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चारों तरफ घुप अंधेरा था. आसमान में बादल छाए थे और हलकी बूंदाबांदी हो रही थी. रात के 10 बज चुके थे. गांव के अधिकांश लोग गहरी नींद में थे. चारों ओर सन्नाटा पसरा था. श्याम नारायण मिश्रा की बेटी रीना को छोड़ कर उन के घर के सभी सदस्य सो गए थे. लेकिन रीना की आंखों से नींद कोसों दूर थी. वह चारपाई पर लेटी बेचैनी से इधरउधर करवटें बदल रही थी.

जब रीना को इत्मीनान हो गया कि घर के सभी लोग सो गए हैं तो वह चारपाई से आहिस्ता से उठी और दबे पांव दरवाजे की कुंडी खोल कर घर के बाहर पहुंच गई. घर के पड़ोस में रहने वाला अक्षय कुमार उर्फ छोटू बाहर खड़ा उस का इंतजार कर रहा था. रीना उस के पास पहुंची तो वह मुसकराते हुए फुसफुसाया, ‘‘आज आने में बड़ी देर कर दी, मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं.’’

रीना ने एकदम उस के करीब आ कर हौले से कहा, ‘‘घर के लोग जाग रहे थे, इसलिए घर से निकल नहीं सकी. सब के सो जाने के बाद आने का मौका मिला’’

‘‘मुझे तो लग रहा था कि आज तुम नहीं आओगी.’’ अक्षय ने रीना का हाथ पकड़ कर कहा.

‘‘ऐसा कैसे हो सकता है अक्षय कि तुम बुलाओ और मैं न आऊं. तुम्हारे लिए तो मैं अपनी जान भी दे सकती हूं.’’ रीना ने अपना सिर अक्षय के सीने पर सटा कर कहा.

‘‘ऐसी बातें मत करो रीना, हमें जिंदा रहना है और अपने प्यार की दास्तान भी लिखनी है.’’ कहते हुए अक्षय ने रीना को अपनी बांहों में कैद कर लिया.

उत्तर प्रदेश के जिला आजमगढ़ के थाना पवई के अंतर्गत एक गांव है सौदमा पवई. आजमगढ़ जाने वाली सड़क के किनारे बसे इस गांव की आबादी मिलीजुली है. इसी सौदमा गांव में श्याम नारायण मिश्रा अपने परिवार के साथ रहते थे. उन के परिवार में पत्नी सुमन के अलावा 3 बेटे रत्नेश, उमेश, पिंकू तथा एक बेटी रीना थी. श्याम नारायण किसान थे. उन के बेटे खेती के काम में उन की मदद करते थे. श्याम नारायण गांव में श्याम पंडित के नाम से मशहूर थे.

रीना मिश्रा 3 भाइयों के बीच अकेली बहन थी, सब से छोटी भी, इसलिए सभी उसे स्नेह देते थे. रीना ने बचपन का आंगन लांघ कर यौवन की दहलीज पर कदम रख दिया था. उस का रंग तो सांवला था लेकिन आकर्षण गजब का था. उम्र का 16वां साल पार करते ही उस के रूपलावण्य में जो निखार आया, वह देखते ही बनता था.

श्याम नारायण मिश्रा के घर के ठीक सामने उदयराज मिश्रा का मकान था. उदयराज मिश्रा के परिवार में पत्नी किरन के अलावा 2 बेटे अजय कुमार, अक्षय कुमार तथा बेटी गरिमा थी. बेटी की उन्होंने शादी कर दी थी. उदयराज भी किसान थे.

श्याम नारायण मिश्रा और उदयराज के परिवारों में निकटता थी. दोनों परिवार एकदूसरे के सुखदुख में भागीदार रहते थे. परिवार की महिलाओं व बच्चों का बेरोकटोक एकदूसरे के घर आनाजाना था. रीना और अक्षय की उम्र में 4 साल का अंतर था. रीना 17 साल की उम्र पार कर चुकी थी, वहीं अक्षय 22 साल का हो चुका था.

