Short Love Story in Hindi: काशीपुर के सलमान को मोहल्ले की ही रहने वाली शादीशुदा सीमा खातून से प्यार हो गया था. सीमा भी उस पर इस कदर फिदा हुई कि वह सलमान की खातिर अपने पति तक को छोडऩे के लिए तैयार हो गई. वह उस से शादी की जिद करने लगी. अविवाहित सलमान तो उसे केवल मौजमस्ती का साधन ही समझता रहा. फिर एक दिन सीमा की शादी करने की जिद उस मुकाम पर पहुंची कि…
सलमान और सीमा खातून के प्रेम संबंध पिछले 2 सालों से चले आ आ रहे थे. शादीशुदा सीमा उसे दिलोजान से चाहती थी. पिछले एक साल से सलमान सीमा से किनारा करना चाहता था, क्योंकि उस के फेमिली वाले किसी और लड़की से उस की शादी करना चाहते थे. लेकिन सीमा किसी भी हालत में उस से जुदा नहीं होना चाहती थी. जब वह नहीं मानी तो सलमान ने परेशान हो कर सीमा को रास्ते से हटाने की योजना बना ली थी. मोहल्ले की ही रहने वाली नशा तसकर मेहरुन्निसा भी सीमा से अपनी दुश्मनी का हिसाब पूरा करना चाहती थी, यह बात सलमान जनता था. इस के बाद सलमान और मेहरुन्निसा ने सीमा को ठिकाने लगाने की योजना बना ली.
योजना के मुताबिक 17 अक्तूबर, 2025 की शाम को मेहरुन्निसा ने फोन कर के सीमा को काशीपुर के केवीआर तिराहे पर बुलाया. सीमा वहां पहुंच गई. इस के बाद वे तीनों कंटेनर के केबिन में बैठ कर बातें करने लगे. उसी दौरान सीमा सलमान से उस के साथ शादी करने की जिद करने लगी. समझाने पर भी जब सीमा नहीं मानी तो सलमान ने पास बैठी मेहरुन्निसा को इशारा किया. तभी मेहरुन्निसा ने सीमा के दोनों हाथ पकड़ लिए. इस के बाद सलमान ने सीमा की चुन्नी से उस की गला घोंट कर हत्या कर दी. मेहरुन्निसा सीमा को अपने हाथों से तब तक जकड़े रही, जब तक सीमा की मौत न हो गई.

सीमा के मरने के बाद मेहरुन्निसा वापस चली गई और सलमान कंटेनर में सीमा की लाश ठिकाने लगाने के लिए हरिद्वार की ओर निकल पड़ा. जब कंटेनर ले कर वह नगीना पहुंचा था तो उस ने एक जेरीकेन में कंटेनर के डीजल टैंक से 6-7 लीटर डीजल निकाल कर रख लिया था ताकि मौका मिलने पर सीमा की लाश को जला सके. फिर सलमान ने हरिद्वार की ओर कंटेनर को दौड़ा दिया. कंटेनर चलाते समय वह सीमा के शव को ठिकाने लगाने के लिए सुनसान जगह की भी तलाश कर रहा था.
रात 12 बजे के बाद उस का कंटेनर एक सुनसान जगह पर पहुंचा. इस के बाद उस ने कंटेनर को अंधेरे में एक साइड में खड़ा कर दिया. फिर अंधेरे में उस ने केबिन से सीमा की लाश नीचे उतारी. सीमा की लाश को वह खींच कर एक झाड़ी के पास ले गया. लाश के ऊपर उस ने एक दरी डालने के बाद जेरीकेन का सारा डीजल उस के ऊपर छिड़क कर उस में आग लगा दी. सीमा की लाश को आग के हवाले करने के बाद वह तुरंत कंटेनर ले कर देहरादून के लिए निकल गया.
डा. सुधांशु शुक्ला सुबह अपनी पत्नी के साथ गांव गजीवाली के जंगल में सुबह की सैर कर रहे थे. यह उन का रोज का नियम था. सैर करने के लिए वह सुबह लगभग 5 बजे अपनी पत्नी के साथ घर से निकल जाते थे. जिस क्षेत्र में डा. शुक्ला सैर करने के लिए निकलते थे, वहां यदाकदा बंदर, जहरीले सांप, जंगली हाथी, गुलदार आदि भी विचरण करते हुए दिखाई पड़ जाते थे. जंगली इलाका होने के कारण डा. शुक्ला वहां पर सदैव सतर्क हो कर पत्नी के साथ सैर करते थे, लेकिन 18 अक्तूबर, 2025 को जब वह थोड़ी देर सैर करने के बाद एक झाड़ी के पास पहुंचे थे तो उन्हें वहां पर जलाई गई एक झाड़ी दिखाई दी. जब वह उस जली हुई झाड़ी के थोड़ा पास पहुंचे तो उन्होंने वहां पर एक जली हुई डैड बौडी देखी.
