UP Crime: लालची व अय्याश विशाल सिंघल अपनी पत्नी और मम्मी की हत्या कर बीमा कंपनियों से लगभग सवा करोड़ का क्लेम पा चुका था. हिम्मत बढ़ गई तो उस ने अपने पापा मुकेश सिंघल की भी योजनानुसार हत्या कर दी. वह उन की 64 बीमा पौलिसियों के 70 करोड़ रुपए का क्लेम हासिल करने की काररवाई कर रहा था, लेकिन उस से पहले उस की चौथी पत्नी श्रेया सामने आ गई. फिर इस के बाद जो हुआ…
उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ के मोहल्ला गंगानगर के रहने वाले मुकेशचंद सिंघल पेशे से फोटोग्राफर थे. बाजार में उन की अपना फोटो स्टूडियो था. वह दुकान संभालते थे तो पत्नी प्रभा देवी घर संभालती थीं. उन का एक ही बेटा था विशाल, जो उन्हीं के साथ कभीकभार दुकान पर बैठता था. बाकी आवारागर्दी करता था. विशाल ने इसी साल 2025 के अप्रैल महीने में 39 करोड़ रुपए का बीमा क्लेम किया था, जिस में उस ने बताया था कि उस के पापा मुकेश सिंघल 27 मार्च, 2025 को दोपहर को यूपी के गढग़ंगा यानी गढ़मुक्तेश्वर से लौट रहे थे, तब एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी थी, जिस में उन की मौत हो गई थी. एक बीमा कंपनी से उसे डेढ़ करोड़ रुपए मिल भी गए थे.
लेकिन निवा बूपा हेल्थ कंपनी ने क्लेम किए गए रुपए देने से पहले जांच शुरू कर दी. जांच में पता चला कि पिछले 8 सालों में विशाल की पत्नी, मम्मी और पापा की मौत हादसों में हुई थी. 22 जून, 2017 को विशाल की मम्मी प्रभा देवी की मौत हापुड़ में रोड एक्सीडेंट में हुई थी. विशाल ने पुलिस को बताया था कि वह मम्मी प्रभा देवी को ले कर बाइक से जा रहा था, तभी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी. इस हादसे में उसे भी चोटें आई थीं, जबकि मम्मी की मौत हो गई थी. पुलिस ने इस दुर्घटना की जांच कर के फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. उस के बाद विशााल को प्रभा देवी की बीमा के 25 लाख रुपए मिल गए थे.
इस के बाद साल 2022 में विशााल की पत्नी एकता की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी. वह करीब एक सप्ताह तक मेरठ के प्रमुख आनंद अस्पताल में भरती रही थी. बीमारी से मौत दिखा कर विशाल ने एकता की बीमा के 80 लाख रुपए ले लिए थे. पहली अप्रैल, 2025 को विशााल ने अपने पापा मुकेश सिंघल को मेरठ के आनंद अस्पताल में भरती कराया था. अगले दिन यानी 2 अप्रैल को उन की मौत हो गई थी. विशाल के अनुसार उस के पापा गढग़ंगा से आते समय दुर्घटनाग्रस्त हुए थे. मौत की वजह उन के सिर की गहरी चोटें थीं. मुकेश सिंघल के नाम कुल 64 बीमा पौलिसी थीं, जिन की कीमत 50 करोड़ से अधिक थी.
इसी जांच में यह भी पता चला था कि विशाल ने अपने जिस पापा मुकेश सिंघल की मौत के बाद बीमा की राशि के लिए क्लेम किया था, उन्होंने निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस के अलावा टाटा एआईजी, मैक्स लाइफ, टाटा एआईए, आदित्य बिड़ला, एचडीएफसी एर्गो सहित 50 से अधिक बीमा कंपनियों में 39 करोड़ की बीमा पौलिसियां ले रखी थीं. जबकि उन की सालाना आमदनी 12 से 15 लाख थी. उन्हें अपनी पौलिसियों के लिए हर साल 30 लाख रुपए का प्रीमियम चुकाना पड़ रहा था. देखा जाए तो यह सिंघल परिवार की हैसियत के बाहर था. मुकेश सिंघल एक साधारण फोटोग्राफर थे और विशाल भी कोई खास काम नहीं करता था. फिर इधर 2 साल से उन की फोटोग्राफी की दुकान भी बंद थी. यह देखते हुए सवाल उठा कि आखिर इतनी मोटी रकम की पौलिसियां क्यों ली गईं?
