UP News : 15 साल की आशू और 19 साल के राहुल निषाद को साथसाथ पढ़ते हुए ही प्यार हो गया था. कई साल बाद जब उन के प्यार की पोल खुली, तब तक उन के संबंध बहुत गहरे हो चुके थे. घर वालों ने उन के प्यार पर नकेल कसने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. अंत में यह जोड़ा भी औनर किलिंग के गर्त में इस तरह समा गया कि...

उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिला एक पर्यटनस्थल के रूप में जाना जाता है. यहां देशविदेश से बौद्ध भिक्षु घूमने आया करते हैं. बताया जाता है कि यहीं पर गौतम बुद्ध ने अपनी अंतिम सांस ली थी, इसलिए यह जिला देशविदेश में काफी प्रसिद्ध है. इसी जिले के तमकुहीराज थाना अंर्तगत परसौनी गांव में 58 वर्षीय रामदेव कुशवाहा अपने परिवार के साथ रहता था. परिवार में 3 बेटियां थीं. पत्नी की कई साल पहले बीमारी से मृत्यु हो गई थी. बेटियों के अलावा रामदेव के कोई बेटा नहीं था.

रामदेव के बड़े भाई के 3 बेटे थे, इसलिए उन्हें कभी इस बात का मलाल नहीं हुआ कि उन्हें बेटा क्यों नहीं पैदा हुआ. बड़े भाई के दूसरे नंबर का बेटा, जिस का नाम सिकंदर कुशवाहा था, दुखसुख में चाचा रामदेव के पास हर घड़ी खड़ा रहता था. उन की एक आवाज पर कड़ी धूप हो या चाहे तूफान आ जाए, उन का आदेश सिरआंखों पर रख पहले फरमाइश पूरी करता था.

रामदेव सिकंदर को बेटे की तरह मानते थे और उस के लिए हमेशा समर्पित रहते थे. उस की बातों और भावनाओं को सिर माथे लगाए रखते थे. बेटियां भी सिंकदर को अपने सगे भाई से कम नहीं समझती थीं. हर साल रक्षाबंधन के त्योहार पर सिकंदर की कलाई पर राखी बांध कर उस से ढेरों आशीर्वाद लेती थीं. इस दिन सिकंदर दिल खोल कर बहनों को आशीर्वाद देता था.

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