रीना कभी मां के साथ तो कभी अकेले अक्षय के घर जाती थी. वह जब भी अक्षय के घर आती, अक्षय से पढ़ाई से संबंधित बातें कर लेती थी. बातचीत करते दोनों हंसीठिठोली भी करते तथा एकदूसरे को चिढ़ाते भी थे.

रीना और अक्षय दोनों ही युवा थे. इस उम्र में मन कुलांचे भरता है. दिल में किसी की चाहत पाने की तमन्ना होती है अत: दोनों का रुझान एकदूसरे के प्रति हो गया. मन ही मन वे आपस में प्यार करने लगे.

एक दिन बात करतेकरते अक्षय का मन मचला. उस ने रीना का हाथ पकड़ लिया. वह कुछ नहीं बोली. अक्षय अपने स्थान से उठ कर रीना से सट कर बैठ गया. रीना तब भी मुसकराती रही.

अक्षय के हौसले को हवा मिली तो उस ने रीना का चेहरा हथेलियों में ले लिया. विरोध करने के बजाय रीना मुसकराती रही.

अक्षय ने उस के होंठों की ओर होंठ बढ़ाए तो रीना ने हया से नजरें झुका लीं. होंठों से होंठों का मिलाप हुआ तो रोमांचित हो कर रीना ने आंखें बंद कर लीं. अक्षय ने रीना के होंठों से अपने होंठ अलग किए, तो रीना ने आंखें खोलीं. शरारती अंदाज में होंठों पर जीभ फिराई और मुसकराने लगी.

रीना के इस कातिलाना अंदाज पर अक्षय सौसौ जान से न्यौछावर हो गया.  दोस्ती बदल गई प्यार में  शुरू में अक्षय और रीना के बीच महज दोस्ती थी. लेकिन समय के साथ इस रिश्ते ने कब प्यार का रूप धारण कर लिया, इस का पता न तो अक्षय को लगा और न ही रीना को. दोनों उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच चुके थे, जहां महत्त्वाकांक्षाएं हिलोरें मारने लगती हैं. मन में कुछ नया करने की उत्सुकता जाग उठती है. अक्षय को अब रीना सिर्फ दोस्त ही नहीं, बल्कि और भी बहुत कुछ लगने लगी थी. इसलिए वह रीना से बातें करते समय बेहद संजीदा हो जाता था.

रीना भी अक्षय में आए बदलाव से अनभिज्ञ नहीं थी. उस की शोख निगाहें जब अक्षय की निगाहों से टकरातीं तो उस के दिल में गुदगुदी सी होने लगती थी. उस का भी मन चाहता था कि अक्षय इसी तरह प्यार भरी निगाहों से उसे निहारता रहे.

दोनों पर प्यार का ऐसा नशा चढ़ा कि उन्हें एकदूसरे के बिना सब कुछ सूना लगने लगा. दोनों घंटों बैठ कर भविष्य की योजनाएं बनाते रहते. साथ जीनेमरने की कसमें भी खाते.

एक रोज अक्षय को जानकारी मिली कि रीना के मातापिता कहीं रिश्तेदारी में गए हैं और भाई खेत पर काम कर रहा है. उचित मौका देख अक्षय पासपड़ोस के लोगों की नजरों से बचते रीना के घर पहुंच गया.

घर के अंदर पहुंचते ही उस ने मुख्य दरवाजा बंद किया और फिर रीना को अपनी बांहों में जकड़ लिया. रीना कसमसाई और बनावटी विरोध भी किया. लेकिन अक्षय ने उसे मुक्त नहीं किया.

आखिर रीना ने भी शरीर ढीला छोड़ कर उस का साथ देना शुरू कर दिया. इस के बाद उन्होंने अपनी हसरतें पूरी कीं. फिर तो यह सिलसिला चल निकला. मौका मिलते ही दोनों अपनी हसरतें पूरी कर लेते थे.

दोनों रीना और अक्षय ने लाख कोशिश की कि उन के प्रेम संबंधों की भनक किसी को न लगे, लेकिन प्यार की महक को भला कौन रोक पाया. वह तो स्वयं ही फिजा में तैरने लगती है. एक रोज गांव के एक युवक ने शाम के वक्त दोनों को गांव के बाहर बगीचे में हंसीठिठोली करते देख लिया. उस युवक ने यह बात रीना के पिता श्याम नारायण मिश्रा को बता दी.