विशाल ने पापा की मौत के बाद क्लेम के लिए जो दस्तावेज जमा कराए थे, उन में बताया गया था कि हादसे के बाद उस ने पापा को मेरठ के आनंद अस्पताल में भरती कराया था. जबकि कंपनी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अस्पताल में डाक्टरों ने जो रिपोर्ट तैयार की थी, दोनों का मिलान किया तो दोनों रिपोर्टों में जो चोटें बताई गई थीं, वे आपस में मिल नहीं रही थीं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह पहले से लगी चोट बताई गई थी, जबकि अस्पताल ने सड़क हादसे में लगी चोटों का जो विवरण दिया था, वह बिलकुल अलग था.

विशााल ने कंपनी द्वारा बारबार मांगने पर भी क्लेम के लिए जरूरी दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराए थे. यही नहीं, जांच में यह भी सामने आया कि क्लेम जल्दी मिल जाए, इस के लिए विशााल ने कंपनी के एक अधिकारी को रिश्वत देने की भी पेशकश की थी. इस से कंपनी को विश्वास हो गया कि इस मामले में कुछ न कुछ तो गड़बड़ है. आगे की जांच में इस बात का भी खुलासा हो गया कि विशाल ने जिन लोगों के बयान दिलाए थे, उन्हें पैसे दिए गए थे. इस के अलावा विशाल के आधार कार्ड और पेन कार्ड में दर्ज उम्र में भी गड़बड़ी पाई गई थी. यह आधिकारिक रिकौर्ड से मेल नहीं खा रहा था. इस के अलावा विशाल ने उस गाड़ी के कोई कागजात भी नहीं जमा कराए थे, जिस से हादसे में उस के पापा की मौत हुई थी.
पता चला कि मुकेश सिंघल को पहले नवजीवन अस्पताल में भरती कराया गया था. लेकिन विशाल ने कंपनी को यह बात नहीं बताई थी. दुर्घटना सार्वजनिक स्थान पर होनी बताई गई थी, लेकिन इस दुर्घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं था. इस के बाद शक के आधार पर कंपनी ने विशाल के खिलाफ पहले मेरठ में मामला दर्ज कराया. उस के बाद उसी एफआईआर के आधार पर उत्तर प्रदेश की हापुड़ कोतवाली में विशाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया.
इसी बीच पुलिस के पास एक और सनसनीखेज शिकायत पहुंची. यह शिकायत विशाल की चौथी पत्नी बताने वाली एक महिला ने दर्ज कराई थी, जिस का नाम श्रेया था. उस ने पुलिस को जो बताया था, उस के अनुसार, विशाल और उस की शादी साल 2024 के फरवरी महीने में हुई थी. शादी के बाद विशाल ने उसे बीमा कंपनियों के साथ करने वाली धोखाधड़ी के बारे में बताया था. यही नहीं, उस ने श्रेया से अपने पापा की हत्या करने की योजना के बारे में भी बताया था. यह सब बताते हुए उस ने उसे धमकी दी थी कि अगर उस ने यह बात किसी को बताई या उस ने उस के पापा की हत्या करने में उस की मदद नहीं की तो वह उस की और उस की बेटी की हत्या कर देगा. उसी बीच श्रेया को किसी से पता चला कि विशाल उस के नाम से भी पौलिसी खरीदने वाला है. विशाल की सच्चाई उसे पता चल ही चुकी थी.
इसी दौरान 100 करोड़ से ज्यादा का बीमा घोटाले का परदाफाश करने वाली संभल (उत्तर प्रदेश) की एएसपी (दक्षिण) अनुकृति शर्मा ने बीमा कंपनियों से ऐसे लोगों के बारे में पूछा था, जहां पौलिसीधारकों की पौलिसी खरीदने के एक साल के अंदर ही मौत हो गई थी. खासकर हार्टअटैक या एक्सीडेंट के कारण. इस में उन के पास जो नाम आए थे, उस में मेरठ के मुकेशचंद सिंघल का भी नाम सामने आया था, जिस ने 64 बीमा पौलिसियां करा रखी थीं, जिन की कीमत करीब 70 करोड़ थी. उन की मौत के बाद इन का लाभ विशाल को मिलना था. ये सभी बीमा पौलिसियां साल 2018 से 2023 के बीच कराई गई थीं.
