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कमला ने एकांत के क्षणों में रमेश से कहा, ‘‘रमेश, ऐसा करो कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. गिरधारी की मौत भी हो जाए और लगे कि एक्सीडेंट में मौत हुई है.’’

“ऐसी बात है तो मैं गिरधारी की गाड़ी से कुचल हत्या कर डालता हूं और फिर नाता प्रथा के तहत तुम से शादी कर के अपनी गृहस्थी बसा कर मौज से रहेंगे,’’ रमेश ने कहा. सुन कर कमला बोली, ‘‘जल्दी से उस का काम तमाम करो. उसे मैं अब फूटी आंख नहीं देखना चाहती.’’

कमला और रमेश के प्यार में गिरधारी अब बाधा बनने लगा था. वह अपनी पत्नी कमला को रमेश के साथ हंसनेबोलने पर एवं मिलने पर डांटडपट करने लगा था. कमला ने रमेश से कहा कि जल्दी से जल्दी गिरधारी का काम तमाम सावधानी से करो, ताकि गिरधारी की हत्या एक्सीडेंट लगे.

रमेश का एक दोस्त था सुनील गढ़वाल. वह चौमूं के एक प्राइवेट अस्पताल में नौकरी करता था. इसी दोस्ती की कसम दे कर रमेश ने सुनील से मदद मांगी. रमेश ने कहा, ‘‘सुनील, मैं कमला से प्यार करता हूं और कमला भी मुझ से प्यार करती है. हम दोनों शादी करना चाहते हैं. मगर प्यार में उस का पति गिरधारी बाधा बना है. गिरधारी को हम गाड़ी से टक्कर मार कर मार डालते हैं. यह हत्या नहीं पुलिस के लिए एक एक्सीडेंट होगा. बाद में हम दोनों गिरधारी के न रहने पर शादी कर लेंगे.’’

सुनील अपने दोस्त को नाराज नहीं करना चाहता था. उस ने सोचा कि गिरधारी लाल को एक्सीडेंट में मार डालेंगे तो लगेगा ही नहीं कि उस की हत्या की गई है. योजनानुसार सुनील ने अपने परिचित हितेश से कार कुछ समय के लिए जरूरी काम का बहाना कर मांग ली थी. सुनील ने कार का जुगाड़ किया तो रमेश ने 3 फरवरी, 2023 की शाम साढ़े 7 बजे घर से ड्यूटी पर जा रहे गिरधारी लाल को सुनसान सडक़ पर रोक लिया और शराब पीने की इच्छा बताई.

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