पिता को उस की बातों पर एक बार को तो विश्वास नहीं हुआ. उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि उन की बेटी कोई ऐसा कदम उठाएगी, जिस के कारण उन का सिर शर्म से झुक जाए. श्याम नारायण ने इस बारे में घर में किसी से कुछ नहीं कहा, लेकिन रीना की निगरानी करने लगे.

पिता ने पकड़ा रंगेहाथों एक दिन श्याम नारायण ने खुद रीना को अक्षय से एकांत में मिलते देख लिया. प्रेमी से मिलने के बाद रीना जब घर लौटी तो उन्होंने उसे न केवल जम कर लताड़ा, बल्कि उस की पिटाई भी कर दी. उन्होंने उसे हिदायत दी कि आज के बाद अगर उस ने अक्षय से मिलने की कोशिश की तो उस के लिए अच्छा नहीं होगा.

रीना की मां सुमन ने भी समाज का हवाला दे कर रीना को समझाया, ‘‘बेटी, अक्षय पड़ोसी है. हमारे ही खानदान का है. हम दोनों एक ही गोत्र के हैं. इस नाते तुम दोनों का रिश्ता भाईबहन का है. इसलिए तेरा उस से मेलजोल बढ़ाना ठीक नहीं है.’’

इस के बाद श्याम नारायण मिश्रा और सुमन ने अक्षय का अपने घर आना तथा रीना का अक्षय के घर जाना बंद कर दिया.

जब दो प्रेमियों के बीच पाबंदियां लगीं तो वे बुरी तरह छटपटाने लगे. दरअसल रीना अक्षय के दिलोदिमाग पर नशा बन कर छा चुकी थी. उस की सांवली सूरत ने अक्षय पर जादू सा कर दिया था. वही हाल रीना का भी था. वह भी अक्षय से एक पल को भी जुदा नहीं होना चाहती थी.

दोनों की प्रेम लगन बढ़ती गई तो उन्होंने मिलने का एक अनोखा रास्ता खोज लिया. एक दिन अक्षय ने रीना को संदेश भिजवाया कि वह रात को 10 बजे के बाद घर के बाहर गली में उस का इंतजार करेगा.

ग्रामीण परिवेश के लोग रात को जल्द सो जाते हैं और सुबह जल्दी उठते हैं. रीना के घर वाले भी जब रात 10 बजे तक गहरी नींद सो गए तो वह दबे पांव कुंडी खोल कर घर के बाहर चली गई, जहां अक्षय उस का इंतजार कर रहा था.

दोनों ने गिलेशिकवे दूर किए और घर से कुछ दूरी पर स्थित सहकारी भवन में पहुंच गए. वहां किसी के आने या देख लेने की आशंका नहीं थी. अपनी हसरतें पूरी करने के बाद दोनों अपनेअपने घर चले गए. उन के आनेजाने की किसी को भनक तक नहीं लगी. इस के बाद तो उन का वहां मिलने का सिलसिला ही चल पड़ा.

अक्षय और रीना मिलने में भले ही सतर्कता बरतते थे, लेकिन इस के बावजूद वे पकड़े गए. दरअसल एक रात रीना ने जैसे ही दरवाजे की कुंडी खोली, तभी श्याम नारायण की आंखें खुल गईं. वह उठे तो उन्हें दरवाजे पर एक साया दिखाई दिया. वह उस जगह पहुंचे तो रीना खड़ी थी.

श्याम नारायण को समझते देर नहीं लगी कि रीना घर के बाहर जा रही थी. उन्होंने सामने गली की ओर नजर डाली तो वहां एक युवक खड़ा था. वह उस की ओर लपके तो वह वहां से भाग कर अंधेरे में गुम हो गया. श्याम नारायण को समझते देर नहीं लगी कि भागने वाला युवक अक्षय था.

