कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

तहेरा भाई योगेश ही था संदिग्ध

शाम को शहर में एक दुकान पर वैसा ही लाइटर मिला. इस के पीछे एसएसपी का मकसद था कि जिस दुकान पर लाइटर मिला है, वहां आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जाएं. शायद कोई सुराग मिल जाए.

संजलि के तहेरे भाई योगेश पर पुलिस को पहले से ही शक था. उस के खुदकुशी कर लिए जाने से पुलिस का काम कुछ आसान हो गया. पुलिस को उस पर शक इसलिए हुआ था क्योंकि पहले दिन आगरा अस्पताल में जहां संजलि भरती थी, उस ने आईसीयू में घुसने का प्रयास किया था. उस की मौत के बाद फोरैंसिक टीम को योगेश के मकान की छत के ऊपर बने कमरे से कीटनाशक मिला.

पुलिस ने जब उस के परिजनों से खुदकुशी की वजह पूछी तो वह कुछ नहीं बता पाए. पुलिस द्वारा योगेश के जब्त किए गए मोबाइल की जांच के दौरान फोन में कुछ नहीं मिला. तब पुलिस ने मोबाइल को डेटा रिकवरी के लिए लेबोरेटरी भेज दिया. इस के साथ ही योगेश के घर की गहन तलाशी भी ली गई.

sanjali-hatyara-mukesh

योगेश

गांव में यह भी चर्चा थी कि योगेश संजलि के परिवार के ज्यादा करीब था. योगेश ने संजलि को मौडल बनाने का सपना दिखाया था. इस के लिए उस ने संजलि के कई वीडियो भी शूट कराए, फोटो भी खिंचवाए.

कुछ दोस्तों को बुलाया, बताया कि नोएडा से आए हैं जो संजलि का वीडियो बनाएंगे. घर पर ही वीडियो शूट कराया गया, लेकिन वह संजलि को मौडल नहीं बनवा सका. इस के बाद दोनों के बीच बातचीत कम ही होती थी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...