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डायरेक्टर रणदीप झा जो एनआरआई पौल की मर्डर मिस्ट्री और उस के लापता दोस्त लियाम पर बनाई वेब सीरीज को भूल जाते हैं. एपिसोड पुलिस अधिकारी बलवीर सिंह के जरिए कहानी को आगे बढ़ाते हैं. वह जिस खबरी का एनकाउंटर करते हैं, उस की पत्नी के जरिए ऐसा करने का नाकाम प्रयास करते हैं.

बलवीर सिंह फिल्म में मुख्य पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन जांच और सस्पेंस को छोड़ कर उन के रोमांटिक लाइफ की आड़ में उसे बढ़ाने की कोशिश डायरेक्टर ने की है. यहां डायरेक्टर बलवीर सिंह की बेटी के चलते थोड़ा भारतीय संस्कृति को बख्शने की कोशिश करते दिखे.

दरअसल, एपिसोड में खबरी की पत्नी बलवीर सिंह को सेक्स करने के लिए उकसाती है. उसे रिझाने के कई बार एपिसोड में सीन बनाए गए हैं. आखिरी में यह साफ तब होता है जब खबरी की बीवी उस के गले से लिपट कर सेक्स करने के लिए तैयार होने का संकेत देती है.

डायरेक्टर को फिल्म बनाते बनाते याद आता है कि वह पौल की मर्डर मिस्ट्री दर्शकों को बताना चाह रहे थे. इसलिए एपिसोड के मध्यांतर में अचानक सस्पेंस पैदा करने के लिए पौल की कार आ जाती है. यह कार उस की जहां लाश मिली थी, उस के नजदीक दिखाई थी. अब बलवीर सिंह और उस के सहयोगी गरूंडी सिंह कार में लगे डेंट को देखते हैं.

जबरिया सस्पेंस वाली बात इसलिए की जा रही है क्योंकि विदेश से आए पौल की गला रेत कर हत्या की गई थी. फिर कार में लगे डेंट को दिखा कर एपिसोड के मध्य में सस्पेंस पैदा किया गया है. इसी डेंट की आड़ में तफ्तीश के नाम पर फिल्म आगे बढ़ाई जाती है.

वेब सीरीज में डायरेक्टर रणदीप झा की तरफ से कहीं भी ऐसा नहीं लगता है कि वह मर्डर मिस्ट्री पर काम कर रहे हैं. पूरे एपिसोड में वह दर्शकों के सामने सिर्फ टाइटल कोहरा को ही सच साबित करने में दिखाई देते हैं. यहां डेंट की आड़ में फिर जबरिया मिस्ट्री डायरेक्टर ने पैदा की है.

दरअसल, कार का डेंट बस की टक्कर से आता है. पौल की लाश के नजदीक उस के चाचा के बेटे हैप्पी को दिखाया गया है. वह डेंट को देख कर सकपका जाता है. यह भूमिका अमनिंदर पाल सिंह ने निभाई है. सीरीज में वह हैप्पी नाम से दिखाई देते हैं. एपिसोड में दर्शक उन के अभिनय को देख कर अनहैप्पी ही होंगे.

कार के डेंट को काफी गहरा दिखाया गया है, जिस को तलाशने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाते हैं. यहां फिर डायरेक्टर हैप्पी की आड़ में वेब सीरीज को धकेलने का प्रयास करते हैं. यहां डायरेक्टर पुलिस जांच की आड़ में बस ड्राइवर की निजी लाइफ के जरिए बढ़ाते हैं.

दरअसल, पौल को परिवार में तवज्जो देने के कारण हैप्पी उस से नफरत करता था. इस कारण उस ने बस ड्राइवर को दुर्घटना कर के पौल को मारने की सुपारी दी थी. फिर कहानी पौल के चचेरे भाई हैप्पी से हुई पूछताछ के जरिए ड्राइवर पर फोकस की जाती है. ड्राइवर इस बात को न बताने के लिए उसे ब्लैकमेल करता है. फिर वह फिल्म में पुलिस को चकमा दे कर जांच के दौरान ही अचानक गायब हो जाता है.

