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कलाकार: मनोज बाजपेयी, कोंकणा सेन शर्मा, नासर, सयाजी शिंदे, अनुला नावलेकर, कानि कुश्रुति, वैशाली बिष्ट

छायांकन: अनुज राकेश धवन

निर्देशक: अभिषेक चौबे

निर्माता: चेतना कौशिक, हनी त्रेहन

लेखक: अभिषेक चौबे, अनंत त्रिपाठी, उनैजा मर्चेंट, हर्षद नलवडे

ओटीटी: नेटफ्लिक्स

बौलीवुड के 4 मंझे हुए कलाकारों को ले कर वेब सीरीज (Web Series) ‘किलर सूप’ (Killer Soup) बनाई गई. इस में मुख्य भूमिका  कोंकणा सेन (Konkona Sen), मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee), सयाजी शिंदे और नासर ने निभाई है. वेब सीरीज के 8 एपिसोड हैं जोकि साढ़े 6 घंटे के हैं. वेब सीरीज को नेटफ्लिक्स (Netflix) पर मर्डर मिस्ट्री, सस्पेंस (Suspense), क्राइम, ड्रामा बता कर दर्शकों को बेचा जा रहा है.

पहले एपिसोड में दर्शकों को टीवी जगत की डायरेक्टर एकता कपूर की याद जरूर आएगी. क्योंकि कब कौन सा पात्र कहां से, क्यों निकल कर सामने आ रहा है, वह समझने के लिए आप को 8वें एपिसोड को पहले देखना चाहिए.

वेब सीरीज ‘किलर सूप’ में रोमांच, रहस्य या फिर अच्छे संगीत की भारी कमी खलती है. दरअसल, पहले एपिसोड के अंत में मर्डर से शुरू होने वाली वेब सीरीज के बैंकग्राउंड में अच्छे संगीत की कमी आप को अंत तक महसूस होगी.

हालांकि जब वेब सीरीज समाप्त होती है, तब आप को अच्छा संगीत सुनने को मिलेगा. यह सीरीज ‘एक हसीना के 2 दीवाने’ के तर्ज पर बनी है. उस में संयोग यह भी है कि दोनों दीवानों का हुलिया एक जैसा है यानी सीरीज के नायक मनोज बाजपेयी का डबल रोल है.

Manoj-vajpayi

अब एक जैसे हुलिए के पीछे कहानी कुछ नहीं है, जो दर्शकों को काफी निराश करने वाली है. सीरीज को क्राइम के लिहाज से देखना चाहते हैं तो आप को पूरी कौमेडी हर स्तर पर मिलेगी. सीरीज के केंद्रबिंदु में कोंकणा सेन है, जो 1995 में मणिरत्नम की फिल्म ‘बांबे’ की नायिका मनीषा कोइराला से काफी प्रभावित है.

यह क्यों है, इस में जरूर डायरेक्टर ने वेब सीरीज में सस्पेंस बना रखा है. दर्शकों को मनीषा कोइराला को ले कर आखिर तक इस बारे में जरा भी भनक नहीं लगेगी और आप सोच भी नहीं सकेंगे, क्योंकि मनीषा कोइराला के नाम और उस पर फिल्माए गीत ‘तू ही रे, तेरे बिना मैं कैसे जिऊं…’ दर्शकों के सामने कई बार आएगा. लेकिन, जब भी आएगा दर्शक मुसकराए बिना नहीं रह पाएंगे.

वास्तव में देखा जाए तो यह वेब सीरीज बौटनी यानी वनस्पति शास्त्र के छात्रों के लिए बनाई गई है. इस में कवक या दूसरे नाम मशरूम के बारे में डायरेक्टर ने दर्शकों को समझाने की कोशिश की है. जहरीले मशरूम से बनने वाले मसाले का इस्तेमाल चिकन सूप में होता है. हालांकि ऐसा होने तक वेब सीरीज समाप्ति की ओर पहुंच जाती है.

इस में 2 मुख्य भूमिका निभाने वाले पात्र भी संदिग्ध हालात में मर जाते हैं. वे दोनों जिस यात्री बस में सवार होते हैं, उस में मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने वाला एएसआई का भूत छत पर दिखाया गया है. आप को हैरानी हो रही होगी कि एएसआई का भूत मर्डर की जांच कर रहा है. इसीलिए दर्शकों से यह दावा है कि उन्हें वेब सीरीज देखने के बाद रहस्य-रोमांच नहीं बल्कि अंधविश्वास पर हंसी का अहसास होगा.

जांच करने वाला एएसआई का भूत वेब सीरीज में करीब 10 बार आता है. सीरीज में जबरिया सैक्स सीन भी डाला गया है. मनोज बाजपेयी जैसे सीनियर कलाकारों में यह सीन फिल्माते वक्त जिन मर्यादाओं को उन्होंने पहले से बरकरार रखा है, वह बना हुआ है.

कोंकणा सेन ने जरूर एक जगह कुछ पल के लिए पोर्न मूवी जैसा अहसास दर्शकों को कराया है. यह सीन शायद दर्शकों के सामने वेब सीरीज को बेचने के उद्देश्य से डायरेक्टर ने पैदा किया है.