श्याम नारायण का गुस्सा सातवें आसमान जा पहुंचा. उन्होंने रीना का हाथ पकड़ा और घसीटते हुए घर के अंदर ले आए. उन्होंने उस की जम कर पिटाई की. रीना रात भर कराहती रही.

सुबह होते ही श्याम नारायण पड़ोसी उदयराज के घर जा पहुंचे. उन्होंने उदयराज को धमकाया कि वह अपने आवारा लड़के अक्षय को समझा लें, वह हमारी बेटी रीना को बरगला रहा है. जिस दिन वह रीना के साथ दिख गया, उस दिन बहुत बुरा होगा.

उदयराज सुलझा हुआ इंसान था. उस ने श्याम नारायण की शिकायत बेहद गंभीरता से ली और भरोसा दिया कि वह अक्षय को डांटडपट कर तथा समझा कर रीना से दूर रहने की नसीहत देगा. साथ ही उस ने श्याम नारायण को भी सलाह दी कि वह भी रीना को प्यार से समझाए कि वह अक्षय से बात न करे.

दोपहर बाद अक्षय घर आया तो उदयराज ने उसे आड़े हाथों लिया. उस ने अक्षय को डांटा तथा रीना से दूर रहने की नसीहत दी. इस पर अक्षय ने पिता को बताया कि वह रीना से प्यार करता है और रीना भी उसे चाहती है. वे दोनों शादी करना चाहते हैं.

बेटे की यह बात सुनकर उदयराज ने उसे  बहुत लताड़ा. उन्होंने साफ कह दिया कि दोनों का गोत्र एक है, इसलिए उन की शादी नहीं हो सकती.

उधर रीना और अक्षय प्यार के उस मोड़ पर पहुंच गए थे, जहां से उन का वापस आना नामुमकिन था. इसलिए घर वालों की नसीहत का उन पर स्थाई असर नहीं हुआ. चोरीछिपे दोनों मिलते रहे. उन्हें जब जैसे घरबाहर जहां भी मौका मिलता, मिल लेते.

घर वालों की सतर्कता रह गई धरी की धरी लेकिन सतर्कता के बावजूद एक रात वे दोनों फिर पकड़े गए. हुआ यह कि श्याम नारायण और उन के बेटे रिश्तेदारी में एक शादी समारोह में शामिल होने मीरजापुर गए थे. घर पर सुमन और रीना ही रह गई थी.

शाम को रीना ने खाना बनाया. उस ने पहले मां को खाना खिलाया फिर खाना खा कर घर का काम निपटाया. इस के बाद वह मां के साथ चारपाई पर लेट गई. सुमन तो कुछ देर बाद सो गई लेकिन रीना की आंखों से नींद कोसों दूर थी. उसे रहरह कर प्रेमी अक्षय की याद आ रही थी.

रीना की जब बेचैनी बढ़ी तो वह छत पर पहुंच कर टहलने लगी. उसी समय उस की निगाह अक्षय पर पड़ी. वह भी अपनी छत पर चहलकदमी कर रहा था. उसे देखते ही रीना की उस से मिलने की कामना बढ़ गई. उस ने एक कंकड़ फेंक कर अक्षय का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. जब अक्षय ने उस की तरफ देखा तो उस ने उसे अपनी छत पर आने का इशारा किया.

इशारा पाते ही अक्षय अपनी छत से नीचे उतर आया. इस के बाद रीना छत से उतर कर नीचे आई और दरवाजे की कुंडी खोल कर अक्षय को अपनी छत पर ले गई. वहां दोनों मौजमस्ती में लग गए.

उसी दौरान रीना की मां सुमन की आंखें खुलीं. चारपाई पर रीना को न देख कर उस का माथा ठनका. उस ने रीना की घर में खोज की. जब वह नहीं दिखी तो वह छत पर पहुंची. छत का दृश्य देख कर सुमन आश्चर्यचकित रह गई. छत पर रीना और अक्षय आपत्तिजनक अवस्था में थे.

सुमन को देख कर अक्षय तो जैसेतैसे कपड़े लपेट कर अपने घर चला गया, पर रीना कहां जाती. सुमन उस के बाल पकड़ कर खींचते हुए छत से नीचे लाई. फिर उस के गाल पर 4-5 तमाचे जड़ दिए और खूब खरीखोटी सुनाई.

