प्रकाश अलबेला उन्हें ले कर कार के पास आया. उस ने पीछे आ कर कार की डिक्की खोली. डिक्की में ईशा आलिया की डैडबौडी थी, उस की कनपटी से खून निकल कर उस के कपड़ों पर फैल गया था.
अब तक थाने में मौजूद अन्य पुलिसकर्मी कार के पास आ गए थे. एसएचओ ने उन्हें इशारा किया तो उन में से 2 कांस्टेबलों ने आगे बढ़ कर ईशा आलिया की डैडबौडी डिक्की से बाहर निकाल कर नीचे रख दी.
एसएचओ ने ईशा आलिया की डैडबौडी का नीचे झुक कर निरीक्षण किया. ईशा आलिया की नब्ज टटोली. फिर वह गहरी सांस ले कर सीधा होते हुए प्रकाश अलबेला की तरफ घूमे, ‘‘आप के साथ यह वारदात कहां और कैसे हुई, मुझे विस्तार से बताइए.’’
एसएचओ के इशारे पर एक पुलिसकर्मी ने प्रकाश अलबेला को बैठने के लिए कुरसी दी. एसएचओ उस के सामने कुरसी सरका कर बैठते हुए बोले, ‘‘बताइए.’’
‘‘सर, मैं रांची में टैगोर हिल एरिया में अपनी पत्नी ईशा आलिया के साथ रहता हूं. यह हमारी बेटी परी है, हमारे प्यार की निशानी. सर, यह फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं आम लोगों को भी पता है कि मैं ने ईशा आलिया से लवमैरिज की थी.
‘‘हम दोनों में गहरा प्यार और एकदूसरे पर विश्वास था. ईशा मुझे टूट कर प्यार करती थी. मैं ने भी उसे हर तरह की सुखसुविधा दे रखी थी. ईशा आलिया यूट्यूब का फेमस चेहरा थी. ईशा ने नागपुरी, भोजपुरी, खेरठा, बांग्ला जैसी अनेक भाषाओं की एलबमों और फिल्मों में भी काम कर के काफी प्रसिद्धि बटोरी है.’’
प्रकाश अलबेला कुछ क्षण को रुका, फिर उस ने आगे बताना शुरू किया, ‘‘ईशा के मांबाप यहां कोलकाता के हजारीबाग के एक गांव महुदी में रहते हैं, यह गांव थाना चौपारन के अंतर्गत आता है. ईशा काफी समय से अपने घर कोलकाता नहीं आई थी. उस की इच्छा कोलकाता आने की हो रही थी. मैं कल रांची से ईशा और अपनी बेटी परी को ले कर रात साढ़े 11 बजे अपने फ्लैट से कोलकाता के लिए अपनी कार से निकला था.
‘‘ईशा अपने साथ परी को ले कर मेरे साथ ही आगे की सीट पर बैठी थी. मेरा विचार था हम सुबह 7-8 बजे तक कोलकाता पहुंच जाएंगे. मैं कार ड्राइव कर रहा था. सुबह करीब 6 बजे होंगे, सड़क पर सन्नाटा था, इक्कादुक्का वाहन हमारी कार के पास से गुजर रहे थे.
‘‘महिषरेखा पुलिया के पास मुझे बाथरूम के लिए कार को रोकना पड़ा. मैं कार किनारे पर रोक कर नीचे उतरा तो देखा उस वक्त ईशा बेटी परी को गोद में लिए सो रही थी. परी भी उस की गोद में सो गई थी.’’
प्रकाश ने आगे बताया, ‘‘मैं कार से उतर कर कुछ ही दूर गया था, मैं ने बाथरूम किया तो अपने पीछे कुछ कदमों की आवाजों से चौंक पड़ा. मैं ने पलट कर देखा, 2-3 लोग मेरी कार पर झुके हुए अंदर देख रहे थे. मैं दौड़ कर कार के पास आया और जोर से चीखा, ‘कौन हो तुम लोग, कार पर क्यों झुके हो तुम?’ सर, वे तीनों मेरी तरफ पलटे और मुझे घेर लिया. उन्होंने मेरे साथ लूटपाट करने की कोशिश की.
‘‘मैं उन से भिड़ गया. वे मुझ पर भारी पड़ने लगे, तब शोरशराबे से ईशा की आंखें खुल गईं. मुझे मार खाता देख वह परी को सीट पर लिटा कर कार से नीचे उतर आई और लुटेरों से उलझ गई.