‘सुनसान जंगल में वह जली हुई डैड बौडी किस की होगी और उसे किस ने यहां ला कर जलाया होगा?’ यह सोच कर डा. शुक्ला घबरा गए. उन के साथ सैर कर रहीं उन की पत्नी भी डर गई थीं. तभी वहां से गुजर रहे लोगों को रोक कर उन्होंने डैड बौडी के बारे में बताया. कुछ ही देर में वहां पर काफी लोग इकट्ठे हो गए. सब ने देखा था कि वह डैड बौडी काफी हद तक जल चुकी थी, सिर्फ शव के दोनों पंजे तथा दोनों हाथों की कलाइयां ही जलने से बची हुई थीं. पैरों के बिछुओं से अंदाजा लगाया कि किसी शादीशुदा महिला को जलाया गया है. वहां पर उस समय दहशत का वातावरण था. अत: वहां पर मौजूद लोगों ने इस मामले की सूचना पुलिस को देने का फैसला किया. यह इलाका जिला हरिद्वार के नजीबाबाद रोड पर स्थित थाना श्यामपुर के अंतर्गत आता था, इसलिए एक व्यक्ति ने फोन द्वारा घटना की सूचना थाने में दे दी.
उस समय सुबह के 7 बजे थे. थाना श्यामपुर के एसएचओ मनोज शर्मा को जब यह सूचना मिली थी तो वह तत्काल ही एसएसआई मनोज रावत व कुछ अन्य पुलिसकर्मियों को ले कर सूचना में बताए गए पते की तरफ निकल गए. उन्होंने यह सूचना सीओ एस.एस. नेगी, एसपी (सिटी) पंकज गैरोला, एसपी (क्राइम) जितेंद्र मेहरा तथा एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल को दी थी. घटनास्थल वहां से मात्र 3 किलोमीटर दूर हरिद्वार नजीबाबाद रोड पर गांव गाजीवाली में खैरा ढाबे के पीछे झाडिय़ों का इलाका था, इसलिए एसएचओ थोड़ी देर में ही वहां पहुंच गए.

जब पुलिस वहां पहुंची तो उस समय वहां दरजनों लोगों की भीड़ थी. एसएचओ ने वहां पर जलाई गई लाश का निरीक्षण करना शुरू कर दिया. वैसे तो लाश पूरी जल गई थी, मगर लाश के पैरों के पंजे व कलाइयां नहीं जल सकी थीं. लाश के पैरों में बिछुए होने तथा पंजे में काला कपड़ा होने से श्री शर्मा को लगा कि यह लाश किसी महिला की है. अज्ञात हत्यारों ने जंगल में ला कर महिला के शव को इसलिए जलाया होगा, जिस से कि उस की पहचान न हो सके. इस के बाद श्री शर्मा ने डा. सुधांशु से इस शव के पहली बार देखे जाने के बारे में जानकारी ली थी. शव महिला का होने के कारण श्री शर्मा ने शव का पंचनामा भरने के लिए थाने से महिला थानेदार अंजना चौहान को मौके पर बुलवा लिया था.
घटनास्थल पर पुलिस की काररवाई चल ही रही थी कि सीओ एस.एस. नेगी, एसपी (सिटी) पंकज गैरोला, एसपी (क्राइम) जितेंद्र मेहरा तथा फोरैंसिक टीम भी वहां पहुंच गई थी. इस के बाद फोरैंसिक टीम व पुलिस ने शव के कई कोणों से फोटो खींचे तथा आसपास से अन्य सबूत भी जुटाए. मृतका की शिनाख्त न होने से पुलिस के लिए यह ब्लाइंड मर्डर था. महिला के इस ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी को सुलझाने के लिए एसपी (क्राइम) जितेंद्र मेहरा ने सीआईयू यूनिट प्रभारी नरेंद्र बिष्ट की टीम को भी मौके पर बुलवा लिया था.
