पिंकी जिम ट्रेनर रोशन को दिलोजान से प्यार करती थी. इस के बावजूद उस के पिता शंकर लाल ने मरजी के खिलाफ उस की शादी मुकेश से कर दी. शादी के 5 दिन बाद ही पिंकी अपने प्रेमी रोशन के साथ भाग गई. इस के बाद भी ऐसा क्या हुआ कि उस की प्रेम कहानी अधूरी ही रह गई?

इसी साल 16 फरवरी को बसंत पंचमी थी. उस दिन अबूझ सावा था. कोरोना के कारण पूरे देश में बहुत सी शादियां अटकी हुई थीं. इस का कारण था कि

शादियों के लिए सरकार ने लौकडाउन खुलने के बाद शादी समारोह में केवल 50 लोगों के शामिल होने की ही अनुमति दी थी. हालांकि बाद में कुछ राज्यों में 100 लोगों तक की छूट दे दी गई.

राजस्थान में कोरोना का संक्रमण कुछ कम होने पर इस साल जनवरी में राज्य सरकार ने शादी समारोह में 200 लोगों के शामिल होने की अनुमति दे दी थी. इस से करीब 10 महीने बाद शादियों में रौनक बढ़ गई थी. इस से पहले कोरोनाकाल में जो शादियां हो रही थीं, उन में केवल घरपरिवार के लोग और नजदीकी रिश्तेदार ही शामिल हो पा रहे थे.

बसंत पंचमी पर अबूझ सावा होने और छूट का दायरा बढ़ने के कारण सभी जगह शादियों की धूम मची हुई थी. राजस्थान के दौसा शहर में शंकर लाल सैनी की बेटी पिंकी की शादी थी. उस की शादी के लिए दौसा जिले के ही लालसोट इलाके से मुकेश (बदला हुआ नाम) की बारात आई थी.

दौसा शहर के रामकुंड इलाके में रहने वाले शंकर लाल ने अपनी हैसियत के मुताबिक बारात की आवभगत की. निकासी के बाद बारात जब शंकर लाल के मकान की दहलीज पर पहुंची, तो शादी के लाल जोड़े में सजी पिंकी की सहेलियां दूल्हे को देख कर पिंकी को छेड़ने लगीं.

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