वेब सीरीज के पहले एपिसोड में ही लगभग सारे पात्रों की एंट्री हो जाती है. शुरुआत मेनजूर सिटी से होती है. एपिसोड की मुख्य कलाकार कोंकणा सेन है, जिस का नाम स्वाति शेट्टी है. उस का पति प्रभाकर शेट्टी यानी मनोज बाजपेयी है.

मनोज बाजपेयी की अलगअलग भूमिका को रेखांकित करने के लिए प्रभाकर शेट्टी के दाहिने पैर में तकलीफ दिखाते हुए छड़ी थमाई गई है. वहीं दूसरा मनोज बाजपेयी जो उमेश महतो के नाम से वेब सीरीज में दिखेगा, उसे बाईं आंख से काना दिखाया गया है.

मुख्य कलाकार स्वाति अपने पाया सूप की रेसिपी वाला रेस्टोरेंट खोलना चाहती है. जबकि पति प्रभाकर शेट्टी कैलिफोर्निया नाम से होटल डालना चाहता है.

पहले एपिसोड में दिखाया गया है कि यह सब कुछ तभी संभव हो सकता है, जब अरविंद शेट्टी की मदद मिले. अरविंद शेट्टी की भूमिका सयाजी शिंदे ने निभाई है. वह मशरूम की खेती करता है, जिस की आड़ में वह गलत धंधे यानी मादक पदार्थ भी यहांवहां सप्लाई करता है. मनोज बाजपेयी उस का छोटा भाई है, जोकि उस के धंधे की रकम को संभालने का काम करता है.

ऐसा करते हुए वह करीब 31 करोड़ रुपए की हेराफेरी अरविंद शेट्टी से कर देता है, जिस की जानकारी सिर्फ प्रभाकर शेट्टी की पत्नी स्वाति को होती है. यह रोल कोंकणा सेन ने निभाया है.

स्वाति शेट्टी अपने प्रेमी यानी डुप्लीकेट मनोज बाजपेयी का किरदार निभा रहे मनोज (उमेश महतो) को बता देती है. उमेश महतो मसाज पार्लर में जौब करता है. यहां अकसर प्रभाकर और उस का भाई अरविंद मसाज करने आतेजाते हैं.

उमेश महतो मसाज करते वक्त चुपचाप चोरी की बात उजागर करने की धमकी दे कर पत्र प्रभाकर के बैग में रख देता है. इसी मामले की जांच करने के लिए अमेरिकी मूल के नागरिक डिटेक्टिव किरण नडार को प्रभाकर जिम्मेदारी सौंप देता है. डिटेक्टिव का रोल भगवती पेरुमल ने किया है.

वह चुपचाप अपनी जासूसी करते हुए स्वाति और उमेश महतो के अवैध संबंधों को अपने कैमरे में कैद कर लेता है. इस के अलावा स्वाति एक कुकिंग क्लास के लिए खानसामा मेहरुन्निसा के पास जाती है.

मेहरुन्निसा की भूमिका वैशाली बिष्ट ने निभाई है. स्वाति के वहां जाने को ले कर प्रभाकर को आपत्ति है. इस के बावजूद वह ऐसा करती है. हालांकि यह बात प्रभाकर शेट्टी को पता चलती, उस से पहले कैलिफोर्निया होटल खोलने के लिए अपने भाई अरविंद शेट्टी को मनाने वह पार्टी में चला जाता है.

इस पार्टी में 5 रशियन लड़कियों को बुला कर अरविंद शेट्टी को ऐश करने के लिए प्रभाकर शेट्टी बोलता है. यहां वह अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को बताता है तो अरविंद शेट्टी नाराज हो जाता है. वह कहता है कि अभी चेन्नै की पार्टी से डील को फोकस करने में उस की मदद करे. इधर, खानासामा के यहां से निकलते वक्त स्वाति को अमेरिकी मूल का जासूस कैमरे में कैद करता है. यह स्वाति की नजर में आ जाता है.

कार में बैठे जासूस के साथ उस की झूमाझटकी होती है. इस दौरान उस से कैमरा छीन लेती है. लेकिन, गले में उस की बेल्ट रह जाती है. तभी एक तेजरफ्तार ट्रक आ कर उसे उड़ा देती है. कैमरे की तसवीरें देख कर स्वाति चौंक जाती है. वह फोन कर के उमेश को अपने घर बुला लेती है.

इधर, कैलिफोर्निया होटल की पार्टी में हुए घटनाक्रम से नाराज हो कर प्रभाकर जब घर पहुंचता है तो वहां घर पर उमेश मिल जाता है. इस से पहले प्रभाकर और स्वाति के बीच सैक्स सीन भी फिल्माया गया है. ऐसा करते वक्त पलंग के नीचे जासूस से छीना कैमरा ले कर उमेश भी छिपा होता है.

सैक्स करने के बाद जब प्रभाकर सो जाता है, तब स्वाति और उमेश घर में ही बहस कर रहे होते हैं. तभी वहां कैमरा ले कर प्रभाकर आ जाता है और संघर्ष के दौरान उमेश 3 बार भारी चीज से प्रहार कर के उस को मार देता है.

दोनों कारपेट में प्रभाकर के शव और कैमरे को लपेट कर जंगल में ले जा कर दफना देते हैं. ऐसा करने के बाद दोनों जब घर आते हैं तो डिटेक्टिव किरण नडार के मोबाइल से प्रभाकर शेट्टी के मोबाइल पर काल आता है.

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