UP Crime News : आज के बदले दौर और परिवारों के टूटने से बूढ़ों की उपेक्षा बढ़ी है. आजकल कितने ही अच्छेभले परिवारों के बूढ़े अपने ही परिवार से उपेक्षित हो कर रोटीरोटी के लिए मोहताज हैं. आखिर ऐसा क्या होना चाहिए कि बुजुर्गों को इस तरह अपमानजनक जिंदगी न जीनी पड़े?

उत्तर प्रदेश के खुर्जा जिले के सौंदा के रहने वाले 52 साल के राधेश्याम के 3 बेटे थे. राधेश्याम ने बापूनगर इलाके में अपना मकान बना रखा था, जिस में बाहर की तरफ 2 दुकानें थीं. राधेश्याम का बड़ा बेटा अरविंद चाहता था कि एक दुकान उस के नाम कर दी जाए. वह करीब एक माह से अपने पिता से इस बात की मांग भी कर रहा था. राधेश्याम अपनी यह दुकान बेटे को नहीं देना चाहते थे. वह सोच रहे थे कि एक बेटे को वह दुकान दे देंगे तो बाकी दोनों बेटे भी ऐसी ही मांग करने लगेंगे. इस से बचने के लिए राधेश्याम ने अपनी दुकान किसी और को किराए पर दे दी.

एक दिन अरविंद घर आया तो दुकान पर किसी और को बैठा देख कर गुस्सा होने लगा. इसी बीच राधेश्याम वहां आ गए. पिता को देख कर अरविंद गुस्सा हो गया, फलस्वरूप पितापुत्र में कहासुनी शुरू हो गई. गुस्से में अरविंद ने पत्नी के साथ मिल कर पिता को कमरे के अंदर खींच लिया और उन का गला घोंट कर मार डाला. अपना गुनाह छिपाने के लिए अरविंद ने पिता के शव को घर के आंगन में डाला और उस पर मिट्टी का तेल डाल कर आग लगा दी. मकान में रह रही किराएदार महिला ने इस बात की शिकायत पुलिस से की.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...