यही नहीं, 25 जनवरी, 2025 से 6 फरवरी, 2025 के बीच मुकेशचंद सिंघल के नाम 4 गाडिय़ां टोयोटा लीजेंडर, निशान मेग्नाइट, ब्रेजा और रौयल इनफील्ड लोन पर खरीदी गई थीं. इन के अलावा महंगे गैजेट्स-2 आईफोन, एक मैकबुक और एयरपोड्स भी खरीदे थे. कथित रूप से जिस कार ने विशाल के पापा मुकेश सिंघल को टक्कर मारी थी, उसे विशाल का बहुत करीबी दोस्त चला रहा था. बीमा एजेंट ने मुकेश की मौत की रिपोर्ट मेरठ के अस्पताल को सत्यापन के लिए भेजी तो उस में कहा गया था कि कथित दुर्घटना में उस के शरीर पर एक भी खरोंच नहीं आई थी. यह जान कर एएसपी अनुकृति शर्मा को लगा कि फोटोग्राफी-कम-जेरोक्स की दुकान से 25 हजार रुपए कमाने वाला आदमी 64 पौलिसियों का प्रीमियम और इतनी गाडिय़ों की ईएमआई कहां से भरता रहा होगा. इस में कुछ न कुछ तो गड़बड़ है.
पुलिस जांच के अनुसार विशाल के घर में 3 लोगों की मौत हुई थी. तीनों लोगों के नाम बीमा पौलिसी थीं, जिन का सीधा फायदा विशाल को होना था. वह पहली पत्नी एकता और मम्मी प्रभा देवी की बीमा पौलिसी से एक करोड़ 5 लाख रुपए हासिल कर चुका था. इस के अलावा पापा की मौत के बाद 2 पौलिसियों के डेढ़ करोड़ से अधिक रुपए पा चुका था. अभी 62 पौलिसियों का करोड़ों रुपए का क्लेम और आना था. हालांकि बीमा कंपनियों ने पिछले साल स्थानीय पुलिस को विशाल की चौथी पत्नी श्रेया द्वारा संपर्क किए जाने की सूचना दी थी, लेकिन स्थानीय पुलिस ने कोई काररवाई नहीं की थी. श्रेया द्वारा रिपोर्ट लिखाने के बाद अनुकृति शर्मा की टीम ने 29 सितंबर, 2025 को विशाल को अपने मम्मीपापा और पहली पत्नी की हत्या कर के उन के जीवन बीमा की रकम वसूलने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था.
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में उस ने पहली पत्नी और मम्मी की हत्या का अपराध स्वीकार भी कर लिया था. इस पूछताछ में उस ने अपने अपराध की जो कहानी सुनाई थी, वह कुछ इस प्रकार थी. मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जिला हापुड़ के एक गांव का रहने वाला विशाल 15 साल पहले मेरठ आ कर 3 बैडरूम वाले मकान में रहने लगा था. गांव में रहते समय विशाल का परिवार काफी गरीब था. गांव में उस का परिवार कच्चे मकान में रहता था. गुजरबसर के लिए विशाल एक स्थानीय चाय की दुकान पर नौकरी करता था. वहां काम करने के दौरान ही विशाल की मुलाकात एकता से हुई.

एकता काफी संपन्न परिवार से थी, लेकिन दिव्यांग थी. इसलिए उस का विवाह नहीं हो रहा था. इसीलिए उस ने अपना दिल विशाल को दे दिया था. बाद में एकता के घर वालों ने उस का विवाह विशाल के साथ कर दिया था. विवाह के बाद एकता के फेमिली वालों ने बेटी और दामाद के रहने लिए मेरठ के गंगानगर में कसेरू बक्सर के पास 3 बैडरूम का एक मकान खरीद दिया था. विशाल उसी मकान में परिवार के साथ रहने लगा था. पड़ोसियों का तो यह भी कहना है कि एकता और विशाल की जोड़ी को देख कर आश्चर्य होता था. क्योंकि एकता जहां बहुत बड़े घर की बेटी थी, वहीं विशाल का परिवार बहुत गरीब था. यही नहीं, कहा जाता है कि विशाल की ससुराल वालों ने जो घर उसे रहने के लिए दिया था, उस पर उस ने कब्जा कर लिया था.