इस मामले में मृतका की पहचान करना पुलिस के सामने सब से बड़ी चुनौती थी. पुलिस ने वहां मौजूद स्थानीय लोगों से पहले मृतका के बारे में पूछताछ की थी, मगर अभी तक पुलिस को मृतका के बारे में कोई भी जानकारी हासिल नहीं हो सकी थी. इस के बाद एसपी जितेंद्र मेहरा के निर्देश पर महिला थानेदार अंजना चौहान ने मृतका की जली हुई डैडबौडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
इस के बाद एसएसपी प्रमेंद्र डोवाल ने ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने के लिए एसपी (क्राइम) जितेंद्र मेहरा के निर्देशन और सीओ एस.एस. नेगी की अध्यक्षता में एक पुलिस टीम का गठन किया. टीम में एसएचओ मनोज शर्मा, सीआईयू इंसपेक्टर नरेंद्र बिष्ट, एसआई गगन मैठाणी, नवीन चौहान, मनोज रावत, कांस्टेबल राहुल देव आदि को शामिल किया गया. एसएसपी ने वहां आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के आदेश टीम को दिए. उन के दिशानिर्देश पर पुलिस टीम जांच में जुट गई.

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि नजीबाबाद से हो कर हरिद्वार की ओर रास्ते में पहले पीनाक होटल व बाद में उमेश्वर धाम में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. पुलिस टीम ने दोनों स्थानों के बीती रात के कैमरों की फुटेज को चैक किया. पुलिस ने जांच में पाया कि उस रात लगभग 842 छोटेबड़े वाहन इस रास्ते से गुजरे थे. पुलिस को शक था कि किसी छोटे वाहन से मृतका को हत्यारों द्वारा यहां लाया गया होगा. इस के बाद अगले दिन भी पुलिस टीम ने हरिद्वार से रायवाला तक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चैक की.
वैसे तो पुलिस टीम को विशेष जानकारी मृतका के बारे में नहीं मिली, मगर एक बात सीआईयू प्रभारी नरेंद्र बिष्ट के गले नहीं उतर रही थी कि पीनाक होटल व उमेश्वर धाम की दूरी लगभग 500 मीटर है. सभी वाहन पीनाक होटल से उमेश्वर धाम मात्र 2 या 3 मिनट में पहुंचे थे. मगर एक सफेद कंटेनर घटना वाली रात को पीनाक होटल से उमेश्वर धाम 19 मिनट में पहुंचता कैमरों में दिखाई दिया था. इस बात पर बिष्ट का शक सफेद कंटेनर पर गहरा गया था.
इस सफेद कंटेनर पर शक गहराने के कारण पुलिस ने इस केस को सुलझाने के लिए इस की डोर पकड़ ली थी. इस के बाद पुलिस ने कंटेनर के रजिस्ट्रैशन नंबर यूके18 सीए 4788 के मालिक की जानकारी की. पता चला कि यह कंटेनर जिंदल वेजिटेबल कंपनी, नारायण नगर इंडस्ट्रियल एरिया, काशीपुर उत्तराखंड के नाम से रजिस्टर्ड है. एक पुलिस टीम काशीपुर जाने के लिए निकल पड़ी. पुलिस टीम ने उत्तराखंड के ही शहर काशीपुर पहुंच कर उक्त नंबर के सफेद कलर के कंटेनर के स्वामी से संपर्क किया तो उन्हें जानकारी मिली कि घटना वाली रात को कंटेनर चालक सलमान निवासी मझरा लक्ष्मीपुर, कोतवाली काशीपुर ही देहरादून मंडी के लिए ले कर गया था. इस के बाद सलमान 2 दिनों के बाद वापस लौटा था. यह भी पता चला कि इस समय सलमान कंटेनर ले कर पानीपत (हरियाणा) गया हुआ है.
पुलिस टीम ने जब सलमान के बारे में स्थानीय लोगों से जानकारी ली तो कुछ हैरान करने वाली जानकारी मिली. पता चला कि सलमान का एक भाई व 2 बहनें हैं. सलमान के प्रेम संबंध मोहल्ले की ही सीमा खातून नाम की एक महिला से चल रहे हैं. इस के अलावा गत 17 अक्तूबर, 2025 से ही सीमा खातून यहां से लापता चल रही है. सीमा खातून की गुमशुदगी कोतवाली काशीपुर की पुलिस चौकी बासकुडाव में दर्ज थी. सीमा खातून अंतिम बार मोहल्ले की एक महिला मेहरुन्निसा के साथ देखी गई थी. उस के बाद से ही सीमा लापता हो गई थी. काशीपुर पुलिस द्वारा भी सीमा खातून की तलाश की जा रही है.
