Rajasthan News: अणछी और नाथू सिंह बेरोकटोक मजे से रंगरलियां मना रहे थे. अचानक ऐसा क्या हुआ कि अणछी और नाथू सिंह को हत्या जैसा अपराध करने को मजबूर होना पड़ा. राजस्थान के जिला राजसमंद के थाना खमनेर के एएसआई रामचंद्र औफिस के सामने गुनगुनी धूप में खड़े मौसम का आनंद ले रहे थे, तभी गांव ढीमड़ी से शंभू सिंह ने फोन द्वारा सूचना दी कि ग्रामपंचायत उनवास के गांव ढीमड़ी के एक बाड़े में एक बूढ़े की लाश पड़ी है.

घटना की गंभीरता को देखते हुए एएसआई रामचंद्र ने तत्काल हत्या की यह सूचना थानाप्रभारी रमेश कविया को दी. पुलिस अधिकारियों को सूचना दे कर थानाप्रभारी रमेश कविया पुलिस बल के साथ घटनास्थल की ओर रवाना हो गए. यह 23 जुलाई, 2014 की सुबह की बात थी. पुलिस जीप उनवास पहुंची तो घटनास्थल के बारे में पता लगाने के लिए थानाप्रभारी रमेश कविया ने गायभैंस का झुंड ले कर जा रहे एक बूढ़े से पूछा, ‘‘दादा, ये ढीमड़ी में लाश कहां मिली है?’’

‘‘सीधे चले जाओ, जहां भीड़ दिखाई दे, वहीं बाड़े में लाश पड़ी है.’’ बूढ़े ने कहा.

जीप थोड़ा आगे बढ़ी तो पुलिस को रोने की आवाज सुनाई दी. थानाप्रभारी ने जीप रुकवाई और पैदल ही वहां पहुंच गए, जहां से रोने की आवाज आ रही थी. लाश वहीं एक बाड़े में पड़ी थी. घटनास्थल के निरीक्षण में उन्होंने देखा कि जूते और कपड़े इधरउधर बिखरे पड़े थे. वहीं एक लाश पड़ी थी. पूछने पर पता चला कि मृतक का नाम किशन सिंह था. दीवार पर खून के छींटे पड़े थे. मृतक की उम्र 70 साल के आसपास थी. सिर पर किसी भारी चीज से वार कर के हत्या की गई थी. सिर फट जाने की वजह से उस का चेहरा काफी वीभत्स लग रहा था. थानाप्रभारी ने तुरंत लाश को कंबल से ढक दिया.

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