विशाल के पापा फोटोग्राफर थे. वह फोटोग्राफी की अपनी दुकान चलाते थे, लेकिन 2 साल से उन की वह दुकान बंद पड़ी है. विशाल भी कुछ नहीं करता था, जबकि मेरठ आने के बाद उस के खर्च बहुत बढ़ गए थे. यहां आने के बाद उस ने आधुनिक जीवनशैली अपना ली थी. पापा की कमाई उतनी थी नहीं. फिर उन्हें घर भी तो चलाना था. विशाल पैसे कमाने के शार्टकट रास्ते खोजने लगा. तभी उस ने एक दिन बीमा कंपनियों से पत्नी के नाम बीमा पौलिसी ले कर उस की हत्या कर मोटी रकम वसूल करने का समाचार पढ़ा. यह उपाय उसे उचित लगा. इस के बाद उस ने अपनी पत्नी एकता के नाम 80 लाख रुपए का जीवन बीमा कराया.
बीमा कराए साल भर भी नहीं बीता था कि एक दिन एकता को दस्त के इलाज के लिए मेरठ के एक निजी अस्पताल में भरती कराया गया. जबकि अस्पताल में बताया गया था कि उसे हार्टअटैक आया है, लेकिन जांच में हार्टअटैक का कोई लक्षण नहीं मिला था. फिर भी एक सप्ताह बाद उस की मौत हो गई थी. उस की मौत के बाद बीमा कंपनी को विशाल को 80 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ा था. एक बार बीमा कंपनी से मोटी रकम मिलने के बाद विशाल के लिए यह व्यवसाय बन गया. उस ने मम्मी के नाम 25 लाख रुपए की बीमा पौलिसी ली और उन की भी हत्या कर के 25 लाख रुपए बीमा कंपनी से वसूल लिए.
उस ने बताया था कि उस की मम्मी प्रभा देवी का पिलखुवा के पास एक अज्ञात वाहन से एक्सीडेंट हो गया था. जबकि जांच में पता चला कि एक्सीडेंट के समय दोनों अकेले थे. इस एक्सीडेंट में प्रभा देवी की मौत हो गई थी, जबकि उसे मामूली चोट आई थी. बाद में पता चला कि प्रभा देवी की मौत सिर में चोट लगने से हुई थी. उन की मौत के बाद विशाल को उन की बीमा की 25 लाख की रकम मिल गई थी. अब विशाल की हिम्मत और बढ़ गई. बीमा कंपनियों को धोखा देने का उसे रास्ता भी मिल गया था. ऐसा ही कुछ उस के पापा मुकेशचंद सिंघल की मौत में भी हुआ था. मम्मी और पत्नी की हत्या कर के एक करोड़ 5 लाख वसूलने के बाद विशाल की नजर पापा मुकेशचंद पर टिक गई. उस ने उन के नाम से कई बीमा कंपनियों से करोड़ों रुपए की 64 पौलिसियां कराईं. इन सभी पौलिसियों में एक ही नौमिनी था— विशाल.
यही नहीं, उस ने उन के नाम से लोन पर कई लग्जरी कारें और महंगे गैजेट्स खरीदे. फिर उस ने उन्हें भी एक्सीडेंट के बहाने ठिकाने लगा दिया. उस के बाद उस ने बीमा कंपनियों से बीमा राशि के लिए क्लेम किया. 2 पौलिसियों का पैसा उसे मिल भी गया था. लेकिन बाकी पौलिसियों का पैसा मिलने के पहले उस की धोखाधड़ी का खुलासा हो गया. विशाल ने अपने पापा मुकेशचंद सिंघल के नाम जो गाडिय़ां और गैजेट्स खरीदे थे, नियम के तहत वह कर्ज माफ हो गया था. इस तरह वह फ्री में 4 लग्जरी गाडिय़ों का मालिक हो गया. गैजेट्स भी फ्री में मिल गए, लेकिन अब पुलिस ने सारा कुछ जब्त कर लिया है.

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि विशाल ने एकता के बाद एकएक कर के 3 शादियां और की थीं. विशाल की तीनों पत्नियां उस के साथ रह नहीं सकीं. पड़ोसियों के बताए अनुसार, उस की ये पत्नियां जवान थीं, लेकिन वे परदे में रहती थीं. अगर उन से कोई गलती होती तो विशाल उन की पिटाई कर देता था. शायद वे सभी कुछ ही दिनों में उसे छोड़छोड़ कर चली गई थीं. चौथी पत्नी श्रेया, जिस की शिकायत पर विशाल की गिरफ्तारी हुई है, वह मेरठ की रहने वाली थी. जब उसे विशाल के बारे में पता चला तो उस के इरादे को भांप कर किसी तरह वह उस के चंगुल से भाग निकली थी.