वेब सीरीज में अचानक बिना किसी पूर्व सूचना और जानकारी के नए किरदार की एंट्री दिखाई गई है, जिस का अभिनय सौरभ खुराना ने सकार नाम से निभाया है. उसे वेब सीरीज में रैप गायक दिखाया गया है. उसे सीरीज में अकसर नशे में धुत दिखाया है.

उबाऊ दिखे कई कैरेक्टर

वेब सीरीज देखने वाले हर दर्शक को सौरभ खुराना उबाऊ किरदार नजर आया. वह एपिसोड में पौल की मंगेतर का बौयफ्रेंड दिखाया गया है. मंगेतर की भूमिका में आनंद प्रिया है जिस का नाम वीरा सोनी है. वह एनआरआई लडक़े की संपत्ति के लालच में आ कर बौयफ्रेंड को ठुकरा कर उस से शादी करने का फैसला लेती है.

मर्डर मिस्ट्री में खराब वाकया यह है कि जिस रात पौल की हत्या हुई, उस से 2 घंटे पहले उसे बौयफ्रेंड सकार के साथ घर पर सेक्स करते हुए दिखाया गया. कहानी के अगले सीन में इस बात को वह कबूल करती है.

जांच करने वाली महिला पुलिस अधिकारी के सामने वह बताती है कि उस ने बौयफ्रेंड के साथ ओरल सेक्स किया था. वेब सीरीज में फोरैंसिक जांच का खुलेआम मखौल उड़ाया गया है. ओरल सेक्स की रिपोर्ट एपिसोड के अंतिम दौर में दिखाई गई है. जबकि इसे शुरुआत में सामने आना था. वीरा सोनी ने अभिनय के साथ इंसाफ नहीं किया. उन्होंने सतही भूमिका निभाई.

सीरीज के आखिरी एपिसोड में पता चलता है कि वह बौयफ्रेंड को छोड़ कर एनआरआई से शादी करती है. उस की हत्या के बाद वह तीसरे के साथ वैवाहिक जीवन जीने के लिए तैयार हो जाती है. ऐसा कर के डायरेक्टर ने एक बार फिर भारतीय संस्कृति को विकृत रूप में प्रस्तुत करने का साहस किया है.

एपिसोड में पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाने वाले बलवीर सिंह की बेटी निमरत कौर भी सामने आती है. यह भूमिका हरलीन सेठी ने निभाई है. उस के बचपन को फ्लैशबैक में दिखाते हुए मातापिता की कलह के कारण उस के दिलोदिमाग में पिता का भय घर कर गया था. उस की भी अलग कहानी बनाते हुए अपने 6 साल के बच्चे को पति के घर छोड़ कर आ जाती है.

आधी वेब सीरीज देखने के बाद डायरेक्टर यह बताते हैं कि वह ऐसा अपने एक्स बौयफ्रेंड के साथ बाकी लाइफ जीने के लिए ऐसा करती है. वेब सीरीज का हैप्पी एंडिंग के लिए जबरिया फिल्मांकन डायरेक्टर ने किया. पुलिस अधिकारी पिता उस की बेटी को बौयफ्रेंड के साथ भेजने के लिए तैयार हो जाता है.

वेब सीरीज में पौल के चाचा के जरिए ओटीटी में जाने के लिए डायरेक्टर ने कहानी को यहां फिर लंबा किया. चाचा की भूमिका वरुण वडोला ने निभाई है. उन का नाम मनिंदर ढिल्लन है, जिसे पुलिस अधिकारी मन्ना करते हैं. यहां ‘जवान’ फिल्म से काफी मेल खाता हुआ डायलौग सुनने को मिलता है. ढिल्लन को वेब सीरीज में रसूखदार दिखाया गया है. वह पौल की हत्या करने के लिए सुपारी देने वाले हैप्पी का पिता और पौल का चाचा है.

किरदार से भटके दिखे कलाकार

टीवी जगत में वरुण वडोला काफी चर्चित चेहरा है. लेकिन वेब सीरीज में वह अभिनय करने के दौरान कई जगहों पर जूझते हुए दिखाई दिए. इस में दोष कलाकार से ज्यादा डायरेक्टर को दिया जा सकता है कि वह सफल कलाकार के भीतर छिपी प्रतिभा का इस्तेमाल ही नहीं कर सके.

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