गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी और रिवौल्वर रानी के नाम से मशहूर अनुराधा चौधरी की शादी के लिए दक्षिण पश्चिम दिल्ली के मटियाला स्थित फार्महाउस संतोष गार्डन में मंडप सजाया जा चुका था. बैंड, बाजा और सात फेरे के इंतजाम किए जा चुके थे. मेहमानों की आवभगत के लिए भी तैयारियां हो चुकी थीं. सब कुछ एक तय कार्यक्रम के तहत किया गया था. विवाह के लिए मिनट टू मिनट के प्रोग्राम बने हुए थे.
शादी के लिए किसी भी एक पारंपरिक रीतरिवाज और रस्म में चंद मिनट की देरी होने का मतलब था, आगे के दूसरे कार्यक्रम में बाधा पहुंचना. वरमाला, सात फेरे, कन्यादान, सिंदूरदान आदि के लिए मुहूर्त का समय भले ही विवाह करवाने वाले वरवधू के पंडितों ने तय कर रखे हों, लेकिन पूरे वैवाहिक आयोजन के लिए कार्यक्रम तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा तैयार किए गए थे.
समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों व रिश्तेदारों के स्वागत, आवभगत, खानपान, डांस, डीजे, बारात आदि के लिए सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए गए थे.
इंतजाम इतना तगड़ा था कि फार्महाउस के गेट पर सुबह से ही पुलिस हर आगंतुक से कड़ी पूछताछ और जांच पड़ताल कर रही थी. वहां आनेजाने वाला भले ही दूल्हे दुलहन के रिश्तेदार या खाना पकाने या दूसरे इंतजाम करने वाले लोग ही क्यों न हों. हथियारों से लैस पुलिस की बड़ी फौज को देख कर बच्चे सहमे हुए थे.
पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली हुई थी. दिल्ली पुलिस की स्पैशल सेल से ले कर तीसरी बटालियन तक के जवान थे. बच्चे तो बच्चे, आसपास के लोग नहीं समझ पा रहे थे कि आखिर किसी वीवीआईपी के लिए इतनी बड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे.
सुबह से ही पुलिस की चहलकदमी शुरू हो गई थी. उन्होंने बैंक्वेट हाल में काम करने वाले स्टाफ से पूछताछ कर उन की आईडी ले ली थी. शादी के आयोजकों से मेहमानोंं की सूची भी मांगी थी. शादी में आने वाले मेहमानों की तसवीरें भी दे दी गई थीं. सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. शादी के कार्यक्रम का समय सुबह 10 से शाम 4 बजे तक का था.
शादी के लिए संदीप के माता पिता कमला देवी एवं राजेंद्र सिंह की तरफ से मेहमानों को भेजे गए निमंत्रण के शादी कार्ड के अनुसार मांगलिक कार्यक्रम 10 मार्च, 2024 को ही शुरू हो गए थे, जो 12 मार्च, 2024 की शाम 4 बजे तक संपन्न होने थे.
कारण, संदीप को पैरोल पर मात्र 6 घंटे की जमानत मिली थी. अदालत ने जेल अधिकारियों को तय समय में ही उसे उस के विवाह समारोह में ले जाने का निर्देश दिया गया था. साथ ही दिल्ली पुलिस को सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया था.
इस के अतिरिक्त उन्हें 13 मार्च को सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे के बीच गृह प्रवेश समारोह के लिए ग्राम जठेड़ी ले जाया जाने का भी निर्देश मिला था. इस संबंध में संदीप की ओर से थाना द्वारका (साउथ) में धारा 307 (हत्या का प्रयास), 387 (जबरन वसूली), 120बी (आपराधिक साजिश) और शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज मामले में हिरासत पैरोल के लिए आवेदन दायर किया गया था.
संदीप ने अपनी शादी को संपन्न करने के लिए कोर्ट से मानवीय आधार पर पैरोल की मांग की थी, जो उस के परिवार द्वारा 12 मार्च को सुबह 10 बजे निर्धारित की गई थी. गृह प्रवेश समारोह 13 मार्च को सुबह 11 बजे गांव जठेड़ी, सोनीपत, हरियाणा में आयोजित करने की योजना बनाई गई थी. उल्लेखनीय है कि संदीप बीते 16 साल से अपने घर नहीं गया था.
