केरल भारत का दक्षिणी राज्य है. केरल-तमिलनाडु सीमा के दूसरी ओर कन्याकुमारी जिले के काराकोरम की रहने वाली थी 23 वर्षीया ग्रीष्मा. वह कन्याकुमारी के एक कालेज से एमए इंग्लिश की पढ़ाई कर रही थी. वह द्वितीय वर्ष की टौपर थी. वहीं परसाला के पास मुरयांगरा का रहने वाला था 24 वर्षीय जेपी शैरोन राज. वह नेयूर क्रिश्चियन कालेज में बीएससी रेडियोलौजी अंतिम वर्ष का छात्र था.
कालेज अलगअलग होने के बावजूद पढ़ाई के दौरान दोनों का अकसर मिलना हो जाता था. इसी दौरान दोनों की दोस्ती हुई और फिर प्यार भी. दोनों के ही परिवार पढ़ेलिखे व संपन्न थे.
ग्रीष्मा और शैरोन राज लगभग रोज ही मिलते. फिर वे घूमते, खातेपीते, बतियाते और मस्ती करते थे. दूसरे दिन मिलने का वायदा कर अलग हो जाते थे. धीरेधीरे दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा. शैरोन ग्रीष्मा को बेपनाह प्यार करने लगा था.
दिन में जब तक वह ग्रीष्मा से एक बार मिल नहीं लेता था, उसे चैन नहीं मिलता था. यही हाल ग्रीष्मा का था. ये दोनों की ही जिंदगी का सब से खुशगवार हिस्सा था. वे एकदूसरे के बेहद करीब थे. इसी तरह उन की दोस्ती और प्यार को एक साल यूं ही बीत गया.
इसे संयोग कहें या कुछ और क्योंकि पिछले कुछ दिनों से जब भी शैरोन अपनी प्रेमिका के साथ घूमने के दौरान कुछ खातापीता तो उस से मिलने के बाद उस की तबियत बिगड़ जाती थी. शैरोन को उल्टी होने लगती. शैरोन के घर वाले जब उस की तबियत के बारे में पूछते तो वह इसे इत्तफाक बता कर बात को टाल देता था.
जूस पीने से शैरोन की बिगड़ी तबियत
14 अक्तूबर, 2022 को ग्रीष्मा ने शैरोन को फोन कर अपने घर काराकोरम में बुलाया. शैरोन प्रेमिका ग्रीष्मा के घर पहुंचा. वहां ग्रीष्मा ने शैरोन की खातिरदारी की और उसे पीने के लिए जूस दिया. शैरोन ने जूस पी लिया लेकिन जूस में कड़वाहट थी, इसलिए ग्रीष्मा ने उसे मैंगो जूस भी पिलाया. ग्रीष्मा से मिलने के बाद शैरोन अपने घर के लिए चल दिया. रास्ते में उसे उल्टियां होने लगीं. खैर, किसी तरह शैरोन अपने घर पहुंचा.
घर वापस आने के बाद शैरोन की तबियत ज्यादा खराब हो गई. घर वालों ने उसे रात को परसाला के अस्पताल में, बाद में तिरुवनंतपुरम मैडिकल कालेज में भरती कराया.
डाक्टरों ने शैरोन की जांच करने के बाद उसे दवाइयां दीं. उस के खून का टेस्ट भी कराया. कई बार उल्टियां होने के बाद उसे राहत मिली. खून की रिपोर्ट भी सामान्य आई. इस पर अस्पताल से शैरोन को छुट्टी दे दी गई.
मगर 17 अक्तूबर को शैरोन की तबियत फिर से बिगड़ गई. उसे फिर से अस्पताल में भरती कराया गया. खून की जांच की गई तो उस में कई कौंप्लीकेशंस (जटिलताएं) दिखीं. शैरोन की हालत को देखते हुए उसे आईसीयू में भरती करना पड़ा.
अस्पताल में हो गई शैरोन की मौत
इस के बाद डाक्टर लगातार शैरोन को बचाने के प्रयास में जुट गए. लेकिन उस की तबियत बिगड़ती चली गई. बौडी और्गन फेल होने से उसे हार्टअटैक पड़ा और आखिर में 11 दिन इलाज के बाद 25 अक्तूबर को शैरोन की मौत हो गई.
