निर्देशक: भाव धूलिया
संगीतकार: राबी अब्राहम
प्रोड्ïयूसर: राकेश भगवानी
लेखक: सिद्धार्थ मिश्रा
प्रोडक्शन: जार पिक्चर
एपिसोड-9
कलाकार: जिमी शेरगिल, सुशांत सिंह, गुल पनाग, रणवीर शौरी, रवि किशन, तिग्मांशु धूलिया, साकिब सलीम, स्पृहा जोशी, हर्ष छाया, महिमा मकवाना, सचिन पाठक आदि
एपीसोड- 1
क्राइम थ्रिलर ‘रंगबाज फिर से’ (Rangbaaz Phir se) का पहला एपीसोड जैसे ही शुरू होता है, इस के पहले दृश्य में बड़े पुल पर एक बस आती दिखाई देती है. 2 ग्रामीण दिखाई देते हैं. वे बस को जबरन रुकवा कर उस में सवार हो जाते हैं और बस में बैठे लोगों पर अपने साथ लाई पिस्टल से गोलियों की बौछार करने लगते हैं. अगले ही कुछ समय में पता चलता है कि बीकानेर से नागौर जाने वाली बस में 40 लागों की गोली मार कर हत्या कर दी गई है.
अगली खबर जयपुर से आती है, जहां राजपूतों के सम्मेलन में बम धमाका हो जाता है. राजपूतों और जाटों में आपसी टकराव की खबरें राज्य के सभी जगहों से आने लगती हैं. इस घटना में गैंगस्टर अमरपाल का नाम आता है. सरकार राजस्थान प्रदेश के सब से बड़े गैंगस्टर अमरपाल सिंह से बात कर उसे आत्मसमर्पण को कहती है. बदले में उसे चुनाव का टिकट देने का वादा भी किया जाता है. अमरपाल सिंह की भूमिका जिमी शेरगिल (Jimmy Shergill) ने निभाई है.
पुलिस अमरपाल सिंह को जेल में बाइज्जत ले जा कर उस से कहती है कि कुछ चाहिए तो बताना हुकुम. उस के बाद राजस्थान की पृष्ठभूमि में राजस्थान के इतिहास और राजपूतों व जाटों के संघर्ष की गाथा का वर्णन किया गया है.
इस के बाद कहानी फ्लैशबैक में चली जाती है, जहां पर अमरपाल सिंह का छात्र जीवन, यार दोस्तों के साथ दारूबाजी और फिर कालेज के चुनाव में उस का अध्यक्ष बनना आदि दिखाया जाता है.
अगले दृश्य में यह भी दिखाया गया है कि अमरपाल सिंह एक मेधावी छात्र है और वह आईपीएस बनना चाहता है. इसी बीच जाट समुदाय के एक गैंगस्टर जयराम गोदारा को दिखाया गया है. उस की दोस्ती की कहानी के पीछे उसे अमरपाल द्वारा बचाया जाना है. जयराम गोदारा के किरदार में सुशांत सिंह है.
उस के बाद अमरपाल का विवाह रुक्मिणी से हो जाता है, जहां पर राजपूत समाज अमरपाल को एक गांव में घोड़ी चढऩे पर मना कर देते हैं, क्योंकि अमरपाल के पिता ने एक गैर राजपूत की लड़की से विवाह किया था. यहां पर एक बार जयराम गोदरा आ कर राजपूतों को धमकाता है, अमरपाल सिंह को घोड़ी चढ़वाता है. रुक्मिणी की भूमिका स्पृहा जोशी ने निभाई है.
उस के बाद अमरपाल सिंह को एक बड़ा नेता प्रधान का चुनाव लडऩे को कहता है. उन दिनों वहां पर रविराम बलौटिया की प्रधानी में एकछत्र राज था. अमरपाल सिंह और रविराम बलौटिया के बीच चुनाव में जयराम गोदरा (जाट गैंगस्टर) काफी मदद करता है, लेकिन अमरपाल सिंह की 377 और रविराम बलौटिया को 379 वोट मिलते हैं. इस तरह अमरपाल सिंह 2 वोट से चुनाव हार जाता है.
