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कमला ने खुलासा कर दिया कि उस का रमेश से पिछले एक साल से प्रेम प्रसंग चल रहा है. उस ने बताया कि वह अपने पति गिरधारी लाल को पसंद नहीं करती थी. वह रमेश से प्यार करती थी. रमेश भी उस से प्यार करता था. गिरधारी लाल की हत्या दुर्घटना लगे, इस कारण एक्सीडेंट करा कर गिरधारीलाल को मारना चाहते थे, ताकि हत्या न लग कर मौत मात्र दुर्घटना लगे.

कमला और रमेश की योजना थी कि गिरधारी लाल की मौत के बाद उन दोनों की शादी हो जाती. उन दोनों को प्यार मिल जाता और उन के प्यार में रोड़ा बना पति गिरधारी भी नहीं रहता. कमला के गिरधारी लाल हत्याकांड का जुर्म कुबूल करते ही पुलिस ने हत्यारोपी रमेश कुमार ढाका निवासी गौरी का बास, जयपुर (ग्रामीण) और हत्या में सहयोग करने वाले दूसरे आरोपी सुनील गढ़वाल निवासी गौरी का बास, जिला जयपुर (ग्रामीण) को गिरफ्तार कर लिया.

रमेश व सुनील गढ़वाल थाने में पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की. पूछताछ में गिरधारी लाल की हत्या करने का जुर्म रमेश व सुनील ने कुबूल कर लिया. रमेश कुमार, सुनील गढ़वाल एवं कमला उर्फ पूजा ने पुलिस पूछताछ में जो कहानी बताई, वह एक बीवी के हवस में अंधी हो कर पति के प्राण लेने की खून सनी कहानी है—

देवरभाभी के अवैध संबंध

जयपुर ग्रामीण में थाना गोविंदगढ़ के अंतर्गत एक गांव गौरी का बास आता है. इसी गांव में जीवणराम ढाका का परिवार रहता था. जीवणराम का छोटा बेटा गिरधारी लाल सुंदर व स्मार्ट युवक था. गिरधारी से बड़े भाई मालीराम की शादी होने के बाद जीवणराम जल्द से जल्द छोटे बेटे गिरधारी का विवाह कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते थे. जीवणराम ने गिरधारी के लिए योग्य वधू की खोज की. उन्हें एक रिश्तेदार ने कमला उर्फ पूजा के बारे में बताया.

वह रिश्तेदारी जानीपहचानी थी ही. सन 2019 में गिरधारी लाल की शादी कमला से कर दी. पतिपत्नी एकदूसरे से खूब प्यार करते थे. गिरधारी गांव से 2 किलोमीटर दूर मंडा रीको फैक्ट्री में मशीन औपरेटर के पद पर कार्यरत था. उस की 12 घंटे की ड्यूटी थी. कभी दिन में तो कभी रात में ड्यूटी लगती थी.

गिरधारी लाल पैदल ही गांव से 2 किलोमीटर दूर फैक्ट्री ड्यूटी पर जाता था. कमला और गिरधारी का दांपत्य जीवन खुशहाल बीत रहा था. पिछले साल गिरधारी की मौसी का बेटा रमेश कुमार एक दिन उस के घर आया. गिरधारी ने उस का स्वागत किया. रमेश उसी गांव का रहने वाला था. रमेश कंपिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रहा था. इस कारण वह गांव कम ही आता था.

इस अवैध संबंध कथा की बुनियाद तब धरी गई, जब जनवरी 2022 में रमेश गांव आया और मौसी के घर गया, तब उस ने गिरधारी की पत्नी कमला को देखा. वह रिश्ते में रमेश की भाभी लगती थी. गिरधारी ने कमला की मुलाकात रमेश से कराते हुए कहा, ‘‘कमला, यह तेरा लाडला देवर है. मेरी मौसी का बेटा. इस की खातिरदारी में कमी मत रखना. यह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगा रहता है.’’