शैरोन की मौत से तो उस के घर वालों पर जैसे आसमान टूट पड़ा. लेकिन प्रश्न यह था कि आखिर अचानक ये कैसे हुआ? शैरोन की तबियत एकाएक खराब होना महज इत्तफाक था या इस के पीछे कोई साजिश थी?
चूंकि शैरोन की तबियत तब खराब हुई थी, जब वह अपनी प्रेमिका ग्रीष्मा के बुलावे पर उस से मिलने उस के घर गया था. तब शैरोन के घर वालों को शक हुआ कि शायद बेटे की इस हालत के पीछे उस की प्रेमिका ग्रीष्मा का ही हाथ है. हालांकि अपनी मौत से पहले शैरोन की अपने घर वालों से बात हुई थी और उस ने किसी पर भी, खासकर अपनी प्रेमिका ग्रीष्मा पर तो बिलकुल भी शक नहीं जताया था.
लेकिन शैरोन की मौत के 4 दिन बाद यानी 29 अक्तूबर को उस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, जिस से बाजी पूरी तरह से पलट गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो गई कि मौत से पहले शैरोन को जहर दिया गया था, जो उस की मौत का कारण बना.
29 अक्तूबर को मामले की जांच डिस्ट्रिक्ट क्राइम ब्रांच ने अपने हाथ में ले ली. पोस्टमार्टम के बाद डाक्टरों ने शैरोन की बौडी के कैमिकल एग्जामिनेशन की सिफारिश की थी. शैरोन का इलाज करने वाले डाक्टर ने घर वालों को बताया कि शैरोन की उल्टी का रंग हरा था. आमतौर पर ऐसा तब होता है जब कोई जहरीला पदार्थ किडनी या लीवर को नुकसान पहुंचाता है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ खुलासा
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने शैरोन के परिजनों को हिला कर रख दिया. रिपोर्ट में शैरोन की मौत का कारण जहर आया था, जहर के कारण उस की तबियत खराब हुई और धीरेधीरे उस के शरीर के अांतरिक अंगों ने काम करना बंद कर दिया, जिस के चलते उसे हार्टअटैक आया और उस की मौत हो गई.
सवाल यह था कि शैरोन की हत्या करने के लिए उसे जहर किस ने दिया और इस से उस का क्या फायदा होने वाला था?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद शैरोन के पिता जयराम ने इस संबंध में ग्रीष्मा और उस के घर वालों के खिलाफ साजिश के तहत धीमा जहर दे कर हत्या करने का आरोप लगाते हुए थाना नेडुमंगाड में रिपोर्ट दर्ज करा दी.
आरोप में यह भी कहा गया कि ग्रीष्मा से मिलने के बाद शैरोन की तबियत खराब हो जाती थी और वह अकसर उल्टी कर देता था. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए 30 अक्तूबर को ग्रीष्मा, उस के मातापिता व एक रिश्तेदार को सुबह 10 बजे एसपी औफिस बुलाया. डीएसपी जौनसन और एएसपी सल्फिकर के नेतृत्व में जांच दल ने उन से पूछताछ की.
इस के बाद ग्रीष्मा को हिरासत में ले लिया गया. हिरासत में लिए जाने के बाद ग्रीष्मा पुलिस स्टेशन के बाथरूम में फ्रैश होने के बहाने गई और उस ने वहां रखा बाथरूम क्लीनर पी कर खुदकुशी करने की कोशिश की.
इस बात की जानकारी होते ही थाने में हड़कंप मच गया और आननफानन में ग्रीष्मा को नेदुमंगाड तालुक अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया. हालत गंभीर होने पर उसे आईसीयू में भरती कर लिया गया. 31 अक्तूबर को पुलिस ने इस बात की पुष्टि कर दी कि शैरोन की हत्या उस की गर्लफ्रैंड ने ही की थी. कुछ दिन बाद ग्रीष्मा की स्थिति ठीक हुई. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.