कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

अपनी योजना के मुताबिक पूनम अपने बच्चों के साथ 29 जनवरी, 2023 की सुबह बिंदकी कस्बा वाले घर आ गई. पूनम अपने प्रेमी अविनाश के संपर्क में थी और अमित की हर गतिविधि की जानकारी उसे मोबाइल फोन पर दे रही थी.

दिन कोलाहल में बीत गया. रात 8 बजे पूनम ने पति अमित व बच्चों के साथ खाना खाया. इस बीच पूनम ने किसी को आभास नहीं होने दिया कि वह कितने खतरनाक मंसूबे ले कर मुंबई से आई है.

खाना खाने के बाद पूनम मकान दूसरी मंजिल पर पहुंची. वहां एक कमरे में उस ने 10 वर्षीय बेटे व 8 वर्षीया बेटी को लिटा दिया तथा दूसरे कमरे में पूनम अमित के साथ लेट गई. कुछ देर बाद अमित तो खर्राटे मार कर सो गया, लेकिन पूनम की आंखों से नींद कोसों दूर थी.

पूनम फोन पर अविनाश के संपर्क में थी. रात 12 बजे के बाद शेरा अपने साथी केशव, मोहित, शीलू व अंशुल के साथ लोडर पर सवार हो कर आ गए और अमित के घर के आसपास छिप गए.

अविनाश व रामखेलावन पहले ही बाइक से पहुंच गए थे और रेकी कर रहे थे. रात एक बजे पूनम दूसरी मंजिल से उतर कर नीचे आई. उस ने मुख्य दरवाजा धीरे से खोल कर अपने जीजा रामखेलावन व प्रेमी अविनाश को घर के अंदर कर लिया.

अविनाश ने फोन कर सुपारी किलर अंकित उर्फ शेरा तथा उसके साथियों को भी घर के अंदर बुला लिया. फिर सधे कदमों से सभी दूसरी मंजिल पर पहुंच गए, जहां अमित गहरी नींद सो रहा था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...