Gujarat Crime Story: अदनान की बुरी आदतों से परेशान हो कर पिता ने उसे घर से ही नहीं निकाल दिया, बल्कि अपनी जायदाद से भी बेदखल कर दिया. इस के बाद अपना हक पाने के लिए अदनान ने जो किया, क्या वह उचित था.रोज की तरह शुक्रवार 20 मार्च, 2015 की रात लगभग 8 बजे फर्नीचर सामग्री के व्यापारी खुजेमा बैगवाला अपनी दुकान बंद कर के मोटरसाइकिल से सैफीनगर स्थित अपने घर की ओर चल पड़े. अलग मोटरसाइकिल से उन के 2 कर्मचारी भी उन के साथसाथ चल रहे थे. 57 वर्षीय खुजेमाभाई ने जैसे ही अपने मोहल्ले में प्रवेश किया, अचानक एक मोटरसाइकिल उन के बराबर में आई, जिस पर 2 लोग सवार थे. मोटरसाइकिल चला रहे व्यक्ति ने हेलमेट पहन रखा था, जबकि पीछे बैठे व्यक्ति ने अपने चेहरे पर कपड़ा बांध रखा था.
उस के पीछे एक अन्य मोटरसाइकिल पर अपने चेहरों पर कपड़े बांधे 2 युवक और चल रहे थे. दोनों मोटरसाइकिलें खुजेमाभाई के करीब आईं तो उन चारों में से किसी ने चिल्ला कर कहा, ‘यही है खुजेमा?’ उस का इतना कहना था कि खुजेमाभाई कुछ समझ पाते, उन के बगल चल रही मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे व्यक्ति ने तमंचा निकाला और उन पर गोली चला दी. गोली खुजेमाभाई के बाएं कान के पास लगी. गोली लगते ही वह मोटरसाइकिल सहित सड़क पर गिर पड़े और बेहोश हो गए.
आसपास के लोग मामला समझ पाते, खुजेमाभाई पर हमला करने वाले दोनों मोटरसाइकिल सवार फरार हो गए. खुजेमाभाई के साथ चल रहे उन के दोनों कर्मचारी घबरा गए. तुरंत भीड़ लग गई. एंबुलैंस को फोन किया गया. एंबुलैंस आई, साथ आए डाक्टर ने खुजेमा की जांच की. गोली बाईं ओर कान के पास लगी थी, जिस से खून बह रहा था. खुजेमा की सांस चल रही थी. उन्हें तुरंत घटनास्थल से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित इंदौर के चोईराम अस्पताल ले जाया गया. खुजेमाभाई को तुरंत भरती कर के औपरेशन की तैयारी शुरू कर दी गई. घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को भी दे दी गई थी, जिस से घटनास्थल से संबंधित थाना जूनी के थानाप्रभारी पवन सिंघल तो अस्पताल पहुंचे ही, अन्य पुलिस अधिकारी भी धीरेधीरे वहां पहुंचने लगे. अस्पताल के डाक्टरों ने तुरंत औपरेशन कर के खुजेमाभाई के कान के पास फंसी गोली, जो खोखे सहित थी, निकाल लिया था.