शादी के बाद ही उसे पता चल गया था कि विशाल पहले भी कई शादियां कर चुका था. पुलिस को उस ने बताया था कि उसे जो जानकारी मिली थी, उस के हिसाब से वह उस की 14वीं पत्नी थी. पापा की मौत से कुछ दिनों पहले विशाल ने श्रेया से कहा था कि 5-7 दिनों में उस के पापा की मौत होने वाली है, क्योंकि उन्हें कैंसर है. तब श्रेया ने कहा था कि वह क्या बेकार की बातें करता है? पापा तो एकदम ठीक हैं. उन्हें कैंसर कब हो गया? इस पर विशाल बहाने बनाने लगा. श्रेया ने जिद पकड़ ली तो विशाल ने बताया कि उस ने पापा का 70 करोड़ का बीमा करवा रखा है. उन की हत्या करवा कर वह पौलिसी की रकम हासिल करेगा. पापा की हत्या में उसे भी उस की मदद करनी होगी. अगर पापा की हत्या करने में उस ने उस की मदद नहीं की तो वह उस की और उस की बेटी की हत्या कर देगा.
इस के बाद विशाल ने उस के नाम भी 3 करोड़ का बीमा करवा दिया था. मुकेशचंद सिंघल की हत्या के बाद बीमा कंपनियों के अधिकारी जांच के लिए आने लगे तो श्रेया विशाल का इरादा भांप गई. एक रात नाराज हो कर विशाल ने श्रेया की इस तरह पिटाई कर दी कि उस की रीढ़ की हड्ïडी में फ्रैक्चर हो गया था. शायद वह उसे जान से मार देना चाहता था. श्रेया ने अपने मायके वालों को फोन किया. तब उस के पापा और भाई आए और उसे अपने साथ ले गए. इस तरह उस की जान बच गई. विशाल ने कई बार उसे साथ ले जाने की कोशिश की, लेकिन फिर वह विशाल के घर नहीं गई.
श्रेया ने 21 अक्तूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक शिकायती पत्र भेजा था. इस से पहले उस ने मेरठ के एसएसपी औफिस में कई बार विशाल के बारे में लिखित शिकायत की थी. लेकिन पुलिस ने हर बार फेमिली मैटर बता कर मामला टाल दिया था.
18 दिसंबर, 2024 को 8 अलगअलग इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मेरठ के एसएसपी को अलग शिकायत पत्र दिए थे. इन्होंने बताया कि विशाल सिंघल ने अपने पापा मुकेश सिंघल के नाम पर 70 करोड़ रुपए का बीमा कराया था. लोन से 4 गाडिय़ां खरीदी थीं. विशाल ने पिता की दुर्घटना में मौत बता कर बीमा की रकम पाने के लिए क्लेम किया है. आंतरिक जांच के दौरान पता चला है कि यह एक तरह की धोखाधड़ी है. इसलिए इस मामले की बारीकी से जांच की जाए. कहा जाता है कि मेरठ पुलिस ने इंश्योरेंस कंपनियों की शिकायतों को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया था.
इसी तरह हापुड़ पुलिस की भी लापरवाही सामने आई है. विशाल ने जब अपनी मम्मी की सड़क दुर्घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी तो पुलिस ने उसे सही मान कर फाइल बंद कर दी थी. जब संभल पुलिस ने हापुड़ पुलिस को सूचना दी, तब हापुड़ पुलिस ने दोबारा सड़क दुर्घटना की रिपोर्ट फाइल की थी. संभल की एएसपी अनुकृति शर्मा को इंश्योरेंस कंपनी के जरिए इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली थी. इस पर उन्होंने अपने स्तर से जांच शुरू कर की और मामले का खुलासा किया.

संभल पुलिस के सामने सब से बड़ी समस्या यह थी कि यह पूरा मामला मेरठ और हापुड़ से जुड़ा था, इसलिए उन्होंने डीआईजी मेरठ कलानिधि नैथानी को मामले से अवगत कराया. तब डीआईजी के निर्देश पर हापुड़ जिले में एक नई रिपोर्ट दर्ज की गई. इस के बाद विशाल सिंघल और उस के सहयोगी सतीश कुमार की गिरफ्तारी दर्शाई गई. पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर साक्ष्य जुटा रही है. फिर भी अब तक की जांच से यह साबित हो गया है कि बीमा की मोटी रकम पाने के लिए विशाल सिंघल ने अपने मम्मीपापा और पत्नी की हत्या की है. अपनों का खून कर अय्याशी से रहने का सपना देखने वाला विशाल अपने साथी सतीश के साथ फिलहाल जेल में है. UP Crime