कार्ड पर विवाह स्थल संतोष गार्डन का पता मटियाला, सेक्टर 3, द्वारका, नई दिल्ली दर्ज था. कार्ड पर वधू अनुराधा के मूल निवास का पता राजस्थान के गांव लक्ष्मणगढ़ और उस के मातापिता का नाम विमला देवी एवं रामदेव सिंह महला लिखा गया था.
राजधानी दिल्ली के लिए यह शादी खास इसलिए बन गई थी कि इस में वर अगर 7 लाख का इनामी गैंगस्टर संदीप था तो वधू रिवौल्वर रानी, लेडी डौन, मैडम मिंज के उपनामों से चर्चित अनुराधा चौधरी थी. दोनों पर अपराधिक मामले चल रहे थे. यह अलग बात थी कि अनुराधा जमानत पर चल रही थी, जबकि संदीप सलाखों के पीछे था.
काला जठेड़ी और अनुराधा की रोमांचक ढंग से कैसे हुई थी मुलाकात
लेडी डौन अनुराधा की काला जठेड़ी नाम से चर्चित संदीप से मुलाकात अपराध जगत की काफी रोमांचक मोड़ पर हुई थी. इस का खुलासा अनुराधा ने विवाह से पहले खुद मीडिया से बात करते हुए किया. उस का कहना था कि वे दोनों अपराध की दुनिया से तंग आ चुके थे और इस से बाहर निकल कर अपनी सुकून की जिंदगी जीने की तमन्ना रखते हैं. इसलिए उन्होंने शादी का फैसला किया.
अनुराधा ने शादी होने से पहले बताया कि हम दोनों अब क्राइम छोड़ कर सामान्य जीवन जीना चाहते हैं. इसलिए हम ने शादी की… काला जठेड़ी से मिलना ऊपर वाले की मरजी थी.
एक ऐसा मुकदमा मुझ पर दर्ज हुआ, जिस में मेरी कोई भूमिका नहीं थी. पूरी तरह से फरजी केस था. हम मिले तो ऐसा लगा कि हमारी कई चीजें एक जैसी हैं. इसलिए एक साथ रहने का फैसला कर लिया.
अनुराधा ने आगे कहा कि जब संदीप पकड़े गए थे तो उस टाइम हमारी सोच थी कि हम साथ रहेंगे. हमें मालूम था कि उन का संघर्ष जेल के अंदर होगा और मेरा जेल के बाहर. लोग भी हम दोनों को ले कर सवाल पूछते हैं. परिवार भी हमें ले कर सवाल उठाता है. मीडिया भी सवाल उठाता है.
उन सब को रोकने के लिए, समाज ने जो नियम बनाए हैं, उस के लिए शादी करना जरूरी था. हम पहले भी सात फेरे ले चुके हैं, लेकिन अब हम कानूनी तौर पर शादी करने जा रहे हैं. शादी में हम ने 100 से 150 मेहमानों को ही बुलाया.
शादी के बाद संदीप की घर वापसी 16 साल बाद होगी. यह उन के लिए जितने सौभाग्य की बात होगी, उतनी ही हमारे लिए भी.
भले ही कुछ टाइम के लिए ही सही तो ये ऊपर वाले का इशारा है कि हम दोबारा सामान्य जीवन में लौटें और क्राइम छोड़ दें. शादी की पूरी तैयारी हो चुकी है. विरोधी गैंग आराम से टीवी पर शादी देखें. हो सके तो हमें आशीर्वाद दें. मुझे नहीं लगता कि पुलिस डिपार्टमेंट की इतनी बड़ी सुरक्षा व्यवस्था के आगे वो कुछ कर पाएंगे.
एमबीए पास अनुराधा कैसे बनी लेडी डॉन? पढ़िए क्राइम स्टोरी के अगले अंक में.