उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के कस्बा पनकी की एक कालोनी है गंगागंज. इसी कालोनी का रहने वाला दीपक सिंह उर्फ पप्पू रात 10 बजे खाना खाने के बाद घर के बाहर जाने लगा तो उस की मां तारावती ने टोका, ‘‘पप्पू बेटा, इतनी रात को तू कहां जा रहा है? खाना खा लिया है. अब कमरे में जा कर आराम करो. सुबह फैक्ट्री भी तो काम पर जाना है.’’
‘‘अम्मा, दोस्त का फोन आया है. उसी से मिलने जा रहा हूं. शायद उसे मुझ से कोई जरूरी काम होगा. तुम चिंता मत करो, एकाध घंटे में वापस घर आ जाऊंगा,’’ कह कर दीपक घर से चला गया.
उस के जाने के बाद तारावती भी कमरे में जा कर चारपाई पर लेट गई. लेकिन उस की आंखों से नींद कोसों दूर थी. वह बेटे के इंतजार में कभी चारपाई पर लेटती तो कभी उठ कर बैठ जाती. कभी उस की निगाहें घड़ी की सुइयों पर टिक जातीं तो कभी दरवाजे की तरफ टकटकी लगा कर देखने लगती.
इंतजार करतेकरते जब रात के 12 बज गए और दीपक घर वापस नहीं आया तो तारावती का सब्र जवाब दे गया. वह चारपाई से उठी और बड़े बेटे दयानंद सिंह के कमरे में जा पहुंची. उस ने उसे बताया कि दीपक अभी तक घर वापस नहीं आया है. मां की बात सुन कर दयानंद सिंह के माथे पर भी बल पड़ गए. उस ने दीपक को कई बार फोन मिलाया. लेकिन उस का फोन बंद था. इस के बाद ज्योंज्यों रात गहराती जा रही थी, त्योंत्यों उन दोनों की चिंता बढ़ती जा रही थी. यह बात 13 जनवरी, 2023 की है.
रात तो जैसेतैसे कट गई, सुबह 6 बजे किसी ने जोरजोर से दयानंद का दरवाजा पीटना शुरू किया तो दयानंद ने दरवाजा खोला. सामने पड़ोसी राजू खड़ा था. वह बेहद घबराया हुआ था. उस ने बताया, ‘‘दया भैया, मैं खाली पड़े प्लौट में कूड़ा डालने गया तो वहां एक लाश देखी. ऐसा लगता है कि वह लाश तुम्हारे छोटे भाई…’’ आगे के शब्द राजू के गले में ही अटक गए.
राजू की बात सुन कर दयानंद सिंह की सांसें अटक गईं. वह नंगे पांव ही राजू के साथ चल पड़ा. खाली प्लौट उस के घर से करीब 200 मीटर की दूरी पर था. चंद मिनटों में ही वे दोनों प्लौट पर पहुंच गए. उस समय वहां पर कुछ और लोग भी मौजूद थे. दयानंद सिंह ने शव को गौर से देखा तो फफक पड़ा. क्योंकि वह लाश उस के छोटे भाई 30 वर्षीय दीपक सिंह उर्फ पप्पू की ही थी.
इस के बाद तो दयानंद सिंह के घर में कोहराम मच गया. तारावती बेटे का शव देख कर फूटफूट कर रोने लगी. कुछ ही देर में पनकी गंगागंज में दीपक सिंह उर्फ पप्पू की हत्या की खबर फैली तो लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.
14 जनवरी, 2023 की सुबह 8 बजे दयानंद सिंह थाना पनकी पहुंचा. उस समय एसएचओ विक्रम सिंह थाने में ही थे. दयानंद सिंह ने उन्हें अपना नाम व पता बताने के बाद अपने छोटे भाई दीपक सिंह उर्फ पप्पू की हत्या की जानकारी दे दी.
हत्या की सूचना पाते ही एसएचओ विक्रम सिंह ने कुछ पुलिसकर्मियों को साथ लिया और घटनास्थल की ओर रवाना हो लिए. रवाना होने से पहले उन्होंने हत्या की सूचना से अपने अधिकारियों को भी दे दी थी.
जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां एक युवक की लाश पड़ी थी. उस समय वहां भीड़ जुटी थी. एसएचओ विक्रम सिंह ने शव का बारीकी से निरीक्षण शुरू किया. मृतक दीपक सिंह की हत्या किसी ठोस वस्तु से सिर पर प्रहार कर की गई थी. उस की उम्र 30 साल के आसपास थी. उस का पर्स व मोबाइल फोन गायब था.
निरीक्षण के दौरान सूचना पा कर डीसीपी (पश्चिम) विजय ढुल, एडिशनल डीसीपी लखन सिंह यादव तथा एसीपी (पनकी) निशांक शर्मा भी मौके पर आ गए. पुलिस अधिकारियों ने मौके पर डौग स्क्वायड व फोरैंसिक टीम को भी बुलवा लिया.
पुलिस अधिकारियों ने मौकाएवारदात का सूक्ष्म निरीक्षण किया तथा मृतक के भाई व पड़ोसियों से घटना के संबंध में जानकारी हासिल की. डौग स्क्वायड टीम व फोरैंसिक टीम ने भी जांच कर साक्ष्य जुटाए. इस के बाद शव को पोस्टमार्टम हाउस हैलट अस्पताल भेज दिया गया.
पुलिस अधिकारियों को जब हत्या के कारणों और हत्यारों का पता नहीं चला तो डीसीपी (पश्चिम) विजय ढुल ने इस ब्लाइंड मर्डर का परदाफाश करने और हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए एसीपी निशांक शर्मा की अगुवाई में एक पुलिस टीम का गठन कर दिया.
इस टीम में एसएचओ विक्रम सिंह, एसआई मनोज कुमार दीक्षित, अमित मलिक, दीपक कुमार, हैडकांस्टेबल मनोज कुमार, विष्णु पाल सिंह, अनार सिंह, कांस्टेबल नयन सिंह, विजय सिंह, अनिल कुमार, विनय कुमार, महिला कांस्टेबल रेनू प्रजापति, प्रीति सिंह, सर्विलांस टीम के एसआई शिवप्रताप सिंह तथा स्वाट टीम प्रभारी को शामिल किया गया.
इस गठित पुलिस टीम ने बड़ी सतर्कता के साथ दीपक सिंह उर्फ पप्पू की हत्या की जांच शुरू की. टीम ने सब से पहले मृतक के बड़े भाई दयानंद सिंह व मां तारावती से पूछताछ की तथा उन के बयान दर्ज किए. उस के बाद टीम ने घटनास्थल के आसपास के मकानों में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला.
सर्विलांस की मदद से उन नंबरों को भी खंगाला जो घटना के वक्त घटनास्थल पर सक्रिय थे. इस के बाद पुलिस टीम ने एक दरजन से अधिक युवकों को संदेह के आधार पर उठाया और उन से कड़ाई से पूछताछ की. लेकिन दीपक सिंह के हत्यारों का पता नहीं चल सका.
पुलिस ने मृतक के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स निकलवाई तो पता चला कि रात करीब पौने 10 बजे दीपक के मोबाइल फोन पर अंतिम काल आई थी. इस नंबर की पड़ताल की गई तो यह नंबर 48ई पनकी गंगागंज निवासी शशांक सक्सेना का पाया गया.
टीम ने शशांक को हिरासत में ले कर पूछताछ की तो उस ने दीपक सिंह को अपना खास दोस्त बताया और अकसर उस से बात होने की बात कही. उस ने यह भी बताया कि जैकी, जीतू व सत्येंद्र भी दीपक के खास दोस्त हैं. वे तीनों सगे भाई हैं और दीपक के पड़ोसी हैं.
पुलिस ने जैकी, जीतू और सत्येंद्र से भी पूछताछ की. उन तीनों ने दोस्ती तो कबूल की, लेकिन दीपक की हत्या किस ने और क्यों की, इस की जानकारी उन्हें नहीं थी.