उस के बाद रविराम बलौटिया एक षड्यंत्र के तहत अमरपाल सिंह को जेल भिजवा देता है, जहां पुलिस द्वारा अमरपाल पर कई तरह के अत्याचार किए जाते हैं. इस के बाद एक पुलिस अधिकारी संजय सिंह मीणा, जो एक आईपीएस अधिकारी है, को एक चाल चलता दिखाया गया है. संजय सिंह मीणा की भूमिका में जीशान अय्यूब है.
एपिसोड- 2
इस एपिसोड की शुरुआत में गृहमंत्री अहलावत अपने अधिकारी से कहता है कि चुनाव आने वाले हैं. आचार संहिता लगने से पहले शिलान्यास के कार्यक्रम करने का प्रोग्राम बनाइए.
अगले दृश्य में अमरपाल सिंह को, बलराम राठी और अन्य कैदियों को जेल में टीवी देखते और चिकन खाते, शराब पीते हुए दिखाया गया है. शराब पीने के बाद अमरपाल बाथरूम में जाता है. पीछे से एक अन्य कैदी उस के ऊपर गोलियों की बौछार कर देता है.
बलराम राठी उसे पीछे से पकड़ लेता है और इस तरह अमरपाल की जान बचा कर बलराम राठी मर जाता है. गोलियों की आवाज सुन कर काफी संख्या में जेल के सिपाही आ जाते हैं.
इस बीच अमरपाल उसे दबोच लेता है, जिस ने उस पर गोलियां चलाई थीं. और इतने सारे पुलिस के जवानों के होने के बावजूद अमरपाल गला घोंट कर उस कैदी को मार डालता है. इस के बाद अमरपाल को कैदियों की पोशाक पहने एक कमरे में कैद कर दिया जाता है.
उस के आगे की कहानी फ्लैशबैक में चली जाती है. अमरपाल और बलराम राठी बात करते दिखते हैं. यह जेल का दृश्य है, जहां पर अमरपाल अपनी बेटी वैशाली उर्फ चीकू को याद करता दिखता है. वैशाली उर्फ चीकू की भूमिका महिमा मकवाना ने निभाई है.
काला चश्मा और उस के ऊपर काला हैट लगाए अमरपाल एकदम फिल्मी हीरो की तरह दिखता है. अगले दृश्य में जयराम गोदारा के घर दिखता है, जहां पर उस के पिता उसे उलाहना देते हुए कहते हैं कि एक जाट हो कर वह राजपूत अमरपाल सिंह के साथ क्यों है? जयराम गोदारा अपनी पत्नी से बात करता है, उस से कहता है कि उसे चीकू अपनी बेटी की तरह लगती है.
अगले सीन में राजा फोगाट औरतों का डांस देखते और अय्याशी करते हुए दिख रहा है. अमरपाल सिंह की बेटी का जन्मदिन भव्य तरीके से मनाया जा रहा होता है, जहां पर कुछ लोग फायरिंग कर देते हैं. भगदड़ मच जाती है, अमरपाल और उस के दोनों साथी जयराम गोदारा और बलराम राठी रुक्मिणी और चीकू को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा देते हैं.
उस के बाद आटोमेटिक राइफलों से सारे हमलावरों पर गोलियों की बौछार कर देता है, कुछ मारे जाते हैं और कुछ बचते बचाते हुए भाग जाते हैं.
अमरपाल अपनी पत्नी से कहता है कि चीकू को यहां से बाहर भेजना होगा, तभी वह सुरक्षित रह सकती है. जयराम गोदारा चीकू को एक हौस्टल में ले जा कर उस का एडमिशन करवा देता है.
अगले दृश्य में राजा फोगाट के एक साथी की बेटी की शादी होती दिखाई गई है. राजा फोगाट दुलहन को अपनी ओर से उपहार देता है और अपने साथी से कहता है कि अब अमरपाल सिंह का जल्दी काम तमाम कर दो.
अगले दृश्य में गृहमंत्री अहलावत को मुख्यमंत्री डांटते हुए दिखते हैं. उस के बाद राजा फोगाट की मुलाकात गृहमंत्री अहलावत से होती है. कहानी आगे बढ़ती है और राजा फोगाट का आदमी करण चड्ढा अनुप्रिया को देखते ही उस पर फिदा हो जाता है. दोनों को हमबिस्तर होते हुए भी दिखाया जाता है. शरद केलकर राजा फोगाट के रोल में है.