‘‘ईशा को मेरी मदद से आया देख लुटेरे घबरा गए. उन में से एक ने ईशा पर रिवौल्वर तान कर उसे कार में बैठने को कहा. ईशा पीछे नहीं हटी तो उस ने ईशा को गोली मार दी. उफ मेरी ईशा… प्रकाश का स्वर भर्रा गया. उस की आंखों में आंसू छलक आए.’’
कुछ देर की खामोशी के बाद प्रकाश अलबेला ने खुद को संयत कर के आगे कहना शुरू किया, ‘‘ईशा को गोली लगी तो वह लहरा कर जमीन पर गिर पड़ी. लुटेरे घबरा गए और भाग खड़े हुए. मैं उन के पीछे दौड़ा लेकिन वे हाथ नहीं आए. मैं ईशा के पास आया, ईशा की कनपटी पर गोली लगी थी, वह तड़प रही थी. मैं बुरी तरह घबरा गया. मैं ने ईशा को कार में पिछली सीट पर लिटाया और मदद के लिए 3 किलोमीटर तक कार दौड़ाता ले गया.
‘‘3 किलोमीटर कार लाने के बाद कुलगछिया पिरताला क्षेत्र में मुझे कुछ स्थानीय लोगों का सपोर्ट मिला. उन के सहयोग से मैं ईशा को एएससीसी मैडिकल कालेज ले गया, जहां डाक्टरों ने ईशा का चैकअप करने के बाद मृत घोषित कर दिया. मैं बहुत देर तक रोता रहा, डाक्टरों ने मुझे ढांढस बंधाया, तब मैं ईशा की लाश को डिक्की में रख कर यहां ले आया.’’
यह सुन कर एसएचओ को इस बात का आश्चर्य हुआ कि जब यह पुलिस केस था तो मैडिकल कालेज ने डेडबौडी पुलिस को सूचना दिए बगैर प्रकाश को क्यों सौंप दी?
बात कहतेकहते जब प्रकाश अलबेला रोने लगा तो एसएचओ ने उस के कंधे को सहानुभूति से थपथपाया, ‘‘आप के साथ बहुत बुरा हुआ. आप अपने आप को संभालिए, मैं उन बदमाशों को पकड़ने की पूरी कोशिश करूंगा.’’
‘‘जी,’’ प्रकाश ने रुआंसे स्वर में कहा.
एसएचओ ने इस गंभीर मामले की एफआईआर दर्ज करने के बाद हावड़ा ग्रामीण एसपी स्वाति भंगालिया को फोन द्वारा इस लूटपाट और हत्या की जानकारी दे दी. एसपी स्वाति भंगालिया ने मामले की गंभीरता को देख कर उन से कहा कि वह खुद थाने आ रही हैं.
एसपी स्वाति भंगालिया आधा घंटे में ही थाने पहुंच गईं. उन्होंने सब से पहले ईशा की लाश का निरीक्षण किया. ईशा को जीरो पौइंट रेंज से गोली मारी गई थी. गोली कनपटी पर लगी थी, जिस में से खून बह कर उस की गरदन और चेहरे पर सूख चुका था.
एसपी भंगालिया ने फोरैंसिक टीम को मौके पर पहुंचने का आदेश देने के बाद प्रकाश अलबेला से पूछताछ की. प्रकाश ने स्वाति भंगालिया को वही सब बताया जो उस ने एसएचओ को बताया था.
मामला हाईप्रोफाइल था. प्रकाश अलबेला झारखंड फिल्म इंडस्ट्री का मशहूर डायरेक्टर था और उस की पत्नी ईशा आलिया भी फिल्म इंडस्ट्री की जानीमानी अभिनेत्री थी. इसलिए मामले को हलके में नहीं लिया जा सकता था.
प्रकाश से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि ईशा के पिता धनोखी राणा हजारीबाग के चौपारन थाना के महुदी गांव में रहते हैं. थानाप्रभारी ने धनोखी राणा को ईशा आलिया की मौत की जानकारी दे दी.
तब तक फोरैंसिक टीम थाने में पहुंच गई थी. टीम ने बहुत बारीकी से ईशा आलिया और प्रकाश अलबेला की कार की जांचपड़ताल शुरू कर दी.