सुमन शब्दों के तीर से रीना का सीना छलती करती रही और रीना अपराधबोध से सब सहती रही. सुबह मांबेटी में इतनी नफरत भर गई कि दोनों ने एकदूसरे का मुंह देखना तक मुनासिब नहीं समझा.

दोनों ही अलगअलग कमरे में पड़ी रोती रहीं. उस रोज घर में खाना भी नहीं बना. दूसरे दिन श्याम नारायण अपने बेटों के साथ वापस घर आ गए. घर में कलह न हो इसलिए सुमन ने पति को यह जानकारी नहीं दी.

सुमन अब रीना पर पैनी नजर रखने लगी थी. दिन की बात तो छोडि़ए, रात को भी वह उस की निगरानी रखती थी. लेकिन शातिर रीना मां की आंखों में धूल झोंक कर प्रेमी से मिल ही लेती थी. परंतु अपनी निगरानी से सुमन यह समझने लगी थी कि रीना और अक्षय का मेलजोल अब बंद हो गया है.

23 जून, 2019 को पड़ोस के गांव में एक यज्ञ का आयोजन था. श्याम नारायण तथा उन के बेटे इस आयोजन में शामिल होने के लिए रात 8 बजे अपने घर से चले गए. सुमन भी खाना खा कर चारपाई पर पसर गई. कुछ देर बाद वह गहरी नींद में सो गई.

रीना ने उचित मौका देखा और अपने प्रेमी अक्षय को घर बुला लिया. इस के बाद वह कमरे में जा कर प्रेमी के साथ मौजमस्ती में लग गई.

इसी बीच श्याम नारायण यज्ञ आयोजन से घर वापस आ गया. दरअसल उन्हें नींद आ रही थी. घर पहुंच कर उन्होंने दरवाजे पर दस्तक दी तो दरवाजा खुल गया. कमरे के अंदर का दृश्य देख कर श्याम नारायण का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया.

कमरे के अंदर रीना और अक्षय आपत्तिजनक स्थिति में थे. श्याम नारायण ने अक्षय को जोर से लात जमाई तो वह लड़खड़ा कर उठा और वहां से अर्धनग्न अवस्था में ही वहां से भाग गया. इस के बाद उन्होंने रीना की जम कर पिटाई की और भद्दीभद्दी गालियां दीं.

बाप की पिटाई ने आग में घी डालने जैसा काम किया. रीना के मन में अब बाप के प्रति नफरत की आग भड़क उठी. उस ने मन ही मन निश्चय कर लिया कि वह प्रेमी की मदद से बाप को सबक जरूर सिखाएगी. उस ने यह भी निश्चय कर लिया कि यदि दोबारा बाप ने हाथ उठाया तो वह मुंहतोड़ जवाब देगी.

26 जून, 2019 की सुबह जब पिता व भाई खेत पर काम करने चले गए और मां खाना बनाने में लग गई तब रीना दबे पांव घर से निकली और बिना किसी डर के उस ने गली के मोड़ पर खड़े अक्षय से मुलाकात की. वह गंभीर हो कर बोली, ‘‘अक्षय, मैं तुम से बेहद प्यार करती हूं और तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रहना चाहती. लेकिन मेरा बाप हम दोनों के प्यार में रोड़ा बन रहा है. मैं चाहती हूं कि…’’

‘‘क्या चाहती हो तुम?’’ अक्षय उस की बात पूरी होने से पहले ही बोल पड़ा.

‘‘यही कि इस रोड़े को हमेशा के लिए हटा दो ताकि हमारी मुलाकात में कोई अड़चन न आए.’’ वह बोली.

‘‘तुम ठीक कह रही हो रीना. मैं तुम्हारा साथ जरूर दूंगा. मैं भी उस की लात अभी तक भूला नहीं हूं. जो उस ने मेरी पीठ पर जमाई थी.’’ अक्षय ने कहा.

