरदन के काफी करीब से बनाया.
इस रेखांकन को बनाने के बाद रिंकी ने वारदात की पूरी बातें बता दीं. इस जानकारी के बाद सोनाली के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराया और एकमात्र चश्मदीद गवाह रिंकी के बयान के आधार पर आरोपी पति संदीप बुधौलिया, मां विनीता, भाई कृष्णकांत और उस की पत्नी मनीषा के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद आरोपी पति को हिरासत में ले कर आगे की काररवाई शुरू कर दी है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया कि सोनाली की मौत गला घोंट कर की गई थी. मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ निवासी मृत महिला सोनाली के पिता संजीव त्रिपाठी ने पुलिस को बताया कि उन्होंने वर्ष 2019 में अपनी बेटी की शादी झांसी के शिव परिवार कालोनी में संदीप बुधौलिया से की थी.
संदीप मैडिकल रिप्रेजेंटेटिव है. शादी के बाद से ही दामाद और उस के फेमिली वाले बेटी को प्रताडि़त करने लगे थे. सोनाली ने 5 साल पहले बेटी (रिंकी) को जन्म दिया था. तभी उस को ताने मारने के साथ अस्पताल में अकेला छोड़ कर भाग गए थे, जिस पर वह बेटी को अपने साथ घर ले गए. करीब एक साल बाद ससुराल वाले सोनाली को साथ ले गए और फिर उत्पीडऩ करने लगे, जिस पर बेटी ने मुकदमा दर्ज कराया था. हालांकि घटना के 6 माह पहले ही समझौता हो गया था. सोनाली के मामा के बेटे की शादी थी. सोनाली अपनी मासूम बेटी रिंकी को ले कर 12 फरवरी को शादी में गई थी. शादी कार्यक्रम के दौरान ही पति ने फोन कर उसे घर बुला लिया था. तब उस ने कहा था, ‘अभी नहीं आई, तब कभी मत आना.’
सोनाली की ससुराल से 17 फरवरी की सुबहसुबह फोन आया कि सोनाली की तबीयत खराब है. फिर फोन आया कि उस ने फांसी लगा ली. वे मैडिकल कालेज पहुंचे. वहां नातिन (रिंकी) ने बताया कि पापा ने मम्मी को मारा और फिर गला दबा दिया. इस पूरे मामले की तहकीकात करने वाले सीओ (सिटी) रामवीर सिंह ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी. पतिपत्नी के बीच चल रहे विवाद के बारे में सोनाली के पिता संजीव त्रिपाठी ने बताया कि 2 साल तक पतिपत्नी का विवाद चलता रहा. कोर्ट से राजीनामा कर उन की बेटी को घर ले गए. उस के बाद पूरी प्लानिंग के साथ उन की बेटी को बीती रात फांसी के फंदे पर लटका दिया और मौत के बाद मैडिकल कालेज में भरती कर दिया.
जैसे ही मायके वाले पहुंचे तो उन्हें देख कर ससुराल वाले भाग गए. इस के बाद मृतका के परिजनों ने मैडिकल कालेज में ही हंगामा किया. उन्होंने कहा कि पहले बेटी की मारपीट की, फिर फांसी लगाई गई है, उस के चेहरे और पैर पर चोट के निशान दिखाई दे रहे थे. कथा लिखे जाने तक आरोपी संदीप बुधौलिया न्यायिक हिरासत में था. पुलिस द्वारा सुलझाया गया यह अनोखा केस था, जिसे में एक 5 साल की बच्ची के रेखांकन के आधार पर मामला जल्द सुलझा लिया गया था. सोनाली का पोस्टमार्टम होने के बाद अंतिम संस्कार में उस की बेटी ने ही मुखाग्नि दी थी. MP News
—कथा में रिंकी परिवर्तित नाम है