इस के बाद टीम ने लापता सीमा की फोटो देखी. फोटो में सीमा का चेहरा जली हुई महिला के शरीर से काफी मेल खा रहा था. अंत में पुलिस टीम ने लापता होने वाले दिन की वीडियो काशीपुर के एक सीसीटीवी कैमरे में देखी थी तो टीम को पूरा विश्वास हो गया कि श्यामपुर के जंगल में मिला जला हुआ शव सीमा खातून का ही था, क्योंकि उस समय सीमा खातून ने काला सूट पहन रखा था. बरामद जले हुए शव के पैरों के पास भी पुलिस ने अधजला काला कपड़ा बरामद किया था. अब श्यामपुर पुलिस टीम ने कोतवाली काशीपुर में ही मेहरुन्निसा से पूछताछ करने का मन बनाया था. कोतवाली में जब मेहरुन्निसा को बुलाया गया, तब उस के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं. पुलिस ने जब मेहरुन्निसा से सीमा के लापता होने की बाबत पूछा तो वह पुलिस के सामने शांत खड़ी रही.
इस के बाद सीआईयू इंचार्ज श्री बिष्ट ने मेहरुन्निसा को सख्ती से फटकारते हुए कहा, ”तुम या तो सीधी तरह से सीमा के लापता होने की सच्चाई पुलिस को सचसच बता दो, वरना पुलिस के सामने मुर्दे भी बोलने लगते हैं, यह तुम जान लो.’’
बिष्ट की इस धमकी का मेहरुन्निसा पर जादू की तरह असर हुआ. उस ने पुलिस को बताया कि उस ने व सलमान ने गत 17 अक्तूबर, 2025 को सीमा की हत्या कर दी थी. फिर सलमान ने उस की लाश ठिकाने लगाई थी. मेहरुन्निसा के ये बयान दर्ज करने के बाद पुलिस की टीम सीमा के कपड़े व फोटो से उस की शिनाख्त करने के लिए सीमा के शौहर शादाब, भाई मेहंदी हसन व मेहरुन्निसा को ले कर थाना श्यामपुर आ गई थी. यहां पहुंचने के बाद सीमा के शौहर शादाब ने उस के जले हुए शव से ही सीमा की पहचान कर ली थी. सीमा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उस की मौत का कारण उस का गला घोंटा जाना बताया गया था.
मेहरुन्निसा की गिरफ्तारी के बाद उसी दिन शाम को ही श्यामपुर पुलिस ने चैकिंग के दौरान रसियाबड के पास से आरोपी सलमान को उस के कंटेनर सहित गिरफ्तार कर लिया. इस के बाद सलमान को थाना श्यामपुर लाया गया. थाने में मेहरुन्निसा को देख कर सलमान समझ गया कि मेहरुन्निसा ने पुलिस को सब कुछ बता दिया होगा, इसलिए उस ने पुलिस के सामने सीमा की हत्या मेहरुन्निसा के साथ मिल कर करने का जुर्म कुबूल कर लिया था. पूछताछ में सलमान ने सीमा से प्रेम संबंध से ले कर उस की हत्या किए जाने तक की सारी कहानी उगल दी. सलमान और मेहरुन्निसा से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने सलमान की निशानदेही पर डीजल की जेरीकेन भी बरामद कर ली.

एसएचओ मनोज शर्मा ने सलमान व मेहरुन्निसा की गिरफ्तारी की सूचना एसपी (क्राइम) जितेंद्र मेहरा व एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल को दे दी. तब 24 अक्तूबर, 2025 की शाम को ही हरिद्वार के मायापुर स्थित एसपी (सिटी) कार्यालय में पुलिस अधिकारियों ने एक प्रैसवार्ता का आयोजन कर ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा कर दिया. इस के बाद पुलिस ने आरोपी सलमान व मेहरुन्निसा को कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन दोनों को जेल भेज दिया गया. सीमा हत्याकांड की तफ्तीश एसएचओ मनोज शर्मा द्वारा की जा रही थी. श्री शर्मा शीघ्र ही आरोपियों के विरुद्ध साक्ष्य एकत्र कर के चार्जशीट कोर्ट में भेजने की तैयारी कर रहे थे. Short Love Story in Hindi