इस के बाद रीना और अक्षय ने मिल कर श्याम नारायण की हत्या की योजना बनाई. योजना के तहत अक्षय पवई गया और एक मैडिकल स्टोर से नींद की गोलियां ला कर रीना को दे दीं.

योजना के तहत रीना ने 27 जून, 2019 की शाम खाना बनाने के बाद नशीली गोलियां खाने में मिला दीं. इस के बाद उसे छोड़ कर परिवार के सभी सदस्यों ने खाना खाया और अलगअलग चारपाई पर जा कर सो गए.

श्याम नारायण मिश्रा घर के बाहर मड़ई (झोपड़ी) में सोने चले गए. वह वहीं सोते थे. थोड़ी देर बाद नींद की गोलियों के असर से परिवार के लोग गहरी नींद में चले गए. लेकिन रीना की आंखों में नींद नहीं थी. वह तो प्रेमी के आने का इंतजार कर रही थी.

रात करीब 12 बजे अक्षय रीना के घर के बाहर आया. रीना को संकेत देने के लिए उस ने रीना के घर के बाहर सड़क किनारे लगा हैंडपंप चलाया. रीना हैंडपंप की आवाज सुन कर बाहर निकल आई और अक्षय को घर में ले गई. अक्षय ने रीना से पूछा कि मर्डर किस हथियार से करना है. इस पर रीना घर से फावड़ा व खुरपी ले आई.

फिर दोनों श्याम नारायण की चारपाई के पास पहुंचे. रीना ने गहरी नींद में सो रहे पिता पर एक नजर डाली, फिर दोनों श्याम नारायण पर टूट पड़े. अक्षय ने फावड़े से श्याम नारायण के सिर, चेहरे व शरीर के अन्य हिस्सों पर प्रहार किया. वहीं रीना ने खुरपी से बाप के गले पर प्रहार कर जख्मी कर दिया. श्याम नारायण के लहूलुहान होने पर खून के छींटे दोनों के कपड़ों पर भी पडे़. कुछ देर तड़पने के बाद श्याम नारायण ने दम तोड़ दिया.

हत्या कर शव लगाया ठिकाने हत्या करने के बाद रीना और अक्षय ने लाश ठिकाने लगाने की सोची. रीना के घर के बगल में एक संकरी गली थी, जिस के बीच नाली थी. दोनों ने इसी नाली में लाश छिपाने की योजना बनाई. योजना के तहत रीना ने दोनों हाथ तथा अक्षय ने दोनों पैर पकड़े और शव संकरी गली में बनी नाली में फेंक दिया. शव के ऊपर उन्होंने खरपतवार डाल दी, जिस से शव न दिखे.

शव ठिकाने लगाने के बाद रीना व अक्षय ने खून सना फावड़ा व खुरपी घर के अंदर भूसे की कोठरी में छिपा दी तथा घटनास्थल से खून आदि साफ कर दिया. रीना ने पिता का मोबाइल, चार्जर तथा चुनौटी (तंबाकू, चूना रखने की डब्बी) रसोई में ले जा गैस के पास रख दी. फिर बाथरूम में खून सने कपड़े उतारे और हाथों में लगा खून साफ किया. कपड़े उस ने घर में ही छिपा दिए और चारपाई पर जा कर लेट गई.

उधर अक्षय ने हैंडपंप से खून सने हाथ साफ किए तथा खून सने कपड़े उतार कर दूसरे पहन लिए. खून सने कपड़े उस ने गांव के बाहर झाडि़यों में छिपा दिए. इस के बाद वह इत्मीनान से घर के बाहर पड़ी चारपाई पर आ कर सो गया.

सुबह अलसाई आंखों से सुमन देर से जागी. वह चाय बनाने रसोई में पहुंची तो वहां पति का मोबाइल, चार्जर व चुनौटी रखी थी. सामान देख कर वह असमंजस में पड़ गई, फिर सोचा कि शायद वह भूल गए होंगे.

चाय बना कर वह बाहर आई तो देखा पति चारपाई पर नहीं हैं. उस ने घर के अंदर सो रहे बेटों तथा बेटी रीना को उठाया और बताया कि उन के पापा पता नहीं कहां चले गए हैं? कुछ ही देर बाद श्याम नारायण मिश्रा के गायब हो जाने का हल्ला पूरे गांव में मच गया.

