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कानपुर नगर के थाना नर्वल के थाना प्रभारी रामऔतार को कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि नरौरा गांव के राजेश कुरील ने अपनी पत्नी तथा उस के आशिक की हत्या कर दी है. दोनों की लाशें उसी के घर में पड़ी हैं. सुबहसुबह डबल मर्डर की सूचना पा कर थाना प्रभारी विचलित हो उठे.

हालांकि कंट्रोल रूप से यह सूचना जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी मिल गई थी, फिर भी थाना प्रभारी ने घटना स्थल पर रवाना होने से पहले यह जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी. यह बात 11 अक्तूबर, 2019 की है.

थाना नर्वल से नरौरा गांव 7 किलोमीटर दूर था पुलिस आधे घंटे में घटनास्थल पर पहुंच गई. थानाप्रभारी जब राजेश के घर पहुंचे तो वहां सन्नाटा पसरा था. लग ही नहीं रहा था कि गांव में डबल मर्डर हुआ है. पासपड़ोस के लोग पुलिस देख कर सकते में थे और अपने घरों से बाहर झांक रहे थे. हेडकांस्टेबल रामसिंह ने राजेश के घर का दरवाजा थपथपाया तो उस ने ही दरवाजा खोला. वह पुलिस को देख बोला, ‘‘साहब, मैं ने ही आप को फोन किया था.’’

थानाप्रभारी जब पुलिस टीम के साथ घर के अंदर गए तो घर के आंगन में खून से लथपथ 2 लाशें पड़ी थीं. एक लाश युवक की थी जबकि दूसरी युवती की थी. दोनों को चाकू से गोदा गया था और गरदन रेती गई थी. कमरे से ले कर आंगन तक खून ही खून फैला था. देखने से ऐसा लग रहा था कि युवक को कमरे से घसीट कर आंगन तक लाया गया था.

युवक की उम्र 24-25 साल थी जबकि युवती की उम्र लगभग 35 वर्ष थी. दोनें की लाशें अर्धनग्नावस्था में थीं. युवक कच्छा बनियान पहने था, जबकि युवती पेटीकोट ब्लाउज में थी. ब्लाउज के हुक खुले थे. दोनों लाशों के बीच खून से सना चाकू भी पड़ा था. पुलिस ने चाकू अपने कब्जे में ले लिया.

थाना प्रभारी रामऔतार ने इस बारे में राजेश से पूछा तो उस ने बताया कि मृतका उस की पत्नी सुनीता है और मृतक मनीष है, जो औंग थाने के गलाथा गांव का रहने वाला है. रिश्ते में वह उस का फुफेरा भाई है. राजेश अपना जुर्म स्वीकार कर रहा था. थाना प्रभारी ने राजेश को हिरसत में ले लिया और मनीष के घर वालों को उस की मौत की सूचना भेज दी. सुनीता के मायके वालों को राजेश ने ही अपने मोबाइल से खबर दे दी थी.

राजेश का पिता मौजीलाल कुरील पास के ही मकान में रहता था. उसे इस मामले की जानकारी पुलिस के आने के बाद ही मिली थी. बेटे के इस कृत्य से वह बदहवास था. वह कभी राजेश को तो कभी उस के बच्चों को निहार रहा था.

राजेश के 2 बेटे मुकेश, सनी तथा एक बेटी कंचन थी. जब मातापिता ने बच्चों का खयाल रखना छोड़ दिया था तब बच्चों की देखभाल मौजीलाल करने लगा था. घटना के वक्त बच्चे उसी के घर में थे. तीनों बच्चे मां की मौत पर फूटफूट कर रो रहे थे.

अब तक दोहरे हत्याकांड की खबर नरौरा गांव में ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों में भी फैल गई थी. अत: थोड़ी देर में घटना स्थल पर देखने वालों की भीड़ जुट गई. मनीष के घरवाले भी आ गए थे और वह उस की लाश के पास फूटफूट कर रो रहे थे. लेकिन सुनीता के मायके से कोई नहीं आया था. उस के भाई अरविंद ने आने से साफ मना कर दिया था.

उसी दौरान एसएसपी अनंतदेव तिवारी तथा प्रद्युम्न सिंह आ गए. उन्होंने मौके पर फोरैंसिक टीम को भी बुलवा लिया. पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. उन्होंने मृतक मनीष के पिता कल्लू से पूछताछ की. कल्लू ने बताया कि मनीष के चचेरे भाई राजे का तिलक था. मनीष वैन से अपने मामा मौजीलाल व गोरे लाल को लेने नरौरा आया था. राजेश ने मनीष की हत्या क्यों की, इस का उसे कुछ पता नहीं.

पुलिस अधिकारियों ने कमरे का निरीक्षण किया तो जमीन पर बिछे बिस्तर पर खून के दाग थे. कमरे से ले कर आंगन तक खून फैला था. कमरे की खूंटी पर पैंटकमीज टंगी थी. पूछने पर कल्लू ने बताया कि वह पैंटकमीज मनीष की है.

पुलिस ने पैंटकमीज की जेबें खंगाली तो कमीज की जेब से ड्राइविंग लाइसेंस तथा पैंट की जेब से मृतक का पर्स तथा वैन की चाबी मिली. यह सामान पुलिस अधिकारियों ने कल्लू को सौंप दिया. कमरे से 2 मोबाइल फोन भी मिले जिस में एक सुनीता का था और दूसरा मनीष का. दोनों मोबाइल फोन पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिए.

फोरैंसिक टीम का काम निपट जाने के बाद पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए लाला लाजपतराय अस्पताल भिजवा दिए.

आरोपी राजेश कुरील को हिरासत में ले कर पुलिस थाने लौट गई. एसएसपी अनंतदेव तिवारी की मौजूदगी में थानाप्रभारी रामऔतार ने डबल मर्डर के संबंध में राजेश से पूछताछ की तो वह फफक पड़ा, ‘‘साहब, मेरी पत्नी सुनिता और मनीष के अवैध संबंधों की चर्चा घरपरिवार में ही नहीं बल्कि पूरे गांव में आम हो चुकी थी. मैं कई दिनों से घुटघुट कर जी रहा था. पत्नी से विरोध करता तो वह मारपीट और झगड़े पर उतारू हो जाती थी.

‘‘कई बार मन में आत्महत्या का विचार भी आया, लेकिन बच्चों की वजह से ऐसा नहीं किया. मना करने के बावजूद मनीष घर आया और रात में रुक गया. देर रात दोनों को रंगरलियां मनाते देख मेरे सिर पर खून सवार हो गया. विरोध करने पर दोनों मेरे ऊपर ही टूट पड़े. इस के बाद मैं ने झल्लाहट में और खुद को बचाने के लिए दोनों को चाकू मार दिए, फिर दोनों की गरदन रेत कर हत्या कर दी.’’

‘‘वे 2 थे और तुम अकेले. फिर दोनों की हत्या कैसे की, कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम्हारा साथ किसी और ने दिया हो?’’ एसएसपी साहब ने सवाल किया.

‘‘नहीं साहब, मेरे साथ दूसरा कोई नहीं था. दरअसल मनीष ज्यादा नशे में था. इसलिए जब मैं ने उसे कमर पर लात जमाई तो वह लड़खड़ा कर जमीन पर गिर पड़ा. उस के बाद मैं ने उस पर चाकू से वार किया और उसे कमरे से घसीट कर आंगन में लाया. फिर उस की गरदन रेत दी. सुनीता उसे बचाने आई तो मैं ने उस पर भी वार कर दिया और चाकू से गरदन रेत दी.’’ राजेश ने पूरी बात एसएसपी को बता दी.

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