पति के मुंह से यह सुन कर कमला ने एक निगाह रमेश पर डाली. रमेश उसी को ताके जा रहा था. कमला चाय बना लाई. चाय के दौरान गपशप होती रही. देवर होने के नाते रमेश ने कमला को छेड़ा भी. कमला भी रमेश को छेडऩे लगी. रमेश उस दिन कमला के घर से गया जरूर, मगर वह अपना दिल कमला भाभी के पास छोड़ गया. ऐसा ही कुछ हाल कमला का भी था. कमला को भी रमेश की बातें व उस की मस्त हंसी उस का दीवाना कर गई थी.

रमेश 2 दिन तक कमला को भुलाने की कोशिश करता रहा, मगर वह भुला नहीं पाया. तब रमेश 2 दिन बाद गिरधारी के ड्यूटी जाने के बाद उस के घर पर आया. उस समय कमला अकेली घर पर थी. कमला ने कहा, ‘‘आइए देवरजी.’’

“गिरधारी भैया नहीं दिख रहे. ड्यूटी पर चले गए क्या?’’ रमेश बोला.

“हां, वे तो ड्यूटी पर चले गए. कहिए उन से कोई काम था क्या?’’ कमला आंखें टेढ़ी कर के बोली.

“ना भाभी, कोई काम नहीं था. वैसे दिख नहीं रहे तब कह रहा हूं.’’

“अच्छा, कहिए क्या लेंगे? चाय या कौफी?’’ कमला ने मनुहार की.

रमेश बोला, ‘‘कुछ नहीं, चाय पी कर आया हूं. आप बैठिए, आप से कुछ बातें करते हैं.’’ इस के बाद दोनों इधरउधर की बातें करने लगे. बातों के दौरान रमेश ने कई बार कमला की सुंदरता की तारीफ की. कहते हैं महिला को अपनी तारीफ बहुत अच्छी लगती हैं. अपनी सुंदरता की तारीफ सुन कर कमला बोली, ‘‘रमेशजी, आप भी तो गबरू जवान हो. कोई सुंदर सी लडक़ी देख कर शादी कर लो.’’

“मुझे तो सुंदर आप लगी हैं और आप ने शादी कर ली. क्या भैया को छोड़ कर आप मेरी बन सकती हो?’’ रमेश ने कहा. सुन कर कमला बोली, ‘‘मैं आप की भाभी हूं. भाभी से प्रेम निवेदन सही नहीं है. अगर मैं चाहूं, तब भी आप से विवाह नहीं कर सकती.’’

“आप एक बार हां कहो तो सही. उस के बाद मैं सारे रास्ते खोल दूंगा. मैं ने जब से आप को देखा है, तब से कुछ भी अच्छा नहीं लगता.’’ रमेश ने कहा. थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद कमला व रमेश ने एक होने की कसम खा ली. रमेश ने कमला को बाहुपाश में भर लिया और उस पर चुंबनों की बौछार कर दी. कमला भी रमेश के बाहुपाश में बंध गई.

दोनों के तन पर एकदूसरे के हाथों का स्पर्श बढ़ा तो उन के तन में वासना की आग भडक़ उठी. इस के बाद दोनों ने अपनी हसरतें पूरी कर लीं. तब जा कर वासना की आग शांत हुई. उस दिन के बाद से कमला उर्फ पूजा और रमेश के अवैध संबंध इस पवित्र रिश्ते की आड़ में पनपते रहे. एक बार देवरभाभी के अवैध संबंध बने तो उसे अकसर दोहराने लगे.

पत्नी ने कराई हत्या

देवरभाभी का प्यार अमरबेल की तरह बढ़ता रहा. शारीरिक संबंध बनाने के बाद भी उन्हें इस की प्यास बनी रहती. रमेश और कमला ने एक साल में तय कर लिया कि वे अब शादी कर के साथ रहेंगे. लेकिन जब तक कमला उर्फ पूजा का पति गिरधारी लाल जीवित था, तब तक उन के लिए शादी करना सपने जैसा था.

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