श्याम नारायण मिश्रा की तलाश शुरू हुई तो उसी खोजबीन में किसी ने उन की लाश घर के बगल में संकरी गली में नाली में पड़ी देखी. लाश के ऊपर जो घासफूस डाली गई थी, जो पानी में बह गई थी.

लाश मिलते ही घर में कोहराम मच गया. सुमन मिश्रा दहाड़ें मार कर रोने लगी. परिवार के अन्य सदस्य भी रोनेपीटने लगे. इसी बीच गांव के किसी व्यक्ति ने थाना पवई पुलिस को सूचना दे दी. सूचना पाते ही थानाप्रभारी संजय कुमार पुलिस टीम के साथ सौदमा गांव आ गए.

उन्होंने घटना की सूचना पुलिस अधिकारियों को भी दे दी, फिर शव को नाली से बाहर निकलवाया. श्याम नारायण मिश्रा की हत्या बड़ी बेरहमी से की गई थी. उन के शरीर पर किसी धारदार हथियार से प्रहार कर मौत के घाट उतारा गया था. उन के सिर, चेहरा व शरीर के अन्य भागों पर एक दरजन से अधिक चोटें थीं.

थानाप्रभारी अभी निरीक्षण कर ही रहे थे कि सूचना पा कर एसपी त्रिवेणी सिंह, एसपी (यातायात) मोहम्मद तारिक तथा सीओ (फूलपुर) शिवशंकर सिंह आ गए. पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया तथा परिजनों से पूछताछ की. अधिकारियों ने थानाप्रभारी को आदेश दिया कि वह शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजें और घटना का जल्द खुलासा करें.

आदेश पाते ही थानाप्रभारी ने शव को पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया और मृतक की पत्नी सुमन, बेटी रीना तथा बेटों रत्नेश, रमेश व पिंकू से पूछताछ की. सभी ने हत्या से अनभिज्ञता जाहिर की.

इसी बीच थानाप्रभारी को पता चला कि मृतक की बेटी रीना और पड़ोसी युवक अक्षय के बीच प्रेम संबंध हैं, जिस का श्याम नारायण विरोध करते थे. हत्या का रहस्य इन्हीं दोनों के पेट में छिपा है. यदि दोनों से सख्ती से पूछताछ की जाए तो भेद खुल सकता है.

दोनों प्रेमी हुए गिरफ्तार यह जानकारी मिलते ही पहली जुलाई, 2019 को थानाप्रभारी संजय कुमार ने रीना और उस के प्रेमी अक्षय को हिरासत में ले लिया. थाना पवई ला कर जब दोनों से श्याम नारायण की हत्या के संबंध में सख्ती से पूछा गया तो दोनों टूट गए और हत्या का जुर्म कबूल कर लिया.

रीना की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त फावड़ा, खुरपी तथा खून सने कपड़े बरामद कर लिए.

अक्षय की निशानदेही पर पुलिस ने उस के खून से सने कपड़े बरामद कर लिए जिन्हें उस ने झाडि़यों में छिपा दिया था. मृतक का मोबाइल, चार्जर, चुनौटी भी पुलिस ने बरामद कर ली. बरामद सामान को पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर जाब्ते में शामिल कर लिया.

चूंकि अभियुक्तों ने हत्या का जुर्म कबूल कर लिया था, अत: थानाप्रभारी संजय कुमार ने मृतक की पत्नी सुमन मिश्रा की तरफ से रीना और अक्षय के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 201 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें बंदी बना लिया.

अभियुक्तों से एसपी त्रिवेणी सिंह ने भी पूछताछ की और उन्हें मीडिया के समक्ष पेश कर घटना का खुलासा किया. 2 जुलाई, 2019 को थाना पवई पुलिस ने अभियुक्त रीना व अक्षय को आजमगढ़ कोर्ट में रिमांड मजिस्ट्रैट के सामने पेश किया, जहां से उन्हें जिला कारागार भेज दिया गया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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